ऋषिनगरी की सबसे पौराणिक रामलीला का हुआ शुभारंभ

वर्ष 1955 से स्थापित तीर्थ नगरी की सबसे पौराणिक सुभाष बनखंडी श्री रामलीला का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता इंद्र कुमार गोदवानी, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा ज्योति सजवाण, वरिष्ठ पार्षद शिव कुमार गौतम, व्यापार मंडल के महामंत्री अखिलेश मित्तल ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर तथा दीप प्रज्वलित कर किया। साथ ही अतिथियों ने श्री राम के जीवन चरित्र से वर्तमान पीढ़ी को सीख लेने के लिए प्रेरित किया।

बनखंडी स्थित रामलीला मैदान में आयोजित सुभाष बनखंडी श्री रामलीला का शुभारंभ के दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा श्री गणेश वंदना, रावण वेदवती संवाद और कैलाश लीला तक की लीला दिखाई गई। जिसमें अहंकारी रावण द्वारा ऋषि कन्या वेदवती के साथ दुर्व्यवहार तथा भगवान शंकर द्वारा रावण के अहंकार को दूर करने की लीला का सुंदर मंचन किया गया।

इस मौके पर भाजपा नेता इंद्र कुमार गोदवानी ने कहा कि भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारे जीवन और सनातन संस्कृति के आधार है। हमें उनके आदर्शों पर चलकर जीवन की मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। कहा कि रामलीला हमें हर रिश्ते को पवित्रता के साथ निभाने की सीख देती है। इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम के सभी आयोजकों को बधाई दी और रामलीला मंचन की सफलता की कामना की।

इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योति सजवाण ने कहा कि भगवान श्री राम की लीला हमें सद्दमार्ग पर चलने को प्रेरित करती है। भगवान श्री राम की लीला असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। कहा कि पारिवारिक जनों को मजबूत करने के लिए रामलीला जैसे आयोजन बहुत जरूरी है।

इस दौरान भगवान शिव ने रावण के अहंकार को पलभर में तोड़ दिया और इसके बाद भगवान शिव ने रावण को वर मांगने को कहा रावण ने वर के रूप चंद्रहास नाम की तलवार भगवान शिव से प्राप्त की। इस मौके पर मंच का संचालन महामंत्री श्री रामलीला कमेटी हरीश तिवाड़ी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विनोद पाल, सतीश पाल, पार्षद राजेश दिवाकर, राकेश पारछा, रमेश कोठियाल, दीपक बिष्ट, दीपक जोशी, हुकुम सिंह, रोहताश पाल, मनमीत कुमार, अशोक मौर्या, मुकेश, योगेश कुमार, पप्पू पाल, मिलन, महेंद्र कुमार, भारतेंदु शंकर पांडेय, नितीश पाल, ललित शर्मा, मनोज गर्ग, सुभाष पाल, मयंक शर्मा, विशु पाल, अभिनब पाल, विनायक कुमार, अश्विनी जायसवाल, अंकुश मौर्य आदि राम भक्त मौजूद रहे।

प्रशासन की अनुमति के इंतजार में रामलीला के कलाकार, मंच सजकर तैयार

कोरोनाकाल में अनलॉक-5 के तहत अब विशेष शर्तों के साथ धार्मिक आयोजनों को अनुमति मिल रही है। वहीं, देहरादून जिले के ऋषिकेश में रामलीला मंचन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। रामलीला के लिए कलाकारों ने तैयारी तो कर ली है, लेकिन प्रशासन की अनुमति का इंतजार हो रहा है।

अक्टूबर से दिसंबर तक रामलीला, दुर्गापूजा, नवरात्र, दशहरा, ईद, क्रिसमस आदि के आयोजनों को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। कोविड 19 की गाइड लाइन के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रमों एवं समारोहों में अधिकतम 200 लोग हिस्सा ले सकेंगे। आयोजकों को मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग और दो गज की दूरी आदि नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।

इस गाइडलाइन को कुछ दिन पूर्व जारी तो कर दिया गया, लेकिन हकीकत ये है कि रामलीला समितियों को अभी तक प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलने के बाद ही समितियां आर्थिक व्यवस्था, आयोजन के निमंत्रण, मंचन के लिए आवश्यक तैयारी आदि कर पाएंगी। ऐसे में पहले या दूसरे नवरात्र से रामलीला का मंचन करना कई रामलीला समितियों के लिए मुश्किल होगा।

ऋषिकेश में श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी के महामंत्री हरीश तिवाडी ने बताया कि 1955 से लगातार यहां रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला प्रांगण में हर साल नवरात्र से रामलीला का मंचन आरंभ होता था। इस वर्ष अयोध्या में श्री राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर भी उत्साह का माहौल है। उन्होंने बताया कि इस बार भी रामलीला महोत्सव की सभी
तैयारियां पूर्ण हैं। अब प्रशासन की अनुमति पर आयोजन की स्थिति निर्भर है।

श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी की विशिष्ट पहचान के फलस्वरूप ऋषिकेश के दूर-दूर के स्थानों से श्रद्धालुजन यहां आते रहे हैं। महामंत्री हरीश तिवाडी ने बताया कि चैपाई, रागिनी, गीत संगीत तथा मनोहारी कलात्मक दृश्यों के साथ आयोजित की जाने वाले श्री रामलीला में स्थानीय कलाकारों की ओर से मनोहारी आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष श्री रामलीला की 62वी पुनरावृत्ति की जा रही है।

इस वर्ष के आयोजन की भी तैयारियां पूरी होने के साथ ही कोविद-19 महामारी के कारण जिला शासन-प्रशासन से आयोजन किये जाने की अनुमति के लिए अनुरोध किया जा चुका है। अनुमति मिलने के बाद ही श्री रामलीला महोत्सव-2020 के आयोजन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। यदि अनुमति मिलती है तो रामलीला का मंचन सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार किया जाएगा।