सरकार विभिन्न विभागों में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को नियमित न करेः हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने 2013 की नियमितीकरण नियमावली के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुये निर्देश दिए है कि इस नियमावली के अनुसार विभागों, निगम, परिषद व अन्य सरकारी उपक्रमों में कार्यरत अस्थाई कर्मियों को नियमित न करें।

नैनीताल जिला मुख्यालय के समीपवर्ती सौड़ बगड़ गांव निवासी नरेंद्र सिंह बिष्टड्ढ व अन्य ने याचिका दायर कर कहा था कि वह इंजीनियरिंग से डिप्लोमा होल्डर हैं और सरकार के अधीन अवर अभियंता पद पर नियुक्ति पाने की पूर्ण अर्हता रखते हैं। याचिका में नरेंद्र ने 2013 की नियमितीकरण नियमावली को भी चुनौती दी है।

इसमें कहा गया है कि यह नियमावली सुप्रीम कोर्ट के उमा देवी व एमएल केसरी से संबंधित मामले में दिए गए निर्णय के विपरीत है। सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर विभाग, निगम, परिषदों समेत अन्य सरकारी उपक्रमों में अस्थायी कार्मिकों को बिना चयन प्रक्रिया के नियमित कर रही है, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता भगवत सिंह मेहरा ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में उद्यान विभाग ने चाय विकास बोर्ड के अस्थायी कर्मियों को इस नियमावली के तहत नियमितीकरण की कार्रवाई आरंभ की है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद नियमितीकरण नियमावली-2013 के क्रियान्वयन पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी।

नये जजों ने शपथ लेकर संभाला पदभार

हाईकोर्ट नैनीताल में तीन नये जजों के शपथ ग्रहण करने के बाद अब जजों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। इन तीनों जजों में न्यायधीश नारायण सिंह धानिक, रमेश चंद्र खुल्बे, रवींद्र मैठाणी रहे। तीनों ही जजों को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन ने शपथ दिलाई।

मुख्य न्यायाधीश कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन ने जस्टिस धानिक, जस्टिस खुल्बे व जस्टिस मैठाणी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत द्वारा राष्ट्रपति की ओर से संविधान के अनुच्छेद-217(ए) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने संबंधी तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय की नैनीताल हाई कार्ट का जज नियुक्त होने की अधिसूचना का वाचन किया।

न्यायधीश सुधांशु धूलिया, न्यायधीश आलोक सिंह, न्यायधीश लोकपाल सिंह, न्यायधीश शरद कुमार शर्मा, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, अपर महाधिवक्ता मोहन चंद्र पाण्डे, जीए गजेंद्र सिंह संधू, असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल राकेश थपलियाल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पीसी पंत, पूर्व जस्टिस बीसी कांडपाल, पूर्व जस्टिस यूसी ध्यानी, पूर्व जस्टिस बीएस वर्मा, पूर्व जस्टिस जेसीएस रावत, पूर्व जस्टिस इरशाद हुसैन, प्रमुख सचिव न्याय आलोक कुमार वर्मा, जिला जज नरेंद्र दत्त, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव प्रशांत जोशी, आइजी पूरन सिंह रावत, डीएम विनोद कुमार सुमन, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार अनुज संगल, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष ललित बेलवाल, सचिव नरेंद्र बाली, पूर्व अध्यक्ष डीके शर्मा, नदीम मून, बीसीआई सदस्य विजय भट्ट, पूर्व सांसद डॉ महेंद्र पाल, वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, बीसी पाण्डे, ललित शर्मा, संजय भट्ट, चंद्रशेखर जोशी, भुवनेश जोशी, समेत तमाम अधिवक्ता, न्यायिक, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

आरोपों की पुष्टि होने पर विजिलेंस ने किया आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलपति को गिरफ्तार

विजिलेंस की टीम ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डा. मृत्युंजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस की टीम ने यह कार्यवाही डा. मिश्रा पर भ्रष्टाचार और जालजासी की पुष्टि होने के बाद की है। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की तीन टीमें मिश्रा के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 से 2017 तक तैनाती के दौरान से ही डा.मृत्युंजय मिश्रा का विवादों से नाता रहा है। कुल सचिव रहते हुए मिश्रा पर नियम विरुद्ध नियुक्तियां और लाखों रुपये की खरीदारी करने के गंभीर आरोप लगे। मिश्रा पर लगे इन आरोपों की शासन ने विजिलेंस से खुली जांच कराने के आदेश दिए। विजिलेंस निदेशक एडीजी राम सिंह मीना ने बताया कि जांच में विवि के धन का दुरुपयोग की पुष्टि हुई। मिश्रा ने विवि के 32 लाख 15 हजार अपने बैंक खातों में ट्रांसफर किए। इसके अलावा विवि को सामान की आपूर्तिकर्ता फर्म के साथ साठ-गांठ कर स्वयं और अपने परिजनों के खातों में नकद व बैंक ट्रांजेक्शन के जरिये 68 लाख दो हजार ट्रांसफर कराने की पुष्टि हुई है।

विजिलेंस ने इसी आधार पर 17 नवंबर को मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने बताया कि विजिलेंस की टीम लगातार मिश्रा पर नजर बनाए हुई थी। सोमवार को मौका पाते ही ईसी रोड से मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। मिश्रा से पूछताछ जारी है। विजिलेंस की तीन टीमों ने देर रात तक मिश्रा के घर, आयुर्वेद विवि और अमेजन ऑटोमेशन फर्म के दफ्तर में छापेमारी करती रही।

इनके खिलाफ भी मुकदमा होना तय
एसपी विजिलेंस प्रमोद कुमार ने बताया कि खुली जांच में जो गड़बड़ी मिली है, उसमें कई लोगों की संलिप्तता है। मुख्य आरोपित मृत्युंजय मिश्रा के अलावा उनकी पत्नी श्वेता मिश्रा, अमेजन ऑटोमेशन फर्म की संचालिका शिल्पा त्यागी, क्रिएटिव इलेट्रॉनिक्स फर्म की नूतन रावत और ड्राइवर अवतार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। विजिलेंस इनकी भूमिका की जांच कर रही है।

ऋषिकेश की पहली मेयर ने की शपथ ग्रहण

तीर्थनगरी की पहली मेयर ने मुख्यमंत्री सहित हजारों लोगों के बीच शपथ ग्रहण की। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने मेयर को शपथ दिलाई। इसके बाद मेयर से पार्षदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान भाजपा व कांग्रेस के कई नेता, संत समाज से साधु और शहीदों के परिजन उपस्थित रहे।

रविवार को नगर निगम ऋषिकेश का शपथ ग्रहण समारोह श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के क्रीडा मैदान में आयोजित किया गया। सुबह से ही लोगों का आना मैदान में शुरू हो गया था। मेयर अनीता ममगाई अपने समर्थकों के साथ ओपन लाल रंग की कार में पहुंची। इसके बाद स्थानीय सांसद डा. रमेश पोखरियाल अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। करीब 12 बजे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट पहुंचे। इसके बाद जिलाधिकारी ने मेयर अनीता ममगाई को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद मेयर अनीता ममगाईं ने दस-दस करके पार्षदों को शपथ दिलाई। इस दौरान कई पार्षद शपथ ग्रहण होने के बाद पहुंचे।

मात्र 15 मिनट चला शपथ ग्रहण
जिलाधिकारी ने मेयर को शपथ दिलाई और मेयर ने पार्षदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीनों समारोह से निकल गये। मात्र 15 मिनट तक चले शपथ ग्रहण पर लोगों को समझ ही नहीं आ रहा था कि यह सब आखिर हुआ तो हुआ क्या।

जलपान के दौरान दिखी अव्यवस्था
मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से जाते ही समारोह में मौजूद जनता जलपान करने एक साथ दौड़ी। एक साथ भीड़ के आ जाने से अव्यवस्था फैल गई। इस दौरान समारोह में जलपान के लिये बने छह स्टॉल में से एक पर टैंट भी गिर गया।

शपथ के बाद निगम कार्यालय पहुंची मेयर
शपथ ग्रहण करने के बाद मेयर अनीता ममगाई सरकारी गाड़ी से मेयर कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने निगम के कर्मचारियों से मुलाकात की। इसके बाद नगर निगम को निरीक्षण किया।

प्रेमिका के घर आधी रात को पहुंचा प्रेमी, घर वाले जागे….

आधी रात को हरिद्वार के ज्वालापुर में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा। मौके पर घर वालों की आंखे खुल गई। इसके बाद युवक की जमकर धुनाई हुई।

पुलिस के अनुसार ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में एक मोहल्ला निवासी युवक का पड़ोस की युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। शनिवार की आधी रात प्रेमिका के बुलाने पर प्रेमी उसके घर पहुंच गया। इस बीच युवती के चाचा की आंख खुल गई और वो उठकर बाहर आ गए। उनकी नजर पड़ने पर प्रेमी छिप गया। जिसके बाद प्रेमिका के चाचा ने पूरे परिवार को उठाया और घर में प्रेमी की तलाश कर उसे दबोच लिया।

परिजनों ने युवक की जमकर धुनाई की। शोर सुनकर आसपास के लोग भी उठ गए। इस बीच युवक के परिजन भी आ गए। उन्होंने गलती मनवाकर पीछा छुड़ाना चाहा, लेकिन प्रेमिका के परिजनों ने एक नहीं सुनी। उन्होंने पुलिस बुलाकर युवक को उनके हवाले कर दिया।

एसएसआइ संजीव थपलियाल ने बताया कि युवक से पूछताछ की गई है। उसने बताया कि उनका काफी दिनों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पुलिस को अभी तक प्रेमिका के परिजनों की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद ही युवक के खिलाफ कार्रवाई कर उसे जेल भेजा जाएगा।

ऊर्जा निगम की लापरवाही, एक माह का बिल 20 करोड़ का भेजा

ऋषिकेश में एक दुकानदार को बीस करोड़ रूपये का बिजली का बिल आया है। वह भी एक माह का ही। यह देख दुकानदार के होश उड़ गये। वहीं विभाग के अधिकारी इसको सॉफ्टवेयर की त्रुटि का हवाला दे रहे है।

गीता नगर आइडीपीएल निवासी राकेश कुमार तपोवन में एक छोटी सी दुकान पर फोटो स्टेट और साइबर कैफे का संचालन करते हैं। इस दुकान पर लगा बिजली का कनेक्शन उनके भाई देव प्रकाश के नाम पर है। शुक्रवार की सुबह राकेश कुमार के मोबाइल पर ऊर्जा निगम की ओर से एक मैसेज आया, जिसमें उनकी दुकान का एक माह का बिजली का बिल 19 करोड़ 84 लाख 59 हजार 959 रुपये बताया गया। राकेश कुमार ने कंप्यूटर खोलकर जब ऑनलाइन बिल देखा तो वास्तव में उनके नाम पर करीब 19.84 करोड़ रुपये का बिल जारी हुआ था।

बिजली के बिल की इतनी भारी-भरकम राशि देखकर राकेश के होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि वह कई वर्षों से इसी दुकान का बिजली का बिल एक हजार से पंद्रह सौ रुपये चुकाते आ रहा हैं। राकेश ने दुकान पहुंचने के बाद मीटर की रीडिंग चेक की तो बिल में दर्ज रीडिंग भी सही थी। उन्होंने ऊर्जा निगम के मुनिकीरेती स्थित उपखंड कार्यालय में जब इस बिल के संबंध में पता किया तो अधिकारियों ने उन्हें प्रिटिंग में गड़बड़ी की बात बताई। कुछ देर बाद फिर से राकेश कुमार के मोबाइल पर 1690 रुपये का बिजली के बिल का मैसेज आया। जिसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली।

इस संबंध में उपखंड अधिकारी मुनिकीरेती वैभव चमोली ने बताया कि हाल में ही विद्युत बिल मशीन के सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव हुआ है, जिस वजह से बिजली के बिलों में इस तरह की त्रुटियां आ रही हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के बिलों को दुरुस्त किया जा रहा है। बहरहाल, ऊर्जा निगम की ओर से जारी यह बिल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

2021 के महाकुंभ से पूर्व 4570 करोड़ रूपये की दरकार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित मंत्री अरूण जेटली से भेंट की। महाकुम्भ मेला-2021 के लिए 4570 करोड़ रूपए की एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी से अप्रैल 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इन चार महिनों में देश-विदेश से 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। हरिद्वार में महाकुम्भ मेला एक जनवरी 2021 से प्रारम्भ हो जाएगा। कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से संबंधित सभी काम अक्टूबर 2020 तक हर हाल में पूरे किए जाने हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि महाकुम्भ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए अवस्थापना संबंधी स्थायी प्रकृति के काम जैसे कि सड़क निर्माण, सुदृढ़ीकरण, घाटों का निर्माण आदि व अन्य काम जैसे पेयजल व विद्युत आपूर्ति, कानून व शांति व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराना, मेला क्षेत्र को साफ-स्वच्छ रखने के लिए कूड़ा निस्तारण का सुव्यवस्थित प्रबंध, धार्मिक संस्थाओं व श्रद्धालुओं के आवास के लिए अस्थाई कैम्पिंग स्थलों का विकास करना, पार्किंग स्थलों को विकसित करना आदि काम बड़े स्तर पर कराए जाने हैं। सभी प्रकार के काम अक्टूबर 2020 तक प्रत्येक दशा में पूरे कराए जाने हैं।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण हरिद्वार में महाकुम्भ मेला के आयोजन में केंद्र सरकार का वित्तीय सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से महाकुम्भ मेला 2021 के आयोजन के लिए एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता के रूप 4570 करोड़ रूपए की धनराशि का प्राविधान आगामी केंद्रीय बजट में कराए जाने का अनुरोध किया। केंद्रीय वित मंत्री ने हरसम्भव सहयोग किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।

अब देहरादून के अलावा नैनीताल में भी खुलेगा मुख्यमंत्री कार्यालय

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की बड़ी पहल पर नैनीताल में मुख्यमंत्री कार्यालय खुलने जा रहा है। इसके लिये कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला को सीएम का सचिव बनाया गया था। जो अब नैनीताल में ही सीएम स्तर की समस्याओं का निस्तारण करेंगे।

बङे पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल से मुख्यमंत्री ने शासन-प्रशासन की ओवर हीलिंग करने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व सचिव राजीव रौतेला की तैनाती से निश्चित तौर पर सीएम सचिवालय के काम में और दक्षता आएगी। राधा रतूड़ी व राजीव रौतेला दोनों अधिकारियों की छवि आम जन के बीच ईमानदार व रिजल्ट ऑरिन्टेड अधिकारी के रूप में है। अब सीएम सचिवालय की शासन पर पकड़ और अधिक मजबूत होगी। निश्चित तौर पर दोनों अधिकारियों के अनुभव व दक्षता का लाभ मिलेगा।

युवा अधिकारी नितेश झा को गृह विभाग का जिम्मा देकर मुख्यमंत्री ने पुलिस महकमे को मजबूत करने की कोशिश की है। झा केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान गृह मंत्रालय में रहे हैं। अपनी कार्यप्रणाली से उन्होंने वहां अपना स्थान बनाया था। उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दौरान उनके अनुभव का लाभ राज्य में पुलिस महकमे को चुस्त दुरूस्त बनाने में मिलेगा। सचिव नितेश झा ईमानदार, अनुभवी व परिश्रमी अधिकारी हैं, मुख्यमंत्री ने उन पर विश्वास जताया है। अपने विश्वासपात्र को गृह विभाग देकर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता है।

आबकारी विभाग राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में है। ऐसे में प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन को इस विभाग की कमान देकर स्पष्ट संदेश दिया गया है। आनंद वर्द्धन की छवि कर्मठ व कड़क मिजाज अधिकारी के तौर पर रही है। उम्मीद की जा रही है कि आबकारी विभाग को कसने के लिए आनंद बर्द्धन को लाया गया है। दीपेंद्र चौधरी भी ईमानदार अधिकारी के तौर पर पहचाने जाते हैं। आंनद बर्द्धन व दीपेंद्र चौधरी के पास आबकारी विभाग आने से आने वाले में समय में कई सुधार देखने को मिलेंगे।

पत्नी के हत्यारे पति को उम्रकैद, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

पत्नी के अवैध संबंध होने के शक में एक पति ने पिछले एक नवंबर 2017 को अपनी पत्नी की तार से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पति स्वयं को कोतवाली में जाकर पुलिस को सरेंडर भी कर दिया था। गुरूवार को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत ने पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है।

बीती एक नवंबर को रोशनलाल पुत्र किशनलाल निवासी कतई मिल परतापुर, थाना परतापुर, मेरठ, हाल निवासी चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश ने अपनी पत्नी की हत्या इसलिये कर दी थी क्योंकि उसे पत्नी ऊपर अवैध संबंध होने का शक था। तार के गला घोंटने की घटना के बाद रोशनलाल स्वयं कोतवाली ऋषिकेश पहुंच कर अपने को सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। इसके बाद कोर्ट ने पाया कि रूपा देवी पत्नी रोशनलाल उम्र 21 वर्ष की हत्या रोशनलाल ने ही की है। चंूकि पति पत्नी के आए दिन झगड़ा फसाद होता रहता था। इसी के चलते हत्या की गई है।

कोर्ट ने कहा कि हत्यारा पति रोशनलाल पेशेवर हत्यारा मालूम नहीं होता है। इसलिये इसे मौत की सजा देना न्यायसंगत न होगा। इसलिये कोर्ट ने रोशनलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने हत्यारे रोशनलाल पर दस हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने की दिशा में रोशनलाल को चार माह का अतिरिक्त कारावास झेलना होगा।

बाइक फूंकने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया

मतगणना से एक दिन पूर्व पांच बाइकों को आग के हवाले करने वाले दो युवकों को कोतवाली पुलिस ऋषिकेश ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने घटना और उसके आसपास के करीब 35 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर युवकों की पहचान की।

सोमवार को कोतवाली निरीक्षक ऋषिकेश रितेश शाह ने बताया कि गोविंद शाह पुत्र भावेश शाह निवासी चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी जांच पुलिस ने अलग-अलग टीम बनाकर शुरू की। उन्होंने बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस द्वारा खंगाले गये। करीब 35 सीसीटीवी कैमरो की फुटेज के आधार पर पुलिस ने सोनू पुत्र चंद्रशेखर निवासी धोबी घाट चंद्रेश्वर नगर और मोहित गिरी पुत्र नरेश गिरी निवासी धोबी घाट चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश को गिरफ्तार किया है। सोनू पूर्व में भी आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार हुआ था, जबकि मोहित थाना मुनिकीरेती में चोरी के आरोप में पकड़ा जा चुका है। पूछताछ में गिरफ्तार युवकों ने बताया कि घटना की रात नशे की हालत में उन्होंने चुनावी माहौल बिगाड़ने के लिए उक्त घटना को अंजाम दिया।