राज्य हेतु अगले 10 वर्षों के लिए हैली सेवाओं की कार्ययोजना बनाएगी यूकाडा

सीएम धामी ने उत्तराखण्ड में सेवाएं दे रहे सभी हैली सर्विस प्रोवाइडर्स और ऑपरेटर्स को कड़े शब्दों में स्पष्ट किया है कि हैली सेवाओं के सुरक्षा मानकों से किसी भी तरह का समझौता नही किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने साफ तौर पर कहा कि हैली सेवा लेने वाले यात्रियों की अधिकाधिक आंकड़ों से आत्ममुग्ध हुए बिना सुरक्षा मानकों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने गत वर्षों में हुए हैली दुर्घटनाओं की आडिट व निरन्तर समीक्षा के भी निर्देश दिए है ताकि इनकी पुनरावृति ना हो । उन्होंने कहा कि राज्य के नोडल के रूप में यात्रियों की सुरक्षा हमारा का सबसे बड़ा दायित्व हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हैलीकॉप्टर के नियमित फिटनेस जांच का सख्ती से पालन, हैलीकॉप्टर टिकट बुकिंग हेतु ठोस व प्रभावी एसओपी बनाने एवं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में चलने वाले हैलीकॉप्टर के इंजन के सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने कड़े निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड में अपनी सेवाएं दे रहे सभी हेलीकॉप्टर सर्विस प्रोवाइडर्स तथा ऑपरेटर्स, यूकाडा, एएआईबी एवं डीजीसीए के साथ प्रदेश की हैली सर्विस सेवाओं की समीक्षा कर रहे थे।

मौसम के कारण हैली सेवाओं में बाधाओं, मौसम की सटीक जानकारी एवं सुरक्षा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री धामी ने केदार वैली के साथ ही अन्य सभी चारधाम वैली में वैदर कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यूकाडा को भविष्य में केवल डबल इंजन हैलीकॉप्टर्स संचालित करने हेतु ठोस पॉलिसी तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यूकाडा एवं सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स को वैष्णो देवी में संचालित की जा रही हैली सर्विस मॉडल का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अत्यधिक अनुभवी पायलटों को ही राज्य में हैली सेवाओं में रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने हैली ऑपरेटर्स को यात्रियों के साथ संवेदनशील व्यवहार बनाए रखने की भी सख्त नसीहत दी है ताकि दुनियाभर से आने वाले पर्यटक देवभूमि से सुखद अनुभव लेकर जाए। उन्होंने हैली ऑपरेटर्स एवं प्रशासन को चारधाम मार्गों पर स्वच्छता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में हैली सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य में बहुत से हैलीपेड निर्माणाधीन हैं। इस वर्ष अभी तक 66000 से अधिक यात्री हैली शटल सेवाओं की सुविधा का लाभ उठा चुके हैं ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूकाडा को राज्य हेतु अगले 10 वर्षाे के लिए हैली सेवाओं की कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी आज की बैठक में दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं चारधाम राज्य होने के कारण हैली सेवाओं की मांग राज्य में अधिकाधिक बढ़ने वाली है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भविष्य में हैली सेवाओं राज्य का आधार होंगी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव सोनिका एवं राज्य में सेवाएं दे रहे सभी हैली एवं चाटर्ड सर्विस ऑपरेटर्स मौजूद थे।

न थकूंगा और न रूकूंगा, मंजिल तक पहुंचूंगा, यही है धामी का मूल मंत्र

पिथौरागढ़ में अल सुबह दुकान में आम लोगों के साथ चाय की चुस्की के साथ फीड बैक लेना हो या रुद्रप्रयाग में दुकानदार से बिना लाव-लश्कर से मिलना। एक सच्चे जनसेवक के तौर पर पहचान बना रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई राजनीतिक मिथकों को तोड़ने का काम किया है। उनका जुनून, कुछ कर गुजरने की चाहत और निरंतर गतिविधियों से प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसरित हो रहा है। इस अथक मेहनत के पीछे एक सपने को साकार करने की इच्छा है कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

ना रुकना है, ना थकना है ना झुकना है ना मिटना है राज्य के विकास, संस्कृति और विजन के लिए नए आयाम स्थापित करने हैं। प्रदेश के मुखिया के तौर पर धामी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वह जनता के हर सुख दुख में साथ हैं। आपदा के समय उत्तरकाशी का द्रोपदी का डांडा एवलांच हो या पौड़ी का बस हादसा, हर जगह खुद पहुंचते हैं। राहत और बचाव कार्यों की कमान खुद ही संभाल लेते हैं, इसका परिणाम होता है कि कहीं कोई ढिलाई या लापरवाही नहीं होती। अपने छोट से कार्यकाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बेहद संवेदनशील, सहृदयी और जननायक के तौर पर पहचान बनाई है। 4 जुलाई 2021 को मुख्य सेवक की शपथ लेते हुए एक युवा नेता के हाथ में देश के प्रधानमंत्री ने कमान सौंपी थी जिसे चरितार्थ कर रहे मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी।

सुबह रुद्रप्रयाग, फिर गौचर चमोली उसके बाद जौलजीबी पिथौरागढ़, शाम को बच्चों के कार्यक्रम देहरादून में प्रतिभाग उसके बाद फाइलों का ढेर। ऐसे ही दिनचर्या है युवा मुख्यमंत्री की। हर कार्यक्रम में नई ऊर्जा, नये जोश के साथ लोगों से घुलना मिलना। जिस उमंग और उत्साह से विभिन्न कार्यक्रमों में स्थानीय जनता मुख्यमंत्री की राह देखती है, उसे युवा मुख्यमंत्री निराश नहीं होने देते, ऐसे ही कार्यशैली है पुष्कर सिंह धामी की।

एक ही दिन में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में मौसम खराब होने के बावजूद अपनी दमदार उपस्थिति आखिर कैसे दर्ज करा लेते हैं मुख्यमंत्री? सुबह 5 बजे उठकर रात 12 बजे तक कार्य करने की उनकी शैली उत्तराखंड को आगे बढ़ाने की सोच और कल्पना को साकार करते हुए दिखती है। यही सोच और कार्य करने की शैली से प्रभावित देश के प्रधानमंत्री ने यूं ही नही कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। अपने यही विजन से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से देश के आखिरी गांव माणा को देश का पहला गांव घोषित कराया। मोदी जी की कार्य शैली अपनाते हुए युवा मुख्यमंत्री उनसे प्रेरणा लेते हुए जिस तरह उनके पद चिन्हों पर चलकर निरंतर कार्य कर रहे हैं उससे उत्तराखंड के लोगों में एक नई आशा की किरण जागी है निरंतर राजनीतिक अस्थिरताओं का शिकार रहा उत्तराखंड युवा मुख्यमंत्री के रूप में एक स्थिर राजनीति के साथ एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की ओर निरंतर अग्रसर हो रहा है।