मुख्य सचिव ने यात्रा मार्ग से सम्बन्धित जनपदों एवं यात्रमार्गों की तैयारियों को परखा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय स्थित अपने सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व में जारी अपने निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा. आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा डॉ. नीरज खैरवाल से यमुनोत्री धाम की तैयारियों के सम्बन्ध में फीडबैक लिया। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करते अथवा कमियों को दुरूस्त किया जाए। यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ एवं कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण करने को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक धाम एवं उनके यात्रामार्गों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपीसीएल को धामों में लॉ-वॉल्टेज की समस्या को शीघ्र दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए।

यात्रा पंजीकरण स्थलों में स्वास्थ्य जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जाए
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में बन रहे अस्पताल को या़त्रा शुरू होने से पहले सुचारू किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षित या़त्रा के लिए निवारक उपायों की अत्यधिक आवश्यकता पर बल देते हुए स्वास्थ्य जांच केन्द्रों को बढाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा की शुरूवात में ही स्वास्थ्य परीक्षण हो सके इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश एवं विकासनगर में हेल्थ स्क्रीनिंग केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था पर बल देते हुए अधिक से अधिक पार्किंग स्थलों को चिन्हित किए जाने की बात कही। कहा कि पार्किंग स्थलों के आस-पास रहने खाने एवं स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर स्थानीय स्तर परिस्थितियों एवं विकल्प मार्गों के अनुरूप यातायात प्रबंधन योजना तैयार की जाए।

यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु ‘स्मृति वन‘ किए जाएं चिन्हित
मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्गों पर वृक्षारोपण करने हेतु स्मृति वन के लिए स्थान चिन्हित किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इच्छित श्रद्धालु इन पलों को यादगार बनाने के लिए पौधारोपण कर सकते हैं।

जाम आदि की जानकारी हेतु डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड की की जाए व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों में दृर्घटनाओं या लैंड स्लाईड से लगने वाले जाम के कारण पीछे लगी लम्बी लाईनों में यात्रियों को जाम के कारणों की उचित जानकारी मिल सके इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यात्रा मार्गों पर डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा सकते हैं, जो यह जानकारी उपलब्ध कराएंगे कि किस स्थान पर कौन सी घटना घटी है, जिसके कारण जाम लगा है। उन्होंने इसके लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है तब तक बल्क एसएमएस और बल्क व्हॉट्सअप मैसेज के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इन भूस्खलन क्षेत्रों के लिए दीर्घावधि उपचार पर भी शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाएंः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ‘सुलभ‘ को नियमित सफाई एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था के लिए पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं 15वें वित्त आयोग की स्वच्छता हेतु टाईड फंड से भी फंड्स उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने चारों धामों में दुकानदार एवं घोड़ा/कंडी संचालक सहित सभी प्रकार केे सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि धामों में श्रद्धालुओं के रूकने के लिए लगाए गए टैन्ट आदि को सुव्यस्थित ढंग से लगाए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम एवं यात्रामार्गों से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत लम्बित प्रकरणों का ससमय निस्तारण करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में 64वीं राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी विभागों द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत वांछित स्वीकृतियां अथवा आख्या शीघ्र ही उद्योग विभाग को उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत लम्बित प्रकरणों का ससमय निस्तारण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत लगभग 30 विभागों की 200 से अधिक सेवाएं शामिल की गयी हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन विभागों द्वारा स्वीकृतियों के लिए आवेदन पत्र ऑफलाइन लिए जा रहे हैं, शीघ्रातिशीघ्र इन्हें ऑनलाइन किया जाए। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को जनपद स्तर पर लम्बित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो के तहत विभागों द्वारा जारी किए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्रों को निर्गत किए जाने में भी विलम्ब न किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में नए बनने वाले सरकारी और प्राईवेट औद्योगिक विकास क्षेत्रों में कनेक्टिविटी एवं जलापूर्ति का विशेष ध्यान रखा। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (ईटीपी) द्वारा छोड़े जाने वाले पानी का मानकों के अनुरूप पुनः प्रयोग किए जाने हेतु मैकेनिज्म विकसित किया जाए, ताकि पेयजल एवं भूमिगत जल को औद्योगिक कार्यों हेतु उपयोग में कमी लायी जा सके।

इस अवसर पर सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, हरि चन्द्र सेमवाल, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय एवं सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने की रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से भेंट, प्रदेश में संचालित विभिन्न रेल परियोजनाओं के संबंध में की चर्चा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार से मुलाकात कर राज्य में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने, नई रेल परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन, तथा पूर्ववर्ती प्रस्तावों की प्रगति के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को अवगत कराया कि राज्य में कुल पांच रेल परियोजनाएं हैं जिनमें तीन प्रस्तावित एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सहित दो परियोजनाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है। गंगोत्री यमुनोत्री रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 121.76 किमी है तथा 10 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है। टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 170.70 किमी है तथा 12 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है। देहरादून -सहारनपुर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 92.60 किमी0 है तथा इसमें 8 स्टेशन है। इसका सर्वेक्षण कार्य गतिमान है।

इस अवसर पर देहरादून-सहारनपुर रेल परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के दोहरीकरण एवं देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन के विकास पर भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त मेरठ से हरिद्वार तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के विस्तार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखण्ड में दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों का रेल नेटवर्क से संयोजन, राज्य के औद्योगिक आर्थिक एवं सामाजिक विकास, विश्व प्रसिद्ध धामों, तीर्थ में वर्ष भर श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन तथा सामरिक महत्व के दृष्टिगत रेलवे का अवसंरचना की दृष्टि से विकास राज्य हेतु अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने केन्द्रीय वित्त सचिव सहित विभिन्न मंत्रालयों के उच्चाधिकारीयों से की मुलाकात

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास सुदृढीकरण एवं सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार से सहयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त सचिव अजय सेठ, व्यय सचिव डॉ. मनोज गोविल, तथा अपर सचिव संजन सिंह यादव से भेंट कर राज्य के लिए विशेष सहायता एवं अनुदान की मांग की। साथ ही, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर से मुलाकात कर देहरादून आउटर रिंग रोड की डीपीआर पर चर्चा की। यह परियोजना लगभग 51.59 किलोमीटर लंबी है, जिसे भविष्य में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, मुख्य सचिव ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के लिए अतिरिक्त सहायता, मंदिरों के उच्चीकरण एवं संरक्षण हेतु अनुदान, तथा राज्य सरकार द्वारा भेजे गए लंबित प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही का अनुरोध किया।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव वी. वुलनम से भी भेंट कर देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार कार्यों में तेजी लाने तथा देहरादून एवं पंतनगर हवाई अड्डों पर रात्रिकालीन (नाईट लैंडिंग) उड़ानों की सुविधा शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया, जिससे प्रदेश में हवाई संपर्क व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ की जा सके। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि केदारनाथ एवं सहस्त्रधारा में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सुविधाओं की व्यवस्था की जा चुकी है, जिससे चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन अधिक सुरक्षित एवं सुचारु रूप से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

मुख्य सचिव ने कौशल विकास सचिव अतुल तिवारी से मुलाकात कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हुनरमंद नौजवानों को वैश्विक मंच पर पहचान मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें इसके लिये युवाओं को देश विदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाना राज्य के युवाओं के हित में है। प्रदेश के युवा विभिन्न तकनीकी एवं व्यावसायिक क्षेत्रों में दक्ष हैं और उनके कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन एवं अवसर प्रदान करना आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने विदेश सचिव अरुण कुमार चटर्जी से भी मुलाकात कर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की भर्ती एजेंसियों के माध्यम से उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर प्रदान करने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को बेहतर करियर के लिए विकल्प मिलेंगे। दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल से मुलाकात कर मुख्य सचिव ने टनकपुर क्षेत्र में नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधारने एवं मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में बीएसएनएल 4जी सेवा के कार्यान्वयन को गति देने का भी आग्रह किया।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा की

राज्य के अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान की स्थिति का अपडेट लेते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सभी अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान को एक माह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने महानिदेशक स्वास्थ्य के कार्यालय में आपदा प्रबंधन हेतु नोडल अधिकारी की तत्काल तैनाती के निर्देश दिए हैं। इसके साथ उन्होंने सभी स्वास्थ्य विभाग को सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ जिला अस्पतालों की आपदा प्रबंधन रणनीति व वर्किंग प्लान पर बैठक करते हुए इस मुद्दे पर स्वास्थ्य महकमे को सेंसटाइज करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन आज उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आईटी पार्क स्थित कार्यालय में प्राधिकरण की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।

भूकम्प संवेदी राज्य होने के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को एनडीएमए के सहयोग से जल्द ही भूकम्प सम्बन्धित मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह मॉक ड्रिल सभी जिला मुख्यालयों में भी आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

आपदा संवेदी राज्य में धरातल स्तर से आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आपदा प्रबंधन विभाग को विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग से समन्वय करते हुए सभी निजी एवं सरकारी स्कूल-कॉलेजों में प्रत्येक तिमाही एक दिन आपदा प्रबंधन पर विशेष रूप से भूकंप से सम्बन्धित अनिवार्यतः मॉक ड्रिल करवाने के निर्देश दिए हैं।

भूस्खलन जैसी बड़ी आपदाओं के सम्बन्ध में चारधाम यात्रा मार्ग पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने यात्रा मार्ग पर रियल टाइम वार्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबन्धन विभाग को आवास के निर्माण से सम्बन्धित दिशा निर्देशों के सख्ती से पालन करवाने के सम्बन्ध में निर्देश जारी करने को कहा है।

बैठक में सचिव एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभिन्न अधिकारी तथा विशेषज्ञ मौजूद रहे।