नेशनल गेम्स के समापन पर बोले गृहमंत्री, उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।

उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

हार से लें जीत की प्रेरणा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 – 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है।

2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।

नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चौंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है

इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित थे।

आईटीडीए कैल्क करवा रहा है 52 युवतियों को ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन का कोर्स

पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा। ग्रामीण पृष्ठभूमि और सामाजिक तौर पर कमजोर तबके से आने वाली इन तीनों युवतियों ने आज से कुछ समय पहले तक लैपटॉप तक नहीं चलाया था, लेकिन आज वो ड्रोन दीदी बनकर, ड्रोन असेम्बलिंग, रिपेयरिंग से लेकर फ्लाइंग तक का काम आसानी से कर रही हैं। ये संभव हो पाया है, उत्तराखंड सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स, ड्रोन दीदी से।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर रहे हैं। इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, भारत सरकार की वित्तीय सहायता और उत्तराखंड युवा कल्याण विभाग के सहयोग से, अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है। देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच की शुरुआत, छह जनवरी से हो चुकी है, जिसमें प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हो रही हैं। कोर्स के तहत उन्हें 37 दिन में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।

पुरस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन

उत्तराखंड सरकार, युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋषिकेश सेंटर के जरिए प्रदान किया जा रहा है। ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, साथ ही प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुल 200 युवक – युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।

खुलेंगे रोजगार के अवसर

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों का कहना है कि अब वो ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के साथ ही आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसमें से कुछ खुद का ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रही हैं।

उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है। इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है। भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है, इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सराहनीय कदमः मुख्यमंत्री ने किया समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने की अधिकारिक घोषणा करते हुए कहा है कि आज का दिन सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक है। आज से उत्तराखंड में समाज में समानता स्थापित करने के लिए, समान नागरिक संहिता लागू हो गई है।

सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत तौर पर समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन किया।

यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सर्वप्रथम पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने 2.35 लाख लोगों से सम्पर्क साधा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ बी.आर. अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दे रही है।

भावुक होकर की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बेहद भावुक होकर सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों के सामने समान नागरिक संहिता पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हर्ष के साथ ही गर्व की भी अनुभूति हो रही है। इसके साथ राज्य में प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। साथ ही सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो पाई है, इसके लिए उन्होंने पूरे उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार व्यक्त किया।

पूरा हुआ संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था। तब उन्हें नया-नया दायित्व मिला था, इसके सात महीने बाद ही विधानसभा चुनाव में जाना पड़ा। इसलिए कई लोग तब इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता इस काम में उनका साथ देगी। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार दुबारा भाजपा की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद पहला निर्णय उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर लिया गया।

पहले छह महीने में नहीं लगेगा शुल्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी जाति धर्म लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का संवैधानिक उपाय है, इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके जरिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिचित हो सकेगा। साथ ही हलाला, तीन तकाल, इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा। जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।

किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नही
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं। लेकिन अब सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है। समान नागरिक संहिता में बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को सम्पति में समान अधिकार दिए गए हैं। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद न हो इसके लिए मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं।

यूसीसी के तहत की गई है, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए, लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए सरलीकरण के मूल मंत्र पर चलते हुए, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, साथ ही स्पष्ट नियमावली भी लागू कर दी गई है। पूरा ध्यान रखा गया है कि इसके लिए किसी भी नागरिक को दिक्कत का सामना न करना पडे।

27 जनवरी को मनाया जायेगा यूसीसी दिवस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में प्रति वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर को लेकर जितने भी संकल्प लिये गये थे, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे किये गये हैं।

इस अवसर पर यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी नियमावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी जबकि सचिव शैलेश बगोली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायकगण, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, प्रो. सुरेखा डंगवाल, मनू गौड़, अजय मिश्रा, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बॉलीवुड फिल्म पास्ट टेंस की शूटिंग कर सीएम ने मिलने पहुंचे अभिनेता परेश रावल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता श्री परेश रावल ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड के देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी में अनंत नारायण महादेवन निर्देशित बॉलीवुड फ़िल्म “पास्ट टेंस” की शूटिंग की है। उन्होंने कहा कि वे पिछले 42 दिनों से उत्तराखण्ड में फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्मांकन के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। जनता के साथ ही सरकारी विभागों से फिल्मों की शूटिंग के लिए पूरा सहयोग मिला। शूटिंग के लिए राज्य में बहुत शांत वातावरण है। उत्तराखण्ड के लोग भी बहुत सकारात्मक विचारधारा के हैं। उन्होंने कहा कि वे उत्तराखण्ड में एक और फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनेक डेस्टिनेशन है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्यता से जुड़े अनेक स्थल है। राज्य का हर डेस्टिनेशन फिल्मांकन के लिए उपयुक्त है। आदि कैलाश, चकराता, माणा जैसे अनेक स्थल उत्तराखण्ड में हैं। राज्य में उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को राज्य में व्यय राशि का अधिकतम 02 करोड़ रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर फिल्म निर्देशक अनंत नारायण महादेवन, फिल्म प्रोड्यूसर अनूप पोड्डर, एश्वर्या मेशराम, शिवम यादव, कार्तिके यादव, डॉ. अंजलि नौरियाल सतीश शर्मा, संयुक्त निदेशक सूचना एवं उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय उपस्थित थे।

नई बातः उत्तराखंड में 14 महिलाओं ने हासिल किया व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड सर्टिफिकेट, अब चलाएंगी राफ्ट

देहरादून। उत्तराखण्ड की बेटियां जल्द ही ऋषिकेश में गंगा नदी पर पर्यटकों को राफ्टिंग कराती नजर आएंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से 14 महिलाओं को व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया गया है। जो अब पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बतौर प्रोफेशनल राफ्टिंग गाईड अपना करियर शुरू करने को तैयार हैं।

ऋषिकेश हाल के समय में राफ्टिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है, यहां हर साल पांच लाख से अधिक पयर्टक राफ़्टिंग के लिए आ रहे हैं, इस तरह राफ्टिंग गतिविधि, कारोबार के साथ ही रोजगार का भी जरिया बन रही है। लेकिन अब तक राफ्टिंग गाइड का काम पूरी तरह पुरुष ही कर रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने महिलाओं को रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद पर्यटन विभाग ने चुनिंदा 14 महिलाओं को अप्रैल से जून के बीच तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। इसमें प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने का खर्च भी पर्यटन विभाग की ओर से उठाया गया।
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सफलता की कहानी
01- पौड़ी जिले में सिरांसू गांव निवासी प्रियंका राणा, वर्तमान में बीबीए कर रही हैं, प्रियंका क्याकिंग एथलीट हैं। प्रियंका बताती हैं कि उनके गांव के पास बड़ी संख्या में राफ्टिंग होती है, ऐस में जब उन्हे उत्तराखंड सरकार के अधीन महिलाओं को राफ्टिंग गार्डड का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने इसमें अपना पंजीकरण कर लिया। प्रियंका इसके लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब बतौर राफ्टिंग गाइड अपना करियर बनाना चाहती हैं।

02- रामनगर निवासी कामाक्षी गोयल वर्तमान में गोवा की नॉटिकल कंपनी में काम कर रही हैं। कामाक्षी बताती हैं कि वो पहले से ही वाइट वॉटर फील्ड में जॉब कर रही थी, इसलिए उन्होंने स्किल बढ़ाने के लिए राफ्टिंग प्रशिक्षण लिया। इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से तीन महीने का प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने की सुविधा निशुल्क मिली। कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा प्रयास करार दे रही हैं।

03- ऋषिकेश निवासी मुस्कान भी पहले बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। मुस्कान अभी ऋषिकेश से ग्रैज्यूएशन कर रही हैं, मुस्कान बताती हैं कि तीन महीने तक उन्हें विदेशी प्रशिक्षकों ने रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी, इस दौरान एक हफ्ते तक उन्होंने देवप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में राफ्टिंग भी की, पूरी तरह महिलाओं के द्वारा संचालित यह अभियान लाजवाब था, मुस्कान अब इसी क्षेत्र में करियर बढ़ाना चाहती हैं, वो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।
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उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, अब बड़ी संख्या में महिला पयर्टक भी राफ्टिंग के लिए आ रही हैं। ऐसे में महिलाओं को बतौर राफ्ट गाईड प्रशिक्षण दिया जाने का प्रयास किया जा रहा है। अच्छी बात है कि महिलाओं ने इसके लिए रुचि दिखाई है, यह उत्तराखण्ड की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड

सीएम धामी ने तीन साल कार्यकाल में 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया

देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल के दौरान पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड में कुल 1481 किमी लंबाई युक्त 519 सड़कों का निर्माण किया गया, जिस कारण 250 सौ से अधिक आबादी वाले 35 नए गांवों तक सड़क पहुंच पाई।

धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में जहां योजना के तहत कुल 1481 किमी लम्बाई युक्त 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया गया, वहीं पहले से निर्मित 159 किमी लंबी 61 ग्रामीण सड़कों का भी अपग्रेडेशन किया गया। इन सड़कों और पुलों के निर्माण पर कुल 2310 करोड़ रुपए व्यय किए गए। धामी सरकार के दौरान 250 से अधिक जनसंख्या की 35 बसावटों को सड़क से जोड़कर ग्रामीणों की आवाजाही सुगम की गई है। योजना के तहत प्रथम और दूसरे चरण के कार्य अब पूरे होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, अब पीएमजीएसवाई तृतीय चरण के तहत पूर्व में निर्मित सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 1824 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है, इसके तहत कुल 2288 किमी लंबी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाना है। इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़क से वंचित आठ बसावटों को सड़क सम्पर्क से जोड़े जाने के लिए 119 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है। इसके बाद प्रदेश में 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें ही ऐसी रह गई हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दिसम्बर, 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने प्रारम्भ की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ना है। यह योजना 90 प्रतिशत केंद्र पोषित है, शेष दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होता है। योजना के प्रारंभ होने से अब तक उत्तराखण्ड में कुल 2329 सड़कों और 312 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। योजना पर अब तक कुल 10183 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिसके फल स्वरूप 250 से अधिक जनसंख्या वाली 1846 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। सड़कें प्रगति का आधार होती हैं, इसलिए हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक गांव तक सडक पहुंचे। साथ ही सड़क मार्ग से वंचित शेष गांवों तक भी सड़क पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

केन्द्र से राज्य को हुआ 100 मे.वा. विशिष्ट विद्युत आवंटन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय पूल से 100 मे.वा. विद्युत का विशिष्ट आवंटन किया गया है। यह आवंटन इस माह 04 जुलाई से 31 जुलाई तक के लिये किया गया है इसके लिये मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का आभार जताया है।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री ने पिछले माह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेट कर राज्य में विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति से संबंधित विषयों पर चर्चा की थी, तथा राज्य को केंद्रीय पूल से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपेक्षा की थी।

जापान में केयर गिवर जॉब रोल के लिये चयनित युवाओं ने सीएम से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में जापान में केयर गिवर जॉब रोल के लिए चयनित युवाओं ने भेंट की। कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अंतर्गत विदेश रोजगार प्रकोष्ठ, सहसपुर से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 23 युवाओं को जापान में नौकरी के लिए भेजा जा रहा है। इनमें से 02 युवाओं ने जापान में कार्य करना आरंभ कर दिया है। 17 युवाओं की जापान में कार्य करने के लिए की जा रही प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, शीघ्र वे भी जापान जाकर अपनी सेवायें देंगे। ये युवा योग, नर्सिंग और जनरल ड्यूटी असिस्टेंट और होम हेल्थ एड जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित हैं। इन सभी को जापानी भाषा का प्रशिक्षण भी दिया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं को शुभकामना देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सेवायोजन एवं कौशल विकास विजय यादव, अपर सचिव सी. रविशंकर, उपनिदेशक सेवायोजन चन्द्रकान्ता, प्रभारी अधिकारी विदेश रोजगार प्रकोष्ठ प्रवीण गोस्वामी, निखिल जैन एवं अजय खंडूड़ी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः 26 मई को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा

उत्तराखंड राज्य में पहली बार राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जायेगा जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी दी गयी है। उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा के अन्तर्गत तीन राज्य विश्वविद्यालय जिसमें श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टि0ग0, कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा सम्मिलित हैं, की राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा का आयोजन श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा।

बीते दिनों श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा 2024-26 के सम्बन्ध में ऑन लाईन बैठक आयोजित की गयी। बैठक में तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, नोडल, संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा, विश्वविद्यालय समर्थ नोडल तथा राज्य समर्थ नोडल अधिकारी, डॉ0 शैलेन्द्र कुमार सिंह शामिल रहे। बैठक में लिये गये निर्णयों के क्रम में प्रो0 जोशी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालयों (श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टि0ग0, कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा) से सम्बद्ध समस्त राजकीय/अशासकीय महाविद्यालयों/स्ववित्त पोषित शिक्षण संस्थानों में सत्र 2024-26 में प्रवेश परीक्षा का आयोजन दिनांक 26 मई, 2024 (रविवार) को गढ़वाल एवं कुमांऊ मण्डल के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में किया जायेगा, जिस हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र पंजीकरण भरने की तिथि 26 अप्रैल, 2024 से 15 मई, 2024 तक निर्धारित की गयी तथा परीक्षा शुल्क जमा करने की अन्तिम तिथि दिनांक 16 मई, 2024 निर्धारित की गयी। प्रो0 जोशी ने बैठक में उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा के सफल आयोजन हेतु तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों एवं बैठक में उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

कुलपति प्रो0 जोशी ने बताया कि छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तीनों विश्वविद्यालय आपस में समन्वय स्थापित कर प्रवेश परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण किया जाएगा। उन्होने बताया कि प्रवेश परीक्षा के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं तथा समयबद्धता के साथ दिनांक 26 मई, 2024 को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा साथ ही विश्वविद्यालय अधिकारियों को उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा 2024-26 के आयोजन के सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां 15 मई, 2024 तक पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्रदेश में छात्र नामांकन की दृष्टि से प्रदेश का अग्रणीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सत्र 2022-23 से प्रारम्भ किया गया है एनईपी द्वितीय बैच के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं दिनांक 06 मई, 2024 से प्रस्तावित हैं साथ ही अन्य आधारभूत एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम जो कि नॉन एनईपी पाठ्यक्रम संचालित हैं उनकी परीक्षाएं भी दिनांक 06 मई, 2024 से प्रस्तावित हैं। छात्र हितों के मध्येनजर विभिन्न पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किये जा रहे हैं। शैक्षणिक कैलेन्डर के अनुरूप विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा तथा परिणाम का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय समन्वय स्थापित कर कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय में नवाचार के लिए शैक्षिक गतिविधियों का समय-समय पर आयोजन किया जा रहा है तथा उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक व रोजगार परक पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालय परिसरों में संचालित किये जा रहे हैेैं।

उत्तराखंड वासियों से निकट का नाता, उत्तराखंड के प्यार को जीवन में नहीं भुलाया जा सकता हैः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश स्थित आई.डी.पी.एल मैदान में भाजपा उत्तराखंड द्वारा आयोजित विजय संकल्प रैली में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ी वाद्य यंत्र हुड़का उपहार स्वरूप प्रधानमंत्री को भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने स्वयं भी हुड़का बजाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां गंगा के सानिध्य में बसे, चार धाम के द्वार ऋषिकेश में इतनी विशाल संख्या में लोग हमें आशीर्वाद देने आए हैं। उन्होंने कहा जब भी वो उत्तराखंड आते हैं तो अपने परिवारजनों के साथ पुरानी यादें भी ताज़ा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कल मैं भारत के दक्षिणी छोर पर, सागर तट पर बसे तमिलनाडु में था। वहां भी लोग कह रहे हैं- फिर एक बार मोदी सरकार। उन्होंने कहा आज वो हिमालय की गोद में, बाबा केदार और बद्री विशाल के सानिध्य में आए हैं तो यहां भी फिर एक बार मोदी सरकार की गूंज है। उन्होंने कहा ये गूंज इसलिए है क्योंकि देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार का काम देखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा उत्तराखंड देवभूमि है, देवभूमि में देवताओं का आवाहन करने की परंपरा है। हुड़का की थाप से देवताओं का आह्वान किया जाता है। उन्होंने कहा आज उन्हें भी देवता रूपी जनता जनार्दन का आह्वान करने के लिए हुड़का बजाने का सौभाग्य मिला। प्रधानमंत्री ने कहा सरकार ने बीते 10 साल में भारत को कई गुना ज्यादा मजबूत बना दिया है। जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब दुश्मनों ने फायदा उठाया है। कमज़ोर और अस्थिर सरकारो में भारत में आतंकवाद ने पैर पसारे। आज भारत में मोदी की मज़बूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है, भारत का तिरंगा युद्धक्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बनता है, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 खात्मा होती है, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया जाता है, महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण दिया जाता है, सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने की गारंटी दी थी और इसे पूरा करके दिखाया। उन्होंने कहा कांग्रेस कहती थी, वन रैंक वन पेंशन लागू करके हम पूर्व सैनिकों को 500 करोड़ रुपए देंगे। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू करके पूर्व सैनिकों को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं। उत्तराखंड में भी ओ.आर.ओ.पी के साढ़े 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, सैनिक परिवारों को मिले हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस के समय में जवानों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक की कमी थी। दुश्मन की गोली से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं थे। पर भाजपा की सरकार ने भारत में बनी बुलेट प्रूफ जैकेट अपने सैनिकों को दी, उनके जीवन की रक्षा की। आधुनिक राइफल से लेकर लड़ाकू विमान और विमान वाहक पोत तक आज देश में ही बन रहे हैं। उन्होंने कहा जनता का उत्साह और जोश मेरे सर आंखों में है। उन्होंने कहा उत्तराखंड वालों के लिए मैं घर का सदस्य हूं। उत्तराखंड वासियों से निकट का नाता रहा है। उत्तराखंड के प्यार को जीवन में नहीं भुलाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की कमज़ोर सरकार, सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाई। पर आज हमारी सरकार पूरी सीमा पर आधुनिक सड़कें सुरंगें बना रही है। उन्होंने कहा बाबा केदार की भूमि से उन्होंने ये दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उन्होंने कहा हमारी सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य का लगातार विस्तार करने में जुटी है। जिसमे पर्यटन की बड़ी भूमिका है। ऋषिकेश, पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। राफ्टिंग, कैंपिंग, एडवेंचर, आध्यात्म और योग, ऋषिकेश की पहचान है और हर कोई व्यक्ति यहां आकर आनंद से भर जाता है। उन्होंने कहा भाजपा सरकार उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही है, देश के किसी भी हिस्से से पर्यटकों के लिए उत्तराखंड के कोने-कोने तक पहुंचना आसान हो इसके लिए देवभूमि में रोडवेज, रेलवेज और एयरवेज की सुविधा बढ़ा रहे हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर तेज़ी से काम चल रहा है। दिल्ली से देहरादून की दूरी भी सिमट रही है। उत्तराखंड के जिन सीमावर्ती गांवों को कांग्रेस अंतिम गांव कहती थी, भाजपा उन्हें देश का पहला गांव मानकर विकास कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा मानसखंड के तीर्थ स्थानों जैसे आदि कैलाश, ओम पर्वत दर्शन के लिए हेलीकाप्टर सेवाएं शुरू हो गई हैं। यमुनोत्री, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोप-वे बनने से बहुत सुविधा हो जाएगी। चार धाम परियोजना के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को लगभग 900 किलोमीटर लंबे हाइवे से जोड़ा जा रहा है। इन सब प्रयासों से श्रद्धालुओं को उत्तराखंड पहुंचने में काफी आसानी हो रही है। उन्होंने कहा भाजपा की नीयत सही है। और जब नीयत सही होती है, तो नतीजे भी सही मिलते हैं। उन्होंने कहा 2017 तक केदारनाथ में एक साल के भीतर करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का रिकॉर्ड था। पिछले वर्ष करीब 20 लाख यात्री केदारनाथ के दर्शन के लिए आए। चारधाम यात्रा में पिछले वर्ष 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड की यात्रा की। उन्होंने कहा मानसखंड में आदि कैलाश और ओम पर्वत में भी यात्री की संख्या भी तेजी से बड़ी है। उन्होंने कहा पर्यटन बढ़ने का मतलब है, रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में हो रहे विकास ने अब पलायन की खबरों को बीते दिन की बात बना दिया है। अब उत्तराखंड के स्टार्टअप की खबरें आती हैं। उत्तराखंड के नौजवानों ने एक हज़ार से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर किए हैं, जिसमें 500 स्टार्टअप बेटियों के हैं। मुद्रा योजना से लाखों नौजवानों को बिना गारंटी के ऋण मिले हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस की सरकार में गरीब, नौजवान का पैसा, बिचौलिए खा जाते थे। पर भाजपा सरकार में लोगों के हक का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर हो रहा है। उन्होंने बताया उत्तराखंड के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का 2600 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुका है। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने लूट बंद की है, इसलिए कांग्रेस मोदी से गुस्सा है। उन्होंने कहा मोदी कह रहा है भ्रष्टाचार हटाओ, वो कह रहे हैं भ्रष्टाचारी बचाओ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेताओँ के लिए तो पहले दिल्ली का शाही परिवार, अपना परिवार ही सबकुछ है। लेकिन मेरे लिए जनता और भारत ही मेरा परिवार है। उन्होने कहा उत्तराखंड राज्य की बहनों की समस्याओं को देखते हुए हमने घर-घर सस्ता सिलेंडर पहुंचाया। उन्होंने कहा आज उत्तराखंड के 10 में से 9 परिवारों के घर नल से जल आता है। उन्होंने कहा आने वाले 5 साल तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलता रहेगा। उत्तराखंड को एम्स की सुविधा मिली है। गांव-गांव अच्छे अस्पताल- आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन रहे हैं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी जी और उनकी सरकार राज्य में मेहनत करके शानदार काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विकास और विरासत, दोनों की विरोधी है। उत्तराखंड का कोई निवासी नहीं भूल सकता कि कांग्रेस ने प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने पहले राम मंदिर का विरोध किया और फिर प्राण-प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कांग्रेस, शक्ति स्वरूपा मां धारी देवी, मां चन्द्रबदनी, मां ज्वाल्पा देवी की शक्ति को खत्म करना चाहती है।उन्होंने कहा उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है। ये वही कांग्रेस है जो कहती रही है कि हर की पौड़ी मां गंगा के किनारे पर नहीं, बल्कि एक नहर के किनारे बसी है। कांग्रेस के लोग गंगा जी के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड के लोग कांग्रेस को सबक सिखाकर रहेंगे। उन्होंने कहा उत्तराखंड, ब्रह्मकमल की धरती है। इस बार जनता के आशीर्वाद से पूरी शान से पंच-कमल खिलने चाहिए। उन्होंने कहा मेरा हर पल जनता को समर्पित है।

प्रधानमंत्री ने कहा टिहरी-गढ़वाल से माला राज्य लक्ष्मी शाह जी, गढ़वाल से अनिल बलूनी जी, और हरिद्वार से त्रिवेंद्र जी को हर बूथ पर विजयी बनाना है। साथ ही उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से गांव में जाकर देवी-देवताओ के मंदिर में उनकी ओर से माथा टेकने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के योगनगरी ऋषिकेश आगमन पर देवभूमि की समस्त जनता की ओर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चौत्र नवरात्रि की तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा की स्तुति हम सब करते हैं, ऐसे पावन दिन देश को बेटी-बचाओं, बेटी-पढ़ाओ का मंत्र देने वाले आदरणीय प्रधानमंत्री जी का सानिध्य हम सभी को प्राप्त हो रहा है, जो हम सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमने प्रदेश में नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम आयोजित किए, जिसके माध्यम से प्रदेश की समस्त मातृशक्ति के साथ सीधे संवाद स्थापित करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन का हर पल हर क्षण भारत मां को आगे बढ़ाने के लिए लगाया है। देश को अपना परिवार मानकर रात दिन थके – रुके बिना लगातार काम किया है। जिसके परिणाम स्वरूप आज भारत हर क्षेत्र में नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। आज का नया भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समृद्ध है। सामरिक दृष्टि से भी और अधिक सशक्त एवं सुरक्षित है। उन्होंने कहा आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 के पश्चात कश्मीर से धारा 370 के खात्मे, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मंदिर के निर्माण और देश में सीएए लागू करने सहित ऐसेे अनेकों ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनकी कल्पना किसी ने की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए काम कर रही है। केन्द्र सरकार के सहयोग से हम हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर बनाने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहाड़ों तक रेल पहुंचाने का सपना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के साथ पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तराखंड को जी-20 महासम्मेलन की तीन बैठकों का आयोजन रामनगर, नरेन्द्र नगर एवं ऋषिकेश में करने का अवसर प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं राज्य की जनता के आशीर्वाद से 2022 विधानसभा चुनाव में पुनः भाजपा की सरकार बनी। उन्होंने कहा जनता से किए वादे अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता विधेयक पास हुआ। उन्होंने कहा राज्य सरकार उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लाकर सभी को समान अधिकार देने की बात कर रही है तो वहीं कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ की बात कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा जिन पार्टियों ने अपने शासनकाल में देश को लूटा, उनसे जवाब मांगने पर वे प्रधानमंत्री को अनाप-शनाप बोल रहे हैं। विपक्षी पार्टियां बौखलाकर अपने स्लीपर सेल को आगे कर रही हैं। उन्होंने कहा अब जातिवाद, वर्गवाद, के चक्कर में नहीं आना है। मोदी जी के नेतृत्व में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी, तक पूरा देश विकास की दौड़ में आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश विपक्ष की बातों में आने वाला नहीं है क्योकि अब देश जाग चुका है, देश बदल चुका है। आज का नया भारत अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए सजग और संवेदनशील है। उन्होंने कहा देश में इमरजेंसी लगाने वाले, केवल अपने परिवार की ही स्तुति करने वाले, समाज को जातियों में बाँटने वाले, और हर दिन एक नया घोटाला करने वाले लोग आज प्रधानमंत्री जी से परेशान हैं। क्योंकि मोदी जी का मंत्र है ’ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’। और यही मोदी जी की गांरटी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में 2014 से 2019 तक का समय देश की आवश्यकताओं को पूर्ण करने का था। 2019 से 2024 तक का समय देश की आकांक्षाओं की पूर्ति करने का था। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2024 से 2029 तक का समय भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के मार्ग को प्रशस्त करने का होगा। मुख्यमंत्री ने कहा उन्हें पूर्ण विश्वास है कि देवभूमि की समस्त देवतुल्य जनता लोकसभा चुनावों में भाजपा को पांचों सीटों पर प्रचंड बहुमत से विजय दिलाकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाने में अपना योगदान सुनिश्चित करेगी।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, हरिद्वार से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी, टिहरी से भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।