वे साइड एमिनिटी बनने से पर्यटन व स्थानीय रोजगार को मिलेगा नया आयामः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र चम्पावत के अमोड़ी में लगभग ₹1.60 करोड़ की लागत से बनने वाली “वे साइड एमिनिटी परियोजना का शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया। यह परियोजना मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत ग्राम उत्थान परियोजना तथा उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड, रुद्रपुर के सहयोग से स्थापित की जा रही है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना ‘आदर्श चम्पावत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल क्षेत्र के पर्यटन ढांचे को सुदृढ़ करेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाएँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएँगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वे साइड एमिनिटी कॉम्प्लेक्स में आने वाले यात्रियों और पर्यटकों के लिए आरामदायक विश्राम स्थल, स्वच्छ एवं आधुनिक शौचालय, जलपान एवं कैफेटेरिया की सुविधा, साथ ही स्थानीय हस्तशिल्प, कृषि एवं वन उत्पादों के बिक्री केंद्र जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही वाहन पार्किंग, हरित क्षेत्र (ग्रीन जोन), और सूचना केंद्र भी प्रस्तावित हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य चम्पावत को विकास के मॉडल जनपद के रूप में स्थापित करना है, जहाँ पर्यटन, कृषि, बुनियादी ढांचा और स्थानीय उद्यमिता मिलकर प्रदेश के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए प्रत्येक क्षेत्र में स्थानीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर बल दे रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने ग्रामीण पर्यटन, होमस्टे, जैविक उत्पाद, और पारंपरिक हस्तकला को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक योजनाएँ लागू की हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाएँ न केवल पर्यटन विकास को नई दिशा देंगी, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त करेंगी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित ग्रामीणों से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार जनता के सहयोग से चम्पावत को सर्वांगीण विकास का केंद्र बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि “जनभागीदारी से ही विकास की परिकल्पना साकार हो सकती है।”

इस अवसर पर दायित्वधारी श्याम नारायण पांडे, अनिल डब्बू, शंकर कोरंगा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद अधिकारी, भाजपा प्रदेश मंत्री निर्मल मेहरा, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया तथा अंत में मुख्यमंत्री ने परियोजना से जुड़े विभागों को समयबद्ध रूप से निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

चंपावत में सीएम ने स्वदेशी उत्पादो को अपनाने की अपील की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद मुख्यालय के मुख्य बाज़ार में जीएसटी जागरूकता रैली का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने व्यापारियों और आम जनता से सीधा संवाद स्थापित किया, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में कम किए गए जीएसटी स्लैब के संबंध में आवश्यक जानकारी साझा की और उनका फीडबैक लिया।

मुख्यमंत्री धामी ने बाज़ार में विभिन्न प्रतिष्ठानों, जिनमें प्रकाश तिवारी, तिवारी स्वीट्स, मयूख चौधरी की चौधरी वस्त्र भंडार तथा बस स्टेशन स्थित प्रकाश तिवारी के जनरल स्टोर पर पहुँचकर व्यापारियों से मुलाकात की और नए जीएसटी स्लैब पर उनकी राय जानी। उन्होंने व्यापारियों से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे घटी हुई जीएसटी दरों के बारे में आम जन को भी पूरी जानकारी दें, ताकि उपभोक्ता को इसका सीधा और पूर्ण लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से कई आवश्यक उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी स्लैब में कमी की है, जिसे वह नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी बता रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन दरों में कमी का सीधा लाभ देश की आम जनता को प्राप्त होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने का पुरजोर आह्वान किया। उन्होंने व्यापारियों और जनता से कहा कि स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देकर हमें भारत के लोगों और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। सीएम धामी ने तमाम प्रतिष्ठानों में जाकर दुकानदारों से फीडबैक लिया और उन्हें स्थानीय एवं स्वदेशी उत्पादों को अपनाने तथा बेचने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सभी को स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर समाज और प्रदेश के विकास में योगदान देना है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देना केवल आर्थिक मजबूती के लिए ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

विधानसभा पहुंचे सीएम धामी, विभिन्न कार्यालयों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा देहरादून में स्थित विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने विधानसभा सचिवालय, मंत्रीगणों के कक्षों तथा अन्य प्रशासनिक कार्यालयों का अवलोकन करते हुए कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पारदर्शिता, त्वरित कार्य निष्पादन और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सेवा भाव से कार्य करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यालयों में उपलब्ध सुविधाओं, अभिलेख प्रबंधन, डिजिटलीकरण की स्थिति तथा आमजन व जनप्रतिनिधियों के कार्यों से जुड़ी प्रक्रियाओं की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनता को सुगम, पारदर्शी और त्वरित सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस दिशा में विधानसभा के कार्यकलापों को भी तकनीकी दृष्टि से और अधिक सक्षम तथा आधुनिक बनाने की दिशा में कार्य किए गए हैं।

निरीक्षण के अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, विधानसभा सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

चम्पावत के कमल गिरी से लीजिए स्वरोजगार की प्रेरणा, बने हैं सफल उद्यानपति

आदर्श जनपद चम्पावत के निवासी 35 वर्षीय, कमल गिरी, चार साल पहले तक गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते थे। अब कमल गिरी 35 नाली जमीन पर सेब, कीवी, आडू, खुमानी और सब्जियां उगा रहे हैं। कमल गिरी ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर, खुद को स्वरोजगार के क्षेत्र में स्थापित किया है। अब अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर, सेब उत्पादन के लिए आगे आए हैं।
चम्पावत जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर दूधपोखरा गांव के कमल गिरी को एक दिन सेब की जल्दी पैदावर देने वाली प्रजाति की जानकारी मिली, वो इसका पता करने के लिए भीमताल स्थित नर्सरी पहुंच गए। जहां से उन्हें उद्यान विभाग की एप्पल मिशन योजना की जानकारी मिली, जिसमें आवेदन करने के बाद उन्हें सब्सिडी पर सेब के 500 पौधे मिले। इसी के साथ उन्होंने कीवी मिशन के तहत 10 नाली जमीन में कीवी के भी पौधे लगाए। इसी तरह पांच नाली जमीन पर तेज पत्ता, बड़ी इलाईची लगाने के साथ ही मधु मक्खी पालन का भी शुरू कर दिया। बीते कुछ साल की मेहतन के बाद उनके पास अब कुल 35 नाली का उद्यान हो चुका है। जिसमें वो पॉलीहाउस के जरिए सब्जियां भी लगा रहे हैं। सहायक गतिविधि के रूप में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन भी शुरू कर चुके हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ
कमल गिरी बताते हैं कि एप्पल मिशन के तहत उन्हें 60 प्रतिशत सब्सिडी पर पौधे मिले, इसी तरह 80 प्रतिशत सब्सिडी पर उन्होंने पॉलीहाउस भी बनवा लिया है। विभाग ने कीवी मिशन और तारबाड़ में भी उन्हें सहयोग दिया है। इन्हीं सब प्रयासों से जंगल के बीच में होने के बावजूद उनकी फसल जंगली जानवरों से सुरक्षित रह सकी। अब उनकी मेहनत कामयाब होने लगी है, पिछले सीजन में उन्होंने 21 कुंतल सेब बेचा, इस सीजन में कीवी का भी उत्पादन शुरू हो गया है। साथ ही 15 कुंतल तेज पत्ता भी तैयार हो गया है। पॉलीहाउस के जरिए वो नियमित सब्जियां भी बेचते हैं।
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उत्तराखंड के गावों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए औद्यानिकी बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार एप्पल मिशन, कीवी मिशन सहित कई योजनाएं चला रही हैं, जिसके परिणाम अब आने लगे हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ने से पलायन की समस्या का भी ठोस समाधान हो सकेगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री