विभिन्न विकास कार्यों को मुख्यमंत्री ने दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र गंगोत्री के अंतर्गत विभिन्न 2 निर्माण कार्यों हेतु 83.20 लाख रू, विधानसभा क्षेत्र पुरोला के अंतर्गत विभिन्न 17 निर्माण कार्यों हेतु 5 करोड़ 82 लाख रू., विधानसभा क्षेत्र थराली में मोटर मार्ग के डामरीकरण हेतु 61.10 लाख रू., विधानसभा क्षेत्र लैंसडाउन के अंतर्गत मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 19.20 लाख रू., विधानसभा क्षेत्र धनोल्टी के अंतर्गत मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 94.80 लाख रू. की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

चुनावी धार देने को भाजपा ने तैयार की रणनीति

उत्तराखंड में अगले वर्ष मार्च से पहले चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में भाजपा ने भी चुनावी गतिविधियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने संकल्प रथ विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में रवाना करने शुरू कर दिए हैं। वार्ड स्तर पर बैठकों का दौर भी चल रहा है, जिनमें सभी कार्यकर्त्ताओं को एकजुट करते मिशन-2022 की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों 2022 के लिए पार्टी की रीति-नीति व सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अन्य राज्यों के पार्टी नेताओं और कार्यकर्त्ताओं का भी सहयोग लिया जाएगा, जो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सांगठनिक व चुनाव की दृष्टि से जुटेंगे। इस कड़ी में 16 दिसंबर को हिमाचल, दिल्ली और हरियाणा से भाजपा के 168 पार्टी नेताओं व कार्यकर्त्ताओं का जत्था उत्तराखंड आ रहा है।
चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार प्रसार को धार देने के लिए अब दूसरे प्रदेशों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्त्ताओं को भी उत्तराखंड में जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। भाजपा उन सभी राज्यों से यहां वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्त्ताओं को लाने की तैयारी कर रही है, जहां अभी चुनाव नहीं हैं। पहले चरण में हिमाचल, हरियाणा और दिल्ली से भाजपा कार्यकर्त्ता उत्तराखंड आ रहे हैं। इन तीनों राज्यों से कुल 168 कार्यकर्त्ता 16 दिसंबर को उत्तराखंड पहुंचेंगे।
प्रदेश संगठन ने इनकी भूमिका भी तय कर दी है। दो-दो कार्यकर्त्ताओं को प्रत्येक विधानसभा में तैनात किया जाएगा, जो स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ घर-घर जाकर प्रचार को गति देंगे और पार्टी द्वारा दी गई अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। इसके अलावा शेष कार्यकर्त्ताओं जिला व प्रांत स्तर पर सांगठनिक दृष्टि से और चुनावी दृष्टि से प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभालेंगे। इन्हें भाजपा मुख्यालय से लेकर जिलों में अहम भूमिका दी जाएगी। भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने इसकी पुष्टि की।

विकास रथ के माध्यम से सरकार का प्रचार-प्रसार शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं नीतियों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विकास रथ/एलईडी वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के 300 प्रमुख स्थानों पर नुकड़ नाटकों एवं एलईडी द्वारा फिल्मों के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। सभी जनपदों हेतु 07 रूट तय किए गए हैं। प्रत्येक रूट पर एक विकास रथ/एलईडी वाहन, एक नुकड़ नाटक दल एवं सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रचार साहित्य के माध्यम से आम जन तक योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। सरकार की योजनाओं का यह प्रचार अभियान पूरे दिसंबर माह चलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक पहुंचे और वे इन योजनाओं का पूरा लाभ ले सकें, इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार किया जा रहा है। समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं। जन समस्याओं का समाधान सरकार की पहली प्राथमिकता है। सरकार जनता के साथ साझीदार के रूप में कार्य कर रही है।
सरकार की योजनाओं के लिए जो सात रूट तय किए गए हैं, उनमें देहरादून-हरिद्वार, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर, टिहरी-उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली-रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़-चम्पावत एवं अल्मोड़ा-बागेश्वर शामिल हैं। इन सभी रूट पर सरकार की योजनाओं के प्रचार हेतु संबंधित जनपदों के जिला सूचना अधिकारी द्वारा समन्वय स्थापित करते हुए प्रचार एवं प्रसार करवाया जायेगा।
इस अवसर पर सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, अपर निदेशक डॉ. अनिल चंदोला, संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान उपस्थित रहे।

एनसीसी वो नर्सरी है, जहां भविष्य के वीर सैनिक तैयार होते हैं-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को 73वें एन.सी.सी. स्थापना दिवस के अवसर पर एन.सी.सी. निदेशालय घंघोड़ा में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने 15 एन.सी.सी कैडेटों, 6 ऐ.एन.ओ, 4 पी आई स्टाफ (जे.सी.ओ,एन.सी.ओ) एवं तीन सिविल स्टाफ को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी एक संगठन से ज्यादा एक मिशन है, जिसका उद्देश्य है देश की युवाशक्ति में अनुशासन, दृढ़ निश्चय निर्धारण और राष्ट्र के प्रति निष्ठा को मजबूत करना है। आज यह देख कर बेहद हर्ष की अनुभूति हो रही है कि एनसीसी अपने इन लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। एनसीसी देश के युवाओं को उनकी वास्तविक क्षमता का अनुभव करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान का एक शानदार अनुभव प्रदान करता है। एनसीसी का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। सेनाओं से अलग भी, देश का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां एनसीसी के बहादुर कैडेट्स ने अपनी प्रतिभा का परचम न लहराया हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए एनसीसी कैडेट्स के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश के किसी भी हिस्से में यदि कभी कोई संकट आया, कोई आपदा आई या कभी सामान्य जनजागरण का ही कोई कार्य हो, एनसीसी के कैडेट्स हमेशा पूरे समर्पण भाव से मौके पर मौजूद रहे है। यह न केवल संगठन बल्कि हमारे लिए भी गर्व करने वाली बात है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री दोनों ही एनसीसी कैडेट्स रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री ने एनसीसी के पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री लगातार हमारी सेनाओं के सशक्तिकरण का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी वो नर्सरी है, जहां भविष्य के वीर सैनिक तैयार होते हैं। एनसीसी के विस्तार और आधुनिकीकरण पर भी सरकार की तरफ से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री का प्रयास है कि आने वाले समय में 1 लाख नए कैडेट तैयार किए जाएं, जिनमें से एक तिहाई युवतियां होंगी। सरकार की योजना सीमावर्ती इलाकों में एनसीसी के कार्यक्षेत्र को और अधिक बढ़ाने की भी है। एनसीसी राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देने वाले युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस देश के युवा में अनुशासन हो, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, निष्ठा हो, लगन हो, उस देश का तेज गति से विकास कोई नहीं रोक सकता।
एन.सी.सी. के अपर महानिदेशक मेजर जनरल पीएस दहिया ने कहा कि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों का प्रदेश है। उत्तराखण्ड के लोगों का सेना में शामिल होना न केवल रोजगार है, इससे भी बढ़कर एक परंपरा है। एनसीसी संगठन भी उनकी वीरता और समर्पण से प्रेरित होते हैं।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर एसएस डड्वाल, रवीन्द्र गुरूंग,एनएस ठाकुर, वीके तोमर, कर्नल रमन अरोड़ा, कर्नल जेबी क्षेत्री, लेफ्टिनेंट कर्नल राहुल चौहान, एल.बी.मल्ल, समीर सक्सेना, हरीश डबराल, श्री एनके उनियाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

सीएम से मिल प्रधानमंत्री का किसान संगठनों ने जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को कैम्प कार्यालय में प्रदेश भर के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भेंट की।
इस दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि क़ानून पर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय हेतु मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसानों के हित में केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश नए कीर्तिमान हासिल कर रहा है, शक्तिशाली भारत के रूप में दुनिया भर में देश का मान-सम्मान बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड, हेमकुंड साहिब में रोपवे का निर्माण समेत एक लाख करोड़ की योजनाओं का कार्य चल रहा है।
इस दौरान तमाम किसान संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

तीन दिवसीय दौरे से देहरादून लौटे धामी का देहरादून में भव्य स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन दिवसीय लखनऊ दौरे के बाद शनिवार को देहरादून पहुँचे। मुख्यमंत्री के देहरादून आगमन पर पुलिस लाइन से मुख्यमंत्री आवास तक पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल से चल रहे परिसम्पत्ति विवाद को लेकर हुई इस बैठक को ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के हितों के लिए यह दौरा ऐतिहासिक रहा। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि पिछले 21 सालों से उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी परंतु समाधान तक नहीं पहुंच पा रही थी। लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में एक-एक करके परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर एक-एक बिंदु पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के बंटवारे से उत्तराखंड व क्षेत्र को होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उल्लेखनीय है बीते गुरुवार को हुई अहम बैठक में किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को दिए जाने का निर्णय हुआ है। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई। हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा और तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग हेतु आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा। दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बड़ी संख्या में आम जनता और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

परिसम्पत्ति विवाद में दिखा, धामी के नेतृत्व में सुरक्षित है उत्तराखंड का भविष्य

उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वो कर दिखाया, जो उत्तराखंड के दिग्गज सीएम भी 21 सालों में नहीं कर पाए, इसकी मुख्य वजह युवा मुख्यमंत्री की युवा सोच और सरलता से मसले सुलझाने वाली वो बुद्धिमता है, जो किसी को भी अपना कायल बना सकती है।
उत्तर प्रदेश के अलग होने के बाद उत्तराखंड को 21 सालों तक अपने हक के लिए इंतजार करना पड़ा। यह कार्य राज्य के गठन के तुरंत बाद हो जाना चाहिए था, लेकिन दोनों राज्यों के नेताओं और नौकरशाहों के बीच कई बार की बैठकों के बाद भी इस मामले में सहमति नहीं बन सकी। उस वक्त भी नहीं, जब दोनों राज्यों की सत्ता की बागडोर बीजेपी के हाथों में थी। ऐसे दौर कई बार आये, लेकिन मसला सुलझ नहीं सका। हालांकि इससे पहले ही ये विवाद आपसी सुलह-समझौते की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। दोनों राज्यों के बीच विवाद बढ़ने पर करीब एक दशक पहले सुप्रीम कोर्ट को दखल देकर यथास्थिति कायम रखने के आदेश देने पड़े थे।

राजनैतिक नहीं बल्कि पारिवारिक समझौते से हल हुआ परिसंपत्ति विवाद
समय बीतता गया और साल दर साल मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक बैठकों के दौर चलता रहा। इस सब क़वायदों के बाद नतीजा वही ढाक के तीन पात। वक्त गुजरने के साथ-साथ यूपी से अपने अधिकार वाली सम्पत्तियों को हासिल करने की उम्मीद कमजोर पड़ती जा रही थी। योगी सरकार के कार्यकाल में भी शीर्ष स्तर पर बैठकें हुईं, लेकिन कामयाबी सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री धामी ने हासिल की।
मुख्यमंत्री धामी ने परिसम्पत्तियों विवाद की पहली बैठक में ही कह डाला कि “यूपी और उत्तराखंड बड़े भाई छोटे भाई की तरह हैं, और आज ही और विवाद का हल निकाल दिया जाए” धामी की सूझबूझ और सटीक तर्कों से योगी आदित्यनाथ संतुष्ट नज़र आए और “ऑन दा स्पॉट” फ़ैसला हो गया। धामी की ये विशेषता उनकी सरलता और मिठास के साथ मिलकर एक ऐसे सफर का आगाज करती हैं जो आम आदमी के ख्वाबों से जुड़ा है।
ये पूरा घटनाक्रम सब उस दौर में हुआ है, जब उत्तराखंड का आवाम यूपी के साथ सम्पत्तियों का न्यायसंगत बंटवारा होने की राह देखते देखते निराश होने लगा था। ऐसे दौर में सीएम सिंह धामी की यह ऐतिहासिक कामयाबी लोगों के दिलों में यह विश्वास पैदा करने वाली है कि उत्तराखंड अब ऐसे हाथों में है, जो राज्य के हितों की रक्षा करना जानते हैं।

सिंचाई योजनाओं को सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सैक्टर से पोषित नलकूप एवं नहर निर्माण मद के अंतर्गत 4 नई योजनाओं हेतु 4.67 करोड़ रूपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
इस सम्बन्ध में सचिव सिचांई हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सैक्टर की नलकूप एवं नहर निर्माण मद के अन्तर्गत 4 नई योजनाओं में जनपद नैनीताल के विकासखण्ड हल्द्वानी के ग्राम हरिपुर नायक में 1 संख्या राजकीय नलकूप निर्माण की योजना हेतु 49.46 लाख रूपये, ग्राम पीपलपोखरा नं.-2 में राजकीय नलकूप के पुनर्निर्माण हेतु 49.48 लाख रूपये, ग्राम हैडागज्जर में एक सिंचाई नलकूप के निर्माण हेतु 48.32 लाख रूपये तथा जनपद नैनीताल के विकासखण्ड हल्द्वानी के ग्राम हल्चूचौड जैराम में एक सिंचाई नलकूप के निर्माण हेतु 39.74 रूपये की वित्तीय स्वीकृति शामिल है।

अपर मुख्य सचिव ने नौकरशाहों के कसे पेच, दिए निर्देश

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में परिवहन एवं ग्रामीण निर्माण विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि मा. मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित शासनादेश इस माह के अंत तक जारी कर दिये जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि परिवहन निगम की बसों में सीएनजी किट लगाये जाने से सम्बन्धित प्रस्ताव वित्तीय आगणन के साथ अविलम्ब प्रस्तुत किया जाय ताकि इसके लिये भी शीघ्रता से शासनादेश निर्गत किया जा सके। अपर मुख्य सचिव ने झबरेड़ा में बस अड्डे के निर्माण हेतु निर्देश दिये कि इसके लिये मण्डी परिषद की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जाय, और यदि सशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जानी हो तो न्यूनतम आवश्यकता के दृष्टिगत भूमि का चयन कर तद्नुसार शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि ग्रामीण निर्माण विभाग की जिन 11 घोषणाओं के लिये धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। उनसे सम्बन्धित योजनाओं के निर्माण में भी तेजी लायी जाय।
इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री एस.एन. पाण्डे सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

गौला पुल को जल्द से जल्द चालू करवाना प्राथमिकता-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह क्षतिग्रस्त गौला पुल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा गौला पुल पूरे क्षेत्र के आवागमन के लिए अति महत्वपूर्ण है। जिस दिन से यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ है उसी दिन से हमारा प्रयास है कि पुल जल्द से जल्द चालू किया जा सके। नियमों को शिथिल किया गया है। पुल का कार्य युद्धस्तर पर होगा ताकि पुल जल्द चालू हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के साथ है प्रभावितों की हर संभव मदद की जायेगी। उन्होने कहा मूलभूत सुविधाएं विद्युत, पेयजल, सड़क, स्वास्थ तुरन्त बहाल किये जा रहे है। सरकार आपदा कार्याे की लगातार मॉनिटरिंग भी कर रही है।
निरीक्षण दौरान प्रभारी एवं ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत, मेयर डॉ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, मण्डलायुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।