सेना प्रमुख को क्यों होनी लगी चिंता, कौन है बदरूद्दीन अजमल

सेना प्रमुख बिपिन रावत के बांग्लादेशी नागरिकों की असम में घुसपैठ और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट पर दिए गए बयान से राजनीतिक बवाल मच गया है। सेना प्रमुख ने कहा कि जितनी तेजी से देश में बीजेपी का विस्तार नहीं हुआ उतनी तेजी से असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ बढ़ी है, जो चिंता की बात है।

बता दें कि अजमल के जबरदस्त उभार के पीछे उनकी अपनी सियासी सूझबूझ के अलावा हालात का भी अच्छा-खासा योगदान है। एआइयूडीएफ 2005 में गठित की गई थी, उसी साल सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद अवैध आप्रवासी (ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारण) कानून (आइएमडीटी) को रद्द कर दिया था।

इसके लिए सर्बानंद सोनोवाल(असम के सीएम) ने उस वक्त ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन के नेता के तौर पर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, जिसके बाद अदालत का यह फैसला आया था। आइएमडीटी कानून ने अवैध आप्रवासियों की पहचान की जिम्मेदारी न्यायाधिकरणों पर डाल दी थी और संदिग्ध लोगों की नागरिकता को साबित करने का भार शिकायत करने वालों पर डाल दिया था। अप्रवासी मुसलमान मानते हैं कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार का बनाया गया यह कानून उन्हें उत्पीड़न से बचाने वाला था।

असम में पैदा हुए और मुंबई में कपड़ों, रियल एस्टेट, चमड़ा, हेल्थकेयर, शिक्षा और इत्र का विशाल कारोबार चलाने वाले अजमल का कारोबार भारत के अलावा यूपीई, बांग्लादेश, सिंगापुर आदि देशों में फैला है। अजमल पर वंशवादी सियासत के भी आरोप लगते आए हैं। उनके दो बेटे अब्दुल रहमान अजमल और अब्दुल रहीम अजमल व भाई सिराजुद्दीन राजनीति से जुड़े हैं।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.