किसानों को कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में जनपद स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में किसानों की आर्थिकी को और तेजी से बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ एक पैकेज के रूप में मिले। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को मिले इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस योजना सहायक सिद्ध होगी, इनके निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक साल के लिए निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से राज्य में पॉलीहाउस का निर्माण किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण योजना से किसानों को लाभान्वित किया जाए। इस योजना के तहत अनेक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। फार्म मशीनरी बैंक योजना से किसानों को तेजी से जोड़ने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट को बढ़ावा देने के लिये और कारगर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कृषि क्षेत्र बढ़ाने के साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक साल का एक्शन प्लान बनाया जाए। उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेब के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सेब और कीवी उत्पादन में वृद्धि राज्य में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में गैम चेंजर साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऐरोमा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं है। ऐरोमैटिक सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को ऐरोमैटिक खेती के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि महिलाओं की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अभी तक 28 महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना से जोड़ गया है, इस वर्ष इस योजना से 280 महिलाओं को जोड़ा जायेगा। स्टैट मिलेट मिशन नीति के तहत वर्तमान में 01 हजार महिलाओं के समूह गठित किये गये हैं, 2025 तक इन समूहों की संख्या 03 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 05 हजार महिला कृषकों को स्वरोजगार के लिए जैविक खेती प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। चाय उत्पादन और संगंध कृषि एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।

आमजन के जीवन को सुगम बनाने के लिए कृषि और उद्यान के क्षेत्र में ई- सुविधा की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। राज्य में ‘तिमरू द उत्तराखण्ड’ परफ्यूम लांच किया गया है जिसकी प्रधानमंत्री ने भी सराहना की। राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि इौर औद्यानिकी का वार्षिक कलेण्डर भी जारी किया गया है। 2027 तक राज्य में 23342 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 8500 पॉलीहाउस बनाये गये हैं।

बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनंद स्वरूप, दीप्ति सिंह, निदेशक सगंध पौध केंद्र नृपेन्द्र चौहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड के कृषि उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था हो-धामी

कृषकों को कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले इसके लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। कृषकों की आय दुगुनी करने के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसानों को मोटे अनाजों के अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करें। किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कृषि, उद्यान एवं अन्य संबंधित विभाग समन्वय से कार्य करें। अधिकारी बैठक में पूरी तैयारी से आयें, कार्य के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड 2025 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कृषि एवं उद्यान के अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, इसकी मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है, किसानों की आय को बढ़ाने में मिलेट्स अहम भूमिका निभायेगा। तीन सितारा, चार सितारा एवं पांच सितारा होटलों में मिलेट्स की व्यवस्था हो, इसके लिए इन्हें भी प्रोत्साहित किया जाए। पैक्स एवं क्रय केन्द्रों पर मिलेट्स खरीदने की उचित व्यवस्था रखी जाए। जो स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा लेंगी, उनको इन्सेंटिव शीघ्र मिल जाए। उन्होंने कहा कि मिलेट्स उत्पादन के लिए प्राकृतिक और परंपरागत रूप से सभी संसाधन राज्य के पास हैं। मिलेट्स के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को रोल मॉडल बनाने की दिशा में कार्य किये जाएं।
कृषि अवसंरचना निधि के तहत धीमी कार्य प्रगति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि इसमें निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूत कार्ययोजना बनाई जाए। इसके तहत किसानों को ऋण लेने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जल्द ही वन विभाग, शहरी विकास एवं अन्य संबंधित विभागों की बैठक की जाए।
मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग के रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में पॉलीहाउस स्थापना के कार्यों में अभियान के तहत कार्य किये जाएं। कैबिनेट द्वारा इसके लिए किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन पॉलीहाउस में फल, फूल, सब्जी का जो उत्पादन होगा, इनको देश भर में भेजा जायेगा। इसके लिए गढ़वाल और कुमायूं में मण्डी बनाने का निर्णय लिया गया है। पॉलीहाउस पर कार्य प्रगति की जल्द समीक्षा भी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। कीवी और एप्पल मिशन के तहत तेजी से कार्य किया जाए। मौन पालन के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। मौन पालन किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक अच्छा माध्यम है, इस दिशा में कार्य करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा अगर बाहर से उच्च गुणवत्ता युक्त पौध ली जा रही है, तो उनका डीबीटी के माध्यम से समय पर भुगतान हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, विजय कुमार जोगदाण्डे, कृषि, उद्यान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

पारंपरिक जैविक खेती पर आधारित मेले का आयोजन

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गौहरी माफी में उत्तराखंड कृषि विभाग द्वारा आयोजित पारंपरिक जैविक खेती पर आधारित मेले का आयोजन किया गया जिसमें अनेक कृषकों ने अपने जैविक कृषि के स्टॉल भी लगाए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधिवत कृषि मेले का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि पारंपरिक जैविक कृषि वर्तमान समय की आवश्यकता है और जैविक सब्जियों से ही व्यक्ति का जीवन स्वस्थ रह सकता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से रासायनिक खादों के उपयोग से कृषि से उत्पन्न होने वाली फसलें जीवन के लिए हानिकारक साबित हो रही है, उससे निजात पाने के लिए पारंपरिक जैविक कृषि पर आधारित फसलें जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कृषि मेले में अग्रवाल ने कृषि विभाग द्वारा आयोजित मेले की सराहना करते हुए अधिकारियों से कहा कि आधुनिक कृषि उपकरण, आधुनिक तकनीकी से निर्मित किए गए बीज तथा कीटनाशक दवाइयों के बारे में किसानों को समय-समय पर जागरूक किया जाना चाहिए ताकि कृषि उपज में भी इजाफा हो सके और उन्नत प्रकार की फसलें उगाई जा सके। उन्होंने कहा कि कृषक अपनी मेहनत लगन के बल पर कृषि फसलें उगाता है परंतु बाजार में उसका उचित मूल्य प्राप्त हो सके, इसके लिए भी चिंता करने की आवश्यकता है। अग्रवाल ने इस अवसर पर दूर-दूर से आए हुए कृषकों को अपनी शुभकामनाएं दी और साथ ही कहा है सरकार द्वारा कृषकों के हित में अनेक योजनाएं संचालित की गई है जिससे कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।
जिला सहायक कृषि अधिकारी राजदेव पवार ने कहा है कि इस मेले का उद्देश्य कृषको को पारंपारिक जैविक खेती की ओर प्रेरित करना है ताकि कृषकों द्वारा उगाई फसलें एवं सब्जियों से लोग स्वस्थ रह सकें।
इस अवसर पर डोईवाला के ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, प्रधान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष सोबन सिंह कैन्तूरा, प्रधान सागर गिरी, प्रधान रोहित नौटियाल, रेखा पोखरियाल, रमेश कंडारी, आशीष जोशी, सहायक कृषि अधिकारी इंदु गोदियाल, डीएस असवाल, नरेश नौटियाल सहित बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहे।