नैनीताल।
नैनीताल में आज पर्यटन विभाग के तत्वाधान में हिमालयन एमटीबी साईकिलीग प्रतियोगीता का शुभारम्भ करा गया। नैनीताल में एमटीबी साईकिलीग प्रतियोगीता का तीसरी बार आयोजन करा जा रहा है। इस बार प्रतियोगीता में 16 देश के प्रतिभागी प्रतिभाग कर रहे है। आज ट्रायल रेस कराई गई जिसमें से 50 प्रत्याशी को रेस के लिए चुना जाएगा। नैनीताल से करीब 884 किमी की यात्रा के लिए कल रवाना होगे। जेा 8वे दिन मंसुरी पहुचेगे और देहरादुन में प्रदेश के मुख्य मंत्री विजय प्रतिभागीयो को पुरूस्कार देगे।
प्रदेश में माउनटेन बाईकिग को बढाने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्धारा प्रदेश में इस तरह के आयोजन करे जा रहे है ताकि लोगो में साईकिलीग के प्रति रूझान बडे और उत्तराखंड को अन्तराष्ट्रीय मानचित्र में साईकिलीग के क्षेत्र में पहचान मीले। नैनीताल में आयोजित होने वाली इस बाईकिग प्रतियोगीता में देश भर के साथ साथ 16 अन्य देश जैसे यु एस ए, कनाडा, मंगोलिया, श्रीलंका समेंत नेपाल आदि विदेशी प्रतिभागी भी प्रतिभाग कर रहे है। प्रतियोगीता को लेकर विदेशी ही नही बल्की देशी प्रतिभागी भी उत्शाहीत दिखाई दिए देशी साईकिलीस्ट का कहना है कि इस तरह के आयोजन होने से उन्हे अन्तराष्ट्रीय स्तर के साईकिलीस्टो के साथ प्रतिभाग करने का मौका मिल रहा है
पर्यटन विभाग के द्धारा स्थानीय लोगो में साईकिलीग के रूझान को बढाने और पर्यटन को बढावा देने के उद्देश्य से इस प्रतियोगीता का आयोजन करा है जिस्से आने वाले समय मे स्थानीय लोगो के रोजगार के अवसर भी प्राप्त होगे साथ ही प्रतियोगीता के साथ साथ बात अगर उत्तराखंड की करे तो उत्तराखंड की भौगोलीक परिस्थीती माउनटेन बाईकिग के लिए उपयुक्त होगी और इस तरह के आयोजन उत्तराखंड में माउनटेन बाईकिग के प्रति लोगो का रूझान बढे। जिस्से देश ही नही बल्की राज्य का भी नाम अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहुचे। बात के माउनटेन बाईकिग रेस की दूरी की तो इस बार 884 किमी का लम्बा रूठ होगा जो की एशिया का सबसे लम्बा रूठ होगा। साथ ही इस प्रतियोगीता को यूएस आई मे रजिस्टेशन भी मिल सकता है।
Category: पर्यटन
20 मई से 19 जून तक द्रोणागिरी ट्रैक के हमराही बनेंगे पर्यटक
ऋषिकेश।
मंगलवार को नगर पालिका के स्वर्ण जयंती सभागार में गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त हरक सिंह रावत ने पर्यटन व गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों की संयुक्तरुप से बैठक ली। बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री ने तुंगधार में द्रोणागिरी ट्रैक को विकसित करने की घोषणा की थी। इसी के मद्देनजर 20 मई से 19 जून तक पर्यटन व जीएमवीएन के संयुक्त तत्वाधान में द्रोणागिरी ट्रैक पर ट्रेकिंग संचालित की जा रही है। जिसके लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन प्रारंभ कर दिये गये है। न्यूनतम खर्चें पर ट्रैकिंग को लेकर शासन तैयारी कर रहा है। जिसका बुधवार को निर्धारण कर लिया जायेगा।
बताया कि शासन ने द्रोणागिरी ट्रैक ऑफ ईयर के नाम से घोषित किया है। इससे पहले वर्ष 2015 में हिटो केदार व 2016 में केदारनाथ-तुगंनाथ टै्रक को ऑफ ईयर घोषित किया था। अपर आयुक्त ने जानकारी दी कि एक दल में 20 से 25 सदस्यों को शामिल किया जायेगा। जिसका अंतिम निर्धारण बुकिंग आने पर ही होगा। देशी व विदेशी साहसिक पर्यटकों को लुभाने के लिए व राज्य के ट्रैकिंग स्थलों को विकसित करने के लिए प्रयास किये जा रहे है। जिससे गांव के लोगों को रोजगार मिले। तिब्बत बोर्डर के सभी गांवों को ट्रेकिंग से जोड़ने पर भी कार्य किया जा रहा है।
ट्रैकिंग स्थलों के प्रचार प्रसार का जिम्मा पर्यटन व जीएमवीएन को दिया गया है। बताया कि ऋषिकेश से जोशीमठ, जोशीमठ से जुमा गांव, जुम्मा गांव से रुइंग, रुइंग से द्रोणागिरी ट्रैकिंग के पड़ाव रहेंगे। जुम्मा गांव से बागनीग्लेशियर लगभग 11 किमी है। द्रोणागिरी पर्वत, नंदी कुंड ट्रैक का हिस्सा रहेंगे। द्रोणागिरी टै्रक पर ट्रैकिंग दल 50 किमी की दुरी तय करेंगे। बैठक में जीएमवीएन के महाप्रबंधक पर्यटन बीएल राणा, सहायक महाप्रबंधक यात्रा तुलसी सिंह बिष्ट, सहायक प्रबंधक पर्यटन आवास गृह सुशील पंवार, अपर आयुक्त के पीएस वीरेन्द्र गुसांई आदि मौजूद थे।
प्रशासन ने गंगा पार से हटाए बीच कैंप
ऋषिकेश।
शनिवार को कौड़ियाला से मालाखुंटी की ओर नर्कुची में गंगा किनारे बीच कैंप लगे होने की जानकारी मिली। एसडीएम सोहन सिंह के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची। टिहरी और पौड़ी की सीमा के कारण असमंजस होने पर टीम ने जानकारी जुटाई कि यह किसके क्षेत्र में है। पौड़ी क्षेत्र होने पर एसडीएम ने गंगा पार करने के लिए बोट मंगवाई। एसडीएम ने बताया कि कैंप संचालक भी पर्यटकों को नाव के सहारे ही बीच कैंप में लाते थे। नाव के सहारे प्रशासन की टीम बीच कैंप में पहुंची।
प्रशासन की टीम को गंगा किनारे पर 35-40 टेंट लगे हुए मिले। टीम ने पूछताछ की तो दो कैंप संचालन की बात सामने आई। टीम ने मौके से टेंट हटवाए। उन्हें चेतावनी दी गई कि गंगा किनारे बीच कैंप का संचालन बंद है। एसडीएम सोहन सिंह ने बताया कि दोनों बीच कैंप अवैध रूप से लगाए गए थे, जिसे टीम ने हटा दिया है। टीम में तहसीलदार आरपी जखमोला, पटवारी सत्यपाल चौहान, ताजेन्द्र लाल व दिनेश बिष्ट, एसआई विवेक राठी पुलिस बल के साथ शामिल थे।
दीपिका पादुकोण आनंदा होटल में मनाएंगी छुट्टियां
ऋषिकेश।
शनिवार को करीब दो बजे जेट एरवेज के विमान से सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण अपनी महिला मित्रों व परिचित परिजनों के साथ देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंची। दीपिका ने एयरपोर्ट पर हाथ हिलाकर अपने प्रशंसकों का अभिवादन भी किया। गुलाबी रंग की टी-शर्ट, काले रंग की लेगिस व आंखों पर काला चश्मा लगाए दीपिका पादुकोण ने खुद अपना समान एयरपोर्ट से बाहर निकला। एयरपोर्ट से कारों के काफिले में वह नरेन्द्रनगर स्थित आनंदा होटल के लिए रवाना हो गई।
देवभूमि उत्तराखंड फिल्मी सितारों की पसंदीदा जगह बन गई है। यहां आध्यात्मिक शांति व सुकून देने वाला वातावरण इन फिल्मी सितारों खूब भाने लगा है। आज बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध व अपने अभिनय के बल पर दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण मुम्बई से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंची। अपनी महिला मित्र साथियों व परिचितों के साथ वह उत्तराखंड में घूमने आईं हैं। एयरपोर्ट से उनका काफिला नरेन्द्र नगर स्थित आनंदा होटल की ओर रवाना हो गया।
दंगल गर्ल को देखने जुटी भीड़, प्रशंसकों से की बातचीत
ऋषिकेश।
दंगल गर्ल बुधवार शाम जौलीग्रांट एयरपोर्ट से सीधे व्यासी स्थित ग्लास हाउस पहुंचीं जहां वे रात को ठहरीं। वहां से सुबह आठ बजे हेंवलघाटी के लिए निकलीं। गुरुवार सुबह 10 बजे ऋषिकेश से चालीस किलोमीटर दूर मोहनचट्टी पहुंचीं। जहां उन्होंने बंजी जंम्पिंग का आनंद उठाया। जंप इन हाइट नाम से देश के एकमात्र बंजी जंम्पिंग केंद्र पर दोनों ने बंजी जंम्पिंग, फ्लाइंग फॉक्स और जाइंट स्विंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद लिया। तीन घंटे तक दोनों घाटी में रहीं। दोनों ने 50 हजारवीं बंजी जंम्पिंग सेंटर पर केक काटा और सुंदर व्यजनों का लुत्फ भी लिया।
बंजी जंम्पिंग के ऑपरेशन मैनेजर देवेन्द्र गुसाईं ने बताया कि दोनों ने बंजी जंम्पिंग स्टॉफ के अलावा स्थानीय लोगों के साथ खूब सेल्फी खिंचवाई। वे हेंवलघाटी के सुंदर नजारों से इतनी अभिभूत हुईं की अगले साल फिर आने का वायदा कर गईं। इस अवसर पर जंप इन हाइट के एमडी राहुल निगम, अधिशासी निदेशक कर्नल मनोज कुमार, निदेशक निहारिका निगम, मोहित बिष्ट, रश्मि, सुमित,योगी रावत, अरुण कुमार, दीपक,धर्मेन्द्र आदि उपस्थित थे।
पलायन रोकने और रोजगार देने का काम करेगी सरकार
ऋषिकेश।
रविवार को देहरादून रोड स्थित होटल अमेरिस में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का स्थानीय लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने भाजपा सरकार की प्राथमिकतायें बताई। कहाकि उत्तराखंड में पलायन एक बड़ा मुद्दा है। इसे रोकने के लिए पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना होगा। धार्मिक पर्यटन से स्थानीय लोगों को जोड़ना होगा। भाजपा सरकार की प्राथमिकतायें बताते हुए कहाकि प्रदेश में भगवती के सिद्धपीठों की श्रृखंला बनाई जायेगी। शिव और विष्णु भगवान के पौराणिक मंदिरों का कायाकल्प किया जायेगा।
देव डोलियों के दर्शन के साथ ही प्रदेश की संस्कृति को पर्यटकों को दिखाया जायेगा। स्क्रीन रिजॉर्ट बनाकर विदेशी पर्यटकों को बर्फ दिखाने का भी प्रयास होगा। आयुर्वेद व पंचकर्म को बढ़ावा देने के साथ ही उत्तराखंड में पायी जाने वाली जड़ी बूटियों के उत्पादन को बढ़ाया जायेगा। इन उत्पादों की बड़े स्तर पर ब्रांडिंग कराई जायेगी। जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जायेगी।
मौके पर विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल, देवेन्द्र दत्त सकलानी, अनिता ममगाईं, भगतराम कोठारी, चेतन शर्मा, उषा रावत, स्नेहलता शर्मा, संजीव गोयल, संजय शास्त्री, सीएल धीगंड़ा, इन्द्र कुमार गोदवानी, अभिनव अक्षत गोयल, दिनेश सती, पंकज शर्मा, कविता शाह, पंकज भट्ट, सरोज डिमरी आदि मौजूद थे।
गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहाकि गैरसैंण को भाजपा अपने घोषणा पत्र के अनुसार ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने सदन में गैरसैंण को लेकर चर्चा करने व आम सहमति बनाकर निर्णय लेने की बात कही।
उत्तराखंड की ओर से बधाई दी
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का सीएम बनाने पर बधाई दी है। कहाकि मेरा सौभाग्य रहा कि सुबह ही मेरी उनसे मोबाईल पर वार्ता हुयी। मैनें पूरे उत्तराखंड की ओर से योगी जी को बधाई दी।
त्रिपल इंजन की सरकार
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहाकि अब त्रिपल इंजन की सरकार कार्य कर रही है। यूपी में योगी के आने से परिसंपत्ति बंटवारे की समस्या हल होगी। जिससे दोनों राज्यों का विकास होगा। अब डबल नही त्रिपल इंजन की सरकार विकास की रफ्तार से दौड़ेगी।
मेरी कोई नाराजगी नही
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहाकि लोग मुझसे कह रहे है कि आपने छोटा ओहदा ले लिया है। आपका कद बडा है। कहाकि कोई पद छोटा या बड़ा नही होता है। राज्य के विकास के लिये सभी को मिलकर काम करना होगा।
रंग-बिरंगी राफ्टों से अटी गंगा
ऋषिकेश।
रविवार को योग महोत्सव में आये साधकों ने भी राफ्टिंग का आनंद लिया। तीन सौ से अधिक राफ्टें गंगा में उतारनी पड़ी। दिनभर गंगा रंगबिरंगी राफ्टों से अटी रही। शिवपुरी से ऋषिकेश के बीच सबसे अधिक राफ्टें गंगा में चली। दोपहर के समय अधिक दबाव रहा। भीड़ के चलते व्यवसायियों ने भी चांदी काटी। करीब दो सौ से अधिक राफ्टिंग कंपनियां गंगाघाटी में व्यवसाय से जुड़ी है। जिनकी करीब चार सौ से अधिक राफ्टें है। राफ्टिंग व्यवसायी भगवती प्रसाद कहते है कि वीकेंड पर अधिक पर्यटक गंगाघाटी आते है। लेकिन इन दिनों योग महोत्सव में आये देशी-विदेशी सैनानी भी राफ्टिंग का लुत्फ उठा रहे है। जिससे घाटी में चहलकदमी बनी है।
एनजीटी ने गंगाघाटी के 25 कैंपों को दी सशर्त अनुमति
ऋषिकेश। दयाशंकर पाण्डेय
गंगाघाटी में बीच कैंप लगाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। गुरुवार को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 25 बीच कैपों को सशर्त अनुमति दे दी है। एक-दो दिन में राज्य सरकार के पास फैसला आने की उम्मीद है। बीच कैंप की अनुमति मिलने की खबर से पर्यटन व्यवसायियों में खुशी है।
गुरुवार का दिन ऋषिनगरी के पर्यटन व्यवसायियों के लिए खुशखबरी लेकर आया। एनजीटी ने गंगाघाटी के बीच कैंपों के बारे में फैसला सुनाया। एनजीटी ने गंगाघाटी में 25 बीच कैंपों को सशर्त अनुमति दी लेकिन क्या-क्या शर्तें लगाई हैं, उसके बारे में फैसला लिखित में मिलने तक कुछ नहीं कहा जा सकता।
दो वर्ष से अधिक समय से गंगाघाटी के बीच कैंप एनजीटी के आदेश के बाद बंद हो गए थे जिससे ऋषिनगरी के पर्यटन व्यवसायियों का काफी नुकसान हो रहा था। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी गंगा के बीच कैंपों का आनंद नहीं ले पा रहे थे। पर्यटकों को बीच कैंप ही सबसे अधिक भाते हैं।
गुरुवार को एनजीटी के आदेश के बाद व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे। नरेन्द्रनगर के डीएफओ राहुल ने बताया कि एनजीटी ने गुरुवार को अपने फैसले में गंगाघाटी के 25 बीच कैंपों को सशर्त अनुमति दी है जिसमें वेस्ट मैनेजमेंट प्लान सहित कई प्रमुख नियम हैं। उन्होंने बताया कि वन भूमि में संचालित हो रहे बीच कैंपों को ही अनुमति मिल पाई है। बीच कैंप संचालित करने के लिए एनजीटी ने वन भूमि को वन निगम को हस्तांरित करने के आदेश भी दिए हैं।
डीएफओ राहुल ने बताया कि 25 बीच कैंपों के आवंटन को लेकर शासन स्तर से निर्णय लिया जाना है। एक या दो दिन में आदेश की प्रति शासन को मिल जाएगी। बरहाल, अभी एनजीटी के आदेश की प्रति शासन को नहीं मिल पायी है। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व गंगाघाटी के 55 बीच कैंपों को एनजीटी के आदेश के बाद बंद करना पड़ा था।
नोटबंदी के बाद से प्रभावित हुआ है साहसिक पर्यटन का कारोबार
न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर राफ्टिंग-कैंपिंग में 50 फीसदी छूट
ऋषिकेश।
नोटबंदी ने एडवेंचर कारोबार को मंदा कर दिया है। न्यू ईयर पर कैंपों में रहने वाली भीड़ इस बार कम दिख रही है। पिछले साल क्रिसमस पर्व से ही पर्यटकों की आमद शुरू हो गई थी लेकिन इस बार 20 प्रतिशत पर्यटकों के आने से कारोबारी परेशान हैं। इसलिए नोटबंदी से धीमे चल रहे रहे कारोबार को गति देने को कारोबारी पैकेज में 50 फीसदी की छूट पर्यटकों को दे रहे हैं ताकि न्यू ईयर पर कारोबारियों को कुछ हद तक नोटबंदी से राहत मिले। हिम रिवर रिसॉर्ट के संचालक गजेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि सात हजार का पैकेज को साढ़े तीन हजार रुपए कर दिया है। इसमें शिवपुरी से राफ्टिंग, कैंपिंग, ब्रेक फास्ट, लंच, डिनर, स्नैक्स सहित अन्य एडवेंचर एक्टीविटीज कराई जाएंगी।
वनों में मानव हस्तक्षेप कम करने को वन्यजीव गलियारे होंगे चिह्नित
ऋषिकेश।
अब हाथियों को और अधिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। राजाजी राष्ट्रीय पार्क एवं उससे सटे वन प्रभागों में हाथियों के आवागमन के रास्तों को चिह्नित करके उनका प्रबंधन किया जा रहा है। इसके साथ वन क्षेत्रों में जबरन घुस रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना भी पार्क प्रशासन बना रहा है।
इंसान व हाथियों के बीच संघर्ष रोकने के लिए राजाजी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन हाथियों की सुरक्षा के लिए पहल करने जा रहा है। इसके लिए पार्क क्षेत्र के विभिन्न गलियारों को चिह्नित करने के साथ उनके नए तरीके से प्रबंधन की योजना पार्क प्रशासन ने बनाई है। खासकर परम्परागत गलियारें बंद होने के बाद हाथियों के इंसान पर हमले की घटनाओं से वन महकमा चिंतित है।
राजाजी राष्ट्रीय पार्क के मोतीचूर रेंज अन्तर्गत हरिपुर कला, छिद्दरवाला, खाण्ड गांव, चीला रेंज से सटे कासाण, कोडिया व रसूलपुर, हरिद्वार जनपद के लालढांग, चिड़ियापुर, बेरीवाड़ा, धौलखण्ड रेंज के करीब 14 गांव जंगल से सटे हुए हैं। इसके साथ नरेन्द्रनगर व देहरादून वनप्रभाग के ढालवाला, चौदहबीधा, भट्टोवाला में भी हाथियों की घुसपैठ लगातार बढ़ रही है। वन्य वैज्ञानिक डॉ. रितेश जोशी बताते हैं कि कुछ इलाकों में मानवीय दखल के कारण हाथियों की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।
राज्य गठन के बाद हाथियों के परम्परागत गलियारे बंद होने से लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिये इनके संरक्षण के लिए ठोस योजना बननी चाहिए। राजाजी राष्ट्रीय पार्क निदेशक सनातन का कहना है कि हाथियों के आवागमन के रास्तों को चिह्नित करके उनका प्रबंधन किया जाएगा। इससे इंसान व हाथियों के बीच संघर्ष पर अंकुश लगने के साथ हाथियों के संरक्षण को भी बल मिलेगा। उन्होंने बताया कि पार्क से सटे वन प्रभागों में इसे लागू करने को लेकर बातचीत की जा रही है।