मुख्यमंत्री ने फलदार पेड़ लगाने की अपील की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर स्थित लीची के पेड़ों से लीची तोड़ने की व्यवस्था का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि देहरादून की लीची के लिये भी पहचान रही है। देहरादून की यह पहचान बनी रहे इसके लिये अधिक से अधिक लीची के पेड़ लगाए जाने की उन्होंने जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जन जागरूकता पर भी ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग को इसके लिये पहल करने को कहा। राजकीय परिसरों आवासों के साथ ही सार्वजनिक स्थलों व पार्कों में लीची सहित अन्य फलदार पेड़ों के लगाये जाने के प्रयास किये जाने के लिये जनभागीदारी की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
प्रभारी उद्यान मुख्यमंत्री आवास दीपक पुरोहित ने मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री आवास परिसर एवं उद्यान निदेशालय परिसर में स्थापित फलदार पेड़ो की जानकारी दी। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष मार्च में तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि से समस्त फलों पर कुप्रभाव पड़ा है। पिछले एक सप्ताह में तापमान में जो वृद्धि हुई है, उससे लगभग 25 प्रतिशत लींची फल फटने की समस्या आयी है।

तय समय में ही सीएम से होगी मुलाकात, रोस्टर तय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जनहित में आगन्तुकों की सुविधा हेतु समय सारणी का निर्धारण किया गया है। मुख्यमंत्री सोमवार एवं मंगलवार को पूर्वाहन 9 से 09ः30 तथा सांय 06 बजे से 07 बजे तक मां सांसद एवं मन्त्रिगणों से भेंट करेंगे।
मुख्यमंत्री बुधवार एवं गुरुवार को पूर्वाहन 9ः00 से 10ः00 तक तथा सांय 6ः00 से 7ः00 तक मा0 विधायक गणों एवं पूर्व विधायक गणों से भेंट करेंगे। मंगलवार एवं शुक्रवार को मुख्यमंत्री पूर्वाह्न 10ः00 बजे से अपराहन 2ः00 बजे तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों संगठनों के पदाधिकारियों से सचिवालय में बैठक शासकीय कार्य के उपरांत भेंट कर सकेंगे। शनिवार एवं रविवार को मुख्यमंत्री आवास एवं मुख्यालय में मुख्यमंत्री की उपलब्धता पर पूर्वाहन 9ः00 से 10ः00 तक 6ः30 से 7ः00 तक पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भेंट करेंगे। पार्टी कार्यकर्ता, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एवं जनता मिलन कार्यक्रम प्रतिदिन मुख्यमंत्री की उपलब्धता के आधार पर पूर्वान्ह अथवा अपराहन में आयोजित होंगे इसके लिए दूरभाष नंबर 0135-2750033 पर प्रतिदिन अनुरोध नोट किए जाएंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा निर्धारित समय एवं स्थान से अनुरोधकर्ता को यथा समय अवगत कराया जाएगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री के वरिष्ठ निजी सचिव भूपेंद्र सिंह बसेड़ा द्वारा दी गई है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त समय-सारणी के इतर मुख्यमंत्री से मिलने हेतु अनुरोध करने वाले महानुभावों की निर्धारित प्रक्रियानुसार समय लेकर ही भेटवार्ता सुनिश्चित करायी जायेगी। मुख्यमंत्री से भेंट/वार्ता हेतु आने वाले महानुभावों से अनुरोध रहेगा कि वे उपहार और पुष्पगुच्छ लेकर न आयें बहुत आवश्यक हो तो पुष्पगुच्छ के स्थान पर एक पुष्प“ अथवा “पौधा“ अथवा “किताब“ लेकर आ सकते हैं। उक्त व्यवस्था प्रदेशहित/जनहित/आगन्तुकों की सुविधा हेतु बनायी गयी है, अतः निर्धारित की गयी व्यवस्थानुसार भेटवार्ता कर सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।

सरकार कर्मचारियों की हितैषी, समस्याओं का होगा शीघ्र समाधान-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदेश भर के विभिन्न कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदाधिकारिकारियों ने भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री से कर्मचारी संगठनों ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हित में हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार सरलीकरण और समाधान के सूत्र वाक्य पर कार्य कर रही है, जो मुद्दे सरकार के सामने हैं उनका त्वरित गति से समाधान किया जाएगा।
इस दौरान अरुण पांडेय, प्रताप सिंह पंवार, बी.एस. रावत समेत विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

राज्यपाल को दी गई विदाई, सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में शनिवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें पौधा भेंट करने के साथ ही शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रदेश की जनता ने उन्हें जो सम्मान दिया है उसके लिये वे आभारी हैं, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वे कभी नहीं भूल सकती हैं। राज्यपाल ने कहा कि यहां के फलों, जड़ी बूटी व अन्य परम्परागत उत्पादों की प्रदर्शनी देश के विभिन्न भागों में आयोजित की जानी चाहिए, इससे राज्य को पहचान मिलेगी, उन्होंने राज्य की महिलाओं के कल्याण के लिये भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत बतायी। राज्यपाल ने कहा कि वे गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शनार्थ यहां आयेंगी। उन्होंने राज्य के लोगों के लिये शुभकामनायें भी दीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सदैव एक अभिभावक की तरह उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने मुझे चूंकि मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है इसका भी स्मरण उन्हें जीवन भर रहेगा। छोटे भाई की तरह उनका स्नेह भी उन्हें प्राप्त होता रहा है। उनके सभी से आत्मीय सम्बन्ध रहे। प्रदेश की जनता में वे काफी लोकप्रिय रहीं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनका सम्बन्ध उत्तराखण्ड से सदैव बना रहेगा तथा उत्तराखण्ड भी उनका सहयोगी बना रहेगा। यहां से जाने के बाद भी उत्तराखण्ड के प्रति उनका स्नेह बना रहेगा, इसकी भी उन्होंने कामना की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव एल. फैनई, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, मुख्य आयकर आयुक्त विपिन चंद्रा, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार के साथ ही अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

स्थानीय जनप्रतिनिधि विकास योजनाओं को पूर्ण कराने में बने सहयोगी- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ के साथ बड़ी संख्या में आये ग्राम प्रधानों, पार्षदों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों ने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान एवं जोगीवाला सहस्त्रधारा रोड़ के चौड़ीकरण के लिये मुख्यमंत्री सहित केन्द्र सरकार का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं के त्वरित समाधान का उनका प्रयास है। उन्होंने सभी से अपेक्षा की कि विभिन्न क्षेत्रों में जन सुविधाओं तथा क्षेत्रीय विकास से सम्बन्धित जो योजनायें संचालित हो रही हैं उन्हें पूर्ण कराने तथा जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने में सहयोगी बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रवासियों को केन्द्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिये अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रदेश के प्रति भावनात्मक लगाव है। राज्य की समस्याओं से वे विज्ञ हैं। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन निरन्तर हमें प्राप्त हो रहा है। पिछले सात साल में सड़क व रेल की अनेक महत्वपूर्ण योजनायें राज्य को मिली हैं। सड़कों का राज्य में काफी विस्तार हुआ है। दिल्ली देहरादून की यात्रा निकट भविष्य में और सुगम होने वाली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 24 हजार सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया 15 अगस्त से आरम्भ की जायेगी, जबकि लाखों लोगों को स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत बेरोजगार युवाओं को भर्ती में एक साल की आयुसीमा में छूट प्रदान की गई है। जबकि एनडीए, सीडीएस, लोकसेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिये 50 हजार की धनराशि दी जायेगी। कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की गई है जिसमें डीबीटी द्वारा योजना में चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि ट्रांसफर की जा रही है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं/जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है, उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना से प्रभावित चार धाम यात्रा व पर्यटन से जुड़े 1.64 लाख के लिए 200 करोड़ जबकि हेल्थ सेक्टर और हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे कोरोना योद्धाओं के लिए 205 करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा एजेंडा सभी क्षेत्रों का समग्र विकास है। हमारा विश्वास कार्यों को उलझाने में नहीं सुलझाने में है। हम बोलेंगे कम और काम ज्यादा करेंगे। उन्होंने सभी से प्रदेश व क्षेत्र के विकास में सहयोगी बनने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का विकास हम सबकी जिम्मेदारी है। सरकारी कार्यप्रणाली में हमने नो पेडेंसी की कार्य प्रणाली अपनाने पर ध्यान दिया है, इसके तहत फाइलों के निस्तारण में विलम्ब होने पर जिम्मेदारी तय की जायेगी। तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक को जनता की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये गये हैं। जिलों के प्रकरण शासन को संदर्भित न हो इसके भी सख्त निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण का व्यापक अभियान शुरू किया गया है। राज्य को 17 लाख वैक्सीन उपलब्ध हो रही है।
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र के विकास से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी, उन्होंने भी क्षेत्र के विकास के लिये मुख्यमंत्री द्वारा दिये जा रहे सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया।

अन्य बीमारी से राहत दिलाने के लिए अब खुलेगी अन्य अस्पतालों की ओपीडी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम आवास में कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार हर सम्भव कोशिश कर रही है। इसमें प्राईवेट चिकित्सा संस्थानों का सहयोग बहुत जरूरी है। वर्तमान में दून अस्पताल, महंत इंद्रेश अस्पताल, एम्स ऋषिकेश व हिमालयन अस्पताल में कोविड-19 कोरोना के मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखे गए हैं। यहां के चिकित्सकों को कोरोना के ईलाज मे नियुक्त किया गया है। इससे अन्य निजी अस्पतालों की जिम्मेदारी बढ गई है। इसलिए सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम अपने यहां ओपीडी खुली रखें। ताकि आमजन अन्य बिमारियों की दशा में अपना ईलाज सुगमता से करा सके। सरकार निजी चिकित्सा संस्थानो को हर प्रकार की सहायता देगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी अस्पतालों में ओपीडी की व्यवस्था सही रखने में सहयोग करें। मेडिकल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि कोरोना से लङाई में सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा। यह लङाई केवल सरकार की नहीं पूरे देश और समाज की है।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धनसिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, एनएचएम के निदेशक युगल किशोर पंत, आईएमए के अध्यक्ष डॉ अजय खन्ना, सीएमआई के चेयरमैन डॉ आरके जैन, डॉ महेश कुडियाल, डॉ अरविंद ढाका, डॉ डीडी चैधरी, डॉ अजीत गैरोला, डॉ सिद्धार्थ गुप्ता, डॉ संजय गोयल, डॉ कृष्ण अवतार, डाॅ प्रवीण मित्तल, डॉ शनवीर बामरा आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रमुख अस्पतालों की ली बैठक
मुख्यमंत्री कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के संबंध में प्रमुख अस्पतालों के प्रबंधन के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार हर सम्भव कोशिश कर रही है। इसमें प्राईवेट चिकित्सा संस्थानों का सहयोग बहुत जरूरी है। वर्तमान में दून अस्पताल, महंत इंद्रेश अस्पताल, एम्स ऋषिकेश व हिमालयन अस्पताल में कोविड-19 कोरोना के मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखे गए हैं।
एम्स ऋषिकेश, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, दून अस्पताल व महंत इंद्रेश अस्पताल में कोरोना के ईलाज के लिए पृथक से व्यवस्था की जा रही है। आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। इनमें कोरोना के मरीजों के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं। बताया गया कि एम्स ऋषिकेश व दून अस्पताल में 400-400 बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हिमालयन अस्पताल व महंत इंद्रेश अस्पताल में 200-200 बेड इसके लिए उपलब्ध हैं। जरूरत पङने पर इन दोनों अस्पतालों में इसे बढ़ाया जा सकता है। आर्मी अस्पताल देहरादून में भी इसके लिए 200 बेड की व्यवस्था रहेगी। इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या आवश्यकता पङने पर बढाई जायेगी और एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी। समुचित समन्वय के दृष्टिगत एम्स ऋषिकेश व हिमालयन अस्पताल के लिए आईपीएस नीरू गर्ग और दून अस्पताल व महंत इंद्रेश अस्पताल के लिए आईपीएस केवल खुराना को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धनसिंह रावत, महंत देवेन्द्र दास, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राजेन्द्र सिंह ठाकुर, सचिव नितेश झा, एनएचएम के निदेशक युगल किशोर पंत, हिमालयन अस्पताल के विजय धस्माना, एम्स ऋषिकेश के प्रोफेसर डॉ रविकांत उपस्थित थे।