नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने राज्य में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में एक दिन का उपवास रखकर धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग छोड़ देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सीएम के पास विभाग होने के बावजूद पूरे उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। कोरोना संक्रमित अस्पताल जाने तक से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि अस्पताल जाने पर उन्हें इलाज तो नहीं मिलेगा मगर लापरवाहियों के कारण उनकी जान जरूर चली जाएगी। पहाड़ों में न संक्रमितों को इलाज मिल रहा है और न बाकी रोगों से जूझ रहे लोगों को। पहाड़ के जिलों में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड तक नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा को 56 विधायकों में एक स्वास्थ्य मंत्री नहीं मिल पा रहा है तो ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, उपवास में पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीशचंद्र दुर्गापाल ने कहा, कोरोनाकाल में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसके पास इलाज का कोई विकल्प नहीं है। एआईसीसी सदस्य सुमित हृदयेश ने कहा कि कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। पांच माह से अस्पताल में बाकी सुविधाएं बंद है। पहाड़ों में इलाज पहले उपलब्ध नहीं था। अब एकमात्र इलाज का सहारा भी छिन गया है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि कोरोना के नाम पर सरकारी की सभी योजनाएं जनता के साथ छलावा साबित हो रही हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।