कलस्टर विद्यालयों में परिवहन सुविधा के लिए 15 बसें हुई रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जनपद के कलस्टर विद्यालयों में परिवहन सुविधा के लिए 15 बसों का फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए बस की सुविधा उपलब्ध होने से उन्हें विद्यालय आवागमन में समय की बचत होगी। इस तरह के नवाचार से बच्चों को पठन-पाठन में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह सराहनीय प्रयास किया गया है।

उत्तरकाशी जनपद के नगरीय क्षेत्र के 15 कलस्टर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी द्वारा जिला खनिज न्यास फाउण्डेशन की मद एवं अन्टाईड फण्ड से 15 बस क्रय की स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रति बस के लिए 20 लाख की दर से कुल 03 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई। जिन प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए यह बस की सुविधा दी जा रही है, उनमें विकासखण्ड नौगांव के लिए 05, विकासखण्ड भटवाडी और विकासखण्ड डुण्डा के लिए 03-03, विकासखण्ड पुरोला के लिए 02 जबकि विकासखण्ड चिन्यालीसौड और विकासखण्ड मोरी के लिए 01-01 बस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक भरत चौधरी, प्रमोद नैनवाल, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. एम.एस. बिष्ट, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती, बेसिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल, जिला शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी शैलेन्द्र अमोली उपस्थित थे।

शिक्षा मंत्री बोले, 30 जून तक अनिवार्य रूप से डीपीआर जमा करें समस्त बीईओ

राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार, भौतिक संसाधनों में वृद्धि, शिक्षकों की उपलब्धता एवं छात्र संख्या में वृद्धि के दृष्टिगत प्रदेशभर में कलस्टर स्कूलों के गठन का निर्णय लिया है। प्रत्येक विकासखंड में न्यूनतम दो कलस्टर विद्यालय स्थापित किये जायेंगे। जिसकी प्रक्रिया पूर्ण करने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को चयनित कलस्टर स्कूलों, पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के नये भवनों हेतु कार्यदाय संस्थाओं के माध्यम से शीघ्र डीपीआर तैयार कराने के निर्देश दिये गये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज देहरादून स्थित एक निजी होटल में शिक्षा अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें शासन एवं निदेशालय के उच्चधिकारियों के साथ ही प्रदेशभर के खंड शिक्षा अधिकारियों एवं उप खंड शिक्षा अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। विभागीय मंत्री डा. रावत ने करीब तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में चयनित कलस्टर विद्यालयों की संख्या, पीएम-श्री स्कूलों की प्रगति, परिषदीय परीक्षा में छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन, विद्यालय में तैनात शिक्षकों एवं छात्रों की संख्या, मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण, लम्बे समय से लापता एवं बीमार शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों की स्वैच्छिक एवं अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रगति आदि बिन्दुओं पर विकासखंडवार समीक्षा की। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि चयनित कलस्टर स्कूलों में से वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम दो-दो कलस्टर विद्यालयों का गठन करना अनिवार्य है। इसके लिये अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अभिभावकों के साथ पांच से दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों के समायोजन की सहमति बनाते हुये सभी बिन्दुओं पर विचार-विमर्श करें। इसके उपरांत अंतिम रूप से चयनित कलस्टर विद्यालयों तथा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के नये भवन निर्माण की कार्यदायी संस्था से डीपीआर बनवाकर शीघ्र मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंपे ताकि समय पर सभी स्कूल भवनों एवं कलस्टर विद्यालयों की डीपीआर स्वीकृति हेतु शासन को उपलब्ध हो सके। शिक्षा मंत्री डा. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विद्यालयों में नशा मुक्ति एवं तम्बाकू निषेध अभियान चलाने के साथ ही छात्रों को नैतिक शिक्षा एवं शिक्षकों को आचरण सेवा नियमावली का पालन कराना भी सुनिश्चित करना होगा। इसके लिये उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने विकासखंड में विशेष अभियान चलाकर समय-समय पर समीक्षा करने को भी कहा। डा. रावत ने कहा कि जो शिक्षक एवं कर्मचारी लम्बे समय से गायब हैं अथवा लम्बे समय से बीमारी के कारण स्कूलों में अनुपस्थित हैं उनके विरूद्ध नियमानुसार अनिवार्य एवं स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की कार्यवाही भी करें। समीक्षा बैठक में कलस्टर स्कूलों के गठन को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर उप निदेशक डॉ. चेतन नौटियाल के द्वारा प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। इस अवसर पर विभगीय मंत्री ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा तैयार आनन्दम्-पाठ्यचर्चा विशेषांक ‘आनंद-पथ’ पत्रिका के द्वितीय संस्करण का विमोचन भी किया। विभागीय सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव व महानिदेशक वंशीधर तिवारी ने भी अधिकारियों को विद्यालयों के स्थापना एवं शिक्षा की गुणवत्ता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश दिये।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा वंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक रामकृष्ण उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, डॉ. मुकुल सती, जे.एल शर्मा, रघुनाथ लाल आर्य, डा.एस.बी. जोशी, जगमोहन सोनी, चेतन प्रसाद नौटियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं प्रदेशभर से आये खंड शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।