लॉकडाउन के दौरान जेल पहुंचे कैदियों को रखेंगे 14 दिन के लिए क्वारंटीन

लॉकडाउन के दौरान जेल पहुंचे कैदियों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए नए 20 कैदियों को क्वारंटीन बैरक में रखा गया है।

सुद्धोवाला जेल में भी क्वारंटीन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। फिलवक्त सिर्फ गैर जमानती और संगीन मामलों के आरोपियों को ही जेल भेजा जा रहा है। बाकी मामलों में थानों से ही जमानत दी जा रही है। जेल पहुंचने वाले नए बंदियों के लिए अलग से क्वारंटीन बैरक बनाई गई है।

जहां पर नियमित रूप से मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है, ताकि उनमें कोरोना जैसे लक्षण मिले तो उन्हें हॉस्पिटल भेजा जा सके। सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान जेल में करीब 35 बंदी आए थे, इनमें से अभी 20 बंदी क्वारंटीन हैं। बाकी को क्वारंटीन पूरी होने के बाद दूसरी बैरक में भेजा गया है। लॉकडाउन के चलते बंदियों की मुलाकात पर रोक है। ऐसे में जेल प्रशासन नियमानुसार फोन से परिजनों और वकील से बात करने की सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना होगी वसूलीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने में प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध करने वालों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत कङी कार्रवाई की जाएगी। क्वारेंटाईन किए गए लोग अगर छुपते हैं या कोई उन्हें छुपाते हैं तो छुपने वाले व छुपाने वाले दोनों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्हें सख्त हिदायत दी जाती है कि सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना वसूली की जाएगी।

कुछ छिटपुट जगहों पर लोग अफवाहो के बहकावे में भी आए हैं। प्रदेशवासियों से अनुरोध है अफवाहो में न आएं और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें। स्वास्थ्य विभाग समय समय पर गाइडलाइन जारी करता है जिसे मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग कोरोना वायरस से लङाई में जुटे हैं। कुछ लोगों को इनकी तपस्या को बेकार करने नहीं दिया जाएगा।

कोरोना वायरस से निपटने को 85 करोड़ का बजट जारी
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोङ रूपए जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोङ रूपए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोङ रूपए चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोरोना नोटिफाईड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था के लिए दिए गए हैं।
वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम को भी कर्मचारियों के वेतन व अन्य व्ययों की प्रतिपूर्ति आदि के लिए 20 करोङ रूपए दिये गए हैं।