संतों की शरण में पहुंचे भाजपाई पार्षद, भगवा रंग का समर्थन किया

भगवाकरण के मामले में ऋषिकेश नगर निगम के पार्षद आज मायाकुंड स्थित कृष्ण कुञ्ज आश्रम पहुंचे। अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष स्वामी गोपालाचार्य महाराज और महासचिव स्वामी अखंडानंद महाराज के समक्ष उन्होंने अपनी बात रखी। सभी पार्षदों ने लिखित में भगवाकरण का समर्थन किया। साथ ही सभी पार्षदों ने हस्ताक्षर कर अपनी तरफ से स्वीकृति भी दी। वहीँ संतों ने बताया ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती ने इस मामले में मध्यस्ता की और गतिरोध समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई।

कहा कि मेयर अनिता ममगाईं द्वारा लाया गए प्रस्ताव का हम सभी पूर्व समर्थन करते हैं, यदि उपरोक्त प्रस्ताव वापस ले लिए गया है तो हम भाजपा के पार्षद पूर्ण समर्थन के साथ सदन में प्रस्तुत करते हुए पास कराएंगे। मुलाकात करने वालों में पार्षद विकास तेवतिया, जयेश राणा, सोनू प्रभाकर, रीना शर्मा, शारदा सिंह, शिव कुमार गौतम, राजू दिवाकर, राम अवतारी पंवार, मीनाक्षी,रविंद्र बिड़ला और तनु तेवतिया मौजदू रहे।

संत समिति के अलावा इस मौके पर नमामि गंगे के प्रदेश संयोजक कपिल गुप्ता, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती भी मौजूद रहे।

नगर निगम ऋषिकेश की बोर्ड बैठक में 48 करोड़ का बजट 17 पार्षदों की मौजूदगी में पास

ऋषिकेश नगर निगम की आज बैठक बोर्ड संपन्न हुई। इसमें 23 पार्षद अनुपस्थित रहे, जबकि निर्वाचित 17 पार्षद ही मौजूद रहे। इसमें पूर्व में मेयर अनिता ममगाईं की ओर से लाया गया ओरेंज सिटी का प्रस्ताव आज निरस्त कर दिया गया। इसके पीछे मेयर अनिता ममगाईं ने जनमत संग्रह कराने की बात कहीं। वहीं, 48 करोड़ 44 लाख 26 हजार 414 रूपए का प्रस्ताव पास कर दिया गया। पार्षद देवेंद्र प्रजापति ने सवाल उठाया कि सदन में पार्षदों की संख्या कम होने के चलते क्या बजट पास किया जा सकता है, इस पर मुख्य नगर आयुक्त ने तर्क दिया कि नगर निगम अधिनियम की धारा 90 (3) के तहत यदि पूर्व में पार्षदों को सूचना दी गई हो और जनहित के कार्यों के लिए किसी भी गणापूर्ति की आवश्यकता नहीं होती। अतः मौजूदा पार्षदों की मौजूदगी में ही बजट पेश कर पास किया जा सकता है। इसके बाद सदन की आगे की कार्रवाई चली।

पार्षद विपिन पंत ने सदन के समक्ष कहा कि जो भी पार्षद आज बोर्ड की बैठक में मौजूद है, उसी के प्रस्ताव पर ही चर्चा की जाए। अन्य पार्षद जो अनुपस्थित हैं, उनके प्रस्ताव पर चर्चा कर सदन का समय खराब न किया जाए। इस पर सहमति बनी और मौके पर मौजूद 17 पार्षद अजीत सिंह गोल्डी, राकेश मियां, देवेंद्र प्रजापति, भगवान सिंह, रूपा देवी, अनिता रैना, ज्योति पासवान, लक्ष्मी रावत, मनीष शर्मा, मनीष बनवाल, राजेंद्र बिष्ट, विजय बडोनी, विजेंद्र मोघा, विपिन पंत, जगत सिंह नेगी, शौकत अली के प्रस्तावों पर चर्चा कर उसे सर्वसहमति से पास कर दिया गया।

यह प्रस्ताव को मेयर ने किया निरस्त
प्रस्ताव संख्या 24 में पार्षद अजीत सिंह, विकास तेवतिया, मनीष बनवाल और लव कांबोज ने निर्माण अनुभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी संदीप रतूड़ी को ड्राफ्टमैन के पद से रिक्त चल रहे जेई के पद पर पदोन्नत करने को कहा। इस पर मेयर अनिता ममगाईं ने कर्मचारी को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या उन्हें पदोन्नत होने के लिए प्रस्ताव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि काबिलियत के दम पर प्रमोशन मिलेगा, न की प्रस्ताव लाकर। ऐसी गलती दोबारा न हो। इसका ध्यान रहे।

भगवा रंग के वस्त्र पहनकर सदन पहुंचे पार्षद
पिछली बैठक में ओरेंज सिटी को लेकर काफी हंगामे के बाद आज की बैठक में अधिकांश पार्षद भगवा रंग के वस्त्र पहनकर आए। निर्दलीय पार्षद अजीत गोल्डी भी भगवा रंग की पगड़ी पहनकर सदन पहुंचे।

जब कांग्रेसी पार्षद को मेयर ने पहनाई भगवा पगडी
सदन में जैसे ही मेयर अनिता ममगाईं ने प्रवेश किया। उन्होंने सिर पर भगवा रंग की पगड़ी पहनी हुई थी। जिसे मेयर ने कांग्रेसी पार्षद देवेंद्र प्रजापति को पहना दिया। इसके बाद पार्षद ने जय श्री राम के उद्घोष लगाए।

धारा 90 (1) के तहत विशेष प्रस्ताव को मिली चुनौती
पार्षद शिव कुमार गौतम, विकास तेवतिया का पक्ष जानने पर उन्होंने बताया कि उन्होंने बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया था। नगर निगम अधिनियम की धारा धारा 90 (1) के तहत विशेष प्रस्ताव तब तक पास नहीं किया जा सकता है, जबतक कि उस सदन के आधे से अधिक सदस्य सदन में मौके पर मौजूद न हो। उन्होंने बताया कि एजेंडा का पहला ही प्रस्ताव ध्यान से देखें, तो उसमें साफ लिखा है, जो बजट का प्रस्ताव है वह विशेष प्रस्ताव के तहत है। लिहाजा, यह वार्षिक बजट को आधे से अधिक संख्या सदन में मौजूद न होने पर पास कर दिया गया। यह नगर निगम अधिनियम की धारा 90 (1) का उल्लंघन है, यह बजट किसी भी सूरत पर पास नहीं किया जा सकता है।

कुम्भ मेले से जुड़े अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये कार्यों को समय से पूरा कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को कुम्भ मेले के विभिन्न निर्माण कार्यों के लोकार्पण के पश्चात मेला नियंत्रण भवन में मेले से जुड़े उच्चाधिकारियों के साथ ही विभागीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली।

मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के कार्यों में तेजी लाये जाने के लिये पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में की गई व्यवस्थाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी कुम्भ मेले के शाही स्नान पर्वों को सकुशल सम्पन्न कराने में सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने इसके लिए आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जो कार्य अंतिम चरण में हैं उन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जाये। मुख्यमंत्री ने शहर के आंतरिक मार्गों के निर्माण में भी और तेजी लाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने डामकोठी के निर्माण कार्य में भी और तेजी लाये जाने के साथ ही कुम्भ क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जिस तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ महाशिवरात्रि के शाही स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जैसी व्यवस्थाएं की थी, ऐसे ही प्रयास आगामी स्नान पर्वो में भी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। अतिथि देवों भवः हमारी परम्परा रही है। इसी परम्परा का हमें निर्वहन करना हैं।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मेला नियंत्रण भवन स्थित कमांड एंड कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस कंट्रोल रूम की व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। इससे भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंध आदि में भी मदद मिल सकेगी।

मेला नियंत्रण भवन में ही मुख्यमंत्री से किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के अन्य संतों के साथ भेंट की, तथा अपनी विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

बैठक में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वामी यतीश्वरानंद, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन, डीआईजी नीरू गर्ग, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस, एसएसपी कुम्भ जन्मेजय खंडूडी, अपर मेलाधिकारी डॉ0 ललित नारायण मिश्र, उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह, दयानंद सरस्वती सहित बिजली, लोक निर्माण, सिंचाई, पेयजल, जल संस्थान से सम्बंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

हरिद्वार में मुख्यमंत्री ने किया लगभग 120 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

हरिद्वार महाकुंभ 2021 के तहत आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने करीब 120 करोड़ की लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा की कुंभ पूरे विश्व की धरोहर है और यह 12 साल में एक बार आता है। ऐसे में कुंभ को लेकर लोगों में उत्साह तो जरूर था लेकिन कोविड-19 को लेकर असमंजस की स्थितियां बनी हुई थी। इससे यहां का व्यापारी वर्ग से लेकर आम जन में चिंताएं थी। इसी चिंता को देखते हुए हमारी सरकार ने कुंभ में आने जाने की अनावश्यक रोक टोक को खत्म कर किया है। लेकिन भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन को हर हाल में पूरा करना होगा।

उन्होंने कहा कि कुंभ पर हमारा पूरा फोकस है। इसे भव्य और दिव्य बनाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यहां किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। अखाड़ा परिषदों से लेकर श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन के बारे में बताया गया है। कुम्भ मेले में आवागमन को बेहतर करने के लिए यहां यात्री वाहनों की संख्या में 4 गुना तक का इजाफा किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने विकास प्राधिकरण के अस्तित्व को हमारी सरकार ने खत्म कर दिया है। हमारी सरकार ने कोविड-19 के दौरान काम करने वालों पर लगे मुकदमों को वापस ले लिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहाड़ में रेल का सपना पूरा कर दिया है। पहले लोग सड़क की मांग करते थे आज ट्रेन की बात हो रही है। उनके नेतृत्व में ही यह बदलाव संभव हो पाया है आने वाले दिनों में यहां रोजगार की भी कोई कमी नहीं होगी। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन पूरे विश्व में उनकी नेतृत्व क्षमता का लोहा माना जाता है पूरे विश्व में उनके नेतृत्व की तारीफ की जाती है।

इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वामी यतीस्वरानंद, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठोर, आयुक्त गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन आदि मौजूद रहे।

मां गंगा की पूजा अर्चना कर सीएम तीरथ ने जग कल्याण की कामना

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आज हरकी पैड़ी पहुंचे। यहां पर उनका विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चैहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, मेला अधिष्ठान के अधिकारियों और श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणी, उज्ज्वल पंडित सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया।

इसके बाद श्रीगंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री ने मंत्रोउच्चारण के साथ मुख्यमंत्री श्री रावत से मां गंगा की पूजा-अर्चना ओर आरती कराई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां गंगा से कुम्भ की सफलता और सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा कार्यालय में पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गंगाजलि, प्रसाद भेंट किया।

ग्रामीण क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहींः डा. राजे नेगी

अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने फस्र्ट नेशनल स्कूल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

बता दें कि फिट इंडिया कार्यक्रम अंतर्गत आगरा में विगत 6 मार्च से 8 मार्च तक तीन दिवसीय चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था। जिसमें देशभर के विभिन्न स्कूलों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था। चैंपियनशिप में ऋषिकेश के विभिन्न स्कूलों के खिलाड़ियों ने अपने दमदार प्रदर्शन से आयोजकों बल्कि चैंपियनशिप देखने आये दर्शकों का भी दिल जीत लिया। नेशनल चैंपियनशिप में अरीना स्पोर्ट्स एकेडमी के छह खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें चार खिलाड़ी फुटबॉल के एक एथलेटिक और एक बॉक्सिंग का था। फुटबॉल की टीम गोल्ड मैडल हासिल करने में कामयाब रही।जबकि एथलेटिक और बॉक्सिंग में खिलाडियों ने सिल्वर मैडल हासिल किए। इस अवसर पर खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि कि खेलों में गहरी रुचि रखनेवालों के लिए अपनी पहचान बनाने के अनेकों अवसर हैं। हाल के वर्षों मे छोटे छोटे गांवों से आए तमाम युवा खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा से सभी को चैंकाया है।

सम्मान पाने वाले खिलाड़ियों में अमर ज्योति सरस्वती निलायम हाई स्कूल बायपास श्यामपूर के प्रियांशु नेगी, शिवम शाह, विनय सिंह, प्रियांशु चैधरी, एनडीएस स्कूल के प्रियांशु पैन्यूली एवं पीजी कॉलेज ऋषिकेश के हिमांशु गोस्वामी शामिल रहे। इस मौके भारतीय जूनियर फुटबाल टीम के कप्तान एवं कोच अभिषेक रांगड़, अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के महामंत्री उत्तम सिंह असवाल, अरविंद जोशी, प्रवीन असवाल, सुनील सेमवाल, महावीर अमोला, मयंक भट्ट, मोनिका पंवार, अंजली वर्मा उपस्थित थे।

नींद पूरी होने पर न्यूरोलाॅजिकल बीमारियों का खतरा होने की संभावना कमः प्रो. रविकांत

नींद का हमारे शरीर के संतुलित व्यवहार और देखरेख के लिए अत्यधिक महत्व है। हालांकि यह एक रहस्य ही है कि नींद क्यों, कैसे और कहां से संचालित होती है और किस प्रकार उपरोक्त कार्य को निष्पादित करती है, मगर काफी हद तक इसमें मस्तिष्क के कुछ अहम हिस्सों जैसे हाइपोथालामस, पीनियल ग्रंथि और रेटिकूलर एक्टिवेटिंग सिस्टम और उनसे निकलने वाले न्यूरो केमिकल मैसेंजेर का जटिल सूचना तंत्र संलग्न है, लिहाजा जाहिर सी बात है कि न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से नींद का गहरा संबंध है, जो कि दोतरफा है यानि कि एक तरफ जहां न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में नींद प्रभावित होती है वहीं दूसरी ओर नींद की गड़बड़ी कई न्यूरोलॉजिकल बीमारियों को या तो जन्म देती है या उनकी गंभीरता को कई गुना बढ़ा देती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में निदेशक प्रो. रविकांत ने न्यूरोलॉजी विभाग एवं निद्रा रोग प्रभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उम्मीद जताई कि निद्रा रोग प्रभाग आने वाले वर्षों में उत्तराखंड एवं आसपास के राज्यों के निद्रा रोग से ग्रसित मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगा।

आइए कुछ महत्वपूर्ण न्यूरोलॉजिकल रोगों से नींद के संबध को बिंदुवार एक-एक कर समझते हैं। एम्स ऋषिकेश के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं निद्रा रोग प्रभाग के सदस्य डा. नीरज कुमार के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत स्ट्रोक के मरीज नींद की समस्या से ग्रसित होते हैं. इतनी बड़ी संख्या क्यों? मोटापा, खून में वसा की मात्रा, निष्क्रिय दिनचर्या, धुम्रपान यह सब जिस प्रकार से धमनियों की बीमारियों को बढ़ाते हैं, वैसे ही ओब्सट्रकटिव स्लीप एपनिया की संभावना को भी बढ़ा देते हैं। करीब 20 फीसदी स्ट्रोक के मरीजों को शिकायत होती है कि उन्हें नींद का नहीं आने, नींद के जल्दी टूट जाने या दिन में भी सुस्ती आने आदि समस्याएं हैं। यानि कुल मिलाकर नींद की संपूर्ण प्रणाली का ही त्रुटिपूर्ण हो जाना। इसकी मूल वजह में स्ट्रोक के बाद होने वाले अवसाद या दवाइयों के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। थैलामस और ब्रेन स्टेम में होने वाले स्ट्रोक भी नींद के नियंत्रण केंद्र को क्षति पहुंचाकर नींद के क्रम को बिगाड़ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि स्ट्रोक के मरीजों में नींद की समस्या आम रहती है, मगर निदान या उपचार गिने चुने लोगों का ही हो पाता है, इसका कारण चाहे स्ट्रोक से ग्रसित मरीज के बोलने की शक्ति का कम होना हो या अपाहिज होकर बिस्तर पर पड़े रहने के चलते उनकी नींद से जुड़ी समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जाना हो, मरीज का उपचार करने वाले चिकित्सक भी कई बार उसकी नींद से संबंधित समस्या से अन​भिज्ञ होते हैं या कभी- कभी उसे नजरअंदाज कर देते हैं, मगर ध्यान रहे कि नींद की गड़बड़ी दोबारा स्ट्रोक अटैक की आशंका को करीब 25 फीसदी तक बढ़ा देती है। विशेषज्ञ चिकित्सक डा. नीरज कुमार जी का कहना है कि मिर्गी या मूर्छा का भी नींद से सीधा- सीधा संबंध है। सुप्तावस्था में इलेक्ट्रो इनसेफलोग्राम में दौरों को दर्शाने वाले विद्युत तरंग ज्यादा दृष्टिगोचर होते हैं, करीब 50 फीसदी जेनेरलाइज्ड एपिलेप्सी के अटैक रात के समय ही ज्यादा आते हैं। इसकी वजह से भी मरीज पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाता। किशोरावस्था से शुरू होने वाली मयोक्लोनिक एपिलेप्सी के अटैक बढ़ जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ मिर्गी के मरीजों की नींद अक्सर प्रभावित हो जाती है, अब चाहे वह दवाइयों की वजह से हो या बीमारी से उपन्न होने वाले अवसाद, घबराहट या डर के कारण से अथवा फिर मिर्गी की बीमारी के मूल कारण इसकी प्रमुख वजह हो। कईबार तो निद्रा विकार जिनमें स्वप्न विकार भी शामिल हैं, इन विकारों व मिर्गी के दौरों से अंतर करना बहुत मुश्किल काम होता है, नतीजतन अक्सर मरीज जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए उपचार कराने की बजाए वर्षों तक झाड़-फूंक का सहारा लेते रहते हैं।

सर दर्द –
सर दर्द खासकर माइग्रेन का नींद से गहरा सम्बन्ध है। तेज सर दर्द के वक्त नींद नहीं आती और अक्सर नींद पूरी नहीं होने पर सर दर्द कईगुना अधिक बढ़ जाता है। कईदफा दवाइयों से भी ठीक नहीं होने वाले सर दर्द सिर्फ नींद के इलाज से ही ठीक हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने यह खोज निकाला है कि माइग्रेन और नींद के नियंत्रण केंद्र आसपास ही होते हैं। इस कारण से भी दोनों का परस्पर संबंध होता है। .
मल्टीपल स्क्लेरोसिस –
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस जैसे इम्युनिटी सिस्टम( प्रतिरक्षा तंत्र) के रोगों में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, सेंट्रल स्लीप एपनिया, दिनभर की थकान-सुस्ती, दिन में भी नींद की अधिकता और नींद के क्रम के टूटने जैसी बीमारियां आम हैं, कभी कभी नींद में चलने ,बोलने या चलते-चलते नींद के आगोश में चले जाना जिसे नार्कोलेपसी भी कहते हैं, इन लक्षणों से मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस की पहचान होती है। आश्चर्यजनक बात यह है कि अबुझ पहेली से लगने वाले यह लक्षण सही समय पर इलाज लेने से पूरी तरह ठीक भी हो जाते हैं।
पार्किन्सन व डेमेंटिया – पार्किन्सन और डेमेंटिया जैसे रोग जिनमें मस्तिष्क धीरे- धीरे सूखने लगता है या समय से पहले वृद्ध होने लगता है, इनमे नींद की समस्या काफी अधिक मिलती हैं। इसका कारण कभी दवाइयों का दुष्प्रभाव होता है तो कभी अवसाद के कारण से ऐसी समस्या उत्पन्न होती है। मगर अक्सर यह बीमारियां खुद ही नींद की समस्या को साथ लाती हैं। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम या नींद में बोलने लगना – हाथ पैर चलाना यह ऐसे लक्षण हैं जो, कई बार पार्किन्सन रोग के मुख्य लक्षण आने से वषों पहले से ही व्यक्ति में दिखने लगते हैं, ऐसे में सजग न्यूरोलॉजिस्ट इस तरह के रोगों की सटिक पहचान करके बीमारी को शुरुआती दौर में ही पहचान लेते हैं।
नसों और मांसपेशियों के मरीजों में फेफड़ों की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। अक्सर यह मरीज नींद के दौरान जबकि श्वसन की सहायक मांसपेशियां शिथिल हो जाती है, ऐसे में वह अपने शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा बनाए रखने में विफल होते हैं. कईबार इस अवस्था में मरीजों की मौत भी हो जाती है, पर अगर समय से इनकी पहचान हो जाए और सी-पैप जैसी साधारण मशीन जो कि सांस अंदर खींचने में मदद करती है, का प्रयोग किया जाए तो ऐसी अप्रिय घटनाओं को टाला जा सकता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि नींद न सिर्फ खूबसूरत सपनों के लिए आवश्यक हैं बल्कि शरीर को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए भी उतनी ही जरुरी क्रिया है। न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए तो न सिर्फ रोग की गंभीरता को रोकने के लिए बल्कि नए रोगों को उत्पन्न होने से रोकने व उनसे बचने के लिए साफ सुथरी, स्वस्थ निद्रा की और भी अधिक आवश्यक है।

तीरथ सिंह रावत के महिला टिप्पणी मामले में यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन

महिलाओ पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में भले ही सीएम तीरथ सिंह रावत ने खुलकर माफी मांग ली हो। मगर, कांग्रेस इसे आज भी निशाना बना रही है। आज चंद्रभागा पुल समीप यूथ कांग्रेस मुनिकीरेती अध्यक्ष रोहित चैहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सीएम का पुतला आग के हवाले कर दिया।

रोहित चैहान ने कहा कि सीएम का बयान भाजपा और आरएसएस की महिलाओं के प्रति सोच को दिखाता है। यूथ कांग्रेस इसकी निंदा करता है। प्रदेश सचिव आईटी संतोष पैन्यूली ने कहा सीएम प्रदेश की बिगड़ती हालत को सुधारने का काम करे, न कि महिलाओं पर नजर रखे।

पुतला फूंकने वालो में सौरभ पोरियाल, अनिल रावत, पर्वत बहुगुणा, रोहित पोखरियाल, अभिषेक सेमवाल, आयुष पंवार, अभिषेक कालूरा, संदीप चैहान, अमन, तुषार आदि मौजूद रहे।

राजाजी की चीला रेंज में शावक गुलदार की मौत

राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में एक गुलदार के शावक के मृत मिलने से हड़कम्प मच गया। घटना राजाजी पार्क की चीला रेंज में वन कर्मियों को पावर हाउस के पीछे शव बरामद हुआ।

मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने बताया कि मृतक गुलदार के शावक की उम्र तकरीबन 25 माह तक ही है। बताया कि यह शावक कुछ दिन पूर्व ही अपनी मां से अलग हुआ था। संभवतया मृतक शावक और बाघ के बीच संघर्ष हुआ है, मृतक शावक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले है। पशु चिकित्सक व वार्डन के अनुसार शावक गुलदार और बाघ के बीच काफी देर तक संघर्ष चलता रहा। मृतक शावक के शरीर में कई जगह बाघ के दांत के निशान पाए गए। बताया कि शावक के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत के कारण की पुष्टि होगी।

दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में बड़ी तादाद में पहुंचे उत्तराखण्ड मूल के लोग, सीएम का किया स्वागत

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे तीरथ सिंह रावत का उत्तराखण्ड सदन में भव्य स्वागत हुआ। बड़ी संख्या में सदन में मौजूद उत्तराखण्ड मूल के लोगों ने मुख्यमंत्री का फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनभवनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। जनता जो चाहेगी वही किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशन में उत्तराखण्ड का चहुमुंखी विकास किया जाएगा।

उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री के अपार लगाव की बदौलत ही यहां चारधाम ऑल वैदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट्, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम पुनर्निर्माण समेत तमाम परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। उत्तराखण्ड विकास के नए आयाम छू रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने अभी एक सप्ताह का ही समय हुआ है। इस दौरान उन्होंने जनभावनाओं के अनुरूप फैसले लिये। सबसे पहले कोरोनाकाल में जिन 4500 लोगों पर महामारी एक्ट के तहत मकदमे दर्ज किए गए थे, उन मुकदमों को सरकार ने वापस लिया। इनमें से अधिकांश मुकदमे उन लोगों पर दर्ज थे जो कारोनाकाल में जरूरतमंदों की मद्द में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों की मनमानी से पहाड़ी क्षेत्र के लोग त्रस्त थे। हमारी सरकार ने देर लगाए बगैर पहाड़ी जिलों में प्राधिकारणों का अस्तित्व समाप्त कर दिया है। कुंभ स्नान के लिए देश-विदेश के सभी श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान के लिए हरिद्वार आंमंत्रित किया गया है। कुम्भ मेले के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का ध्यान रखा जाएगा परंतु अनावश्यक रोक टोक नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रभाव से घर लौटे प्रवासी उत्तराखण्डियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्हें स्वरोजगार शुरू करने के लिए ब्याज रहित ऋण मुहैया करवाया जा रहा है। उनकी हर समस्या का समाधान सरकार करेगी। उन्होंने उत्तराखण्ड मूल के लोगों से आग्रह किया कि वे भी उत्तराखण्ड राज्य के विकास और जनकल्याण में अपना योगदान दें। इस मौके पर नैनीताल के सांसद अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय, पूर्व सांसद बलराज पासी आदि उपस्थित थे।