अपने आसपास महिलाओं के खिलाफ हो रहे भेदभाव पर आवाज उठाएंगे, ऐसा संकल्प लेंः सीएस

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तराखंड सचिवालय संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।

सचिवालय के सभी कार्मिकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मेरा सभी से आग्रह है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम महिलाआंे को समानता का अधिकार देने का संकल्प लें। हम सभी को प्रतिज्ञा करनी होगी कि यदि हम अपने आसपास, परिवार या समाज में कहीं भी महिलाओं के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव देखे तो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। हमें महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। इससे हम पूरे समाज और देश में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। विकसित भारत, सशक्त उत्तराखंड विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें अपनी आधी आबादी को बराबरी का अधिकार देते हुए कार्यबल में शामिल करना होगा। यदि हमे जीएसडीपी को दुगना करने का लक्ष्य जल्द पूरा करना है तो अधिक से अधिक महिलाओं को भी वर्कफोर्स से जोड़ना होगा।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला कार्मिकों तथा होमगार्ड को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में सचिवालय के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव से मिले सचिव पशुपालन बीवीआरसी पुरूषोत्तम

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सचिवालय में सचिव पशुपालन व मत्स्य विभाग डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मुलाक़ात की। सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को हाल ही में उत्तराखंड को मत्स्य पालन के क्षेत्र में हिमालयी और उत्तर पूर्वी राज्यों में प्राप्त हुए सर्वश्रेष्ठ राज्य के पुरस्कार की जानकारी दी।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मत्स्य पालन विभाग तथा मत्स्य पालकों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर कई प्रयास कर रही है। इसके परिणाम अब नजर आने लगे हैं। उत्तराखंड ने पिछले साल 2,600 हेक्टेयर में लगभग 70,000 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की हुई बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान राज्य सेक्टर के अन्तर्गत जनपद देहरादून नगर निगम क्षेत्र लाडपुर स्थित रिंग रोड में रू. 500.32 लाख लागत की जलापूर्ति योजना, अमृत – 02 योजनान्तर्गत जनपद चम्पावत में रू. 946.63 लाख लागत की बनबसा नगर जलापूर्ति योजना, जनपद पौड़ी में रू. 2556.38 लाख लागत की सतपुली पेयजल योजना और जनपद चमोली में रू. 3245.00 लाख लागत की गौचर पेयजल योजना के पुनर्निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गई।

मुख्य सचिव ने पेयजल योजनाओं के लिए पूरे शहरों के मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे आने वाले समय में नई योजना और पुरानी योजना जो जोड़ने में समस्याएं नहीं आएंगी। उन्होंने कहा कि पेयजल योजनाओं में स्रोतों को स्थिर बनाए रखने के लिए तंत्र विकसित किया जाए। उन्होंने जनपद देहरादून में लाडपुर क्षेत्र की जलापूर्ति योजना में भविष्य ने शुरू होने वाली सोंग बांध गुरुत्व आधारित योजना के अंतर्गत कनेक्शन आदि का प्राविधान सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि आमजन को दिए जाने वाले कनेक्शन के लिए जल संस्थान द्वारा न्यूनतम चार्ज आसान किश्तों में बिल के साथ जोड़कर लिया जाए। उन्होंने सभी योजनाओं के अंतर्गत मीटर अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इससे पानी का दुरुपयोग कम होगा।
इस अवसर पर सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी एवं अपर सचिव उदयराज सिंह सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे।