देवप्रयाग में शराब के बॉटलिंग प्लांट को लेकर सियासी हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपनी फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ई-पत्र लिखा है। चुटीले अंदाज में लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि उनके कार्यकाल में देवप्रयाग क्षेत्र में पानी व फ्रूटी बॉटलिंग प्लांट लगा। मेरा लगाया पौधा, पानी व फ्रूटी बॉटलिंग प्लांट का था। आपने कुशल माली के तौर पर उस पर अन्य कलम लगा दी। मेरे कार्यकाल में केवल लाइसेंस दिया गया, जिस पर आगे की कार्रवाई आपकी पार्टी सहित स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए रोक दी गई। यदि आप शराब बनाने का लाइसेंस नहीं देना चाहते तो आपकी सरकार रिन्युअल नहीं करती। बीजेपी उत्तराखंड बहुत चतुराई से कौवे को भी तीतर बताकर खा जाती है।
दरअसल, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते रोज उक्त बॉटलिंग प्लांट को अनुमति देने को पूर्व सीएम हरीश रावत पर यह कहते हुए हमला बोला था कि वह पहले पौधा लगाते हैं, फिर उसे उखाड़ने में लग जाते हैं। इस पर प्रतिक्रिया में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि हमने मैदानों में डिस्टलरीज, फुटहिल्स में वाइनरीज व रागी बियर प्लांट व मध्य हिमालय में फ्रूट वाइन्स व वाटर व ऑयल बॉटलिंग प्लांट लगाने की नीति पर काम किया। समय कम मिला, हम इन नीतियों को पूरी तरह धरातल पर नहीं उतार पाए।
पूर्व मंत्री नैथानी ने बोला भाजपा सरकार पर हमला
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं देवप्रयाग क्षेत्र के पूर्व विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी ने एनसीसी ट्रेनिंग एकेडमी श्रीकोट माल्दा (टिहरी) से हटाकर देवाल गांव (पौड़ी) ले जाने के मौजूदा भाजपा सरकार के फैसले पर सख्त आपत्ति की है। उन्होंने टिहरी जिलाधिकारी के श्रीकोट माल्दा के ग्रामीणों के सशर्त भूमि देने के कथन को झूठा करार दिया। उनके क्षेत्र में शराब के बॉटलिंग प्लांट लगाने के सरकार के फैसले को जनविरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस, उन्हें और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।
देवप्रयाग क्षेत्र से एनसीसी एकेडमी हटाने और शराब के बॉटलिंग प्लांट मामले में पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी खुलकर सामने आए। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवनों में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दोनों मुद्दों पर भाजपा सरकार पर हमला बोला। साथ ही इस मामले में पिछली कांग्रेस सरकार का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि एनसीसी एकेडमी की श्रीकोट माल्दा में स्थापना को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पांच दिसंबर, 2016 को शिलान्यास किया था। एकेडमी के लिए श्रीकोट माल्दा के किसानों ने 200 नाली भूमि दान स्वरूप दी। उन्होंने कहा कि एनसीसी एकेडमी बचाओ संघर्ष समिति देवप्रयाग विकासखंड मुख्यालय हिंडोलाखाल में आंदोलन जारी रखेगी। सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।
गैरसैंण में भूमि खरीद पर रोक हटाने के विरोध में उतरी प्रदेश कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश में सरकार के फैसलों के खिलाफ जन आक्रोश को भुनाने में जुट गई है। राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं से जुड़े गैरसैंण समेत आसपास के 27 गांवों में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर लगी पाबंदी हटाने के त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने आंदोलन को तेज करने की ठान ली है। गैरसैंण में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपनी दिल्ली यात्रा के बीच से ही वापस गैरसैंण लौटने और शुक्रवार को वहां गिरफ्तारी देने की घोषणा की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी कहा कि गैरसैण में पूर्व में लागू भू कानून को यथावत रखा जाए अन्यथा पार्टी पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतर कर इसका विरोध करेगी।
गैरसैंण को लेकर एक बार फिर सरकार व सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस फिर आमने-सामने हो गई हैं। मंत्रिमंडल ने बीते रोज चमोली जिले के गैरसैंण और आसपास के क्षेत्रों में भूमि खरीद पर पाबंदी खत्म करने का फैसला लिया है। पिछली कांग्रेस सरकार ने 16 नवंबर, 2012 को आदेश जारी कर गैरसैंण व आसपास के क्षेत्रों में भूमि खरीद पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद चमोली के तत्कालीन जिलाधिकारी ने 23 नवंबर, 2012 को आदेश जारी कर गैरसैंण तहसील के 27 गांवों में भूमि की खरीद-बिक्री पर रोल लगा दी थी। अब भाजपा सरकार ने गैरसैंण व आसपास के क्षेत्रों में भूमि खरीद-बिक्री का बैनामा या रजिस्ट्री न होने और 10 रुपये के स्टांप पेपर पर भूमि की खरीद किए जाने से मालिकाना हक को लेकर विवाद को आधार बनाकर उक्त रोक हटाने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया है। गैरसैंण में इस मामले पर हो रहे प्रदर्शन को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने समर्थन तो दिया ही, साथ में खुद भी गैरसैंण पहुंचकर गिरफ्तारी देने की घोषणा की है। कांग्रेस इस मुद्दे को तूल देने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य की प्रस्तावित राजधानी गैरसैंण में जमीनों की खरीद फरोख्त पर लगाई गई रोक हटाने का फैसला राज्य निर्माण आंदोलन की भावना के विपरीत है। इस मामले में भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए प्रीतम ने कहा कि इस निर्णय से राज्य निर्माण की भावनाएं आहत हुई हैं। गैरसैंण को राजधानी बनाने के सपने को ग्रहण लगा है। राज्य सरकार खनन माफिया, भू-माफिया और शराब माफिया के हाथों की कठपुतली बन गई हैं।
गैरसैंण तहसील के इन क्षेत्रों में भूमि खरीद पर लगी रोक हटाई
आदि बदरी के हालीसेरा एफ आदि बदरी, खेती व मालसी गांव
गैरसैंण के मरोड़ा, कुनेली लग्गा मरोड़ा, सलियाणा, ग्वाड, जैंतोली ग्वाड, पटौडी लग्गा गैड़, गैड, कोलियाणा, गडोली, धार गैड़, सौनियाणा, रीठिया व निगालसैंण गांव
सिलपाटा के सारकोट व परवाड़ी गांव
पंचाली के सिंलगी, बौसाड व सैंजी गांव
महलचैरी के आगर लग्गा गांवली, फरसौं, विसराखेत, भनोट ग्वाड, मैहलचैरी व रंगचैड़ा गांव।