तमन्ना त्यागी की सुरक्षित वतन वापसी पर तीर्थनगरी में मना जश्न

यूक्रेन में फंसी तीर्थनगरी की तमन्ना त्यागी के सुरक्षित घर पहुंचने पर तमाम लोगों ने भव्य स्वागत किया। लोगों ने उनके घर जाकर पुष्पगुच्छ भेंट किया और उनको बधाई दी।

बता दें कि एमबीबीएस की छात्रा तमन्ना त्यागी अपने साथियों के साथ यूक्रेन में फंसी थी। तमन्ना यूक्रेन के इवानो फ्रेंकिवस्क कॉलेज में एमबीबीएस के तृतीय वर्ष की छात्रा है। उनके वतन वापसी पर उनके घर पर उनका भव्य स्वागत हुआ।

कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने वतन वापसी पर उनका स्वागत कर पुष्पगुच्छ भेंट कर मिष्ठान खिलाकर स्वागत किया। रमोला ने कहा कि वह बड़े खुश हैं कि ऋषिकेश की बिटिया तमन्ना सकुशल अपने वतन आ गई है ऐसे ही हजारों हमारे छात्र अभी यूक्रेन में फंसे हैं उन्हें भी सरकार और तत्परता दिखाकर जल्द से जल्द सकुशल वतन में वापसी करवाएं।

स्वागत करने में बृजपाल राणा, दिनेश रावत, शैलन्द्र भंडारी, प्यारे लाल जुगरान, मनीष मिश्रा सहित कई लोग मौजूद थे।

तिरंगे की मदद से पाकिस्तानी और रोमानिया की बची जान


यूक्रेन में रूस की बमबारी से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जान बचाने की जद्दोजहद चल रही है। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत के तिरंगे झंडे ने न सिर्फ वहां फंसे भारतीय नागरिकों की जान बचाई बल्कि पाकिस्तान (Pakistani Students in Ukraine) और तुर्की के नागरिक भी युद्धग्रस्त देश से बचकर निकलने में कामयाब रहे। यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट शहर पहुंचे भारतीय छात्रों ने जो बताया, वह हर भारतीय को गौरवान्वित कर सकता है। भारतीयों ने बताया कि तिरंगे ने न केवल उन्हें कई चेक पॉइंट्स को सुरक्षित तरीके से पार करने में मदद की बल्कि कुछ पाकिस्तानी और तुर्किश छात्र भी आसानी से निकल लिए।

यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। ऐसे में यूक्रेन से रोमानिया के शहर पहुंचे ये भारतीय छात्र विशेष विमानों से लाए जा रहे हैं। एयर इंडिया, स्पाइस जेट और इंडिगो की उड़ानें लगातार यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारत पहुंच रही हैं।
तिरंगा यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के साथ ही पाकिस्तानी और तुर्की नगारिकों के भी काम आ रहा है। तिरंगे की आड़ में पाकिस्तान और तुर्की के छात्र भी रूस के भीषण हमले की मार झेल रहे यूक्रेन से बाहर निकलने में कामयाब हो पाए हैं। यह जानकारी यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट पहुंचे भारतीय छात्रों ने दी। उन्होंने बताया कि तिरंगे का सहारा लेकर उनके साथ-साथ पाकिस्तान और तुर्की छात्र भी यूक्रेन की सीमा से बाहर निकलने में सफल रहे।

बॉर्डर क्रॉस करने के लिए तिरंगे की मदद
दरअसल, यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से बाहर निकालने में तिरंगे की मदद ली जा रही है। भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एडवाइजरी में सभी भारतीयों से यह अपील की गई थी कि वे अपने साथ तिरंगा लेकर चलें या फिर वाहन के आगे तिरंगा लगाकर समीपवर्ती बॉर्डर तक पहुंचे ताकि उन्हें वहां से वापस भारत लाया जा सके। दूतावास की यह एडवाइजरी भारतीय छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने में बेहद कारगर रही।
पाकिस्तानी छात्रों ने भी तिरंगे का सहारा लिया

दक्षिणी यूक्रेन के ओडेसा से रोमानिया पहुंचे इन छात्रों ने अपनी पूरी कहानी बयान की। इन्होंने बताया कि तिरंगा बनाने के लिए ये लोग नजदीक की दुकान से कुछ कलर और कपड़ा लेकर आए तिरंगा तैयार किया। इसी तिरंगे के सहारे वे कई चेक प्वॉइंट को पार करते हुए ओडेसा से रोमानिया के मोलोडोवा पहुंचे। इन छात्रों ने बताया कि तिरंगा पाकिस्तानी और तुर्की के छात्रों के लिए भी बड़ा सहारा बना। तिरंगे की मदद से पाकिस्तानी और तुर्की के छात्र भी कई चेक प्वॉइंट को पार करते हुए यूक्रेन से बाहर निकलने में कामयाब रहे।

रूस के हमले में भारत ने अपने होनहार छात्र नवीन कुमार को खो दिया

यूक्रेन पर रूस के हमले के दौरान एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। इस तरह से रूस के हमले ने भारत को भी जख्म दे दिया है। यूक्रेन युद्ध में पहले भारतीय नागरिक के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र का नाम नवीन कुमार (Naveen Kumar) है और वह कर्नाटक के रहने वाले थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर यूक्रेन के खरकीव में आज सुबह हुए भीषण हमले में एक भारतीय स्टूडेंट (Indian Died in Kharkiv) की मौत की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम गहरे दुख के साथ इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि आज सुबह खरकीव में हुई बमबारी में एक भारतीय स्टूडेंट की मौत हो गई। मंत्रालय भारतीय छात्र के परिवार के संपर्क में है।

हम परिवार से अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैंप्रवक्ता ने बताया है कि विदेश मंत्रालय लगातार रूस और यूक्रेन के राजदूतों के साथ संपर्क में है और भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सुरक्षित रास्ता निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई छात्र अब भी खारकीव समेत दूसरे शहरों में फंसे हैं। रूस और यूक्रेन में मौजूद राजदूत भी इसी तरह के प्रयास में जुटे हैं। घरवालों की बढ़ीं धड़कनें टीवी रिपोर्ट में बताया गया है कि आज सुबह बचाव अभियान के दौरान ही भारतीय छात्र रूस के हमले की चपेट में आ गया। जैसे ही यह खबर भारतीय मीडिया में आई यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिवारवालों की धड़कनें बढ़ गईं। लोग अपने बेटे-बेटियों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं।एक रिपोर्ट में बताया गया है कि खरकीव स्थित गर्वनर हाउस पर सुबह 7 बजे के करीब जब कई छात्र खाने के लिए लाइन में लगे हुए थे, उसी दौरान हमला हुआ और नवीन की मौत हो गई।

खरकीव में सुबह जिस गर्वनर हाउस को रूस की सेना ने उड़ाया, उसी के पास नवीन खड़े थे। नवीन खरकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल के फोर्थ ईयर के छात्र थे। एक फोन उनके पास था, जिसके जरिए उनकी पहचान हुई।आज सुबह ही यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सभी भारतीयों को जल्द से जल्द राजधानी कीव छोड़ने को कहा था। इसके बाद से ही लगने लगा था कि कीव में हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं और वहां भीषण हमले हो सकते हैं। रूस की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक के वीडियो भी सामने आए। भारतीयों में भी टेंशन बढ़ती जा रही थी और दोपहर बाद रूसी हमले में भारतीय छात्र के मारे जाने की दुखद खबर आई।