पाकिस्तान अपने राष्ट्रवादी नजरिए के मुताबिक इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का काम कर रहा है। इसके लिए इतिहास की किताबों को हथियार बनाते हुए यह बताया जाता है कि जब 70 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हुए खून-खराबे के लिए हिंदू जिम्मेदार हैं।
पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली सरकारी मान्यता प्राप्त ग्रेड पांच की इतिहास की किताबों में हिंदुओं को ‘हत्यारा’ बताया गया है, जिन्होंने मुसलमानों का नरसंहार किया, उनकी संपत्ति जब्त कर ली और उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के 17 साल के नोमान अफजल ने अपनी इतिहास की किताब में लिखे एक उत्तर का जिक्र करते हुए कहा, वे हमें नीचा समझते थे, इसलिए हमने पाकिस्तान बनाया।
महात्मा गांधी के अध्याय, इस बात का साफ उदाहरण है कि सीमा के दोनों और बंटवारे को कितना अलग-अलग तरीके से पेश किया गया है। पाकिस्तान में आजादी के लिए गांधी के संघर्ष का कुछ खास जिक्र नहीं किया गया है, जबकि भारत में उन्हें ‘वन मैन आर्मी’ के तौर पर पेश किया जाता है।