एम्स ने किया टेलीमेडिसिन तकनीक पर करार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश और अमेरिकी कंपनी इवोल्को के मध्य टेलीमेडिसिन तकनीक को लेकर करार हो गया है। अब मरीज घर बैठे भी एम्स के विशेषज्ञों से सलाह ले सकता है।
एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि इवोल्को कंपनी कैलिफोर्निया में स्थापित है, जिसकी भारत में लखनऊ और बेंगलुरु में शाखाएं स्थापित हैं। कंपनी ने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस पर आधारित पेसेंट स्क्रीनिंग एंड टेलीमेडिसिन तकनीक को विकसित करने का कार्य किया है। उन्होंने बताया कि पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एम्स संस्थान ने कंपनी के साथ करार किया है।
निदेशक ने बताया कि टेलीमेडिसिन तकनीक से दूर दराज के पहाड़ी क्षेत्रों के मरीज एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सक से घर बैठे ही चिकित्सकीय सलाह प्राप्त कर सकेंगे। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को न सिर्फ शीघ्र चिकित्सकीय सहायता मिलेगी वरन वह अपने गांवों से सैकड़ों किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश में आने की समस्या से निजात पा सकेंगे। इससे उनके समय और धन की मितव्ययता भी नहीं होगी। एम्स टेलीमेडिसिन यूनिट की नोडल ऑफिसर प्रो. वर्तिका सक्सेना ने बताया कि समझौता ज्ञापन पर एम्स की ओर से निदेशक प्रो. रवि कांत व इवोल्को कंपनी की ओर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. विनीत ध्यानी ने हस्ताक्षर किए।
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश की स्थापना रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई है, जिसके तहत एम्स प्रशासन मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने को सतत प्रयासरत है। इसी उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में वर्ष 2018 के जून माह में टेलीमेडिसिन इकाई की स्थापना की गई, इकाई के माध्यम से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित स्वास्थ्य केंद्रों में टेली परामर्श, टेली चिकित्सा सेवा व टेली चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इस अवसर पर एम्स टेलीमेडिसिन यूनिट के सदस्य डॉ. योगेश बेहुरूपी, डॉ. मधुर उनियाल आदि उपस्थित थे।