हरेला पर्व को उत्साह से मना रहे भाजपा कार्यकर्ता

भारतीय जनता पार्टी ऋषिकेश मंडल की ओर से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के उपलक्ष में हरेला पखवाड़ा के तहत पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मंडल के पदाधिकारियों के साथ विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपे।
मंगलवार को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के क्रीड़ा मैदान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश भर में 6 जुलाई से 16 जुलाई तक हरेला पखवाड़ा मनाया जा रहा है। कहा कि यह आयोजन न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी के जीवन को बनाए रखने बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने में पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किया जा रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में पेड़ अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों से संबंधित पहल के पूरक के रूप में इस महोत्सव का बेहद महत्व है। कहा कि आधुनिक जीवन शैली एवं रसायनिक दवाओं आदि के प्रयोग से हमारा पेयजल, खाद्य पदार्थ एवं हमारे आस-पास का वातावरण दूषित होता है जिससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपने स्तर पर अधिक से अधिक पौधरोपण करने के साथ-साथ लोगों को पौध रोपण के प्रति प्रेरित एवं जागरूक किया जाए।
पूर्व शिक्षा मंत्री श्री अरविंद पांडेय ने कहा कि पौधारोपण हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है, हमें अपने जीवन में जितना हो सके उतना अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों की कमी से निरंतर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। हम सभी का फर्ज बनता है कि पृथ्वी की खूबसूरती को बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने युवाओं को अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
इस मौके पर आम, पीपल, तुलसी, लीची, बेलपत्र, नींबू सहित फलदार व छायादार पौधे रोपे गए। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति से प्रतिवर्ष एक पौधा रोपित कर उसकी देखभाल करने का आवाहन किया गया।
इस मौके पर पूर्व दर्जाधारी संदीप गुप्ता, संजय शास्त्री, इंद्र कुमार गोदवानी, कपिल गुप्ता, मंडल अध्यक्ष ऋषिकेश दिनेश सती, महामंत्री सुमित पंवार, महामंत्री जयंत शर्मा, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष उषा जोशी, युवामोर्चा अध्यक्ष नितिन सक्सेना, पार्षद शिव कुमार गौतम, राजेश दिवाकर, प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, अनिता तिवारी, माधवी गुप्ता, कविता शाह, पार्षद प्रदीप कोहली, राजपाल ठाकुर, रूपेश गुप्ता, देवव्रत शर्मा, राकेश पारछा सहित अन्य मौजूद रहे।

प्रभारी मंत्री बनने पर डॉ. अग्रवाल का सम्मान

जनपद टिहरी और उत्तरकाशी का प्रभारी मंत्री बनने पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, महेन्द्र भट्ट, शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने बधाई दी।
सोमवार को विधानसभा कार्यालय पर मंत्री डॉ अग्रवाल को बधाई देने पहुंचे पूर्व विधायको ने कहा कि डॉ अग्रवाल के काम करने की शैली विकास परक है। ऋषिकेश विधानसभा से चार बार विधायक उनकी विकास परक सोच को दर्शाता है। कहा कि डॉ अग्रवाल के टिहरी और उत्तरकाशी जनपद के प्रभारी मंत्री बनने से जिला नियोजन एवं अनुश्रवण समितियों के बजट रिलीज होने में अड़चने नहीं पैदा होंगी। इससे दोनों जिलों में विकास कार्यों को गति मिलेगी। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अक्सर समय पर बजट ना मिलने के कारण विकास कार्य अवरुद्ध हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ अग्रवाल के जिले में प्रभारी मंत्री बनने पर यहां की जनता को सीधा लाभ मिलेगा। कहा कि डॉ अग्रवाल सबका साथ सबका विकास की धारणा से कार्य करते हैं। प्रभारी मंत्री बनने से हर वर्ग के लिए कार्य किया जाएगा।
वहीं, पूर्व विधायक विजय सिंह पंवार के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों ने डॉ अग्रवाल से मुलाकात की। उन्होंने जनपद टिहरी का प्रभारी मंत्री बनने पर डॉ अग्रवाल को बधाई दी।
बात दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को जिलों में प्रभारी मंत्री के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है इस क्रम में कैबिनेट मंत्री व ऋषिकेश विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को टिहरी और उत्तरकाशी जिले की जिम्मेदारी मिली है।

आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटने वाली कांग्रेस अपनी अंतिम सांसें गिन रही

इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में 25 जून को लगाये गए आपातकाल को काला अध्याय के रूप में याद किया जाता रहेगा। यह बात आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ पर आयोजित विधानसभा स्तर के कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कही। इस मौके पर आंदोलन में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों के आश्रितों को सम्मानित किया गया।
रविवार को देहरादून तिलक रोड स्थित आरएसएस कार्यालय में आपातकालीन की बरसी पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के शासन के दौरान 1975 में लगा आपातकाल काले अध्याय से कम नहीं था। इस दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला गया। आपातकाल के दौरान पूरे देश में लोकतांत्रित तरीके से आंदोलन हुए।
डा. अग्रवाल ने कहा कि इस वक्त सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग भी किया गया। डा. अग्रवाल ने कहा कि उनके परिवार ने भी अनेक यातनाएं सही और जेल की हवा भी खाई। कहा कि जेल में आपातकाल के दौरान पकड़े गए लोगों को सामान्य कैदी की तरह ही रखा जाता था। उन्हें कीड़े लगे चावल और पानी वाली दाल मिलती थी।
डा. अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय अपनी सत्ता बचाने और राजनीति स्वार्थ पूरा करने के लिए लोकतंत्र की हत्या देश में आपातकाल लगाकर की थी। कहा कि आपातकाल की नींव 12 जून 1975 को ही रख दी गई थी। इस दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को रायबरेली के चुनाव अभियान में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का दोषी पाया था और उनके चुनाव को खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं, इंदिरा पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर और किसी भी तरह के पद संभालने पर रोक भी लगा दी गई थी। जब 25 जून 1975 की आधी रात इमरजेंसी लागू की गई थी जनता के सारे अधिकार छिन गए थे।
डा. अग्रवाल ने बताया कि आपातकाल में जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और देशभर में इंदिरा के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ। सरकारी मशीनरी विपक्ष के आंदोलन को कुचलने में लग गई थी। आंदोलनकारियों को जेल में डाला जाने लगा। 21 मार्च 1977 तक देश आपातकाल में पिसता रहा।
इस मौके पर प्रान्त प्रचारक युदवीर ने कहा कि आपातकाल के काले अध्याय को आने वाली को बताना होगा। इसके लिए सरकार से मांग की जाएगी कि इसको राजकीय पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए। इससे हमारे युवाओं को उस कठिन दौर में हुई स्थिति का पता चल सकेगा।
इस मौके पर 40 लोकतंत्र सैनानियों व उनके आश्रितों को पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। आयोजन को राकेश ओबराय, प्रभाकर उनियाल, विनय गोयल, प्रेम बडाकोटी, दयाराम, राजकुमार टांक, रविदेव आनंद ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन योगेश अग्रवाल ने किया।