रामदेव की बदौलत आज योग घर-घर मेंः पॉल

योगगुरू बाबा रामदेव ने योग जिज्ञासुओं को योगाभ्यास कराते हुये कहा कि हिन्दुस्तान में कई महान विभूतियां है, कई व्यक्तित्व ऐसे है जिनकी मूर्तियां लगाई जानी चाहिए। बजाए लेनिन व मार्क्स की मूर्तियों के।

ऋषिकेश में आयोजित अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन अवसर पर विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के राज्यपाल केके पाल, योगगुरू बाबा रामदेव व राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस शिविर में प्रतिभाग करने आए योग जिज्ञासुओं को जीवन में योग को आत्मसात करने का संकल्प दिलाया। इससे पूर्व सुबह करीब पांच बजे से योगगुरू बाबा रामदेव ने विशेष कक्षा का संचालन किया।

बाबा रामदेव के इस विशेष शिविर में सशस्त्र सेना बल के जवानों, स्थानीय नागरिकों सहित देश-विदेश से आए योग जिज्ञासुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान बाबा बोले योग और आयुर्वेद के बूते आज संपूर्ण विश्व में पतंजलि सबसे बड़ा ब्रांड बनने जा रहा है। स्वदेशी उत्पादों से विदेशी कंपनियां मानो सिकुड़ सी गयी हो।

राज्यपाल केके पाल ने कहा कि योग भारतीय ऋषि-मुनियों द्वारा दुनिया को प्रदान किया गया एक तोहफा है। विश्व में हमारे योगाचार्य एकता का संदेश फैलाने में सफल हो रहे है। उन्होंनंे आज से करीब बीस वर्ष पूर्व योग तो था, मगर लोगों में जिज्ञासा नहीं थी। मगर, आज योगगुरू बाबा रामदेव के प्रयासों की बदौलत पिछले डेढ़ दशक से योग घर-घर में किया जाने लगा है।

इस दौरान पतंजलि योग विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पदमश्री भारत भूषण सहित कई देशी विदेशी मौजूद थे।