उत्तराखंड में स्टिंग के जरिये राजनेताओं और नौकरशाहों को ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय रिंकी साहनी की अदालत ने समाचार प्लस चैनल के मालिक उमेश कुमार को आठ नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वहीं, उमेश शर्मा पर पत्रकार आयुष गौड़ ने आरोपों को फिर से दोहराकर कई नई बातें बताई।
समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार को रविवार को उप्र के गाजियाबाद में एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 से गिरफ्तार किया गया था। उमेश पर उसके ही चैनल के कर्मचारी आयुष गौड़ ने उत्तराखंड के नेताओं और नौकरशाहों का स्टिंग करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मुख्य आरोपित उमेश जे कुमार को लेकर पुलिस टीम रविवार रात करीब तीन बजे देहरादून पहुंची। यहां पुलिस अधिकारियों ने उससे पांच घंटे तक पूछताछ की।
सोमवार पूर्वाह्न् करीब 11 बजे पुलिस उसे लेकर अदालत पहुंची। पुलिस ने अदालत में अभी तक की जांच रिपोर्ट रखी। इसके बाद अदालत ने आरोपित का पक्ष भी सुना। हालांकि बचाव पक्ष ने दिल्ली से अपने वकील को बुला रखा था, लेकिन अदालत में आरोपित ने खुद ही अपना पक्ष रखा। करीब चार घंटे तक दोनों पक्ष अदालत में मौजूद रहे। उनका पक्ष सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को आठ नवंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए। पेशी के दौरान कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
उमेश कुमार ने कहा मेरे खिलाफ हुई साजिश
उमेश कुमार ने अदालत में अपनी पैरवी करते हुए साजिश के तहत फंसाये जाने की बात कही। उसने यह भी कहा कि सरकार उसके पीछे पड़ी है और उसे और उसके परिवार को जान का खतरा हो सकता है।
ये अभी भी बाहर घूम रहे
नेताओं और नौकरशाहों का स्टिंग करने की साजिश के मामले में देहरादून के राजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज है। इस मुकदमे में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र के साथ ही प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया भी नामजद हैं। ये चारों अभी गिरफ्त से बाहर हैं।