नई दिल्ली।
केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में वीआईपी कल्चर पर करारा वार करते हुए केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों के लाल बत्ती लगाने पर रोक लगा दी। वैसे तो यह फैसला एक मई से लागू होना था। लेकिन पीएम मोदी के मंत्रियों ने एक कदम आगे बढ़कर इस फैसले को लागू कर दिया है। सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस फैसले को अपने पर लागू किया। उन्होंने बिना देरी करते हुए कैबिनेट के फैसले के ऐलान के तुरंत बाद अपनी गाड़ी से लाल बत्ती उतार दी। इस मामले पर उन्होंने कहा कि केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए बत्ती का चलन रहेगा अन्यथा नहीं, यहां तक मैंने भी अपनी कार से लाल बत्ती को हटा दिया है।
इसके बाद मंत्रियों की लाइन सी लग गई और फिर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, महेश शर्मा ने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटा दी। तो वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने भी अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटा दी है। कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि देश में लालबत्ती लगाने के वीवीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया गया है।
अब देश में कोई भी केंद्रीय मंत्री लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। हालांकि ये नियम राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर ये नियम लागू नहीं होता है। हालांकि कुछ आपात सेवाओं के लिए नीली बत्ती का इस्तेमाल जारी रहेगा। इसमें पुलिस, एंबुलेस और फायर ब्रिगेड जैसी सेवाओं को शामिल किया गया है।