इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर पहुंच गए हैं। दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक यात्रा पर उनका स्वागत किया है। भारत यात्रा के दौरान नेतन्याहू कड़ी सुरक्षा घेरे के बीच रहेंगे।
तीन मूर्ति स्मारक पर बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ पीएम मोदी और सारा नेतन्याहू भी मौजूद रहे। दरअसल, तीन मूर्ति स्मारक का इजरायल से गहरा संबंध है। यही वजह है कि इसका नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति हाइफा चौक पर विजिटर्स बुक में लिखा कि तीन मूर्ति चौक के नाम के साथ हाइफा जोड़ना एक ऐतिहासिक घटना है। इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हम अपने बहादुर जवानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। भारत के स्वार्थरहित बलिदान की भावना को सलाम करते हैं। पहले और दूसरे विश्व युद्ध के इतिहास की किताब का एक पन्ना 100 साल पहले लिखा गया था, जब हाइफा युद्ध में भारतीय जवानों ने बलिदान दिया था। यह प्रथम विश्व युद्ध के खत्म होने की 100वीं वर्षगांठ है। दोनों विश्व युद्ध के इतिहास की किताब में ऐसे कई सुनहरे पन्ने हैं, जिनमें भारत के बहादुरों के त्याग की कहानियां लिखी हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नेतन्याहू का स्वागत किया। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, मेरे दोस्त पीएम नेतन्याहू भारत में आपका स्वागत है। आपकी भारत यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है। ये दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगी।
क्यों बदला गया चौक का नाम
हाइफा की लड़ाई 23 सितंबर 1918 को लड़ी गई थी। इस वक्त देश में अंग्रेजों का राज था और अंग्रजों ने जोधपुर, हैदराबाद, मैसूर रियासत की सेना को हाइफा पर कब्जा करने के आदेश दिए और उसके बाद भारतीय सैनिकों ने हाइफा में तुर्की की सेना का सामना किया।
यह लड़ाई उस वक्त हुई, जब जर्मनी के साथ संबद्ध शक्तियों और तुर्क साम्राज्य के बीच एक के बाद एक लड़ाई हो रही थी, जिसे सिनाई और फिलिस्तीन अभियान कहा जाता था।