अपर मुख्य सचिव ने बैंकर्स के साथ बैठक कर रोजगार सृजन योजनाओं की समीक्षा की

अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन ने राज्य में संचालित सभी रोजगार सृजन योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु एक इंटिग्रेटेड सिस्टम विकसित करने के साथ ही सिंगल पोर्टल बनाने हेतु उद्योग विभाग के नेतृत्व में पर्यटन विभाग तथा शीर्ष बैंको की पांच सदस्यी उप समिति गठित करने के निर्देश दिए है। अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में अवस्थापना विकास बैंकर्स स्थायी समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना (होम स्टे), पीएम स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो), मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत लम्बित ऋण आवेदन पत्रों का समय सीमा में निस्तारण करने के निर्देश दिए। बैंक प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत वर्ष 2022-23 में बैंकों द्वारा वार्षिक लक्ष्य 6000 के सापेक्ष माह दिसम्बर तक 6173 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किए गए हैं, जो कि लक्ष्य का 103 प्रतिशत है। बैंकों को निर्देश दिए गए कि वे 28 फरवरी 2023 तक लम्बित ऋण आवेदन पत्रों का निस्तारण तथा स्वीकृत ऋण आवेदन पत्रों पर ऋण वितरण करें। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत दिसम्बर माह तक वार्षिक लक्ष्य 1783 के सापेक्ष 1867 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गए, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 105 प्रतिशत है। होम स्टे योजना (वीसीएसजीएसवाई) के तहत वर्ष 2022-23 के माह दिसम्बर तक बैंकों द्वारा वाहन मद में निर्धारित लक्ष्य 150 के सापेक्ष 156 ऋण आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जो कि लक्ष्य का 104 प्रतिशत है तथा गैर वाहन मद में निर्धारित लक्ष्य 100 के सापेक्ष 59 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किए गए हैं, जो कि लक्ष्य का 59 प्रतिशत है। इस सम्बन्ध में बैंकों को लम्बित ऋण आवेदन 28 फरवरी 2023 तक निस्तारित करने के निर्देश दिए गए। दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) विकास योजना के तहत वर्ष 2022-23 के दिसम्बर माह तक बैंकों द्वारा निर्धारित लक्ष्य 200 के सापेक्ष 139 आवेदकों को ऋण वितरित किए गए हैं। इस संबंध में बैंकों को ऐसे ऋण आवेदन पत्रों का अविलम्ब निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सेक्शन 143 अंतर्गत अकृषि प्रमाण पत्र एवं निर्माणधीन इकाई का मानचित्र अधिकृत एजेन्सी से स्वीकृति की आवश्यकता नही हैं। बैंक प्रतिनिधियों ने अवगत कराया कि पी.एम. स्वनिधि योजना अंतर्गत ऋण प्रदान करने की समय सीमा दिसम्बर माह 2024 तक बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वर्ष 2022-23 के दिसम्बर माह 2022 तक 217258 लाभार्थियों को निर्धारित लक्ष्य 2500 करोड़ रूपये के सापेक्ष 2173.51 करोड़ के ऋण वितरित किए गए हैं, जोकि लक्ष्य का 87 प्रतिशत है। योजना के तहत अनुमानतः 307174 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। ऋण के गारंटी कवर लेने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
बैठक में वित्तीय समावेशन हेतु राष्ट्रीय रणनीति (एनएसएफआई) 2019-2024 जिसमें नई बैंक शाखाएं खोलने, बैंकिग सेवाओं से अनाच्छादित गांवों, बिजनेस कॉरोस्पोन्डेट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग, कॉमन सर्विस सेन्टर को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के कार्य प्रदान करने एवं सामाजिक सुरक्षा योजना पर चर्चा की गई। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बैंकिग सेवा रहित 80 गांवों में डीसीबी द्वारा सेवाएं देने में असमर्थ होने की स्थिति में शीर्षस्थ बैंकों को इस दिशा में पहल करनी होगी। डिजिटल पेमेंट ईको सिस्टम को मजबूत करने तथा विस्तार देने के लिए अल्मोड़ा तथा चमोली जिले में अच्छा काम हुआ है। अब पिथौरागढ़ तथा पौड़ी जनपद में इस दिशा में काम किया जाना चाहिए।
बैठक में अपर सचिव पर्यटन पूजा गबयार्ल, अपर सचिव शहरी विकास नवनीत पांडे, सहायक महाप्रबंधक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति नरेंद्र सिंह रावत, मीनाक्षी सहायक महाप्रबंधक आरबीआई, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं का लाभ मिलना जरुरी

अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्द्धन ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया जाय। उन्होंने स्पष्ट किया कि जरूरतमंदो के ऋण आवेदनों के मामलों में बैंक संवेदनशीलता के साथ काम करे। पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोग आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं पर निर्भर है। पलायन रोकने तथा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने में बैंकों की अहम भूमिका है। गुरूवार को सचिवालय में अवस्थापना विकास बैंकर्स स्थायी समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव ने बैकों को निर्देश दिए कि महिला स्वयं सहायता समूहों व ग्रामीणों को स्वरोजगार की ऋण योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाए।
राज्य के उद्योग विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि विभाग ने केवीआईसी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत अभी तक 2257 आवेदकों के ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे हैं। साथ ही उद्योग विभाग तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा लाभार्थियों को ऑफलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। राज्य के एमएसएमई विभाग ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 8362 आवेदकों के ऋण आवेदन बैंकों को भेजे हैं। बैठक में बैंकों तथा यूएलबी को हर शुक्रवार कैंप लगाकर ऋण आवेदनों के निस्तारण के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में बैंको को अभी तक पीएम स्वनिधि के तहत 22963 ऋण आवेदन, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 5960, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 2402, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 2257, वीर चन्द्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 257, होम स्टे योजना के तहत 258 ऋण आवेदन प्राप्त हुए है। कुल प्राप्त 34097 ऋण आवेदनों में से विभिन्न बैंकों द्वारा 17503 आवेदन स्वीकृत किए गए है। बैंकों ने 8241 ऋण आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिए। ऋण आवेदनों के निरस्त होने के मुख्य कारणों में आवेदकों द्वारा ई-केवाईसी न करवा पाना, बैंकों की अन्य औपचारिकाताएं पूरी न कर पाना, सिबिल डिफॉल्ट, आवेदकों का बैंकों के सेवा क्षेत्र से बाहर होना है। लगभग 6792 ऋण आवेदन बैंकों में विचाराधीन हैं। उत्तराखण्ड में बैंकों द्वारा व्यापारिक, सेवा, निर्माण, कृषि सहयोगी गतिविधियों के लिए 10 लाख रूपये तक की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत इस वर्ष (2022-2023) 90494 लाभार्थियों को 1084 करोड़ 97 लाख रूपये के ऋण वितरित किए गए हैं। अनुमान है कि इससे अभी तक 205517 लोगों को रोजगार मिला है।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने बैंकों को दिसम्बर तक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 250 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक इस योजना के तहत 75 स्वीकृत ऋण आवेदकों को 1014.31 लाख रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। बैंकों को दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना (हो स्टे) के 200 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को निर्धारित अवधि तक पूरा करने के निर्देश मिले हैं। होम स्टें में निर्धारित लक्ष्य 200 के सापेक्ष 74 ऋण आवेदन स्वीकृत तथा 1523.81 लाख रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।
राज्य में पर्यटन विकास की दृष्टि से बैंकों को होम स्टे योजना के ऐसे ऋण आवेदन जिनमें सेक्शन 143 के तहत अकृषि प्रमाण पत्र एवं निर्माणाधीन इकाई का मानचित्र अधिकृत एजेंसी से स्वीकृति की जरूरत नही है, को अविलम्ब निस्तारित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। जानकारी दी गई कि पी एम स्वनिधि के तहत ऋण प्रदान करने समय सीमा दिसम्बर 2024 तक बढ़ा दी गई है।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सी रविशंकर, चीफ मैनेजर एसबीआई अभिषेक नैथानी, डिप्टी सीईओ खादी बोर्ड एस डी मासीवाल, चीफ मैनेजर बैंक ऑफ बड़ौदा हुकुम सिंह, उद्योग विभाग, एमएसएमई विभाग तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवाओं की पारिवारिक पेंशन 21,000 हुई

अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने गुरूवार को सचिवालय में गृह विभाग एवं युवा कल्याण विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की।
गृह विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि पुलिस कर्मियों को दिये जाने वाले कोविड पैकेज की धनराशि अविलम्ब लाभार्थियों के खातों में स्थानान्तरित की जाय एवं लाभार्थियों की संख्या एवं आवंटित धनराशि की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित की जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनकी विधावाओं की मासिक पेंशन/पारिवारिक पेंशन की धनराशि 21,000/- से बढ़ा कर 25,000/- कर दी गई है। उक्त धनराशि नियमित रूप से ससमय संबंधित के खाते में स्थानान्तरित किया जाना सुनिश्चित किया जाय।
उन्होंने कहा कि पलायन की समस्या की रोकथाम हेतु कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव 15 दिन के भीतर भारत सरकार को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही गृह विभाग द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण हेतु तिथि दिनांक 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ा दी गयी है, तदनुसार चिन्हिकरण की कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों की पति/पत्नी को भी राज्य आन्दोलनकारी की मृत्यु के पश्चात रू० 3100 प्रतिमाह प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। उक्त धनराशि प्रतिमाह संबंधित के खाते में नियमित रूप से स्थानान्तरित की जाय। इनामी अपराधियों की धरपकड हेतु पुरस्कार राशि में 15 दिसम्बर 2021 तक शासनादेश निर्गत किया जाय। अपूर्ण घोषणाओं के संदर्भ में अविलम्ब प्रस्ताव प्रस्तुत कर शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही करने के भी निर्देश उन्होंने दिये हैं।
युवा कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये कि युवा कल्याण विभाग द्वारा युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल के स्वावलंबन हेतु 6 माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर दी गयी है। प्रत्येक पात्र युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल के खातों में निर्धारित धनराशि अनिवार्य रूप से 30 नवम्बर, 2021 तक स्थानान्तरित कर दी जाय। साथ ही राज्य के सभी 95 विकासखण्ड में एक-एक ग्राम पंचायत का चयन कर कुल 95 ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्रामीण युवा फिटनेस सेन्टर खोलना सुनिश्चित किया जाय द्वितीय चयन में दिनांक 15 दिसम्बर, 2021 तक सभी ग्राम पंचायतों में सेन्टर खोल दिये जाएं।
उन्होंने निर्देश दिये कि जिन स्थलों पर भूमि चयन की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो पायी है, उन स्थानों पर मिनी स्टेडियम बनाये जाने हेतु संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायकगणों एवं संबंधित जिलाधिकारियों से समन्वय करते हुए भूमि चयन कर मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु प्राथमिकता के आधार पर अग्रेत्तर कार्यवाही की जाय। विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कार्यदायी संस्था का चयन कर घोषणा के क्रियान्वयन हेतु आगणन के गठन, यथा आवश्यकता टीएसी विभागीय व्यय वित्त समिति की बैठक प्राथमिकता के आधार पर आयोजित करते हुए शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही के भी निर्देश अपर मुख्य सचिव ने दिये हैं।
बैठक में सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय सचिव (प्रभारी) मुख्यमंत्री, रिद्धिम अग्रवाल अपर सचिव गृह विभाग एवं गिरधारी सिंह रावत, अपर सचिव युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिभाग किया गया।

सीएम की घोषणा और कैबिनेट के फैसलों पर तेजी लाने के दिए निर्देश

अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने आज सचिवालय में पेयजल, उच्च शिक्षा, ग्राम्य विकास एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री की घोषणाओं, कैबिनेट में लिये गये निर्णयों एवं कोविड-19 राहत पैकेज से सम्बन्धित घोषणाओं की समीक्षा की।
इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिये कि विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के संदर्भ में कार्यदायी संस्था का चयन कर लिया गया है, उनके संदर्भ में अविलम्ब आगणन गठित कर शासन को उपलब्ध कराया जाय एवं 15 दिन के अन्दर उक्त के शासनादेश निर्गत करना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के आगणन शासन को प्राप्त हो चुके हैं, उनके संदर्भ में एक सप्ताह के अन्दर शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। अपर मुख्य सचिव ने विभागीय स्तर पर प्रत्येक घोषणा के संदर्भ में परियोजना के टीएसी की संस्तुति का अनुश्रवण किया जाय एवं टीएसी की संस्तुति के आधार पर विभागीय स्तर पर निविदा इत्यादि आमंत्रित करने की कार्यवाही कर ली जाए, जिससे समय की बचत हो, उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर पर अनुबंध की कार्यवाही शासनादेश निर्गत होने के उपरांत कर ली जाय और यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि मुख्यमंत्री घोषणाओं के संदर्भ में प्रत्येक दशा में दिनांक 15 नवम्बर 2021 तक कार्य प्रारम्भ हो जाए।
पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 14 घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही जल जीवन मिशन के अन्तर्गत की जा रही है। 21 घोषणाओं का क्रियान्वयन राज्य सैक्टर से किया जाना प्रस्तावित है। 3 घोषणाओं से सम्बन्धित परियोजनाएं चूॅकि बड़ी परियोजनाएं हैं अतः उनके क्रियान्वयन की कार्यवाही एडीबी के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही हैं तथा 18 घोषणाओं हैण्डपम्प लगाये जाने से सम्बन्धित हैं, जिनके प्रस्ताव वित्त विभाग को संदर्भित हैं।
इस सम्बन्ध में भी अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये कि जल जीवन मिशन तथा राज्य सैक्टर से जिन घोषणाओं का क्रियान्वयन प्रस्तावित है, उनके संदर्भ में समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए दिनॉक 15 नवम्बर, 2021 तक शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही कर दी जायेगी। ए0डी0बी0 के माध्यम से क्रियान्यन हेतु प्रस्तावित योजनाओं के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय। हैण्डपम्प से संबंधित मा0 मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन के संदर्भ में निर्देशित किया गया कि विभाग द्वारा वित्त विभाग की पृच्छाओं का समाधान करते हुए वित्त विभाग से समन्वय कर घोषणाओं के शासनादेश दिनांक 15 नवम्बर 2021 तक निर्गत किये जाने सुनिश्चित किये जाय।
ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि कुल 5 घोषणाओं में सभी के शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि कोविड-19 राहत पैकेज के अन्तर्गत मुख्ममंत्री घोषणाओं के क्रम में प्रभावी रूप से लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराये जाना सुनिश्चित किया जाय एवं उक्त का प्रभावी अनुश्रवण सचिव स्तर पर किया जाय।
अपर मुख्य सचिव महोदय ने निर्देश दिये कि ’’महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मुख्यमंत्री नारी शक्तिकरण योजना प्रारम्भ की जायेगी’’ के संदर्भ में सर्व सम्बन्धित विभागों से विचार विमर्श कर कार्ययोजना तैयार कर घोषणा का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।
विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ’’राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा-10 और कक्षा-12 के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क मोबाईल टैबलेट प्रदान किया जायेगा। इन मोबाईल टैबलेटों में सभी शिक्षण सामग्री पहले से लोड रहेगी।’’ सम्बन्धी घोषणा के संदर्भ में विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि निविदा प्रक्रिया गतिमान है एवं 10 नवम्बर, 2021 तक निविदा आमंत्रित करने की अतिंम तिथि निर्धारित है। 15 नवम्बर, 2021 तक कार्य आदेश निर्गत कर दिया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश प्रदान किये गये कि टेबलेट का क्रय एवं आपूर्ति होने के उपरांत उनके वितरण की समुचित एवं प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। ’’600 अतिरिक्त विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था की जायेगी।’’ सम्बन्धी घोषणा के संदर्भ में विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त घोषणा का क्रियान्वयन समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत प्राविधान मद में उपलब्ध धनराशि से सुनिश्चित किया जा रहा है। उक्त के अन्तर्गत देहरादून में स्टुडियो की स्थापना की जायेगी।
अपर मुख्य मुख्य सचिव द्वारा उक्त के संदर्भ में अविलम्ब शासनादेश निर्गत करते हुए घोषणा के क्रियान्वयन के निर्देश प्रदान किये गये। ’’प्रत्येक विद्यालय में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था की जायेगी’’ में विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि सम्प्रति उक्त हेतु आगणन प्राप्त हो गया है एवं क्रियान्वयन हेतु धनराशि रू0 10.00 करोड़ की आवश्यकता है, पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि की स्वीकृति का प्रस्ताव वित्त विभाग को संदर्भित किया गया है। अपर मुख्य सचिव महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि वित विभाग से अनुरोध कर दिनांक 15 नवम्बर 2021 तक धनराशि स्वीकृति की कार्यवाही सुनिष्चित की जाय।
इस अवसर पर सचिव एसए मुरूगेषन, बीवीआरसी पुरूषोत्तम, सचिव (प्रभारी) दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव एमएस बिष्ट, मुख्य अभियन्ता, पेयजल विभाग एसई पंत, विशेष कार्याधिकारी, आरसी शर्मा, उपसचिव हीरा सिंह बसेड़ा आदि उपस्थित रहे।