श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से चारधाम यात्रा ने पकड़ी रफ्तार

विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल दिए गए। ग्रीष्मकाल के छह माह अब श्रद्धालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शन व पूजा अर्चना बद्रीनाथ मंदिर में कर सकेंगे। कपाटोद्घाटन के अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से गेंदे के फूलों से सजाया गया था। सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों एवं जय बद्रीविशाल के जयकारों के साथ देश-विदेश से आये हजारों श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही चारधाम की यात्रा विधिवत शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि 3 मई को श्री गंगोत्री व श्री यमुनोत्री धाम औऱ 6 मई को श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोले गए। दो साल कोविड के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित रही। लेकिन इस बार कपाट खुलने के दौरान से ही भारी संख्या में श्रद्धालु व भक्तगण चार धामों में पहुंचे है तथा यह सिलसिला लगातार जारी है। बद्रीनाथ धाम में कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्रद्धालु व भक्तजन देर रात से ही भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करने हेतु कतार पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं द्वारा बारी बारी से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किये।
इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, बद्री केदार मंदिर सामिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र भंडारी, पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, डीजीपी अशोक कुमार, आशुतोष डिमरी, वीरेंद्र असवाल, हरीश सेमवाल, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, एसपी श्वेता चौबे, सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर विधि-विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ आज वृष लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के गवाह बने। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के साक्षी बने।
आज प्रात साढ़े चार बजे से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी। श्री केदारनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ।
श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आव्हान के साथ ठीक प्रातः6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिये गये।
कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए। कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया।

इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पष्कर सिंह धामी इस अवसर पर विशेष रूप से केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।

उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी आज 6 मई को प्रातः श्री केदारनाथ धाम के कपाट यात्राकाल ग्रीष्मकाल 6 माह के लिए खुल गये। शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जायेगी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर परिसर भक्तिमय भजनों से गुंजायमान हो रहा था।
इस अवसर पर प़कज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य क्रमश निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

गंगोत्री और यमुनोत्री के खुले कपाट, पीएम ने नाम पर हुई पहली पूजा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिये गये हैं। इसी के साथ चार धाम यात्रा प्रारंभ हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के अवसर पर उपस्थित रहे। पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री में पूजा अर्चना की और प्रदेश वासियों की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “आज से चारधाम यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो रही है, मैं सभी श्रद्धालुओं का उत्तराखंड देवभूमि आगमन पर स्वागत करता हूं. ये यात्रा ऐतिहासिक हो, सबकी यात्रा सरल व सुगम हो, सबके मंगल की कामना करता हूँ। हमारी सरकार सुगम एवं सुरक्षित चार धाम यात्रा हेतु वचनबद्ध है।“
मुख्यमंत्री ने फोन के माध्यम से यमुनोत्री धाम के मुख्य पुजारियों एवं वहां उपस्थित समस्त श्रद्धालुजनों को अक्षय तृतीया एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर की शुभकामनाएं प्रेषित की।

पौराणिक भगवान भरत की शहरी विकास मंत्री ने की सपरिवार परिक्रमा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सपरिवार ऋषिकेश नारायण भगवान भरत जी के दर्शन कर परिक्रमा की।

ऋषिकेश नारायण भगवान भरत के दर्शन और परिक्रमा करने के बाद काबीना मंत्री ने कहा कि आज बहुत शुभ दिन है। आज के दिन पौराणिक भगवान भरत जी के मंदिर की 108 परिक्रमा करने से भगवान बदरीनाथ के दर्शनों का जितना पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने भगवान भरत से दो वर्ष बाद संचालित चारधाम यात्रा के सकुशल होने की कामना की। साथ ही देश-प्रदेश की खुशहाली, सुख, सृमद्धि की कामना की।

महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि भरत भगवान की मूर्ति भी उसी शालीग्राम पत्थर से बनी है, जिससे बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति बनाई गई है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन ही भरत भगवान के चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाता है। आज के दिन ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी खोले जाते हैं।

इस मौके पर शशिप्रभा अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, श्री भरत मंदिर के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत, पार्षद लक्ष्मी रावत, राम कृपाल गौतम, रूपेश गुप्ता, राजपाल ठाकुर सहित कई श्रद्धालु आदि मौजूद रहे।

कृष्ण कुंज आश्रम से निकली भगवान वेणुगोपाल की शोभायात्रा

भगवान वेणुगोपाल के ब्रह्मोत्सव के पंचम एवं समापन दिवस के अवसर पर काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रतिभाग किया। इस दौरान भगवान वेणुगोपाल की शोभायात्रा में काबीना मंत्री ने शामिल होकर दर्शन किये।

कृष्ण कुंज आश्रम मायाकुंड में बड़ी धूमधाम से नन्द महोत्सव मनाया गया। जगद्गुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य महाराज की अध्यक्षता आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भगवान वेणुगोपाल के जलाभिषेक में उपयुक्त 108 कलश के दर्शन किये।

कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतार वेणुगोपाल आज अक्षय तृतीया के दिन अपने कक्ष से भक्तों को दर्शन देने के लिए निकलते है, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। अक्षय तृतीया अपने आप में से स्वयंसिद्ध मुहर्त हैं कोई भी शुभ कार्य का प्रारंभ आज ही के दिन किया जाता है। इस मौके पर जगद्गुरु कृष्णाचार्य महाराज ने माननीय मंत्री जी को उत्तरीय पुष्पहार पहना कर भगवान वेणुगोपाल का आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

कृष्णाचार्य महाराज ने आज के दिन का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि अक्षय तृतीया के पर्व का विशेष महत्व है इस मुहर्त को बेहतर शुभ माना जाता है आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म, मां अन्नपूर्णा ‌का जन्म, गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। कृष्ण-सुदामा मिलन भी आज के दिन हुआ था। कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला। सतयुग त्रेता युग का आज ही के दिन प्रारंभ हुआ। वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में आज ही के दिन भगवान के विग्रह के दर्शन होते हैं अन्यथा साल भर वस्त्र में ढके रहते हैं।

रथयात्रा केवलानंद चौक से निर्मल आश्रम, सुभाष चौक, घाट रोड, रेलवे रोड, क्षेत्र रोड़ होती हुई भरत मंदिर भगवान के दर्शन कर पुनः कृष्ण कुंज आश्रम मैं संपन हुई। भगवान वेणु गोपाल का कई जगह पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।

इस अवसर पर युवराज संत गोपालाचार्य महाराज, तुलसी मानस मंदिर के मंहत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, मंहत वल्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य महाराज, अभिषेक शर्मा, राम कृपाल गौतम, कपिल गुप्ता, धनश्याम भट्ट सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

भगवान परशुराम के विचारों और सिद्धांतों का पालन करे-प्रेमचन्द अग्रवाल

श्री परशुराम महासभा ऋषिकेश की ओर से भगवान परशुराम की जंयती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कैबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।
रविवार को व्यापार सभा में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अग्रवाल ने महर्षि परशुराम जयंती की शुभकामनाए दी। कहा कि हमारा भारत एक सबसे पवित्र एवं धार्मिक देश माना जाता है। जहां कई महापुरुषों ने जन्म लिया और हमारी पवित्र मिट्टी में तब्दील हो गए, उन्ही में से एक भगवान परशुराम जी भी थे। जो भगवान विष्णु के छठवें अवतार थे। भगवान परशुराम जी का जन्म त्रेता युग में रामायण काल के दौरान माना जाता है। वे एक ब्राह्मण ऋषि के रूप में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम जगदग्नि एवं माता का नाम रेणुका था। उनका बचपन का नाम राम था।
अग्रवाल ने कहा कि भगवान शिवजी द्वारा परशु नामक शस्त्र प्रदान किया गया था। जिसके कारण उनका नाम परशु और राम से परशुराम पड़ा। उन्होंने आवाहन करते हुए कहा कि इस पवित्र दिन के अवसर पर भगवान परशुराम जी के विचारों व सिद्धांतों का पालन करें और हमेशा उनके बताए हुए नियमों का पालन करने का वचन लें। कहा कि भगवान परशुराम के सिद्धांतों पर चलने से निश्चित रूप से हमारे दैनिक जीवन में बदलाव होगा। हमें भगवान परशुराम जी के नियमों व सिद्धांतों को ग्रहण करना शुरुआत में भले ही कठिन लगे लेकिन वे हमारे लिए फायदेमंद ही सिद्ध होंगे।
इस मौके पर मेयर अनिता ममगाई, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, महासभा के अध्यक्ष राकेश शर्मा, महासचिव सतीश दूबे, कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, सरोज डिमरी, संजय शास्त्री, भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम, अनिता रैना, मनीष मिश्रा, प्रमोद शर्मा, प्यारे लाल जुगरान, राजेन्द्र पांडे, अभिषेक शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष शम्भू पासवान, भास्कर बिजल्वाल, प्रमोद शर्मा, श्याम बिहारी मौर्य आदि महासभा के पदाधिकारी मौजूद रहे।

कैबिनेट मंत्री ने पवित्र कलश गाडू घड़ा के दर्शन किये

आज पुराना रेलवे मार्ग स्थित बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति चेला चेतराम धर्मशाला में भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए तिलों के तेल का कलश गाडू घड़ा के प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री, शहरी विकास व स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल धर्मपत्नी शशिप्रभा ने दर्शन किए।
शनिवार को अग्रवाल ने धर्मशाला पहुंचकर तिलों के तेल का पवित्र कलश गाडू घड़ा के दर्शन किए। उन्होंने यहां भगवान बदरीविशाल के भजनों में भी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने भगवान बदरीविशाल से इस मौके पर देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर अग्रवाल ने भगवान बदरीनाथ का प्रसाद पीली दाल, मिश्री भी ग्रहण किया। इस मौके पर अग्रवाल ने पवित्र कलश गाडू घड़ा को ध्वज दिखाकर श्री बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया।
इस मौके पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी, मुख्य कार्य अधिकारी मंदिर समिति बीडी सिंह, माननीय मंत्री जी की धर्मपत्नी शशि प्रभा अग्रवाल, पूर्व विधायक बद्रीनाथ महेंद्र भट्ट, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, महामंत्री सुमित पवार, पार्षद शिव कुमार गौतम, लता तिवाड़ी, राजेश कुमार, सरोज डिमरी, इंद्र कुमार गोदवानी, संदीप खुराना, सचिन अग्रवाल, जयंत शर्मा आदि उपस्थित रहे।

हनुमान जी के मूल्य एवं कार्यों की प्रासंगिकता और बढ़ गई हैः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीराम भक्त हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने अपने परिवार के साथ सुंदरकांड का पाठ भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हनुमान जी वास्तव में भक्ति के पर्याय है, भगवान श्रीराम के अधिकांश कार्य हनुमान जी के पुरुषार्थ से सिद्ध हुए हैं। हनुमान जी बुद्धिमान, कर्तव्य परायणता तथा निस्वार्थ सेवा के प्रतिमूर्ति वह महान कर्मयोगी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हनुमान जी दुनिया के ऐसे विलक्षण एवं ऐतिहासिक पात्र हैं जिन्होंने कठिन से कठिन जोखिम भरे कार्यों को अपने कर्म बल से संपन्न कराने का कार्य किया। तथा देवत्व को प्राप्त करते हुए स्वयं भगवान की स्थिति को प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हनुमान जी के मूल्य एवं कार्यों की प्रासंगिकता और बढ़ गई है।

युद्ध समाप्ति को लेकर भगवान शिव से करें प्रार्थनाः यूक्रेनी राजदूत


महाशिवरात्रि का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। (ukraine ambassador says lord shiva can save from war).एक तरफ देश के तमाम शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में रूस के हमलों से बर्बादी की आग बरस रही है। भारत मे यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा का मानना है कि भगवान शिव ही इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर सकते हैं। आप सभी इसके लिए प्रार्थना करें।
यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि ‘आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। भारत मे हर इंसान में शिव का निवास है। शिव ही ऐसे विकट हालात से निकाल सकते हैं। प्लीज आप सभी भगवान शिव से प्रार्थना करें कि इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करें।’
इससे पहले यूक्रेन में फंसे भारतीयों के साथ बॉर्डर पर हो रहे दुर्व्यवहार पर जब पोलिखा से सवाल किया गया यो उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है। यूक्रेन के लिए सभी देशों के नागरिक एक समान हैं और सभी भारतीय को सुरक्षित भेजने की कोशिश की जा रही है। जो कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिसमें शरणार्थियों के साथ बॉर्डर-गार्ड्स ने बदसूलकी की है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी शरणार्थी अनुशासन का पालन करें। इस सब के लिए रूस जिम्मेदार है। हमारी कोशिश है कि सभी को सुरक्षित निकाला जाए।

गीता संदेश विशेषांक धार्मिक सरोकार रखने वालों के लिए होगा उपयोगीः स्वामी व्यासानंद महाराज

वैदिक फाउंडेशन हिमालया के संयुक्त तत्वाधान में आज महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी व्यासानंद महाराज द्वारा संस्थापित श्री गीता आश्रम (स्वर्ग आश्रम) से निरंतर 65 वर्षों से प्रकाशित धार्मिक मासिक पत्रिका गीता संदेश के 65 में वर्ष के विशेषांक ब्रह्मचर्य व्रत एवं नियम का विमोचन हुआ।

वैदिक फाउंडेशन हिमालय योगालय आश्रम में भारत माता मंदिर हरिद्वार के श्री महंत पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ललित आनंद गिरि महाराज के कर कमलों के द्वारा पुस्तिका का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर महंत रवि प्रपन्नाचार्य के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में पत्रिका के संपादक भानु मित्र शर्मा, स्वामी शंकर तिलक महाराज संस्थापक वैदिक फाउंडेशन हिमालया के प्रतिनिधि के रूप में आरती चौतन्य, ऊमाया चौतन्य, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, रमाकांत भारद्वाज, अभिषेक शर्मा, ओंकार नेगी, पंडित प्रवीण शर्मा, संत महावीर दास, महंत प्रमोद दास आदि लोग उपस्थित रहे।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललित आनंद गिरि ने कहा कि श्री गीता आश्रम द्वारा पूज्य गुरुदेव स्वामी व्यासानंद महाराज के संकल्पों को गीता संदेश के माध्यम से पूर्ण किया जा रहा हैं गीता संदेश का यह विशेषांक धार्मिक सामाजिक सरोकार रखने वाले के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।