जल स्रोतों को बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसे निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेषकर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इसके लिए हम सबको इस योजना को सफल बनाने को दिशा में काम करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यदि कहीं योजना पूर्ण होने के बावजूद 55 एमएलडी पानी नहीं मिल पा रहा है तो नए प्रस्ताव भेजे जाएं। जिन जनपदों ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है उन्हें बधाई देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य जनपदों को भी इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यूपीसीएल को योजना के लिए विद्युत कनेक्शनों को शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन भूमि हस्तांतरण मामलों को भी लगातार निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जल स्रोतों को बनाए रखने हेतु भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु चेक डैम और रिचार्ज पिट सहित वनीकरण आदि कार्य लगातार संचालित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि योजना के दीर्घकालीन संचालन के लिए जल स्रोतों को बनाए रखना अतिआवश्यक है। मुख्य सचिव ने योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर भी विशेष बल दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों को प्लंबर और फिटर आदि का प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किए जाने हेतु मैन पावर बढ़ाए जाने के साथ ही जिलाधिकारियों को लगातार समीक्षा किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी सहित सम्बन्धित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

एसीएस ने ली सभी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों की बैठक

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण/विकास प्राधिकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में पार्किंग परियोजनाओं, प्राधिकरण स्तर पर संचालित अन्य परियोजनाओं, महायोजना, सिटी मोबलिटी प्लान यूनिटी मॉल, लैण्ड बँक, शेल्टर फण्ड, फसाड पॉलिसी, टी०डी०आर० एवं पार्किंग पॉलिसी तथा प्राधिकरणों में मानचित्रों के निस्तारण, ई-ऑफिस/ईज एप्प के साथ-साथ प्री एप्रूवल मैप/सेल्फ सर्टिफिकेशन आदि की समीक्षा की गयी।

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने निर्देश दिये कि विकास प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृति को सर्वसुलभ व आसान बनाये जाने के साथ-साथ निर्धारित अवधि में स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण स्तर पर संचालित पार्किंग परियोजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करते हुए टर्नल व मैकेनिकल पार्किंग हेतु सम्भावनायें तलाशी जाए। स्थानीय स्तर पर पार्किंग विकासित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड पार्किंग नियमावली के अन्तर्गत निजी भू-धारकों से प्रस्ताव प्राप्त करने में तेजी लायी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये गये कि प्राधिकरण स्तर पर चलाये जाने वाली समस्त योजनाओं के प्रभावी नियोजन के लिए समय सारणी बनायी जाए ताकि परियोजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा के तहत किया जा सके।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शहरों की यातायात व्यवस्था के नियोजन के लिए सिटी मोबेलिटी प्लान तैयार किया जाये तथा महायोजना निर्माण में सिटी मोबेलिटी प्लान के आधार पर प्राविधान किये जाए। महायोजना के विकास में आर्थिक संसाधनों का भी ध्यान रखा जाए जिससे महायोजनायें शहर के विस्तार को आर्थिक रूप से समृद्ध किये जाने में सहायक सिद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्राधिकरणों को प्राप्त वाले शेल्टर फण्ड का उपयोग दुर्बल आय वर्ग के आवासों के निर्माण में किया जाए।

बैठक में चर्चा के दौरान भारत सरकार की हर शहर में यूनिटी मॉल तैयार किये जाने की योजना को ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार तथा उधमसिंहनगर में चिन्हित भूमि की डी०पी०आर० तैयार कर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिये गये, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों का एक साथ विपणन की सुविधा प्रदान की जाए सके।

बैठक में एस०एन० पाण्डेय सचिव आवास, बंशीधर तिवारी उपाध्यक्ष मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, हरिशचन्द काण्डपाल उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण उधमसिंहनगर, अंशुल सिंह उपाध्यक्ष हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण, पी०सी० दुम्का संयुक्त मुख्य प्रशासक उड़ा, एस०एस० श्रीवास्तव नगर नियोजक सहित सभी प्राधिकरणों के सचिव मौजूद रहे।

कैबिनेट फैसलाः हरिद्वार, ऋषिकेश को मास्टर प्लान के तहत होंगे विकसित, छह माह में बनेगी डीपीआर

ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार के द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी। उसे आज तक लागू नहीं किया गया था जिसे आज कैबिनेट बैठक में लागू किया गया।

12 प्रतिशत बिजली की बजाय अब 13 प्रतिशत बिजली जल विधुत परियोजनाओं से एक प्रतिशत जो अतरिक्त बिजली सरकार को मिलेगी उस पैसे से जल विद्युत परियोजना से प्रभावित लोगो को दिया जाएगा।

वित्त विभाग में कई अधिकारियों के अधिकार को बढ़ाया गया है।

मसूरी क्षेत्र को पूरा एक तहसील बनाये जाने की मंजूरी

पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत नई नियमावली को दी गई मंजूरी

नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में एडमिशन के लिए 1 अप्रैल को 6 वर्ष होने पर मुहर

लघु सिंचाई विभाग की सेवा नियमावली में बदलाव 75 की जगह 85 फ़ीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने को मंजूरी

पुलिस दूरसंचार विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी,2 पद हुए स्वीकृत, 8700 ग्रेड पे के दो 2 पद हुए स्वीकृत

13 पीपीएस पदों को कैबिनेट ने दी मंजूरी

पशुपालन विभाग के तहत वेटरनरी कर्मियों को पहाड़ में सेवा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के लिए बढ़ाई गई प्रति कृत्रिम गर्भाधान पर राशि

उत्तराखंड में होने वाली राष्ट्रीय खेलों के लिए हाई पावर कमेटी का किया गठन

एमएसएमई विभाग की नई पॉलिसी में किया गया बदलाव

पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ाई गई सब्सिडी

मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ में ज्यादा रखी गई है सब्सिडी
कौशल विकास के तहत टाटा कम्पनी भी देगी आईटीआई संस्थानों में ट्रेनिंग

मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित होंगे आईटीआई संस्थान

सरकार के साथ मिलकर टाटा ग्रुप चलाएगा आईटीआई संस्थान
चौरासी कुटिया स्वर्गाश्रम को फॉरेस्ट विभाग के साथ एचसीपी कंपनी करेगी विकास

हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा विकसित, 6 महीने में बन जाएगी डीपीआर

सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने लिया फैसला

उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी को कैबिनेट ने दी मंजूरी

उच्च शिक्षा विभाग के तहत छात्र वृत्ति योजना में किया गया संशोधन

अब फैकल्टी के अनुसार 10ः छात्रों को ही मिलेगी छात्रवृत्ति
उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मिली मंजूरी

उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मिली मंजूरी

भारी को देखते हुए सभी अधिकारी 24 घंटे एक्टिव मोड में रहेः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून, सचिवालय स्थित आपदा कन्ट्रोल रूम में औचक निरीक्षण कर, प्रदेश भर में जारी बारिश की स्थिति का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग में जिन भी अधिकारियों की ड्यूटी लगी है। उनकी भूमिका ऐसे समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा सभी अधिकारी 24 घंटे एक्टिव मोड में रहे। सभी जिलों के साथ परस्पर समन्वय एवं संवाद कायम कर काम करें। उन्होंने कहा आपदा काल के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश भर में नदियों के वर्तमान जलस्तर के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा जो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहां के प्रशासन को अलर्ट किया जाए एवं नदी के आसपास रहने वाले लोगों को अति शीघ्र सुरक्षित स्थानों में भेजा जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश भर में सड़कों की स्थिति सहित चार धाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा के संचालन के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा बाधित सड़कों को तुरंत खोला जाए। जिन स्थानों पर पर्यटक फंसे हैं, उन्हें निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ से फ़ोन में वार्ता कर दारमा, व्यास सहित अन्य घाटियों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली से फोन में वार्ता कर मलारी में हुए भूस्खलन, के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार एवं उत्तरकाशी से दूरभाष के माध्यम से संबंधित जिलों में बारिश से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन भी स्थानों में लोग फंसे हैं उन्हें अति शीघ्र निकालने की व्यवस्था की जाए साथ ही उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्था हो। जिला स्तर पर कोई भी कमी होने पर तुरंत शासन को सूचित किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों में विशेष सावधानियां सुनिश्चित करने हेतु निर्देश जारी किये जाए। साथ ही उन जनपदों की लगातार मॉनिटरिंग हो।

ड्रॉन के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिएः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग और कौशल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ द्वितीय मुख्य सचिव सम्मेलन के बिन्दुओं के अनुपालन की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सम्मेलन के बिन्दुओं का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए टाईमलाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पोषण मिशन को सफल बनाने के लिए व्यवहारिक कदम उठाए जाएं। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत विभिन्न मोबाईल ऐप के बजाय सभी ऐप्स को इंटीग्रेट कर एक ऐप तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं के प्रसव पूर्व और प्रसव के उपरान्त आवश्यक विभिन्न जानकारियों के सम्बन्ध में जागरूक करने हेतु वीडियो बनाकर सभी अस्पतालों में प्रदर्शित की जाए। इसके साथ ही विभिन्न रोगों और उनसे बचाव के सम्बन्ध में भी छोटी-छोटी वीडियो बनाकर प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाए।

मुख्य सचिव ने कौशल विकास विभाग को निर्देश दिए कि सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्रों को उद्योगों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को इंडस्ट्री में भेजकर एक माह के प्रशिक्षण हेतु योजना तैयार की जाए। इसके लिए विभिन्न उद्योगों से समझौते किए जाएं। इस दौरान छात्रों के रूकने की व्यवस्था विभाग द्वारा करायी जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि छात्र-छात्राओं का 50-60 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षण उद्योगों के माध्यम से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉन के क्षेत्र में काफी सम्भावनाएं हैं। ड्रॉन के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी कार्यक्रमों की पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आर. राजेश कुमार एवं विजय कुमार यादव सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

कैबिनेट में हुआ फैसला, शहरी क्षेत्रों में बनेंगे साइकिल ट्रैक

मसूरी में बीते माह हुए दो दिवसीय चिंतन शिविर में उत्तराखंड को सशक्त बनाने के लिए मिले 25 सुझावों को मूर्त रूप देने को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। संबंधित विभागों को इन सुझावों पर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए एक से तीन माह का समय दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन कार्ययोजना को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किया गया है। अब इन्हें दोबारा कैबिनेट के समक्ष रखने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने यानी वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणीय राज्यों में शामिल करने पर है।

इसके लिए बीते माह 22 से 24 नवंबर के बीच मसूरी में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। तीन दिन तक चले मंथन के बाद इसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 25 बिंदु ऐसे चिह्नित किए गए जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं। मंगलवार को इन बिंदुओं का कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतिकरण हुआ। इन्हें प्रदेश में लागू करने पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति जता दी।
भूखंडों के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी समिति
कैबिनेट ने तय किया कि प्रदेश में भूमि की स्थिति के अनुसार उसका सदुपयोग किया जाएगा। शहरों के भीतर बने गोदाम, पशु चिकित्सालयों, मंडियों आदि को बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। शहर के भीतर व बाहर की भूमि के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अनुशंसा समिति बनाई जाएगी।

इसमें सचिव नियोजन व सचिव वित्त के अलावा भूमि की मांग करने वाले विभाग के सचिव, भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के सचिव व राजस्व विभाग के सचिव को शामिल किया जाएगा। इसकी अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री के स्तर से होगी।
सभी जिलों को मार्च तक कराना होगा जिला योजनाओं का अनुमोदन
वित्त विभाग हर वर्ष जिला योजना के बजट का निर्धारण कर सभी जिलों को 31 दिसंबर तक इसकी सूचना देगा। सभी जिलों के लिए जनवरी से मार्च तक जिला योजना का अनुमोदन लेना अनिवार्य किया गया है। मई तक योजना का अनुमोदन न होने पर 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जाएगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री जिला योजना का अनुमोदन करेंगे

दो वर्ष में चिह्नित स्थानों पर लगाए जाएंगे शत प्रतिशत क्रैश बैरियर
प्रदेश में सड़क सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तीन माह के भीतर सभी दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की जाएगी। अगले दो वर्ष में यहां क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इसके लिए लोनिवि को आवश्यकतानुसार बजट दिया जाएगा।
परिवार रजिस्ट्री तंत्र होगा विकसित
राज्य की डेटा प्रणाली में बेहतर सामंजस्य के लिए परिवार रजिस्ट्री विकसित की जाएगी। इससे सभी लाभार्थीपरक योजनाओं एवं प्रमाण पत्र मामले में त्वरित कार्यवाही हो सकेगी।

उत्कृष्ट शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट शिक्षकों की पहचान की जाएगी। इन शिक्षकों को आइआइएम समेत देश व विदेश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर ये मास्टर ट्रेनर प्रदेश में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेंगे।
हरित तकनीक से बनेंगी 25 प्रतिशत सड़कें
राज्य में वर्ष 2025 तक कम से कम 25 प्रतिशत सड़कों का निर्माण हरित तकनीक के साथ किया जाएगा। इनके निर्माण में फिर से इस्तेमाल होने योग्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे साइकिल ट्रेक
शहरी क्षेत्रों में साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रेक की पहचान की जाएगी। जहां भी संभव होगा, वहां इनका निर्माण किया जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वर्ष 2025 तक हर 100 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।
ये भी हैं अहम बिंदु
– नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में बनेगा थिंक टैंक। इसके लिए उत्तराखंड सेतू के गठन को सैद्धांतिक स्वीकृति

– परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण व पीपीपी में परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड निवेश एवं अवस्थापना विकास बोर्ड का होगा गठन

– प्रदेश में मलिन बस्तियों की समस्या के समाधान को बनेगा आवास माडल। सभी शहरों में बनेंगी 5000 यूनिट

– सभी नदियों की बाढ़ शमन योजना की जाएगी तैयार
निकायों में कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को दिए जाएंगे अतिरिक्त प्रभार

– सीडीओ को ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों के पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में किया जाएगा नामित

– विद्यालयों में बनाए जाएंगे सर्वेात्तम तकनीक से सुसज्जित पुस्तकालय

– स्कूली ढांचे में किया जाएगा सुधार, लैब व स्मार्ट कक्षाएं होंगी विकसित

– सहकारिता एवं मंडी परिषद के माध्यम से होगी मोटे अनाज की खरीद
फल, फूल व सब्जियों के संवर्द्धन को मुख्य शहरों में बनेंगे उत्कृष्टता केंद्र

– सभी ट्रेकिंग अनुमति के लिए सिंगल विंडो पोर्टल होगा विकसित

– होम स्टे के प्रचार और प्रमाणन के लिए निजी एग्रीगेटर होगा नियुक्त

– शहरी की सीमा से बाहर स्थित रिसोर्ट पर भी लगाया जाएगा कर

– यूजर चार्ज को वर्तमान मुद्रास्फीति दर से जोड़ने को होगा परीक्षण

– यूजर चार्ज की वसूली बिजली के बिलों के साथ करने पर होगा विचार

– इलेक्ट्रिक कचरे के लिए बनेगी ई-अपशिष्ट नीति

– उत्तराखंड में ड्रोन प्रशिक्षण स्कूलों का निर्माण

– उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगी सैद्धांतिक स्वीकृति