प्रदेश में अमृत सरोवर की स्थिति को लेकर मुख्य सचिव ने ली विभागवार बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में मिशन अमृत सरोवर के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि मिशन अमृत सरोवर प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी योजना है जिससे प्राकृतिक जल स्रोतों का पुनरोद्धार किया जा सकता है, साथ ही साथ यह स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि मिशन अमृत सरोवर के तहत् पूरे प्रदेश को परिपूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल क्षेत्र का 70 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के कारण वन विभाग इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा भी इस दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा है, जिसे लगातार जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि योजना के तहत् बनने वाले बड़े सरोवरों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप क्या-क्या आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं, इस पर ग्राम्य विकास एवं वन विभाग मंथन कर लें। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण में गुणवत्ता और मात्रा को ध्यान में रखते हुए इनके माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। इनके आसपास ईको पार्क आदि विकसित कर रोजगार सृजन पर फोकस किया जाए।

सचिव राधिका झा ने कहा कि मिशन अमृत सरोवर के तहत् पूरे प्रदेश में कुल 1283 अमृत सरोवर बनाये जा चुके हैं। जिसमें ग्राम्य विकास विभाग ने 1071 एवं वन विभाग ने 212 अमृत सरोवरों का निर्माण किया है। ग्राम्य विकास द्वारा 31 मार्च, 2024 तक 97 और अमृत सरोवरों का निर्माण कर लिया जाएगा। विभाग द्वारा अमृत सरोवर निर्माण के लिए 467 अन्य स्थानों का चिन्हांकन कर लिया गया है। इन चिन्हित स्थानों में से 300 स्थानों पर अगले वित्तीय वर्ष में अमृत सरोवरों का निर्माण कर लिया जाएगा। उन्होेेंने बताया कि बनाए जा चुके 340 अमृत सरोवरों में मत्स्य पालन किया जा रहा है एवं 109 सरोवरों को पर्यटन गतिविधियों के लिए चिन्हित किया गया है।

इस अवसर पर एपीसीसीएफ रंजन कुमार मिश्रा, अपर सचिव आनन्द स्वरूप एवं विनीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड सचिवालय संघ की मांगों पर सीएम ने प्रदान की सहमति

उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के प्रतिनिधियों ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर कार्मिकों की मांगों के संबंध में उन्हें अवगत कराया। जिस पर मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों सम्बन्धी पत्रावलियों पर अपनी सहमति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा जिन पत्रावलियों पर स्वीकृति प्रदान की गयी है, उनमें उत्तराखण्ड सचिवालय में कार्यरत राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को सचिवालय विशेष भत्ते को ग्रेड वेतन का 50 प्रतिशत को पुनरीक्षित करते हुए ग्रेड वेतन का 85 प्रतिशत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

इसके अलावा, राज्य सरकार के कार्मिक 300 दिन का उपार्जित अवकाश अर्जित करने के पश्चात भी अनुवर्ती वर्ष में 01 जनवरी एवं 01 जुलाई को अर्जित क्रमशः 16 दिन और 15 दिन के उपार्जित अवकाश (कुल 31 दिन) का संबंधित वर्ष में 31 दिसम्बर तक उपभोग कर सकते हैं को भी मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान कर दी है।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों को/एकल अभिभावक (महिला/पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे / आहरित वेतन के समतुल्य अवकाश वेतन देय होने की भी सहमति प्रदान की है।