कुंभ के तहत आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण का कार्य शुरु

आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण के साथ ही गंगा की जलधारा को मोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। सिंचाई विभाग के अनुसार, 40 से 50 प्रतिशत गंगा का पानी डार्यवट करने के बाद ही आस्था पथ के पुररोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा के कार्य शुरू हो पाएंगे।
आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण के कार्य कुंभ शुरू होने से पहले पूरे किए जाने हैं। लेकिन गंगा का जलस्तर कम नहीं होने की वजह से सिंचाई विभाग काम शुरू नहीं कर पा रहा है। कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने बताया कि क्यू-नेट चैनल बनाकर गंगा की धारा को मोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए करीब छह पोकलैंड को काम पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए बाकायदा वन विभाग और मेला अधिकारी की परमिशन ली गई है। उन्होंने बताया कि गंगा का 40 से 50 प्रतिशत पानी इस चैनल की ओर डायर्वट किया जाएगा, इसके बाद आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। महाकुंभ-2021 के तहत 1157.65 लाख की लागत से आस्थापथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण का काम किया जाना है। इसके तहत 2013 की आपदा में क्षतिग्रस्त हुए आस्थापथ के सीसी ब्लाक का निर्माण, नए ब्लाक का निर्माण और जो ब्लाक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, उन्हें तोड़कर नए ब्लाक लगाए जाने हैं।
वहीं, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने बताया कि गंगा डायवर्जन के दौरान त्रिवेणीघाट पर गंगा अविरल बहती रहेगी। एक दिन पहले बृहस्पतिवार को गंगा का जलस्तर घटने से घाट पर पानी कम हो गया था। लेकिन फिर से जेसीबी लगाकर धारा को पुनरू घाट की तरफ मोड़ दिया गया। इसके अलावा गंगा की धारा को क्यू-नेट चैलन की ओर मोड़ने के दौरान भी गंगा की धारा को त्रिवेणीघाट पर अविरल रखा जाएगा। ताकि स्ननार्थियों को कोई दिक्कत न हो।