देहरादून के एक व्यक्ति को सरकारी टेंडर के जरिए ठेका दिलाने की बात कहने वाले फर्जी पीसीएस अधिकारी को दून पुलिस ने धर दबोचा है। फर्जी अधिकारी के पास कई सरकारी विभागों की मोहरे भी मिली है। पुलिस ने जानकारी के अनुसार पकड़ा गया युवक पीसीएस के इंटरव्यू में फेल हो जाने के बाद से फर्जी पीसीएस अधिकारी बनकर घूम रहा था।
एसपी सिटी पीके राय ने बताया कि मंगलवार को दून में प्रापर्टी डीलिंग और रेस्टोरेंट चलाने वाले ओमवीर सिंह ढाका निवासी ग्राम भवानीपुर, पोस्ट चंदोक, बिजनौर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनसे एक शख्स मिला। उसने अपना नाम सुधांशु पांडेय बताया और कहा कि वह सचिवालय में पीसीएस अधिकारी है और इन दिनों श्रम विभाग में कार्यरत है। कहा कि वह उसे श्रम विभाग में ठेकेदारी का लाइसेंस दिला देगा। इसके लिए उसने रुपये की मांग की।
ओमवीर ने बताया कि यह बात जब उसने अपने दोस्तों को बताई तो वह भी लाइसेंस लेने के लिए तैयार हो गए और सुधांशु को लगभग सवा दो लाख रुपये दे दिए। इसके बाद उसने सरकारी मोहर लगे कुछ दस्तावेज उन्हें दिखाए, लेकिन जब उसकी पड़ताल की गई तो वह फर्जी पाए गए।
एसपी सिटी ने बताया कि दस्तावेजों में सरकारी भाषा की नकल गई थी, लेकिन कई ऐसी बातें सामने आई, जिससे सुधांशु के फर्जी अधिकारी होने का शक पुख्ता हो गया। बुधवार को उसे आइटी पार्क के पास बुलाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुधांशु के पास से कई सरकारी मोहरें और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। उसके खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
अंग्रेजी बोलने में है अव्वल
सुधांशु पांडेय (32) पुत्र मुन्नू प्रसाद निवासी 126 किदवईनगर, थाना महराजगंज, कानपुर नगर दून में ग्राम चालंग थाना राजपुर में पिछले कई साल से रह रहा है। एसओ राजपुर अरविंद सिंह ने बताया कि सुधांशु फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। यही वजह थी कि जिससे भी वह बात करता, वह उसके झांसे में आ जाता। सुधांशु ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से एमएससी की परीक्षा 87 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। उसने 2006 में एसएससी मेन की परीक्षा पास की थी, लेकिन साक्षात्कार में फेल हो गया। वर्ष 2014 में उसने पीसीएस मेन क्वालीफाई किया, लेकिन यहां भी साक्षात्कार में उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया।