गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिये ठोस कानून बनाने की मांग को लेकर 113दिन से अनशन के बाद स्वामी सानंद ने देह त्याग दिया था। मगर, उनके अनुयायियों को उनके अंतिम दर्शन नहीं हो सके थे। मगर, अब अगले दस रविवार तक उनके दर्शन किये जा सकेंगें।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इससे संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतिम दर्शनों की सशर्त दी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश प्रशासन ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। हाईकोर्ट ने सानंद का पार्थिव शरीर 76 घंटे तक हरिद्वार स्थित मातृसदन आश्रम में दर्शनार्थ रखने के आदेश एम्स को दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्वामी सानंद के अनुयायियों की भावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अनुयायी ऋषिकेश एम्स में उनके पार्थिव शरीर के दर्शन कर करेंगे। इसके लिए अदालत बाकायदा समय सारिणी जारी की है। अदालती आदेशों के मुताबिक एम्स ऋषिकेश में जहां भी स्वामी सानंद का पार्थिव शरीर रखा गया गया है, वहां हर रविवार को 10-10 के बैच में अनुयायी उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। लेकिन, एक दिन में अधिकतम 50 को ही यह दी जाएगी। दर्शनों की केवल दस रविवार के लिए की गई है।