बच्चों को तीसरी लहर से बचाने के लिए राज्य में गठित हुई टास्क फोर्स

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.हेम चंद्र की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स में सेवानिवृत्त व विभिन्न अस्पतालों में तैनात बाल रोग विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.तृप्ति बहुगुणा ने टास्क फोर्स गठित करने के आदेश जारी किए। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का प्रभाव ज्यादा होने की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने टास्क फोर्स का गठन किया है। जो सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच समन्वय बनाने, संक्रमित बच्चों के उपचार के लिए बेड उपलब्ध कराने, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति, मानव संसाधन, उपचार की प्रक्रिया को प्राथमिक से माध्यमिक और माध्यमिक से उच्च स्तर पर व्यवस्था करने का काम करेगी।

टास्क फोर्स में इन्हें किया शामिल
टास्क फोर्स में डॉ.हेम चंद्र को अध्यक्ष और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ.सरोज नैथानी को सचिव सदस्य बनाया गया है। इनके अलावा स्वास्थ्य निदेशक डॉ.एसके गुप्ता, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य महानिदेशक एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.डीएस रावत, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य महानिदेशक एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.अर्चना श्रीवास्तव, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ.आलोक सेमवाल व सचिव डॉ.पीएस रावत, एम्स ऋषिकेश के बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ.एनके भट्ट, एचआईएचटी के नवजात विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो.गिरीश गुप्ता, बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो.अश्वनी सूद, दून मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो.अशोक कुमार, एचआईएमएस बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ.अप्ला गुप्ता, महंत इन्दिरेश हास्पिटल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ.उत्कर्ष शर्मा, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.रितु रखोलिया, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.अमित सुयाल, एफआईएपी रुड़की के एमडी डॉ.सुधीर चैधरी, सहोता मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल काशीपुर से डॉ.रवि सहोता, डॉ.रवि अदलखा, ऐरन हास्पिटल रुड़की के डॉ.अशांक ऐरन, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राजेश अग्रवाल और विश्व स्वास्थ्य संगठन उत्तराखंड के एसएमओ डॉ.विकास को सदस्य बनाया गया है।

कोविड रोकथाम को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत की समीक्षा, तीसरी लहर के लिए तैयारियां करें तेज

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोविड की रोकथाम और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिये जिनके माता-पिता या परिवार के मुखिया की मृत्यु कोविड के कारण हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों की सहायता की जा सके, इसके लिये जल्द से जल्द इनका चिन्हीकरण सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिये तैयारियों को शीघ्रता से धरातल पर लागू किया जाए। वर्तमान में कोविड के मामलों में कमी देखने को मिल रही है, फिर भी हमें पूरी तरह से सावधान रहना है। किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। तीसरी लहर में बच्चों पर फोकस करना है। जिला व ब्लॉक स्तर तक इसकी मैपिंग हो। फील्ड में काम करने वालों को मालूम होना चाहिए कि किसी तरह की परिस्थिति में उन्हें क्या करना है। कोविड की तीसरी लहर से पहले सारी तैयारियां पुख्ता कर ली जाएं। इसमें किसी तरह की कोई कमी न हो। जिलाधिकारी ग्रामवार इसकी पूरी प्लानिंग रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कार्रवाई की जाएं। ई-संजीवनी का अच्छा रेस्पोंस मिल रहा है। इसे और अधिक सुदृढ़ और प्रचारित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल पर भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है। नगर निकायों में शहरी विकास विभाग और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग इसे सुनिश्चित कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड को लेकर अधिक ध्यान देना है। इसके लिए विकेंद्रीकृत योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। आशा, एएनएम की सही तरीके से ट्रेनिंग हो। पीएचसी व सीएचसी स्तर तक तैयारियां हों। हर ब्लॉक में कन्ट्रोल रूम हों। ग्राम सभाओं का सहयोग लिया जाए। जहाँ तक सम्भव हो दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मोबाईल टेस्टिंग वैन, मोबाईल लैब, सेम्पलिंग वैन की व्यवस्था हो। गांव-गांव, घर- घर तक जरूरी मेडिकल किट व दवाओं की उपलब्धता हो। गांवों में क्वारेंटाईन सेंटर चिन्हित कर उन्हें जरूरी सुविधाओं से युक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन में धन की कमी नहीं है। इसके लिये हर सम्भव प्रयास कर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लानी है। प्रस्तावित और निर्माणाधीन आक्सीजन जेनरेशन प्लांट को जल्द पूरा किया जाए। आक्सीजन आपूर्ति में बहुत सुधार हुआ है। इसे आगे भी बनाये रखना है। हमारे सभी आईसीयू संचालित होने चाहिए। कोविड से सम्बंधित सूचनाओं की रियल टाईम डाटा एन्ट्री सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर भी तैयारियां की जाएं। इसके बचाव के संबंध में जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं। यह देख लिया जाए कि हमारे कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर के आस-पास पानी एकत्र न हो।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि टेस्टिंग विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को बढाने की जरूरत है। कोविड की तीसरी लहर की अभी से सारी तैयारी की जानी है। बाहर से आने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जनजागरूकता में ग्राम समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। आक्सीजन आपूर्ति की तैयारी मानसून को ध्यान में रखते हुए कर ली जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, डीजीपी अशोक कुमार, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित थे।