श्यामपुर में ग्रामीणों के पीछे दौड़ा हाथी

शोर मचाकर लोगों ने हाथी को खदेड़ा

ऋषिकेश।
श्यामपुर क्षेत्र में हाथी का आंतक है। बीती रात्रि नौ बजे हाथी ग्राम सभा खदरी के विनोद विहार से श्यामपुर ग्रामसभा के नेगी मोहल्ले में घुस गया। श्यामपुर निवासी मुकुन्द सिंह के घर की चाहरदिवारी तथा विनोद विहार की सुरक्षा दीवार तोड़ डाली। गोपाल सिंह के खेत में चारे की फसल चट करने के बाद जोगेन्द्र सिंह के गेहूं के खेत को रौंद डाला। ग्रामीणों के शोर मचाने के बाद भी हाथी टस से मस नहीं हुआ। इतना ही पार्टी से लौट रहे खदरी के ग्रामीण गुलाब सिंह और उनके तीन साथियों के पीछे हाथी ने दौड़ लगा दी। जिससे गुलाब सिंह गिरकर चोटिल हो गए। 104आसपास के लोगों ने किसी तरह गुलाब सिंह को हाथी से बचाया। श्यामपुर क्षेत्र पंचायत सदस्य कोमल सिंह नेगी ने हाथी के आबादी मे आने की सूचना वन विभाग को दी है। उन्होंने वन क्षेत्राधिकारी गंगा सागर नौटियाल से ग्रामीणों के नुकसान का मुआवजा दिलाने और हाथी के आबादी में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। रेंजर गंगासागर नौटियाल का कहना है कि क्षेत्र में गामीणों की मदद से गश्त की जा रही है।

रानीपोखरी में दुर्घटना का सबब बनी क्षतिग्रस्त सड़क

ऋषिकेश।
रानीपोखरी के घमण्डपुर क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़क से राहगीरों को परेशानी हो रही है। एक माह पहले बीएसएनल ने लाइन बिछाने के लिए सड़क खुदवाई लेकिन अभी तक उसके पुनर्निर्माण का कार्य नहीं हो पाया। धूल भरी सड़क अब दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है। सड़क निर्माण न होने तक लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।रानीपोखरी-घमण्डपुर मुख्य मार्ग पिछले एक माह से क्षतिग्रस्त है। जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। जिससे राहगीरों को चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दोपहिए वाहन चालक रपट भी चुके हैं। 102लोग दिन में सड़क पर उड़ती धूल से परेशान हैं। वहीं रात के समय गड्ढे चोटिल करते हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि एक माह पूर्व बीएसएनएल ने क्षेत्र में लाइन बिछाने को सड़क खुदवाई। लेकिन अभी तक मार्ग को ठीक नहीं कराया गया। जिसके चलते इलाके के लोगों में रोष व्याप्त है। ग्राम प्रधान लिस्ट्राबाद प्रदीप कुमार ने कहा कि यदि जल्द मार्ग निर्माण न कराया गया तो क्षेत्रवासी आंदोलन को बाध्य होंगे।

बीडीसी सदस्य के साथ धरने पर बैठे ग्रामीण

ऋषिकेश।
बुधवार को श्यामपुर क्षेत्र पंचायत सदस्य कोमल सिंह नेगी ने प्रशासन के खिलाफ हरिद्वार-ऋषिकेश मुख्यमार्ग पर धरना शुरू कर दिया। उनके समर्थन में कई ग्रामीणों धरने पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की प्रशासन उपेक्षा कर रहा है। विकास कार्यों में लापरवाही व उदासीनता के चलते कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए पारित प्रस्तावों के क्रियान्वयन को लेकर कई बार विभागों के चक्कर काटे गए। ग्रामीण अपनी पांच सूत्रीय मांगों के प्रति मुखर रहे। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व स्वीकृत पेयजल टंकी का निर्माण, वार्ड पांच की जीर्ण-शीर्ण सड़क की मरम्मत कराने, श्यामपुर पंचायत का विधिवत सीमांकन कराने, भल्लाफार्म में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान स्वीकृत करने व क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की। 103समर्थन देने वालों में जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र सिंह नेगी, ग्राम प्रधान शाकुम्बरी बिष्ट, सरोप सिंह पुण्डीर, महावीर उपाध्याय, प्रदीप सिंह नेगी, पवन पाण्डेय, हेम पुण्डीर, प्रदीप धस्माना, भगवान सिंह रावत, युवक मंगल दल अध्यक्ष श्यामपुर संदीप राणा, कृष्ण कुमार सिंघल, उम्मेद सिंह, मुकेश बैलवाल, सरोप सिंह पुण्डीर, रवि रावत आदि शामिल थे।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे रोडवेजकर्मी

ऑउटसोर्सिंग कर्मचारियों को संविदा कर्मी बनाने की कर रहे हैं मांग

ऋषिकेश।
आज उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन से जुड़े डेढ़ सौ कर्मी हड़ताल पर रहेंगे। इससे बसों का संचालन न होने से दिक्कतें आएंगी। यूनियन ऑउटसोर्सिंग कर्मचारियों को संविदा कर्मी बनाने की मांग कर रहे है। प्रदेशभर में तीन हजार ऑउटसोर्सिंग कर्मचारी रोडवेज में ड्राइवर-कंडक्टर व वर्कशॉप में तैनात हैं। इनको ऑउटसोर्स से संविदाकर्मी बनाने की मांग को लेकर सामूहिक अवकाश लेकर कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर रहेंगे। ऐसे में दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, कानपुर, गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित अन्य रूटों पर प्रतिदिन चलने वाले पांच हजार यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बसें न मिलने से यात्रियों को प्राइवेट गाड़ियों से जाना पड़ेगा। इससे उनके जेब पर भी भार पड़ेगा। 103यूनियन के नेता विपिन कुमार चौधरी का कहना है कि ऑउटसोर्स के कर्मचारियों को संविदा कर्मी जबतक बनाने का शासनादेश सरकार जारी नहीं करती है तबतक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यूनियन ऑउटसोर्स पर तैनात कर्मचारी को संविदा कर्मी बनाने की मांग कर रही है। वेतन वहीं दे जो पहले से दिया जा रहा है।

ग्रामीण इलाकों के बैंकों में लंबी लाइन से नही मिल रही निजात

बुधवार को अधिकांश बैंकों के एटीएम में लटके मिले ताले

ऋषिकेश।
पांच सौ व हजार रुपए के नोटबंदी से अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को भी बैंकों में ग्राहकों की लाइन लगी रही। छोटे बैंकों में कैश खत्म होने से लोग निराश लौटे जिस कारण एसबीआई व पीएनबी में दबाव बढ़ गया। शहर में अधिकांश एटीएम के शटर अभी तक बंद पड़े हैं जिससे परेशानी बढ़ रही है। जबकि कुछ एटीएम जो खुले हैं उनमें कैश ही जमा हो पा रहा है।
पांच सौ के नोट के लिए अभी ग्राहकों को इंतजार करना होगा। बैंक प्रबंधन सोमवार तक नोट उपलब्ध होने की बात कह रहा है। पांच सौ के नोट मिलने के बाद छुट्टे नोट की समस्या से भी निजात मिलेगी। एसबीआई के मुख्य प्रबंधक विश्वमोहन मिश्रा ने बताया कि सोमवार से पांच सौ के नोट बैंक एवं एटीएम पर उपलब्ध हो जाएगे। इसके बाद छुट्टे नोट की समस्या से राहत मिलेगी।
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एसबीआई की मोबाइल एटीएम सेवा शुरू
एसबीआई ने बुधवार से शहर में मोबाइल एटीएम सेवा शुरू की है। बुधवार को करीब सौ से अधिक ग्राहकों ने मोबाइल एटीएम से कैश निकाला। बैंक ने एम्स मार्ग, सरकारी अस्पताल के अलावा शहर के व्यस्ततम इलाकों में सेवाएं दीं। एसबीआई के मुख्य प्रबंधक विश्वमोहन मिश्रा ने बताया कि मोबाइल एटीएम सेवा पूरे सप्ताह चलाई जाएगी।

सहकारी बैंक किसान का ऋण लेने को तैयार नही

आरबीआई के निर्देश पर पुराने नोट जमा नही कर रहा बैंक
किसान पर नोट बंदी से दोहरी मार

ऋषिकेश।
नोटबंदी का असर ऋषिनगरी से सटे ग्रामीण इलाकों के किसानों पर भी पड़ता दिख रहा है। पांच सौ हजार के नोट से बीज, खाद आदि की खरीददारी किसान कर नही सकता है। सहकारी बैंक खाताधारकों से जमा स्वीकार नही कर रहा है। इसका सीधा असर उन किसानों पर पड रहा है। जिन्होंने बैंक से खेती के लिए ऋण लिया है। सहकारी समिति बैंक के अन्तरगत कार्य करती है।
श्यामपुर सहकारी समिति ने छिद्दरवाला, श्यामपुर, भट्टोवाला आदि क्षेत्रों के 145 किसानों को करीब 70 लाख रुपये का कृषि ऋण दिया था। धान की फसल होने के बाद किसानों ने समिति का ऋण वापस देना था। ऋण की समय अवधि होने के बावजूद भी करीब 8 किसान की अब नोट बंदी की मार झेल रहे है। सहकारी समिति और सहकारी बैंक ऋण की धनराशि स्वीकार नही कर रहा है।
चकजोगी वाला के हरजीत सिंह, छिद्दरवाला के हरीश कुमार, खैरीकलां श्यामपुर के ऋषिराम ध्यानी, खैरीखुर्द श्यामपुर के विजयराम पेटवाल, गढी मयचक श्यामपुर के राजपाल पंवार ने सहकारी समिति से कृषि ऋण लिया था। फसल की बिक्री के बाद अगली फसल की बुआई होने तक ऋण की अवधि शेष रहने पर उन्होंने ऋण नवंबर माह के अंत में देने का निर्णय लिया था। लेकिन अब नोट बंदी के चलते 8 किसान न तो पुराने नोट से बुआई का सामान नही खरीद पा रहे है।101
वहीं बैंक व सहकारी समिति का ऋण देने जा रहे किसानों का ऋण भी स्वीकार नही किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि उनके लिए तो जीने और मरने की बात हो गई है। पुराने नोट की नकदी का क्या करे? कैसे बुआई करें और ऋण की समय अवधि खत्म हो जायेगी तो क्या करेंगे। समस्या यह है कि आरबीआई के निर्देश पर सहकारी समिति ने 10 नवंबर और सहकारी बैंक ने 14 नवंबर से पुराने पांच सौ व हजार के नोट जमा में स्वीकार करने बंद कर दिये है।

पुराने टायरों पर चल रही 108 एंबुलेंस

ऋषिकेश।
ऋषिकेश की 108 एंबुलेंस पुराने (गंजे) टायरों पर ही चल रही है। मंगलवार को सड़क हादसे की सूचना के बाद ऋषिकेश से एंबुलेंस को भेजा गया था, लेकिन एंबुलेंस के टायर रास्ते में पंक्चर हो गए थे। इससे एंबुलेंस एक घंटे देरी से घटनास्थल पहुंची। तब तक परिजन दूसरे वाहनों से घायलों को ऋषिकेश ला चुके थे। 102सीएमओ देहरादून डॉ. योगेन्द्र थपलियाल ने बताया कि जिले में 108 एंबुलेंस आठ साल पुरानी हो गई हैं। हर रोज एक एंबुलेंस 150 किलोमीटर चल रही है। नई एंबुलेंस के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट न मिलने से एंबुलेंस की मरम्मत में दिक्कत आ रही है।

कांग्रेस बेघर प्रकोष्ठ ने केंद्र सरकार के फैसले को गरीब विरोधी बताया

ऋषिकेश।
कांग्रेस करीब बेघर जन प्रकोष्ठ ने मंगलवार को विरोध मार्च निकाला। उन्होंने तहसील में केंद्र सरकार के खिलाफ जकर नारेबाजी की। प्रकोष्ठ के संयोजक विजयपाल रावत ने कहा कि नोटबंदी के तुगलकी फरमान से आम जनता परेशान है। इससे लोग आवश्यक खाद्य सामग्री तक नहीं ले पा रहे हैं। इन दिनों शादी-विवाह का लग्न है। नोट बदलने में फजीहत झेलनी पड़ी है। बाजार में मंदी के चलते मजदूरवर्ग परेशान है। 101आम आदमी काम छोड़कर नोट बदलने को कतार में लग रहा है। प्रदर्शनकारियों में सोहन सिंह, सुमित चौधरी, निर्मला देवी, अंजलि देवी, किरन देवी, कुसुमनाथ, रामेश्वरी देवी, बबीता देवी, सतपाल सिंह, छोटेलाल आदि शामिल थे।

तहसील में भी नोट बंदी का असर

ज्यादातर काउंटरों पर नजर आ रहे इक्कादुक्का लोग

ऋषिकेश।
500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने का असर तहसील के कामकाज पर भी पड़ता नजर आ रहा है। ऋषिकेश में मंगलवार को खाता खतौनी कक्ष के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं प्रमाणपत्र आवेदन को भी गिनती के लोग तहसील पहुंचे। खुले पैसे के अभाव में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ऋषिकेश तहसील के खाता खतौनी कक्ष के बाहर जहां लोगों की भीड़ जुटी रहती थी। वहां बड़े नोटों पर पाबंदी के बाद से सन्नाटा पसरा रहा। रोजाना कम्प्यूटर कक्ष से 150 खतौनी की नकल जारी होती हैं, इन दिनों यह संख्या 20 से 40 तक आकर सिमट गई है। 102इससे रोजाना राजस्व घाटा हो रहा है। यही हाल जनाधार केंद्र का भी है, जहां एक दिन में 100 से अधिक लोग निवास, आय और जाति के अलावा अन्य प्रमाण पत्रों आवेदन आते थे। इनदिनों इक्कादुक्का लोग ही प्रमाणपत्र बनाने पहुंच रहे हैं।

मुसीबत लेकर आया दो हजार का नोट

बाजार में दुकानदार नया नोट लेने से कर रहे इनकार
खुले का संकट होने के कारण जता रहे हैं असमर्थता

ऋषिकेश।
ऋषिकेश के बैंकों में रविवार को दो हजार रुपये के नोट दिए। नया नोट हाथ में देखकर लोग खुश तो हुए, लेकिन जैसे ही वे शॉपिंग करने बाजार गए उन्हें बड़ा झटका लगा। दुकानदार ने ये कहते हुए नोट लेने से इनकार करते रहे कि खुले पैसे नहीं हैं। कारोबारियों का कहना है कि सौ-सौ के नोट की कमी है। ऐसे में दो हजार का नोट कैसे लें। इस तरह से दो हजार का नोट भी 500 और 1000 के पुराने नोटों की तरह होकर रह गया है। पांच सौ और एक हजार के नोट बंद होने के कारण रोजमर्रा के सामान खरीदने की पहले से ही समस्या थी। एक उम्मीद जगी थी कि नयी करेंसी आने से समस्या खत्म हो जाएगी, लेकिन नई करेंसी में केवल दो हजार के ही नोट आए हैं। दुकानदारों के पास खुले पैसे नहीं होने के कारण लोग रोजमर्रा की चीजों के लिए परेशान होते नजर आ रहे हैं। खासतौर पर दूध, फल, सब्जी और दवाइयों के लिए। लोग अपनी जरूरत की चीजें भी 2000 के नोट होते हुए नहीं खरीद पा रहे हैं। बच्चों के लिए कॉपियां और पेंसिल तक खरीदने में लोगों को परेशानी हो रही है। पचास-सौ रुपये के सामान के बदले दुकानदार 2000 रुपये के नोट नहीं ले रहा है। वहीं राशन की दुकानों का हाल भी बेहाल है। 200-500 तक का सामान लेने पर दुकानदार बाकी के पैसे खुले देने में असमर्थ हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के पास दो ही विकल्प बच रहे हैं या तो बिना सामना घर लौट जाएं या फिर पूरे 2000 रुपये का सामान लेकर अपना बजट बिगाड़ लें। यानी 2000 रुपये का नोट लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है।
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सेल्फी लेने तक सिमटा नया नोट
2000 रुपये का नया नोट हाथों में आते ही लोग उसके साथ सेल्फी लेकर उसे सोशल मीडिया पर डालने लगे। अब जब 2000 रुपये का नोट नहीं चल रहा है तो लोग बदहाल व्यवस्था को कोस रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसे लेकर जमकर सवाल दागे जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि दो हजार का नोट सिर्फ सेल्फी लेने तक सिमट गया है।

नए नोट पर लोगों का भरोसा कम
ऋषिकेश में रविवार को दो हजार के नोट कई हाथों में नजर आए, लेकिन खरीदारी के दौरान दो हजार के नोटों की विश्वसनीयता कम देखने को मिली। दीपक जोशी ने बताया कि उनके पास दो हजार का नोट है, लेकिन उन्हें अलग-अलग दुकानों से सामान खरीदना है। कोई भी दुकानदार दो हजार का नोट लेने को तैयारी नहीं है। सभी खुले पैसे मांग रहे हैं। ऐसे में सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। आवास विकास से ललित जोशी ने बताया कि पुराने नोट की आदत होने के कारण दुकानदार अभी नए नोट लेने में हिचक रहे हैं।
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छुट्टी का दिन भी लाइन पर बीता
ऋषिकेश में रविवार को भी बैंकों की भीड़ उमड़ी। सर्वर में आ रही दिक्कत से एटीएम ने लोगों को धोखा दिया। कई बैंकों के एटीएम बंद रहे। वहीं, बैंकों में जमा और निकासी को लेकर लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। खाता धारकों को कैश कम होने के कारण कई बैंकों ने मात्र हजार रुपये ही दिए। कुछ बैंकों में जमा और निकासी के एक ही काउंटर होने से लोगों को दो से तीन घंटे तक लाइन में लगना पड़ा। उधर, बाजारों में रविवार को चहल-कदमी रही। बाजार अपने निर्धारित समय पर खुले। तीन दिनों से चले आ रहे गतिरोध के बाद लोगों के हाथों में नकदी रही। इससे उन्होंने अपनी जरूरत का सामान खरीदा। हालांकि अभी बाजार को रफ्तार पकड़ने में वक्त लगेगा।