राज्य के लोग कहीं भी जाएं, संस्कृति, लोक परंपरा को रखते हैं जीवितः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित 43वाँ भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले उत्तराखण्ड दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विभिन्न उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग देश विदेश, कहीं भी चले जाएं, वो अपनी संस्कृति लोक परंपरा खानपान अपनत्व की भावना को हमेशा जीवित रखते हैं। उनके घरों पर ऐपण और गंगा दशहरा हमेशा देखने को मिलता है। उन्होंने कहा यह अंतर्राष्ट्रीय मेला हमें अपनी संस्कृति हस्तशिल्प और समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर लाने और प्रस्तुत करने का मौका देती है। मेले में लगे विभिन्न स्टालों में राज्य के बेहतरीन उत्पादों को लाया गया है। उत्तराखंड प्रवासी, राज्य के विकास में अपना योगदान दे सकें इसके लिए उत्तराखंड प्रवासी परिषद के गठन का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से उत्तराखंड के विकास में सहभागी बनने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है, जिसपर हमारा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से देश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते 10 वर्षों में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी अनेकों योजनाओं ने भारत को स्टार्टअप के हब के रूप में स्थापित किया है, जिससे देश में रोजगार स्वरोजगार पैदा हो रहे हैं। आज भारत दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्थापना के 24 वर्ष पूर्ण कर चुका है। अब राज्य रजत जयंती में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के उन शब्दों को धरातल में उतार रही है। हमारा राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पहाड़ों में रेल पहुंचने का सपना पूरा हो रहा है। उड़ान योजना के तहत राज्य के अनेक स्थलों पर हेली सेवा प्रारंभ की जा रही है। हमारा राज्य सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे हर क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य कर रहा है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के साथ 20 मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उधम सिंह नगर में एम्स का सैटेलाइट सेंटर भी बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ स्थानीय उद्योगों को भी सशक्त बनाया जा रहा है। कृषि, बागवानी, हस्त शिल्प जैसे अनेकों क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने में राज्य की महिलाएं बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं। प्रदेश की महिलाएं अपने साथ अन्य लोगो को भी रोज़गार दे रही हैं। प्रदेश की तरक्की में महिला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रदेश में 1 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं। राज्य में कई नीतियों के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जा रहे हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि जिस उद्देश्य से राज्य निर्माण हुआ है, उस उद्देश्य को पूरा करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखंड राज्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड के प्रोडक्ट आज देश विदेश तक जा रहें हैं। हमारा राज्य नया डेस्टीनेशन के रूप में निरंतर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री जी ने योग दिवस के अवसर पर आदि कैलाश में योग करके पूरी दुनिया के अंदर आदि कैलाश को पहुंचाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह भव्य मेला आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के विजन अनुसार यहां लोकल उत्पादों को बढावा दिया गया है। आज देश विदेश में उत्तराखंड के उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है।

सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के बीते 7 दिनों में 1 करोड़ 16 लाख के उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की बिक्री हुई है। इसके साथ 2 करोड़ के ऑर्डर भी हस्त शिल्पकारों को मिले हैं। देश में राज्य के उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य को पर्यटन, कृषि, उद्योग, ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा, निदेशक संस्कृति विभाग बिना भट्ट, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सरकार ने निरंतर व्यापार सुविधा तथा सरलीकरण सम्बन्धी उपाय कियेः अग्रवाल

53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गयी संस्तुतियों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केन्द्रीय बजट में कर विषयक प्रावधानों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विभागीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रतिभाग किया।
राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में राज्य कर विभाग द्वारा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के सहयोग से कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में 53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गयी संस्तुतियों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केन्द्रीय बजट में कर विषयक प्रावधानों के सम्बन्ध में मनीष मिश्रा तथा अनुपम वर्मा, प्रतिनिधि द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसके अंतर्गत व्यापार को सुविधाजनक बनाने और जीएसटी के अनुपालन को सुव्यवस्थित करने के विभिन्न उपायों से संबंधित उपबंधों की जानकारी प्रतिभागियों को दी गयी।

इस मौके पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्तमान में कर प्रणाली के प्रशासन में आमूल-चूल परिवर्तन तथा कर सुधारों में जन भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निरंतर व्यापार सुविधा तथा सरलीकरण सम्बन्धी उपाय किये गए हैं। इसी क्रम में 53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गयी संस्तुतियों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केन्द्रीय बजट में व्यापार को सुविधाजन्य बनाए जाने के प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। उनके द्वारा जीएसटी प्रणाली में विभिन्न कर स्तरों के मध्य समन्वय तथा इस आलोक में राज्य और केन्द्रीय कर प्रशासन के मध्य सामंजस्य तथा पारस्परिक संवाद की महत्ता से अवगत कराते हुए करदाताओं की सुविधा के लिए उनके साथ निरन्तर संवाद स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने राजस्व सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने तथा कर प्रशासन को सरलीकृत किये जाने के सम्बन्ध में ऐसी कार्यशालाओं का निरंतर आयोजन किये जाने की महत्ती आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कार्यशाला आयोजित किये जाने हेतु राज्य कर विभाग तथा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर आयुक्त सीजीएसटी नीलेश कुमार गुप्ता, उत्तराखण्ड तथा आयुक्त डॉ अहमद इकबाल द्वारा भी संबोधित किया गया। सभी वक्ताओं द्वारा कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण हितधारक होने के फलस्वरूप राज्य कर विभाग तथा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा कार्यशाला आयोजित किये जाने के प्रयास की प्रशंसा की गयी तथा यह आशा व्यक्त की गयी कि इस प्रकार के आयोजन राज्य हित में लाभदायक होंगे।

कार्यशाला में अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पंकज गुप्ता, महासचिव अनिल गोयल, राजीव अग्रवाल सहित उद्योग व्यापार संघों के प्रतिनिधियों, कर सलाहकारों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

खनने में पिछले वर्ष के शुरुआती चार माह की तुलना में लगभग 67 प्रतिशत अधिक राजस्व हुआ प्राप्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर लगातार नए फैसले और योजनाओं पर काम कर रही है। फलस्वरूप, वर्ष 2023-24 में निर्धारित 875 करोड़ रुपये के सापेक्ष खनन विभाग 645.42 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने में सफल रहा है जो गत वर्ष की तुलना में कुल 173.17 करोड़ अधिक है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 (माह अप्रैल से जुलाई) में भी रू० 333.17 करोड राजस्व की प्राप्ति की गयी है तथा विगत वर्ष 2023-24 के प्रथम चार माह में प्राप्त राजस्व से कुल रू0 133.31 करोड़ वित्तीय वर्ष 2024-25 में अधिक प्राप्त किया गया, जो विगत वर्ष की तुलना में लगभग 67 प्रतिशत अधिक है।

निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड को कुल 875 करोड़ का राजस्व लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा 472.25 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया। वर्ष 2023-24 में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून को राज्य सरकार द्वारा कुल रू0 875.00 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा कुल रू0 645.42 करोड़ राजस्व के रूप में अर्जित किया गया, जो गत वर्ष की तुलना में कुल रू0 173.17 करोड अर्थात लगभग 40 प्रतिशत अधिक रहा।

वर्ष 2022-23 में चार माह (माह अप्रैल से जुलाई) में रू0 161.64 करोड, वर्ष 2023-24 में चार माह में (माह अप्रैल से जुलाई) में रू0 199.86 करोड एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 (माह अप्रैल से जुलाई) में रू० 333.17 करोड राजस्व की प्राप्ति की गयी तथा विगत वर्ष 2023-24 के प्रथम चार माह में प्राप्त राजस्व से यह कुल रू0 133.31 करोड़ वित्तीय वर्ष 2024-25 में अधिक प्राप्त किया गया।

वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु राज्य सरकार के द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड को जो राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसकी शत प्रतिशत प्राप्ति हेतु विभाग के द्वारा निरन्तर, अथक प्रयास किया जा रहा है तथा विश्वास जताया गया कि भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य की शत प्रतिशत प्राप्ति की जायेगी।

राज्य सरकार के इन प्रयासों से हुई राजस्व वृद्धि
निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा अवगत कराया गया कि रिकॉर्ड राजस्व प्राप्ति का श्रेय राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली में सरलीकरण, ई-निविदा, सह-ई नीलामी के माध्यम से नये खनिज लॉट का चिन्हीकरण कर उनको ई-निविदा के माध्यम से आवंटित किया जाना, निदेशालय स्तर पर गठित प्रर्वतन दल के द्वारा अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण की प्रभावी रोकथाम हेतु निरन्तर प्रभावी ढंग से कार्यवाही किया जाना, मुख्यालय स्तर पर ई-रवन्ना पोर्टल की समय-समय पर निगरानी करते हुए ई-रवन्ना पोर्टल को उन्नत ( Upgradation) किया जाना, चार जनपद यथा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर व नैनीताल में निविदा के माध्यम से आवंटित कम्पनी के द्वारा पट्टाधनराशि / अपरिहार्य भाटक आदि की वसूली को जाता है।

45 माईन चैक गेट्स स्थापित किये जाने को मिली स्वीकृति
खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी, सुदृढ़ बनाये जाने तथा अवैध खनन/अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु आधुनिक Mining digital Transformation and Surveillance System ¼ MDTSS ½ विकसित किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा कुल 45 माईन चैक गेट्स स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसकी कार्यवाही गतिमान है। इसके साथ ही रवन्ना प्रपत्रों को डिजिटल रूप में ही रखने हेतु कार्यवाही गतिमान है।

आमजन को सस्ती दरों पर प्राप्त हो रही खनन सामग्री
स्टोन क्रेशर्स / स्क्रीनिंग प्लांट्स में कच्चे माल के रूप में उपखनिज की भरपूर आपूर्ति होने से उपखनिज ग्रिट, डस्ट, सैण्ड, रेता, बजरी इत्यादि वर्तमान में रू0 70/- प्रति कुंतल की दर से बेचा जा रहा है जो कि पूर्व वर्ष में रू0 140/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा था, जिसके फलस्वरूप आम जनमानस को निर्माण सामग्री सस्ते दामों में प्राप्त हो रही है व सरकारी कार्यदायी संस्थाओं को कच्चे/पक्के माल की निर्माण सामग्री की आपूर्ति सस्ते दामों में प्राप्त हो रही है।

एमोजॉन इंडिया के ई मार्केटिंग पोर्टल पर हाउस आफ हिमालयाज की हुई लॉचिंग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में उत्तराखण्ड के अम्ब्रेला ब्रांड “हाउस ऑफ़ हिमालयाज़” एवं एमोजॉन के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एमोजॉन के ई-मार्केटिंग पोर्टल पर “हाउस ऑफ़ हिमालयाज़” की विधिवत लांचिंग की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की ख़रीदारी भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिसंबर माह में इन्वेस्टर समिट में “हाउस ऑफ़ हिमालयाज़” ब्रांड की लांचिंग की गई थी। उन्होंने कहा कि इस ब्रांड को लॉंच करने का उद्देश्य प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुँचाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “हाउस ऑफ़ हिमालयाज़” ब्रांड में शामिल उत्पादों की प्रोसेसिंग और उत्पादन का अधिकांश कार्य स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया जाता है। जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों की आजीविका को मज़बूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न ई-मार्केटिंग पोर्टल्स के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय उत्पादों की देश और दुनिया के हर क्षेत्र से ऑनलाइन खरीदारी की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री ने सचिव ग्राम्य विकास को निर्देश दिये कि “हाउस ऑफ़ हिमालयाज़” ब्रांड के विभिन्न उत्पादों जैसे जीआई टैगिंग वाले उत्पाद, ऑर्गेनिक उत्पाद, खाद्य उत्पाद, सगंध उत्पाद को कैटेगराइज कर उनकी कैटेगरीवाइस ब्रांडिंग की जाये।

सीएस ने उर्जा सहित अन्य विभागों को दिए निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग के निर्देश


सीएस राधा रतूड़ी ने ऊर्जा एवं सम्बन्धित विभागों को निवेश प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग के साथ ही राज्य में लगने वाले नए उद्यमों हेतु पर्याप्त मात्रा में विद्युत आपूर्ति तथा जलापूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने राज्य में लग रहे बायोफ्यूल उद्यमों से कच्चे माल के रूप में पिरूल के उपयोग के प्रस्ताव पर विचार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्धता व लक्ष्य आधारित कार्यशैली अपनाते हुए सभी निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में गत वर्ष आयोजित हुए उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में किये गए निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग की समीक्षा की। आज की बैठक में उन्होंने मुख्यतः आवास, पर्यटन तथा ऊर्जा विभाग के तहत किए गए एमओयू की समीक्षा की।

बैठक में जानकारी दी गई कि आवास विभाग के तहत कुल किए गए 125 एमओयू में से 74 पर कार्य आरम्भ हो चुका है, इससे कुल 7429.85 करोड़ रूपये का निवेश आया है तथा 12318 रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। पर्यटन विभाग के तहत कुल 505 एमओयू में से 140 पर कार्य आरम्भ हो चुका है, जिससे 3816.22 करोड़ रूपये का निवेश आया है तथा 5047 रोजगार सृजित हुए हैं। ऊर्जा विभाग के तहत कुल 193 यूनिट की ग्राउंडिंग हो चुकी है जिससे 28288 करोड़ का निवेश आया है तथा निर्माण कार्यों के दौरान 18119 रोजगार तथा संचालन के दौरान 4026 रोजगार सृजित हुए हैं। एरोमेटिक प्लान्टस के क्षेत्र में अभी तक कुल 32 यूनिट की ग्राउंडिंग हुई है जिससे 133.4 करोड़ रूपये का निवेश प्राप्त हुआ है तथा 1052 रोजगार सृजित हुए हैं।

बैठक में सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

व्यापार और व्यापारिक गतिविधियाँ राष्ट्रों की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैंः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गाजियाबाद में आयोजित व्यापारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि व्यापारी वर्ग के बिना विकसित राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि व्यापार और व्यापारिक गतिविधियाँ राष्ट्रों की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय शक्तियों की रीढ़ हैं। हमारे लिए व्यापारी ब्रांड इंडिया के सच्चे राजदूत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 10 वर्षों में व्यापार, उद्यम, क्रिएटिविटी को साथ लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नया विश्वास पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। अपनी नीतियों और क्विक एक्शन के माध्यम से प्रधानमंत्री का ये निरंतर प्रयास है कि देश में एक ऐसा माहौल बने जिसमें सामान्य से सामान्य परिवार का युवा भी उद्यमी बनने के बारे में सोच सके, उसके बारे में सपने देख सके। प्रधानमंत्री और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार मुक्त व भयमुक्त वातावरण में आज व्यापारी वर्ग स्वयं को सुरक्षित अनुभव कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज व्यवसायी बिना किसी डर के व्यापार कर पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब ’’उत्तम प्रदेश’’ बन चुका है। यहां चारो तरफ बस विकास कार्य ही हो रहे हैं, इस सरकार से पूर्व यहां गुंडा टैक्स एंव रंगदारी वसूली जाती थी, गरीबों की संपत्ति हड़प ली जाती थी। व्यापारियों का अपहरण किया जाता था, लेकिन, महाराज जी के कार्यकाल में अब यूपी अराजक तत्वों से मुक्त हो चुका है। यहां बिना भेदभाव के हर व्यक्ति को सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है। सुरक्षा का माहौल बनने से उत्तर प्रदेश के प्रति सबकी धारणा बदली है, देश-दुनिया के निवेशक यूपी में निवेश को इच्छुक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस शासन में धारणा बन गई थी कि जो भी गड़बड़ है वह व्यापारी की वजह से हो रही है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार में व्यापारियों को “सम्मान“ के साथ- साथ ’’प्रोत्साहन’’ और ’’प्रोटेक्शन’’ भी मिला है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार व्यापारीयों के हित में नए-नए कदम उठा रही है। आज पूरे देश में हर स्तर पर व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से देश में मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार राष्ट्रसेवा और अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर निरंतर कार्य कर रही है। केन्द्र सरकार ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने के साथ ही कड़े फैसले लिए हैं, मुझे उन फैसलों के बारें में आप सभी को विस्तार से बताने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आप सभी सीएए, तीन तलाक, धारा 370 का खात्मा, राम मंदिर निर्माण सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण फैसलों से भलीभांति परिचित है। हमने भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने ठंडे बस्ते में डाला हुआ था। हमने हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे, इसके साथ ही हमने प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की। हमने उत्तराखंड में सभी को समान अधिकार देने के लिए समान नागरिक संहिता विधेयक भी लागू किया। अब इस विधेयक को देशभर में लागू करने के लिए हमारी पार्टी ने इसे अपने संकल्प पत्र में भी शामिल किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि व्यापारी वर्ग किसी भी शांतिप्रिय और विकसित समाज की रीढ़ होता है और उसका सुखी, सुरक्षित और प्रसन्न रहना, अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में आज व्यापारी वर्ग न केवल सुखी और प्रसन्न है, बल्कि अपने आपको सुरक्षित भी महसूस करता है। कांग्रेस और विपक्षी दलों के राज में व्यापारी वर्ग दुखी था, हताश था, क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने हमेशा व्यापारी समुदाय का अपमान करने की कुचेष्टा की। भारतीय जनता पार्टी जनसंघ के समय से ही व्यापारियों को सम्मान और मान्यता देती आयी है जबकि कांग्रेस की नीति हमेशा उन्हें अपमानित करने की रही है। भाजपा व्यापारियों पर भरोसा करती है, जबकि कांग्रेस उन पर इंस्पेक्टर राज लादती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि कांग्रेस तथा अन्य दल व्यापारी समुदाय को खास अवसरों पर ही याद करते हैं जबकि भाजपा सरकार उनके कल्याण के लिए लगातार काम करती रहती है। मेरा मानना है कि कांग्रेस ने व्यापारियों के साथ ही हर वर्ग को सिर्फ और सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए प्रयोग किया। इसी का नतीजा है कि आज कांग्रेस और उस जैसे स्वार्थी दल सत्ता से बाहर हैं और भविष्य में भी सत्ता से बाहर ही रहेंगे। हम भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। इस संकल्प को सिद्ध करने के लिए हमने हाल में ही उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। जिसमें करीब साढ़े तीन लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए और मुझे खुशी है कि हमने करीब 71 हजार करोड़ के एमओयू की ग्राउंडिंग करने में सफलता प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी से यह अपील करते हैं कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ आप लोग उत्तराखंड में भी अपनी व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाएं, आपका देवभूमि में स्वागत है। इस अवसर पर सभी को यह विश्वास दिलाता हूं कि उत्तराखंड में व्यापार हेतु आने पर आपको किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों से कितना रोजगार सृजन होगा इसका विवरण किया जाए तैयारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू के ग्राउंडिंग की समीक्षा की। निवेश हेतु हुए एमओयू को धरातल पर उतारना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा के साथ उनसे सुझाव भी लिये तथा निर्देश दिये कि 15 फरवरी तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो। प्रति सप्ताह मुख्य सचिव तथा प्रतिमाह मुख्यमंत्री स्वयं इसकी गहनता से समीक्षा करेंगे। निवेश प्रस्तावों में इकोलॉजी तथा इकोनॉमी के समन्वय के साथ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले निवेश से कितना रोजगार सृजन होगा इसका विवरण तैयार किया जाए। राज्य में निवेश के तहत स्थापित होने वाले उद्योगों से महिला स्वयं सहायता समूहों को भी लाभान्वित किये जाने के प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को सौर ऊर्जा तथा पर्यटन नीति के अंतर्गत स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाए।

बैठक में बताया गया कि इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित 3.56 लाख करोड़ के 1779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं जिनमें ऊर्जा के क्षेत्र में 1.03 लाख करोड़ के 157 तथा उद्योग विभाग से सम्बंधित 78 हजार करोड़ के 658, पर्यटन के क्षेत्र में 47,646 करोड़ के 437, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 19,260 करोड़ के 175, आवास एवं नगर विकास के क्षेत्र में 41,947 करोड़ के 62, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में 25,785 करोड़ के 39, आयुष एवं वेलनेस के क्षेत्र में 17,058 करोड़ के 77 करार शामिल हैं। राज्य में निवेशकों की सुविधा के लिये उत्तराखण्ड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, र्स्टाट अप एंड इन्टरप्रिन्योरशिप का गठन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये निर्देशों का भी अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये हम सबके प्रयासों को हर क्षेत्र में सराहा गया है। अब हम सबका दायित्व है कि इन्हें राज्य हित में जमीनी हकीकत में बदला जाय। उन्होंने सभी के सुझावों को ताकत बताकर इसे अवसर में बदलने की भी अपेक्षा की। उन्होंने राज्य हित से जुड़े जरूरी प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभागीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि पहाड़ों के विकास के लिये प्राप्त निवेश प्रस्तावों से क्या बेहतर किया जा सकता है। युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हों इसके लिये रोजगार सृजन पर भी फोकस किया जाय।

मुख्यमंत्री ने लोकल उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा। सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों पर भी विशेष ध्यान देने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा नीति के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारे लिये छोटे निवेशक भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से मानवीयता तथा शिष्टता के साथ देवभूमि के आचरण के अनुकूल व्यवहार पर भी ध्यान देने को कहा, तभी अधिक से अधिक उद्यमी राज्य में निवेश के प्रति आकर्षित होंगे।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में आयोजित निवेशकों की बैठकों में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने इस संबंध में होने वाली अगली बैठक में जिलाधिकारियों को वर्चुअली शामिल किये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। यह कालखण्ड हमारी पहचान बनाने वाला है। केन्द्र सरकार के सहयोग से सड़क, बिजली, पानी तथा भारत माला मिशन की योजनायें राज्य के विकास की नई इबारत लिखने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में देहरादून पंतनगर हवाई अड्डों के विस्तार, ऋषिकेश अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की दिशा में भी तेजी के कार्य किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की स्थिति में काफी सुधार हुआ है यह आगे भी बरकरार रहे तथा शहर के विकास के कार्य निरंतर चलते रहें यह भी हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रहे मानव वन्य जीव संघर्ष को कम किये जाने पर भी प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, अरविंद सिंह ह्यांकी, एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एवं महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार पर गृहमंत्री ने दी सीएम धामी को बधाई

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड को नमन करते हुए कहा कि यह केवल डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड का ही समारोह नहीं है, बल्कि कई नई चीजों की शुरूआत भी है। उन्होंने कहा कि 02 लाख करोड़ के करारों के लक्ष्य के सापेक्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार हुए हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शासन और प्रशासन को बधाई दी। यह नये उत्तराखण्ड की अनन्त संभावनाओं को तलाशने की शुरूआत है। उत्तराखण्ड को ईको फ्रेंडली तरीके से किस प्रकार से उद्योग जगत के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसका एक मजबूत उदाहरण समग्र विश्व के सामने बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह ऐसा स्थान है, जहां विकास और दैवीय शक्ति साथ में है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके साथ परफोर्मेंस को भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय एजेंसियों को पूरा श्रेय दिया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निगरानी के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का सराहनीय कार्य किया गया। उनके चेहरे पर जो अद्भुत शांति और आत्मविश्वास था, यह नेतृत्व के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री और उत्तराखण्ड सरकार को बधाई दी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अटल जी ने बनाया और मोदी जी ने इसे संवारा है। उनके नेतृत्व में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने का उद्देश्य यही था कि राज्य का तेजी से विकास हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अनेक महत्वपूर्ण इनीशिएटिव लिये गये हैं। यहां की चारधाम यात्रा व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बनाई गई योजना सराहनीय है। लगभग तीस इन्वेस्टर फ्रेंडली नई नीतियों से उत्तराखण्ड पॉलिसी ड्रीवन स्टेट बन गया है। मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ शासन को बढ़ावा दिया गया है। भ्रष्टाचारियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने पारदर्शी माहौल दिया है। पूरे देश में उत्तराखंड सबसे ज्यादा शांत और सुरक्षित राज्यों में है। पारदर्शिता उत्तराखंड का स्वभाव बन गया है। पूरे देश की जिम्मेदारी है कि उत्तराखंड मजबूत और सबसे विकसित राज्य बने।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में देश तेजी से आगे बढ़ा है। पूरे देश में मल्टी डाइमेंशनल बदलाव आये हैं। इन वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई है। करोड़ों किसानों की चिंता की गई है। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या कई गुना हो गई है। भारत ने जिस तरह जी-20 का आयोजन किया, उसकी पूरे विश्व में सराहना की गई।जी-20 का दिल्ली घोषणा पत्र कूटनीति के क्षेत्र में भारत का परचम फहरायेगा। 2047 तक प्रधानमंत्री ने देश को विकसित और हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य रखा है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा उनके नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा मजबूत होने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र में भी भारत ’’सहकार से समृद्धि’’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके अंतर्गत देश के सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री द्वारा अक्टूबर 2021 में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य देश में पहली बार उत्तराखंड से ही प्रारंभ किया गया था और आज राज्य में सभी समितियां कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं। ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। आज इसके समापन समारोह में अमित शाह उपस्थित हैं। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का राज्य सरकार को निरंतर सहयोग मिलता रहा, जिसके चलते ही सिलक्यारा मिशन सफल हुआ। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तथा उनके विजन के अनुरूप ही हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। जहां एक ओर आज उत्तराखंड में सेब, कीवी, मशरूम, श्री अन्न, जड़ी बूटियों आदि के उत्पादन द्वारा हमारे काश्तकार पूरी दुनियां को ’’मेक इन इंडिया’’ का संदेश दे रहे हैं, वहीं प्रदेश के अन्दर लॉजिस्टिक्स पार्क, एरोमा पार्क, फार्मा तथा इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस हो, सिंगल विंडो क्लियरेंस हो, कठिन नियमों को सरल बनाने की बात हो, बजट को नियंत्रित करने के प्रयास हों, आज इन सभी मापदंडों में उत्तराखंड खरा उतरने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के मूल मंत्र को अंगीकार कर अनेक सेक्टरों के लिए सरल एवं पारदर्शी नीतियों को लागू करने का प्रयास किया है, जिससे हमारे उद्योग बंधुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस इन्वेस्टर समिट में उत्तराखण्ड को साढे़ तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा रही है। निवेशक सम्मेलन को सफल बनाने में निवेशकों, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस सम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं योगदान दिया। उत्तराखण्ड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास जताने के लिए भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश करने वाले सभी उद्योग बंधु हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और हम ये सुनिश्चित करेंगे की ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ ब्रांड निवेश हेतु एक श्रेष्ठ ब्रांड साबित हो।

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाउस आफ हिमालयाज का शुभारंभ कर अंत्योदय के विकास की नई उम्मीद को आगे बढ़ाया है। साथ ही स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को एक वैश्विक स्तर का मंच मिला है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वेडिंग इन उत्तराखंड की बात कही थी उनके इस कथन से प्रदेशवासियों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि पिछले 06 माह में प्रदेश में 30 नई नीतियों बनाई गई हैं। निवेशकों का उत्साह उत्तराखंड के प्रति निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा 6000 एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। एनसीआर से भी कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी है। राज्य का वातावरण प्रदूषण रहित है।

इस अवसर पर सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आशीष कुमार चौहान एम.डी. मदर डेयरी मनीश बंदलिश, एमडी रसना पिरूज खंबाटा, एमडी जुबिलेंट जेनेरिक्स लि. डॉ. जयदेव राजपाल ने भी विचार व्यक्त किये।

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर मौजूद रहे सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आशीष कुमार चौहान ने कहा कि स्टॉक मार्केट केपीटलाइजेशन के क्षेत्र में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। आज 8.35 करोड़ से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हैं। साथ ही उत्तराखंड राज्य से भी 8.35 लाख से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी के इन्वेस्टर समिट को लेकर हुए मुंबई दौरे के दौरान उनसे एमएसएमई सेक्टर में फंड की उपलब्धता, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निकायों के माध्यम से विकास को बढ़ाना, युवाओं में निवेश को लेकर जागरूकता जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई थी। जिनपर निरंतर कार्य जारी है। उन्होंने कहा आगामी समय में उत्तराखंड के शहरी निकायों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु विशेष सेमिनार और ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगा।

एम.डी, मदर डेयरी, मनीष बंदलिश ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में कृषि एवं डेयरी के क्षेत्र में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल बनाया गया है। उत्तराखंड की जीडीपी में कृषि एवं डेयरी बड़ा योगदान है। भारत डेयरी सेक्टर में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड में भी डेयरी विकास एवं फूड वैल्यू चौन को बढ़ावा दिया जा रहा है। डेयरी विकास के क्षेत्र में उत्तराखंड के किसानों को सीधे लाभ पहुंचाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा मिले इसके लिए किसानों हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। फल उत्पादन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है।

एम.डी, रसना पिरूज खंबाटा ने कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों के साथ ही छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। किसानों को उद्योगों से सीधे जोड़ने पर कार्य करना होगा। भारत का एक्सपोर्ट बढ़ने पर सभी उद्योगों का एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा। आज पूरा विश्व में मिलेट्स की मांग बढ़ते जा रही है। लोकल से ग्लोबल होना सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। जिसको ध्यान में रखते हुए रसना भी रसना हिमालय रोज़ शरबत को लांच करेंगे। इससे उत्तराखंड राज्य में रोज़ की खेती को बढ़ावा मिलेगा।

एमडी, सीईओ जुबिलेंट जेनेरिक्स लिमिटेड डॉ. जयदेव राजपाल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कई उद्योग के अनुकूल नीतियों पर कार्य किया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम, लैंड बैंक, उद्योगों हेतु न्यूनतम विद्युत दरों के साथ उत्तराखंड औद्योगिक डेस्टिनेशन के रूप सामने आया है।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि), केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सिल्क्यारा सरीखे सफलतम रेस्क्यू ऑपरेशन का उदाहरण दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलताः केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन आज इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टोरल सत्र का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तराखंड से मेरा पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी के कार्यकाल में तीन राज्यों का निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया कि यह राज्य भी विकास में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक भारत का सबसे स्वर्णिम युग कोई है तो वो हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री हैं, उनके मार्ग-दर्शन में केदारनाथ में जो जीर्णाेद्धार कार्य हुए वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री ही करा सकता है। जब केदारनाथ में आपदा आई तो मोदी जी यहां सबसे पहले पहुँचे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था यह दशक उत्तराखंड का होगा और आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये यह चरितार्थ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी की हमारे 41 श्रमिक भाई सिल्क्यारा में सुरंग में फंस गए लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्र ने जिस तरह से यहां दिन-रात काम कर सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला ऐसा उदाहरण दुनिया में और कहीं नहीं मिलता है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वान किया कि वे यहां आएं और निवेश करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्र सरकार का पूरा ध्यान केंद्रित है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि जो आत्मविश्वास हमारे प्रधानमंत्री में है, वो और किसी में नहीं है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यह दर्शाते हैं कि देश में मोदी का विकल्प कोई नहीं है। आज ग्रामीण कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। 2014 से अब तक 103 लाख ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। आयुष्मान योजना से करोड़ो लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने 17 प्रोडक्ट लिंक इनीशेटीव स्कीम प्रारंभ की है, साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां लाई हैं। उन्होंने उद्यमियों से इन नीतियों का लाभ उत्तराखंड में उठाने की अपील की।

निवेशकों को पूरी तरह से भाया उत्तराखंड, राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की

उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट में उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर सुविधाओं के विस्तार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए निवेशकों ने सरकार के प्रयासों के साथ पूरा समर्थन व सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिलाया। समिट के शुरूआती दौर तक राज्य के हेल्थकेयर एवं फार्मा सेक्टर में लगभग साढे अठारह हजार करोड़ के पॅूंजी निवेश के एमओयू किए जा चुके हैं। सरकार और निवेशकों ने निश्चय किया है कि प्रस्तावित निवेश को जमीन पर उतारने के लिए अगले दौर की कार्रवाई तेजी से पूरी की जाएगी।

इन्वेस्टर्स समिट में हेल्थकेयर सेक्टर पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व के चलते उत्तराखंड विकास की राह में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने राज्य के तेजी से विकास तथा रोजगार के नए व बेहतर अवसरों के सृजन के लिए नीतियों में जरूरी बदलाव करने के साथ ही निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड संभावनाओं, संसाधनों व क्षमताओं से परिपूर्ण और निवेश के लिए सर्वथा उपयुक्त राज्य है। राज्य सरकार ने निवेशकों की सहूलियतों का समुचित ध्यान रख कस्टमाइज्ड नीतियां तय कर प्रक्रियाओं और नियमों को सरल व सुविधाजनक बनाया है। जिसके चलते निवेशकों का राज्य के प्रति भरोसा बढा है और वह अधिकाधिक निवेश के प्रति रूचि दिख रहे हैं। उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के विकास के सारथी बनने वाले निवेशकों का विश्वास कभी भंग नहीं होने देगी और कोई भी समस्या आने पर मजबूती से उनके साथ खड़ी रहेगी। श्रीमती आर्या ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक गुणवत्तापूर्ण व सर्वसुलभ बनाने के लिए सरकार सर्वाेच्च प्राथमिकता से काम कर रही है। उन्होंने सरकार के इन प्रयासों में सहयोग करने तथा दूरस्थ पर्वतीय इलाकों तक बेहतर हेल्थ केयर सुविधाएं जुटाने के लिए निजी क्षेत्र से निरंतर सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि देवभूमि में उनका निवेश पुण्य का भी सबब बनेगा।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने उत्तराखंड के हेल्थकेयर एवं फार्मा सेक्टर में निवेश की संभावनाओं व जरूरतों को रेखांकित करते हुए राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और इससे जुड़ी नीतियों के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता में वृद्धि तथा गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर की बढ़ती मांग के चलते हमें निरंतर बढ़ती आबादी की स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग की नितांत आवश्यकता है। सरकार व निजी क्षेत्र के सम्मिलित प्रयासों से हम हर क्षेत्र तक स्तरीय हेल्थकेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही जन-समुदाय के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार सकते हैं। राज्य में निजी क्षेत्र के जरिए कुछ अस्पतालों तथा 108 एंबुलेंस सेवा के संचालन के अनुभव का उल्लेख करते हुए डा. राजेश कुमार ने कहा कि हेल्थ एवं फार्मा सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नीतियों में अनुकूल बदलाव करने के साथ की अनेक सहूलियतों का प्राविधान किया है। राज्य सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज, हर्रावाला देहरादून स्थित 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, मोतीनगर हल्द्वानी स्थित 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, हरिद्वार स्थित 200 बेड के एमसीएच सेंटर को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से संचालित करने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में हेल्थकेयर पर निवेश की प्रचुर संभावनाएं हैं।

समिट के हेल्थकेयर सत्र में अपोलो हेल्थ केयर में सीएफओ कृष्णन अखिलेश्वरन, टाटा 1एमजी के वाइस प्रेसिडेंट डा. प्रशांत नाग, ग्राफिक एरा हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रो. कमल घनशाला, हेल्थकेयर रोडिक कंसल्टेंट प्रा.लि. के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आलोक सक्सेना, कृष्णा डाईग्नोस्टिक की प्रतिनिधि करिश्मा, एनएचएम उत्तराखंड की मिशन डायरेक्टर स्वाति एस भदौरिया ने विचार रखे। संचालन स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डा. अमित शुक्ला ने किया।