उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने के उद्देश्य से एक पत्रकार पर स्टिंग ऑपरेशन करने का दबाव बनाने वाले एक निजी चैनल के मालिक उमेश जे कुमार को उत्तखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद स्थित घर से दबोच लिया। यहां से पुलिस ने 39 लाख रुपये नगदी के साथ ही विदेशी मुद्रा और स्टिंग के उपकरण भी बरामद किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस सिलसिले में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र और चैनल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है।
शिकायतकर्ता आयुष गौड़ के मुताबिक आरोपितों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और कुछ अन्य नेताओं को भी फंसाने का षडयंत्र रचा था। गिरफ्तार आरोपित ने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्ंिटग कर राजनीतिक हलचल मचा दी थी। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस और उत्तराखंड पुलिस ने एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 के टॉप फ्लोर पर स्थित आरोपित उमेश के फ्लैट पर छापा मारा। टीम की वहां तैनात सीआरपीएफ जवानों से नोकझोंक भी हुई। घर की तलाशी के बाद पुलिस टीम ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। अभी आरोपित से इंदिरापुरम थाने में पूछताछ की जा रही है।
ये सामान मिला फ्लैट से
39,73000 रुपये नगद, 116,279 अमेरिकी डालर, 11,030 थाई मुद्रा, कई मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप, कैमरा व डीवीडी।
उक्त प्रकरण के सामने आने पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह सब जांच का विषय है और जांच के बाद देखा जाएगा कि और क्या हो सकता है। किसी भी रूप में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किसी भी स्तर पर नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र के सभी अंगों को समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा कि निजी चौनल के मालिक समेत साजिश में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।
पूरी तैयारी के साथ गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस पूरी तैयारी के साथ रविवार सुबह गाजियाबाद पहुंची। हाईप्रोफाइल मामला होने के चलते वह अपने साथ कोर्ट से सर्च और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट लेकर गई थी।
ऐसे आया मामला सामने
समाचार प्लस चैनल के मुलाजिम आयुष गौड़ ने बीती 10 अगस्त को देहरादून में राजपुर थाने में चैनल के सीईओ के साथ ही उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र, प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया के खिलाफ तहरीर दी थी। आयुष का आरोप था कि उस पर वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं का स्टिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है, जान से मारने की धमकी जा रही है। करीब ढाई महीने की जांच के बाद पुलिस ने रविवार को इसमें बड़ी कार्रवाई की।
वहीं शासन ने विवादित अधिकारी डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्र को उनका नाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत अन्य अधिकारियों के स्टिंग के प्रयास को लेकर दर्ज एफआइआर में आने के बाद निलंबित कर दिया है। हालांकि, शासन ने अधिकारिक तौर पर निलंबन का आधार उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव उनके विरुद्व सतर्कता विभाग में चल रही खुली जांच व अन्य जांच को बनाया है। सचिव आयुष शैलेश बगौली द्वार जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह अंदेशा जताया है कि मृत्युंजय मिश्र के आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभावित से निलंबित किया गया है।