उच्च शिक्षा में नौकरी के लिए चयनित अभ्यर्थियों को सीएम ने दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में उच्च शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद पर 43 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। मुख्यमंत्री ने चयनित 17 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शेष सभी अभ्यर्थियों को भी उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी चयनित अभ्यर्थी अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने आप सभी को सेवा का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बेहतर कार्यशैली से सभी राज्य के विकास में योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्य करने के लिए समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना होगा। टाइम टेबल के हिसाब से अपनी दिनचर्या बनानी जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके लागू होने के बाद सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई है। इस कानून के लागू होने के बाद से राज्य में 05 लाख से अधिक लोग प्रतियोगी परिक्षाएं दे चुके हैं। योग्य अभ्यर्थियों का कई परीक्षाओं में चयन भी हो रहा है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे सभी अभ्यर्थियों से पूरे मनोयोग से तैयारी करने को कहा है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली, अपर सचिव डॉ. आशीष श्रीवास्तव एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

प्रश्न पत्रों को डबल लॉक और सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाए-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित की जाने वाली चयन परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता के साथ कराए जाने के सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक आयोजित हुयी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित परीक्षाओं में से दिसम्बर माह में पुलिस आरक्षी, आईआरबी एवं अग्निशामक की परीक्षा सम्पन्न होनी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस परीक्षा एवं आगे होने वाली अन्य परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता से कराने हेतु फुल प्रूफ प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को प्रश्न प़त्रों को रखने हेतु डबल लॉक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि परीक्षा केन्द्रों के लिए भी वीडियोग्राफी हेतु सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों में किसी भी प्रकार की कलाई में पहनने वाली घड़ी (स्मार्ट वॉच सहित), मोबाईल फोन एवं गैजेट्स को पूर्णतः प्रतिबन्धित रखा जाए। समय देखने हेतु परीक्षा केन्द्रों में घड़ी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों मोबाईल एवं घड़ी रखने हेतु उचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि परीक्षा का आयोजन जनपद स्तर पर समग्र तौर पर जिलाधिकारी की देखरेख में सम्पादित किया जाए। आयोग के सहयोग के लिए प्रत्येक जनपद में नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। उन्होंने आयोग द्वारा भी भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्रों में अलाउड और नॉट अलाउड की पूरी लिस्ट का प्रचार-प्रसार किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा परीक्षाओं में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों हेतु ऑनलाईन ट्रेनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों के चयन के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले समय में लगातार परीक्षाएं होनी हैं और आगे भी होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में होने वाली परीक्षा में स्नो फॉल और मार्ग अवरूद्ध होने के कारण कोई भी परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित न रहे इसके लिए परीक्षा केन्द्रों के चयन में विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे परीक्षा केन्द्रों का चयन किया जाए जिनमें पर्याप्त वांछित व्यवस्थाएं परिपूर्ण हों। परीक्षार्थी समय से परीक्षा देने पहुंच सकें इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की भी उचित व्यवस्था हो। उन्होंने परीक्षा के समय में परिवर्तन कर परीक्षा का समय 10 बजे से 12 बजे को बढ़ाकर प्रातः 11 बजे से 1 बजे किए जाने के निर्देश दिए ताकि दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों को कोई समस्या न हो।
मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग को कोचिंग सेंटर्स की गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। उनके साथ बैठक कर जानकारी दी जाए कि नकल आदि की गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने परीक्षाओं के शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता पूर्ण संचालन के लिए सभी जिलाधिकारियों से भी सुझाव भी मांगे।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। किसी भी प्रकार का लूपहोल नहीं छोड़ा जाएगा। अधिकारियों कर्मचारियों के लिए ऑनलाईन ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं सचिव शैलेश बगोली सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

यूकेएसएसएससी के अधिकारी सरकार के रडार पर, विजिलेंस जांच के आदेश

सतर्कता विभाग ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी, आयोग के तीन अनुभाग अधिकारियों और आरएमएस कंपनी के मालिक सहित कुल छह के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए हैं। विजिलेंस इनके खिलाफ जल्द मुकदमा दर्ज कर सकती है।
आयोग की एक के बाद एक कई परीक्षाओं पर सवाल उठने के बाद, सरकार ने एसटीएफ से इस मामले में आयोग के अधिकारियों की भूमिका पर रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें सामने आया कि परीक्षा आयोजित करवाने वाली कंपनी आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन का अनुबंध, अक्तूबर 2019 में ही समाप्त हो गया था। इसके बावजूद कंपनी से ना सिर्फ काम लिया गया बल्कि भुगतान भी किया गया। एसटीएफ ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी स्पष्ट की थी। अब शनिवार को इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम से अनुमोदन लेने के बाद सतर्कता विभाग ने आयोग के तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित छह के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी के साथ ही संतोष बडोनी को भी बतौर परीक्षा नियंत्रक इसके लिए जिम्मेदार माना गया है। डांगी इसी साल जनवरी में रिटायर हो गए थे, इसके बाद परीक्षा नियंत्रक की भूमिका भी बडोनी के पास थी। इसके साथ ही आयोग में गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी, कैलाश नैनवाल भी जांच के दायरे में आए हैं। कंपनी को किए गए भुगतान की फाइल में इन सभी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान की भी विजिलेंस जांच होगी। इसमें से संतोष बडोनी को आयोग से हटाने के बाद सरकार निलंबित भी कर चुकी है। जबकि पीसीएस अधिकारी डांगी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बहुगुणा और दीपा जोशी की नियुक्ति मूल रूप से दूसरे विभागों में है, दो साल पहले ही उनका कैडर मर्जर किया गया।
भर्ती घपले में गिरफ्तार आरोपियों की कमाई अवैध संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई जल्द हो सकती है। एसटीएफ की टीमें सरगना सैयद सादिक मूसा समेत जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत, लखनऊ की निजी कंपनी के मालिक राजेश चौहान, धामपुर के माफिया केंद्रपाल, रामनगर के चंदन मनराल समेत तमाम आरोपियों की अवैध संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है।
वन दरोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में नकल माफिया के गठजोड़ का पर्दाफाश करने में एसटीएफ को समय लग रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि एसटीएफ दिल्ली की भर्ती एजेंसी, परीक्षा सेंटरों और निरीक्षकों की सीडीआर का इंतजार कर रही है, जिससे पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।
एसटीएफ की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के साथ आयोग का अनुबंध अक्तूबर 2019 में समाप्त हो गया था। इसके बावजूद कंपनी से दो दर्जन परीक्षाएं आयोजित करवाई गईं। जिसके लिए 22 करोड़ रुपये का भुगतान अलग-अलग चरणों में किया गया। इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक सम्पत्ति की जांच के आदेश दिए गए हैं। नियमानुसार सरकारी कार्मिकों के खिलाफ जांच के लिए कार्मिक विभाग से अनुमति ली जाती है, अब अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस मुकदमा दर्ज करते हुए, जांच शुरू करेगी।

वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में हुआ केस दर्ज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया था। डीजीपी द्वारा उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। उपरोक्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने लगातार ज़ीरो टॉलरन्स ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।

एसटीएफ द्वारा जानकारी दी गयी है कि वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा दिनांक 16- 9-21 से 25-9-21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी ।जिसमे कुल 316 पदो के लिए रिक्तियां थी। उपरोक्त प्रकरण में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की एसटीएफ/साइबर द्वारा जांच बाद पुष्टि हुई है।

प्रकरण में जांचोपरांत साइबर थाना देहरादून पर आज मुकदमा अपराध संख्या 22/22 धारा 420/120 ठ भादवी,66 आई.टी. एक्ट और 3/5/6/9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं में पंजीकृत किया गया है।

प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है।
इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है और साथ ही कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षायें आयोजित हुई,उनको भी चिन्हित कर लिया गया है।
उपरोक्त ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग प्राथमिक जांच में शामिल पाए जाने के संकेत मिले है।
ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहा नकल के सेंटर थे,ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग,कक्ष निरीक्षक, व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।

मुख्यमंत्री ने निभाया बेरोजगारों से किया वादा, पुलिस भर्ती के आदेश जारी

धामी सरकार ने बेरोजगार युवाओं को पुलिस विभाग में भर्ती के दरवाजे खोल दिए हैं। शासन ने सिपाहियों के 1521 और दरोगाओं के 197 पदों पर भर्ती की अनुमति दे दी है। इस सम्बंध में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अतिशीघ्र उत्तराखंड पुलिस भर्ती विज्ञप्ति जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
बीते 4 जुलाई को मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना उनकी पहली प्राथमिकता है। सरकारी नौकरी के साथ स्वरोजगार मुहैया करवाकर ही पहाड़ी क्षेत्र से हो रहे पलायन को रोका जा सकता है। उन्होंने तुरंत विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पड़े लगभग 24000 पदों पर नियुक्ति शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अधिकांश विभागों ने अपने यहां रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब पुलिस विभाग के रिक्त पदों पर भर्ती के आदेश जारी किए गए हैं। सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखण्ड पुलिस के 1521 आरक्षी पदों और 197 उपनिरीक्षक पदों पर भर्ती का निर्णय शासन ने लिया है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को इन पदों की भर्ती परीक्षा की विज्ञप्ति जारी करने और परीक्षा कार्यक्रम जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। बताते चलें कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ’देवभूमि बेरोजगार मंच’ के तहत रोजगार के लिए प्रदर्शन कर रहे युवाओं को आश्वासन दिया था कि अति शीघ्र पुलिस विभाग में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बीते 17 दिसंबर को बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। इस दौरान अधिकारियों के जरिए हुए वार्ता में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिन के भीतर पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था, जो आज पूरा हो चुका है।