सीएम आवास पहुंचे डेलीगेट्स तो सीएम ने किया भव्य स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सांय उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर समिट 2023 की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री आवास में समिट में आये हुये इन्वेस्टर्स डेलीगेट के प्रतिनिधियों से भेंट की।

मुख्यमंत्री ने उधोग जगत से जुडे प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुये कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा इस बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम “पीस टू प्रोस्पेरिटी” को रखा गया है। राज्य सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं। सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को निवेश की नई डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया था। जिसमें निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त उद्योग समूहों के साथ एमओयू साइन किए जाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार निवेश के माध्यम से राज्य में रोजगार सृजन एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन ही रू0 44000 करोड़ की ग्राउंडिंग प्रदेश की आर्थिक गति को और रफ्तार देगी। यह पहला मौका होगा जब पहले इतने बड़े स्तर पर प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग शुरू की जा रही हो।

इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों का सीएम ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 और 9 दिसम्बर को एफआरआई, देहरादून में आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकर को कार्यक्रम स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए बनाये गये मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यक्रम आयोजन की सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और सौन्दर्यीकरण के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी समिट है। अभी तक ढ़ाई लाख करोड़ से अधिक के करार हो चुके हैं। करारों की ग्राउडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश आने से स्थानीय लोगों के रोजगार में तेजी से वृद्धि होगी। राज्य में ऐसे करारों को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है, जिनसे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, एडीजी ए.पी अंशुमन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका,महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, एसएसपी देहरादून अजय कुमार एवं आयोजन के कार्यों में लगे अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

एक दिन में सर्वाधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला उत्तराखण्ड बना पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं। अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। राज्य को जो 18 नये जी.आई प्रमाण पत्र मिले हैं उनमें उत्तराखण्ड चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखोरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहत, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमांऊनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं। उत्तराखण्ड के नौ उत्पादों तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जी.आई टैग प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी सोच के कारण ही आज भारत सरकार से उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक टैग युक्त प्रमाण पत्र मिल पाए हैं। जिन उत्पादों को जीआई टैग प्रमाण पत्र प्रदान किये गये, उनके उत्पादकों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक है। 2003 में जीआई कानून बनने से लेकर 2023 तक के बीस वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में, एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र निर्गत किये गए हैं। इस उपलब्धि से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों के साथ ही कई अन्य वस्तुओं तथा इनसे संबंधित कलाकारों को काफी लाभ होने के साथ ही दुनियाभर में उत्तराखंड को अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीआई टैग युक्त उत्तराखण्ड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रयासों को इससे और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सभी जिलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना पर राज्य में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इस योजना के तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन, रॉ मैटेरियल, नई तकनीक आदि के आधार पर प्रत्येक जिले में दो उत्पादों का विकास किया जा रहा है। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना से स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिए जहां एक ओर स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हर जिले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए आज का दिन बेहद हर्ष का दिन है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के मोटे अनाज मण्डुआ, झंगोरा, लाल चावल सहित 18 उत्पादों को एक साथ भौगोलिक सकेंतक (जीआई टैग) प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत तथा लोकल फॉर ग्लोबल अभियान को बढ़ावा देने एवं श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए जो मार्ग दर्शन दिये गये हैं, उसके अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने जीआई के लिए प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राज्य को एक साथ 18 उत्पादों के जीआई टैग प्राप्त हुए हैं जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड के 9 उत्पादों को जीआई टैग पहले ही मिल चुका है। कृषि मंत्री ने कहा कि 12 से 18 जनवरी 2024 तक एक सप्ताह का देहरादून में प्रदेश स्तरीय जी.आई महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड मंडी परिषद एवं विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पद्मश्री एवं जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान और वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार के महानियंत्रक प्रो. उन्नत पी. पंडित उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात, दिया इन्वेस्टर समिट का निमंत्रण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें देहरादून में 08 व 09 दिसम्बर, 2023 को आयोजित हो रहे वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन हेतु आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की निकासी के दौरान दिये गये मार्गनिर्देशन और सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन एवं मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही निरन्तर इस विकट परिस्थिति का अनुश्रवण करने तथा इस अभियान से जुड़े लोगों, श्रमिकों एवं उनके परिजनों का मनोबल बढ़ाने से ही हम इस गंभीर संकट से अपने श्रमिक भाइयों को सुरक्षित वापस लाने में सफल हो पाये है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर 1730.21 करोड़ की स्वीकृति के लिये आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने सौंग बांध पेयजल परियोजना को पूंजीगत व्यय हेतु वित्तीय सहायता के रूप में रू0 2460 करोड़ की स्वीकृति तथा जौलीग्रांट हवाई अड्डे के उच्चीकरण हेतु विशेष वित्तीय सहायता के रूप में रू0 3000 करोड़ की वित्तीय सहायता का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर, हरिद्वार में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान स्थापित करने, न्यूजीलैंड के सहयोग से चल रहे कीवी फिजिबिलिटी स्टडी में उत्तराखंड को सम्मिलित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना के विकास तथा पिथौरागढ़ के लिये सुगम यात्रा हेतु 508 किमी. सड़क के लिये 20 डीपीआर की मंजूरी के साथ रू0 1000 करोड की स्वीकृति तथा 03 राज्य मार्गों काठगोदाम-भीमताल ध्यानचुली- खेतीखान-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग, ’मोहान-भतरोंजखान-भिकियासैंण-देघाट-बुंगीधर नागचुलाखाल- मेहलचौरी मोटर मार्ग, ’खैरना-रानीखेत-भतरोंजखान मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कुमाऊं में जोलिंगकोंग-बेदांग 05 कि०मी०, सिपू-टोला 22 कि०मी० एवं मिलम लाप्थल 30 कि०मी० की तीन सुरंग परियोजनाओं की स्वीकृति के साथ टनकपुर-बागेश्वर रेल योजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में पूर्ण वित्तपोषण हेतु रू0-44,140 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने नैनी-सैनी हवाई अड्डे से फिक्स्ड विंग वायुयान के संचालन, पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को त्वरित कार्यवाही करने तथा कुमाऊ क्षेत्र में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने जनपद पिथौरागढ़ में धौलीगंगा एवं गौरी गंगा नदियों पर प्रस्तावित विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के विकास एवं निर्माण की अनुमति तथा अलकनंदा, भगीरथी एवं उसकी सहायक नदियों में निर्विवादित 11 परियोजनाओं जिनकी कुल क्षमता 771 मे०वा० के विकास एवं निर्माण की अनुमति के साथ अलकनंदा, भगीरथी एवं उसकी सहायक नदियों में विशेषज्ञ समिति-2 द्वारा संस्तुत 10 परियोजनाओं जिनकी कुल क्षमता 1352 मेगावाट है के विकास एवं निर्माण की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।

टिहरी जनपद में हुआ जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव का शुभारंभ

उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 के तहत आज कैनिनेट व प्रभारी मंत्री टिहरी प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव का विधिवत् दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया।

गंगा रिजॉर्ट (जी.एम.वी.एन.) मुनि की रेती, टिहरी गढ़वाल में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि आज उद्यमी उत्तराखण्ड में निवेश करने में उत्साह दिखा रहे हैं और इसका बड़ा आधार यहां का वातावरण, सौन्दर्यीकरण के साथ ही शांति एवं कानून व्यवस्था, ट्रांसपोर्टेशन, विद्युत, रेलवे लाइन, उड़ान सेवा आदि हैं, जो उद्यमियों को आकर्षित कर रहा है। कहा कि उत्तराखण्ड में लंेड बैंक हेतु 600 एकड़ भूमि निकाली गई है। इसके साथ ही सिंगल विंडों सिस्टम पर जनपद एवं राज्य स्तर पर कार्य हो रहा है, जिसमंे सभी का सहयोग जरूरी है।
उन्होनंे कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है, उन्होंने बाबा केदारनाथ की धरती से कहा कि अगला दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा और मा. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार लगातार इस हेतु प्रयासरत है। इस साल चारधाम यात्रा में रिकार्ड तोड़ 56 लाख श्रद्धालु पहुंचे। जनपद प्रभारी मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि जनपद में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं, टिहरी झील विश्व के लोगों के लिए आर्कषण का केन्द्र रहा है, जिसमें हाल ही में ‘‘टिहरी एक्रो फेस्टिवल‘‘ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही जनपद में जी-20 की दो अर्न्तराष्ट्रीय बैठकें सम्पन्न हुई हैं तथा उद्यमियों के लिए निवेश करने हेतु यह अनुकूल जिला है। उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव में प्राप्त सुझावों को गम्भीरता से लेते हुए समाधान की ओर बढ़ेगें।

विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी ने कहा कि देश-प्रदेश को आगे बढ़ाने में ग्राम इकाई को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों को भ्रमण करवाने तथा नई पीढ़ि को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि औद्योगिक आस्थान स्थापना के नियमों में सरलीकरण हेतु सरकार प्रयासरत है। उनके द्वारा निवेशकों को जनपद में निवेश करने हेतु आमंत्रित किया गया।

इससे पूर्व जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि जनपद में उद्यमियों द्वारा निवेश को लेकर बैठक एवं एमओयू की प्रक्रिया चल रह है। उद्यमी जनपद में निवेश करने हेतु काफी उत्साहित है तथा जनपद में निवेश हेतु लक्ष्य के सापेक्ष दोगुने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव में 85 से अधिक कंपनी निवेशकों से 11 सौ करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 75 करोड़ से अधिक के 03 कंपनियों के 560 करोड़ के प्रस्ताव एमओयू हेतु शासन को भेजे जायेंगे तथा शेष प्रस्तावों पऱ निवेशकों द्वारा हामी भरते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ये कंपनियां जिला उद्योग केंद्र, पर्यटन और नवीनीकरण ऊर्जा में पंजीकृत हैं। कहा कि उद्यमियों से प्राप्त समस्याओं/ सुझाव को गम्भीरता से लेते हुए समाधान किया जायेगा। जनपद में सोलर पॉवर प्रोजेक्ट अधिक है, जिससे बिजली उत्पादन अधिक है, सड़क कनेक्टीविटी, बिजली, कानून व्यवस्था आदि निवेशकों के लिए अनुकूल है।

इस मौके पर पर्यावरणविद् विनोद जुगलान, भारतीय ग्राम उत्थान संस्थान अनिल चंदोला, अध्यक्ष उद्योग एसोसिएशसन संजय अग्रवाल, अध्यक्ष होटल एसोसिएशन विजय बिष्ट द्वारा अपने-अपने विचार/सुझाव रखे गये। उन्होंनेे जनपद स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्रीय स्टेक होल्डरों को जोड़ने के लिए सरकार की बेहत्तर मुहिम बताया गया। कहा कि इससे छोटी-छोटी समस्याओं/सुझावों का समाधान क्षेत्रीय स्तर पर ही हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जो भी योजनाएं बने, उसमें पर्यावरण का ध्यान रखा जाये। सिंगल विंडो सिस्टम को मॉनिटरिंग करने तथा छोटी-छोटी कमियों को दूर करने की बात कही। उन्होंने नये उद्यमियों और छोटे उद्योग स्थापना के लिए नीति-नियमों में लचीलापन व त्वरित सहयोग के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस मौके पर अध्यक्ष नगरपालिका मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र एच.सी. हटवाल, डीटीडीओ अतुल भण्डारी, डीएचओ आर.एस.वर्मा सहित अन्य अधिकारीक, उद्यमी एवं होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

इन्वेस्टर्स समिट के रोड शो में किये गये एमओयू को धरातल पर उतारने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य के विकास कार्यों में तेजी लाने एवं रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए शासन के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अब तक हुए रोड शो में जो करार हुए हैं, उन करारों की ग्राउंडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि देहरादून में 8 और 9 दिसम्बर 2023 को होने वाले आयोजन से पहले अधिकांश कार्य धरातल पर उतरें, इसके लिए तेजी से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में और सरलीकरण की जरूरत है, तो इसके लिए प्रस्ताव लाये जाएं। राज्य में जिन निवेश प्रस्तावों से अधिक रोजगार सृजन हो सकता है और राज्य की परिस्थितियों के हिसाब से जो प्रस्ताव अधिक अनुकूल हैं, उनको शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए हवाई कनेक्टिविटी को और विस्तार देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की दिशा में राज्य स्तर से की जाने वाली समस्त कार्यवाही शीघ्र की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पिथौरागढ़ के नैनीसैनी हवाई पट्टी से नियमित हवाई सेवा संचालित करने के लिए की जा रही कार्यवाही में तेजी लाई जाए। इन सभी गतिविधियों में फास्ट ट्रेक मोड में कार्य किया जाए। राज्य में रोपवे निर्माण से संबधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य किये जाएं। राज्य में गढ़वाल मंडल और कुमांऊ मण्डल आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत दोनों मण्डलों में कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए भी तेजी से कार्य किये जाएं। मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत प्रथम चरण में चयनित मंदिरों के लिए मास्टर प्लान के आधार पर कार्यों में तेजी लाई जाय।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 28 नवम्बर से 1 दिसम्बर 2023 तक देहरादून में होने वाले 6वें विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन की सभी तैयारियां समय पर सुव्यवस्थित तरीके से की जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यह बड़ा आयोजन होना है। अनेक देशों से आपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञ इस आयोजन में प्रतिभाग करेंगे। उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान बनाने का राज्य के पास अच्छा अवसर है।
मुख्यमंत्री ने आने वाले त्योहारों के दृष्टिगत कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, युगल किशोर पंत, सी. रविशंकर, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, अपर सचिव जे.सी काण्डपाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उद्योगपतियों को समस्याओं का समाधान करने का दिया आश्वासन

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा मुख्य सचिव को विभिन्न समस्याओं द्वारा अवगत कराया गया। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने ऊर्जा निगमों से सम्बन्धित समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिशासी अभियंता स्तर पर प्रत्येक तीन माह में इंडस्ट्री के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं के निस्तारण किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को अपनाकर विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली स्वीकृतियों को शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में प्लास्टिक कचरा निस्तारण के लिए क्यूआर कोड सहित उद्योग संघ द्वारा सुझाये उपायों एवं अन्य उपायों पर भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त किए जाने के लिए प्रदेश सरकार, इंडस्ट्रीज एवं आमजन को मिलकर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पाण्डेय, सदस्य सचिव उत्तराखण्ड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सुशांत पटनायक, अपर सचिव रोहित मीणा, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता सहित एसोसिएशन के अन्य सदस्य एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिटः मुंबई में हुए 30200 करोड़ रुपए के एमओयू

उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग समूहों के मध्य मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ के एमओयू किए गए हैं। जिन बड़ी कंपनियों से एमओयू किए गए उनमें से कुछ प्रमुख है, इमेजिका (थीम पार्क) आत्मन्तनः(रिजॉर्ट), एसीएमई (सौर सेल विनिर्माण), (डेटा सेंटर) पर्फ़ेटी (नवीकरणीय ऊर्जा), लॉसंग अमेरिका (आईटी), क्रोमा एटोर, क्लीन मैक्स एनवाइरो (नवीकरणीय ऊर्जा), साइनस (हेल्थ केयर)

इसके साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण फर्मों से बातचीत हुई जिनमें जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, गोदरेज केमिकल्स, एस्टार भोजन, वी अर्जुन लॉजिस्टिक्स पार्क प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अब तक देश से बाहर लंदन, बर्मिघम, अबुधाबी, दुबई में 4 इंटरनेशनल रोड शो हो चुके हैं जबकि देशभर में प्रदेश सरकार दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और मुंबई में रोड शो कर चुकी है। बीते 14 सितंबर और 4 अक्टूबर को धामी सरकार दिल्ली में ₹26575 करोड़, 26 और 27 सितंबर को ब्रिटेन में 12500 करोड़, 17 और 18 अक्टूबर को यूएई में 15475 करोड़ के निवेश का करार कर चुकी है। इसके अलावा 26 अक्टूबर को चेन्नई में 10150 करोड़, 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में 4600 करोड़ और 1 नवंबर को अहमदाबाद में 24000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव का करार हुआ है। अब मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं।

अब तक प्रदेश सरकार द्वारा जिन निवेशकों से इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए हैं उनमें प्रमुखतः टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, आयुष वेलनेस सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, रियल एस्टेट-इंफ्रा, पंप्ड स्टोरेज सेक्टर, ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी एवं ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस सन्धु, सचिव डॉ0 आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

राज्य की जीएसडीपी को आगामी पांच वर्षों में करेंगें दोगुनाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुम्बई में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश के प्रमुख उद्योग समूहों के साथ बैठक कर उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी 8-9 दिसम्बर को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्ट समिट हेतु आमंत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी ही नहीं बल्कि यह भारत के विकास की अनूठी कहानी का एक प्रमुख भाग है। जहां मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, वहीं उत्तराखंड देश की आध्यात्मिक राजधानी है, इसलिए इन दोनों के बीच परस्पर समन्वय एवं साझेदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई और उत्तराखंड एक दूसरे के पूरक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए जहां आधुनिक तकनीक तथा प्रबंधकीय कौशल आवश्यक है, वहीं आध्यात्मिक शक्ति एवं शांति भी अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने भी अपनी जीएसडीपी को आगामी 5 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इस क्रम में सशक्त उत्तराखंड मिशन प्रारंभ किया है। 8-9 दिसंबर को आयोजित होने वाले उत्तराखंड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 भी इसी मिशन का एक विशिष्ट भाग है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तो रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने कहा कि अब तक के रोड शो से लगभग एक लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उससे यह सिद्ध होता है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों के उद्यमी भी उत्तराखंड में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं।उन्होंने कहा के प्रदेश सरकार ने सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल सिद्धांत को अपनाकर राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है, साथ ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 2015 में प्रभावी प्रशासन के लिए प्रो-एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन का जो सूत्र दिया था, सरकार उसी को आत्मसात करने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लाइसेंस आदि के अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था में सुधार किया गया हैं तथा व्यवसाय की स्थापना और संचालन के लिये आवश्यक सभी स्वीकृतियों के लिए वन स्टॉप शॉप व्यवस्था भी शुरु की है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड में उद्योग समूहों को अपने उद्योग स्थापित करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा मजबूत नीतिगत ढांचे में निवेशक हितैषी नीतियां बनाने के लिए कई नई नीतियां बनाई गई हैं, कई नीतियों को सरल बनाया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस सन्धु, सचिव डॉ0 आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

अहमदाबाद में सीएम ने उद्योग समूहों को दिया ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में आने का निमंत्रण

उत्तराखंड में आगामी 8-9 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अहमदाबाद में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक करते हुए सभी निवेशकों को समिट के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अहमदाबाद में यह छटवां रोड शो आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने 08 और 09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में निवेशकों को आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात भगवान श्रीकृष्ण की धरा है। महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे महापुरुषों की यह भूमि है। इस भूमि ने भारत को नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री दिये हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक पटल पर एक अलग पहचान बनाई है। आज दुनिया में भारत का मान-सम्मान और स्वाभिमान बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योगों के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं। उद्योग जगत से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए 30 नई नीतियां बनाई गई हैं। कई नीतियों को और सरल बनाया गया है। उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी जो सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन सभी पर अमल किया जा रहा है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। इसको और प्रभावी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को बने 23 साल हो गये हैं, उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उत्त्राखण्ड को विशेष औद्योगिक पैकेज दिया गया। इसके बाद उत्तराखण्ड में औद्योगिक निवेश तेजी से बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य में 06 हजार एकड़ का लैण्ड बैंक बनाया गया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए और प्रोत्साहन दिया जायेगा। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य और बेहतर मानव संसाधन निवेशकों को उत्तराखंड आने के लिए आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में ईकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए कार्य किये जा रहे हैं। उत्तराखंड कर्मभूमि बनाने के लिए अच्छा डेस्टिनेशन है। राज्य में हवाई, रेल, रोड और रोपवे कनेक्टिविटी के साथ तेजी से विस्तार हो रहा है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में इस वर्ष अभी तक 52 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। कुमांऊ मण्डल में मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के लिये उत्तराखण्ड में शांतिपूर्ण वातावरण है। राज्य में तेजी से निवेश बढ़े इसके लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नीतियों के सरलीकरण एवं नई नीतियों के क्रियान्वयन के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए ट्रांसपोर्टेशन, विद्युत आपूर्ति और बेहतर मानव संसाधन की आवश्यकता होती है, जो सब उत्तराखण्ड के पास हैं। उत्तराखण्ड सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य है। कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हुआ है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े निवेशक मौजूद थे।