देहरादून नगर की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए विशेष सहायता देने का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु 1774 करोड़ की धनराशि का वित्तपोषण भारत सरकार के पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता के अन्तर्गत कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से देहरादून की पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून नगर एवं इसके उपनगरीय क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था मुख्य रूप से नलकूप के द्वारा की जा रही है, जिसके फलस्वरूप भूजल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। देहरादून की बढ़ती हुई आबादी के कारण पेयजल की मांग निरन्तर तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसके कारण वर्तमान पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भविष्य की पेयजल मांग को पूर्ण करने में सक्षम नहीं होगी। इस समस्या के दृष्टिगत व भविष्य में सतत पेयजल की सुविधा प्रदान करने हेतु गंगा नदी की सहायक नदी सौग नदी पर सौंग बांध पेयजल परियोजना प्रस्तावित है प्रस्तावित परियोजना की कुल लागत रू0 2021 करोड़ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के निर्माण से 150 एम.एल.डी. पेयजल ‘गुरुत्व’ के माध्यम से देहरादून नगर व इसके उपनगरीय क्षेत्रों के लगभग 10 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। परियोजना के निर्माण उपरान्त पेयजल व्यवस्था की नलकूपों पर निर्भरता लगभग समाप्त हो जाएगी, जिससे भूजल दोहन में भारी कमी आएगी जिसके फलस्वरूप भू जल स्तर में बढ़ोतरी होगी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आयेगी एवं भविष्य में नए नलकूपों एवं उन पर होने वाले संचालन व रखरखाव संबंधी व्यय में भी भारी कमी आएगी। इसके अतिरिक्त परियोजना के निर्माण से झील का निर्माण होगा जो कि क्षेत्र में पर्यटन को बढावा देगा, जिससे रोजगार सृजन होगा एवं स्थानीय नागरिकों के आय में वृद्धि होगी। झील निर्माण से पर्यावरण को भी लाभ होगा। इस परियोजना का एक अन्य मुख्य लाभ बाढ़ नियंत्रण है, परियोजना के निर्माण के फलस्वरूप देहरादून जनपद के 10 ग्रामों की लगभग 15000 आबादी को सौंग नदी में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ से सुरक्षा प्रदान होगी। परियोजना देहरादून नगर के जलापूर्ति हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है परियोजना से सम्बन्धित सभी आवश्यक तकनीकी वन भूमि हस्तान्तरण स्टेज-1 एवं अन्य आवश्यक स्वीकृतियाँ सम्बन्धित विभागों/मंत्रालयों से प्राप्त की जा चुकी है। परियोजना से प्रभावित होने वाले कुटुम्बों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु व्ययभार (रू. 247 करोड़) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कोलकाता पश्चिम बंगाल में आयोजित राष्ट्रीय गंगा परिषद की द्वितीय बैठक में प्रतिभाग किया। प्रधानमंत्री ने बैठक को वर्चुअल सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में गंगा स्वच्छता एवं निर्मलता के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2019 में गंगा को आजीविका एवं विकास से जोड़ने के उद्देश्य से जो अर्थ गंगा मॉडल के रूप में दिया गया था उसके तहत उत्तराखण्ड राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किये हैं। गंगा के मैनेजमेंट क्षेत्र में वनीकरण एवं वृक्षारोपण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में गंगा की सहायक नदियों के पुनर्जीवन हेतु नदी के किनारे पुराने बसे हुए शहरों के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग से नदी केन्द्रित मास्टर प्लान भी बनाये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.) के मार्गदर्शन में पूर्व के निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करते हुए गंगा की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता को बनाये रखने की दृष्टि से कुछ अन्य परियोजनाओं के प्रस्ताव एन.एम.सी.जी. को प्रेषित किये गये हैं तथा सहायक नदियों को लेकर कुछ प्रस्ताव और भी तैयार कराये जा रहे हैं।