कहा-पूर्ववर्ती सरकारों ने काला धन लाने के लिए कोई ठोस कार्य नही किया
केन्द्र सरकार के बिल से विश्व में भारत की साख बढृने का दावा किया
नई दिल्ली। सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने लोक सभा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि 1988 से अभी तक कांग्रेस कालेधन और बेनामी सम्पत्ति के मामले में गम्भीर नहीं रही है। डॉ. निशंक ने कहा कि बेनामी संव्यवहार (प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2015 के माध्यम से देश में काले धन पर रोक लगाने की सरकार की प्रतिबद्धता परिलक्षित होती है।
डॉ. निशंक ने बताया कि विधेयक के इन संशोधनों का मकसद कानूनी और प्रशासनिक लिहाज से विधेयक के प्रावधानों को मजबूत बनाना है। उन्होंने आगे बताया कि बेनामी सम्पत्ति के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए डॉ. निशंक ने बताया कि कांग्रेस ने सदैव से कालाधन और बेनामी सम्पत्ति से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन दिया है। कांग्रेस की नीति हमेशा कालाधन को संरक्षण देने की रही है। केन्द्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. निशंक ने बताया कि इस विधेयक से जहां भारत में कालेधन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। वहीं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत की विश्वसनीयता बढाने में मदद मिलेगी। डॉ. निशंक ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते वर्ष 2011 का विधेयक छः सत्र बीत जाने पर बिल लैप्स हो गया। सरकार द्वारा नया बिल लाये जाने की अपेक्षा 1988 के बिल में संशोधन किया गया ताकि 1988 से आज तक सभी दोषियों को दंडित किया जा सके। डॉ. निशंक ने बताया कि मौजूदा विधेयक में जहां दोषियों के लिए दंडात्मक व्यवस्था का प्रावधान है वहीं अपीलीय ट्रिब्यूनल तंत्र स्थापित किया गया है। बेनामी संव्यवहार की नई परिभाषा को स्थापित करते हुए बिल ने विभिन्न प्राधिकारियों के माध्यम से सक्षम तंत्र की स्थापना की गयी है।