ऋषिकेश।
सोमवार को मंगलचरण करती खाण्ड गांव विस्थापित की महिलाएं कलश लिए त्रिवेणीघाट पर पहुंची। विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ कलश में गंगाजल भरकर वे कथा स्थल पहुंची। कथा के पहले दिन कथा वाचक राजेन्द्राचार्य ने कहा कि ईश्वर दर्शन को लोग जगह-जगह घूमते हैं। जबकि वह हमारे भीतर निवास करता है। उसके दर्शनों के लिए मनुष्य को सच्चे मन और भाव की जरूरत होती है। श्रीमदभागवत कथा श्रवण का महत्व बतलाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत कथा में संसार की सत्यता छिपी है। एक बार कथा श्रवण का महत्व स्वर्ग प्राप्ति के समान है। जो अपने जीवन में भागवत कथा का रसपान नहीं करता वह मनुष्य पशु समान माना जाता है। कथा में शूरवीर सिंह नेगी, कुंवर सिंह, रवीन्द्र सिंह, आनंद सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह, बेताल सिंह, सीता देवी, सौम्या देवी, रूचिता देवी, हरीश नेगी व माधवेन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे।