उत्तराखंड की प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार के रेलवे स्टेशन पर ही दिव्यांगों के लिए रैंप जैसी कोई व्यवस्था ही नहीं है। इससे दिव्यांग यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि एक दिव्यांग को प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक ले जाने के लिए कम से कम तीन लोगों की जरूरत पड़ती है। शुक्रवार को तीर्थनगरी की पैरा ओलंपिक खिलाड़ी नीरजा गोयल रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था हो, इसके लिए ज्ञापन सौंपने स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय पहुंची।
उनका कहना है कि वह पूर्व में भी इस संदर्भ में स्टेशन अधीक्षक के यहां आ चुकी हैं, लेकिन वह मिलते ही नहीं हैं। नीरजा गोयल ने कहा कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री दिव्यांगों के उत्थान की बात करते हैं, दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पर रैंप की व्यवस्था नहीं है। शुक्रवार को नीरजा को हरिद्वार जाना था। वह ट्रेन से हरिद्वार जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची। व्हील चेयर से एक प्लेट फार्म से दूसरे प्लेट फार्म जाने के लिए रैंप की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें मजबूरन लोगों की मदद लेकर पटरियां पार करनी पड़ीं। इसी मुद्दे को लेकर नीरजा गोयल शुक्रवार को ज्ञापन देने पहुंची थीं। फिलहाल स्टेशन अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो पाई।
वहीं, स्टेशन अधीक्षक राजपाल मीना का कहना है कि दिव्यांगों को व्हील चेयर के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। ज्ञापन देने आई दिव्यांग नीरजा गोयल के साथ फोन पर बात हुई। मैं किसी बैठक में था। लिहाजा नीरजा को सलाह दी थी कि वे स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंप दें या फिर डीआरएम को फैक्स के जरिए शिकायत भेज सकती हैं।