धर्मनगरी पहुंचकर सीएम धामी ने की प्रदेश की खुशहाली की कामना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथग्रहण के पश्चात धर्मनगरी हरिद्वार पहुंच कर हरकी पैड़ी पर मां गंगा का पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने जगत गुरु आश्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

महंत अशोक प्रपन्नाचार्य की स्मृति में तीन मार्च को विशाल रक्तदान शिविर होगा आयोजित

दिवंगत पुण्य आत्मा महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज जी की पुण्य स्मृति में तीन मार्च को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह निर्णय आज हुई बैठक में विधिवतरूप से लिया गया।

श्री भरत मंदिर झंडा चौक प्रांगण में आज विशेष बैठक आयोजित हुई। इसमें रक्तदान शिविर का आयोजन को लेकर रूपरेखा तैयार की गई। शिविर में एम्स ऋषिकेश हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट, शांति प्रपन शर्मा राजकीय चिकित्सालय और आईएमए देहरादून की मेडिकल टीम के द्वारा रक्त रक्तदान शिविर में रक्त एकत्र किया जाएगा।

इस अवसर पर श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने बताया कि संपूर्ण ऋषिकेश के जनमानस के सहयोग से प्रतिवर्ष विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है इस वर्ष शिविर का आयोजन 03 मार्च 2022 को किया जाएगा। जिससे जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर रक्त प्रदान करके जीवन बचाया जा सके और समाज को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा सके। क्योंकि एक रक्तदान से चार जीवन बचाए जा सकते हैं क्योंकि रक्त में लाल रुधिर कण, सफेद रुधिर कण,प्लेटलेट्स और प्लाज्मा पाए जाते हैं जिसकी अलग-अलग आवश्यकता अलग-अलग तरह के जरूरतमंद व्यक्तियों को पड़ती रहती है ।इस अवसर पर श्री भरत मंदिर सोसायटी के सचिव श्री हर्षवर्धन शर्मा जी ने कहा कि इस प्रकार का यह तीसरा रक्तदान शिविर है जो आने वाले समय में शहर के जनमानस के सहयोग से निरंतर चलता रहेगा जिसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की दुर्घटना से ग्रस्त व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं तथा कैंसर पीड़ितों के अतिरिक्त अन्य बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों के जीवन को बचाना है क्योंकि ईश्वर के द्वारा दिया गया जीवन अनमोल है हमें इसकी रक्षा करनी है।

इस अवसर पर वरुण शर्मा, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, प्रधानाचार्य सुरेंद्र भट्ट, प्रधानाचार्य धीरेन्द्र जोशी, महंत रवि शास्त्री, लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, डॉक्टर सुनील दत्त थपलियाल, जितेंद्र बिष्ट, रेडक्रॉस प्रभारी रंजन अंथवाल, विवेक शर्मा, खेल कोच प्रवीण रावत और रचित अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

हृषिकेश भगवान भरत महाराज की डोली यात्रा में उमड़े श्रद्धालु

वसंत पंचमी पर शनिवार को प्राचीन श्री भरत मंदिर से हृषिकेश भगवान भरत महाराज की डोली यात्रा धूमधाम से निकाली गई। श्रद्धालुओं ने यात्रा मार्ग पर रंगोली सजाकर और पुष्प वर्षा कर डोली का स्वागत किया।
शनिवार को झंडा चौक स्थित श्री भरत मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के बीच भगवान भरत की डोली निकाली गई। महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने डोली की पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर से निकली डोली की अगवानी हर्षवर्धन शर्मा, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज व वरुण शर्मा ने की। पुराने बद्रीनाथ मार्ग मायाकुंड से होकर डोली त्रिवेणी घाट पहुंची। यहां डोली को गंगा स्नान कराया गया। इसके बाद डोली मंदिर परिसर में पहुंची।
डोली यात्रा में महामंडलेश्वर ललित आनंद महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास, महेंद्र जगदीश प्रपन्नाचार्य, महंत मनोज द्विवेदी, महंत विनय सारस्वत, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, डीडी तिवारी, जयेंद्र रमोला, शूरवीर सिंह सजवाण, सीएस शर्मा, संजीव चौहान, रामकृपाल गौतम, राम चौबे, सुधीर कुकरेती, बचन पोखरियाल, मधुसूदन शर्मा, राहुल शर्मा, कनक धनाई, मेजर गोविंद सिंह रावत, यमुना प्रसाद त्रिपाठी, नवीन मेंदोला, धनंजय रांगड, सुरेंद्र भट्ट, शिव प्रसाद बहुगुणा, जितेंद्र बिष्ट आदि शामिल रहे।

बसंत पंचमी पर डोली निकालने की है परंपरा
पौराणिक मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन ही आद्य गुरु शंकराचार्य ने मायाकुंड गंगा में रखी गई भगवान भरत की मूर्ति को श्री भरत मंदिर में पुनर्स्थापित किया था। तभी से वसंत पंचमी पर उनकी डोली यात्रा निकालने की परंपरा रही है।

चार निर्धन कन्याओं की शादी करवाई
श्री भरत मंदिर परिवार ने वसंत पंचमी पर चार निर्धन कन्याओं की शादी का आयोजन किया। इसमें कन्यादान की पूरी परम्परा का निर्वहन किया गया। बेटियों की विदाई की सारी रस्में निभाई गईं।

मकर संक्रांति पर्व पर हरकीपौड़ी हुई सील

मकर संक्रांति पर्व पर प्रतिबंध लगाने के बाद गुरुवार रात से हर की पौड़ी को सील कर दिया गया। जिस कारण श्रद्धालु गंगा स्नान को हर की पौड़ी में न जा सके। रात को हर की पौड़ी जाने वाले सभी मार्गों पर बेरीकेडिंग लगा दी गई थी। हर की पौड़ी पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। हर की की पौड़ी व साथ लगते घाटों पर स्थानीय लोग भी स्नान नहीं कर सकेंगे।
गुरुवार को जिले की सीमाओं में चिड़ियापुर, लाहड़पुर, नारसन, गोकलपुर व वीरपुर के रास्ते हरिद्वार स्नान को आ रहे श्रद्धालुओं को वापिस भेज दिया गया। सीमा पर पुलिस बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों में सवार यात्रियों को आने का कारण पूछ रहे थे। जिन लोगों ने स्नान की बात कही उन्हें सीमा से ही लौटा दिया गया। हालांकि मकर संक्रांति की पूर्व संध्या में हर की पौड़ी पर गंगा आरती में हजारों लोग शामिल हुए।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी भोज का आयोजन
जगजीतपुर फूटबॉल ग्राउंड के निकट स्थित श्री बालाजी धाम, श्री सिद्धबलि हनुमान मंदिर एवं श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महंत दिगंबर आलोक गिरी के सानिध्य में मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया जा रहा है। महंत आलोक गिरी ने बताया कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर-संक्रांति कहलाता है। संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। मान्यता है कि मकर-संक्रांति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्याेदय होता है और दैत्यों का सूर्यास्त होने पर उनकी रात्रि प्रारंभ हो जाती है।

सीएम ने टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह टपकेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की एवं भगवान शिव का जलाभिषेक कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोलेनाथ हमारे आराध्य देव हैं। आज भगवान की शरण में आया हूं। भगवान भोलेनाथ से कामना करता हूं प्रदेश नई ऊंचाइयों को छुए। प्रदेश के विकास एवं जनता की कुशलता की कामना की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा देश में एक बार फिर कोरोना महामारी का प्रसार तेजी से हो रहा है। हम सबको सतर्क रहने के साथ कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन करना चाहिए। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर अपनी जांच करवाएं और आवश्यकता होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। सावधानी ही कोरोना से सबसे बड़ा बचाव है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों में समुचित प्रबंध किए गए हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर दवाएं वह अन्य उपकरण अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में हैं। आम जनता को जागरूक करने को लेकर एक बार फिर व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा ने 5 साल में राज्य में अभूतपूर्व विकास कार्य किये है। जनहित से जुड़ी तमाम योजनाओं को शुरू किया है। जनता विकास के नाम पर भाजपा को वोट देगी और हम 60 पर का जो नारा है उसको साकार करेंगे।

लक्ष्मण झूला में नए पुल के टेंडर प्रक्रिया मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

लोक निर्माण विभाग की ओर से लक्ष्मण झूला में पुराने झूला पुल के समीप टू-लेन मोटर पुल का निर्माण के लिए हुई टेंडर प्रक्रिया का मामला हाईकोर्ट पहंुच गया है। आरोप है कि अर्हता पूरी न करने वाली कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। जिस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश जारी किया है। अब इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि इस पुल के निर्माण के लिए विभाग की ओर से 20 नवंबर, 2021 को टेंडर आमंत्रित किए गए थे। 23 नवंबर को टेंडर खोले गए। जिनमें हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी, कैलाश हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी और पीएंडआर इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के टेंडर को विभाग की ओर से सही पाया गया और पीएंडआर इंफ्रा प्रोजेक्ट के टेंडर को मंजूरी दे दी गई।
इस पर ऋषिकेश की हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी हाईकोर्ट पहुंच गयी। उच्च न्यायालय नैनीताल में विभाग की इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को काम दिया गया है वह टेंडर की अर्हता को पूरा नहीं करती है। कंपनी के निदेशक अजय शर्मा के अनुसार इस पूरे मामले में मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से आपत्ति दर्ज करानेे के बावजूद उनकी बात को नहीं सुना गया। जिस पर वे न्यायालय की शरण में गए। उनका कहना है कि न्यायालय में सुनवाई की तिथि तक जिस कंपनी को काम दिया गया उसके साथ एग्रीमेंट नहीं हुआ था। उन्हें अंदेशा है कि बैक डेट पर एग्रीमेंट किया जा सकता है। दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग नई टिहरी के अधीक्षण अभियंता एनपी सिंह का कहना है कि 5 जनवरी, 2022 को संबंधित कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर दिया गया था।

गुरु का जीवन और संदेश लाखों लोगों को शक्ति का देता है-धामी

गुरु गोबिंद सिंह की आज 355वीं जयंती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि गुरु का जीवन और संदेश लाखों लोगों को शक्ति का देता है। गुरु गोविंद सिंह महाराज का प्रकाशोत्सव राज्य में हर्षाेल्लास व श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भव्‍य पांडाल नहीं सजाए गए। गुरुद्वारों में सूक्ष्‍म आयोजन कर श्रद्धालुओं ने माथा टेका।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेसकोर्स स्थित गुरुद्वारे में माथा टेक राज्य की खुशहाली के लिए अरदास कराई। गुरूद्वारे परिवार की और से मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि जब भी धर्म पर संकट आया महापुरुषों ने जन्म लेकर उसकी रक्षा की। गुरु गोविंद सिंह का सिख धर्म में अमूल्य योगदान है। वे सत्य और धर्म की रक्षा के मार्ग पर चलने वाले सच्चे दिव्यात्मा थे। त्याग और बलिदान के साथ ही दृढ़ संकल्प का अद्भुत रूप गुरू गोविंद सिंह में था। गुरू गोविंद सिंह में गुरू नानक देव की दसवीं ज्योति प्रकाशमय हुई। जिस वजह से इन्हें दसवीं ज्योति भी कहा जाता है। वह साहस, करुणा और उदारता के प्रतीक थे। दलितों की सेवा करने के उनके प्रयासों को दुनिया भर में व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है। हमारा समाज उनकी शिक्षाओं और बलिदानों का ऋणी रहेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शासन-प्रशासन ने अपनी तरफ से आमजन की सुरक्षा के सभी इंतजाम किए हुए हैं। कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करें। आम जनमानस की जरा सी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। इसलिए सभी लोगों को चाहिए कि मास्क पहनकर ही घर से निकले और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें। विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान भी हमें इन बातों का ध्यान रखना होगा।

गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रकाश पर्व का उल्लास
हर वर्ष गुरु गोविंद सिंह की जयंती 9 जनवरी को मनाई जा जाती है। प्रकाश पर्व के इस अवसर पर देश में खुशी और उल्लास का माहौल है। सवा लाख से एक लड़ावाँ ताँ गोविंद सिंह नाम धरावाँष् का उद्घोष करने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी मानव रूप में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। बिहार के पटना साहिब में जन्मे गुरु गोविंद सिंह का बचपन का नाम गोबिंद राय था, उनके पिता, नौवें गुरु थे। गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद, नौ साल की उम्र में उन्हें श्गुरु गद्दीश् में विराजमान किया गया था। गुरु गोविंद सिंह की जयंती के अवसर पर प्रभात फेरी निकाली जाती है गुरुद्वारों में सबद, कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन होता है।

हरिद्वार संवाद में बोले सीएम, आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रेक्षागृह में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित ’’हरिद्वार संवाद’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आगामी मार्च 2022 तक अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों के आयोजनों की योजना बनाई गयी है, जिसमें लगातार नये-नये विचारों की श्रृंखला सामने आ रही है। ऐसे आयोजनों से अमृत निकलेगा, गति मिलेगी तथा रास्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी संस्कृति के उत्थान के लिये जो प्रयास किये हैं, वे अतुलनीय हैं। केदारपुरी का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि केदारपुरी में 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास हुआ है। केदारपुरी में आस्था पथ बन चुका है तथा चिकित्सालय व अतिथि गृह आदि बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां दूसरे चरण के कार्य चल रहे हैं तथा तीसरे चरण के कार्यों का प्रारम्भ आगामी अप्रैल, 2022 तक हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ का मास्टर प्लान बन गया है, जिसके लिये 250 करोड़ रूपये की स्वीकृत हो चुके हैं तथा वहां भी जल्दी ही कार्य प्रारम्भ होगा।
मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ का उल्लेख करते हुये कहा कि काशी में काफी अंतर आया है। पहले गंगा घाट से रास्ता नहीं मिलता था, आज वह संकरा रास्ता, हाईवे का रूप धारण कर चुका है। आज काशी दिव्य व भव्य बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मैं 1998 के बाद विगत दिनों अयोध्या गया था, अयोध्या दुनिया के नक्शे का प्रमुख स्थान होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम राज्य स्थापना का 25वां वर्ष मनायेंगे, उस समय हमारा उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में भारत के अग्रणी राज्यों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि रोज हम उत्तराखण्ड व उत्तराखण्ड की जनता के लिये फैसले ले रहे हैं तथा साथ ही उनका शासनादेश भी निकाल रहे हैं, उन योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगला दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह हम सबकी सामूहिक यात्रा है।
इस अवसर पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि कुछ पल ऐतिहासिक होते हैं। यह दशक उत्तराखण्ड का दशक है। केदारनाथ, बद्रीनाथ तथा काशी का कायाकल्प हुआ है। जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेतृत्व कर रहे हैं, उससे सभी उत्साहित हैं।
इस मौके पर महंत देवानंद सरस्वती, पदम, स्वामी चिदानन्द मुनि, महानिर्वाणी के महंत रविन्द्रपुरी आदि ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

तीर्थनगरी पहुंचने पर अंतर्राष्ट्रीय संत जगतगुरू डॉ रामकमल वेदांती महाराज‌ का स्वागत

वृंदावन से अंतर्राष्ट्रीय संत जगतगुरू डॉ रामकमल वेदांती महाराज‌ आज श्री भरत मंदिर हृषिकेश नारायण पहुंचे। जहां ऋषि कुमारों द्वारा उनका वेद मंत्रों के द्वारा स्वागत किया गया।
इस अवसर पर महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने भरत मंदिर पहुंचकर संत शिरोमणि जगद्गुरु डॉ राम कमल दास वेदांती महाराज का आशीर्वाद लिया। उन्होंने उन्हें गोमुख से लाया हुआ पवित्र जल भेंट स्वरूप प्रदान किया। इस अवसर पर वेदांती महाराज ने कहा कि महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज के द्वारा उत्तराखंड में युवाओं संतो के द्वारा नई ऊर्जा नई उमंग के साथ सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस अवसर पर भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, भरत मंदिर सोसायटी के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, ललित मोहन मिश्रा, अभिषेक शर्मा, जितेंद्र प्रसाद, विवेक गोस्वामी, दीपक दरगन, दिनेश रावत आदि लोग उपस्थित रहे।

पंडित रवि शास्त्री को चादर पहनाकर सौंपी महंताई, संतों की मौजूदगी में हुआ पट्टाभिषेक

आज मुनिकीरेती स्थित श्री दर्शन महाविद्यालय में आयोजित वार्षिक उत्सव के दौरान सभी संत महात्माओं की अगुवाई में पंडित रवि शास्त्री जी महाराज का पट्टाभिषेक किया गया। इस अवसर पर पंडित रवि शास्त्री जी को तुलसी मानस मंदिर का महंत घोषित किया गया।

आज दर्शन महाविद्यालय के समापन समारोह के शुभ अवसर पर बैकुंठ वासी राघवाचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर सभी महामंडलेश्वर महंतों के द्वारा एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के संयुक्त तत्वाधान में आज पंडित रवि शास्त्री जी को महंताई चादर पाकर उन्हें महंत घोषित किया। महामंडलेश्वर दयाराम दास जी महाराज ने कहा कि आज से पंडित रवि शास्त्री जी का नया नाम महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नाम से कहलाया जाएगा। उन्हें आज संत समाज के द्वारा उनका रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नाम से संबोधित किया जाएगा।

इस अवसर पर माननीय कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल जी ने नए वर्तमान बने महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज को बधाई देते हुए कहा कि आज जहां हम अपनी संस्कृति विरासत को होते जा रहे हैं वहीं इस समय युवा संतो के द्वारा हमारी संस्कृति विरासत को यह युवा संत आगे निकली।

इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास जी महाराज, महामंडलेश्वर गुरुचरण मिश्र, महामंडलेश्वर विष्णु दास जी महाराज, महंत अखंडानंद जी महाराज, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य जी महाराज, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य जी महाराज, महंत कृष्णानंद जी महाराज, रामानुजाचार्य, गोपालाचार्य, महंत लोकेश दास, दर्शन महाविद्यालय के अध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल, सचिव संजय शास्त्री, कोषाध्यक्ष राजीव लोचन, माधव मैथानी, शांति प्रसाद मैणानी, कमल डिमरी, कुमार अरोड़ा, इंद्र कुमार गोदवानी, गुरु प्रसाद बिजल्वाण आदि मौजूद रहे।