हमारा हिंदुस्तान उत्तराखंड हज पुस्तक यात्रियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगीः तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने ’हमारा हिन्दुस्तान, उत्तराखंड हज 2021’ पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक उत्तराखण्ड राज्य हज समिति द्वारा उत्तराखण्ड राज्य से हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु प्रकाशित की गई है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हज यात्रियों के लिए प्रकाशित की गई। इस पुस्तक में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का समावेश किया गया है। यह पुस्तक हज यात्रियों के मार्गदर्शन के साथ-साथ आमजन के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी वर्गों एवं उनके सामाजिक व सांस्कृतिक विकास की धारणा को बल मिले। उत्तराखण्ड राज्य हज समिति द्वारा हाजियों की सुविधा हेतु किये जाने वाले कार्य सराहनीय है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, अध्यक्ष राज्य हज समिति शमीम आलम, अब्दुल सत्तार अंसारी, सरफराज जाफरी, हाफिज असलम कादरी, योगेश अग्रवाल, कुलदीप कुमार, मोहम्मद मीसम, रईस अहमद आदि उपस्थित थे।

अल्मोड़ा में आक्सीजन जनरेशन प्लांट का सीएम ने किया वर्चुअल लोकार्पण


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के अन्तर्गत बेस अस्पताल में 500बाई2 एलएमपी एवं अल्मोड़ा जिला अस्पताल में 216 एलएमपी के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया। कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में लगने वाले ये पहले ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट हैं।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अल्मोड़ा में इन ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना से अल्मोड़ा एवं उसके आसपास वाले जनपदों के लोगों को इससे फायदा होगा। हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल में भी इससे वर्कलोड कम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा की मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों के बाद सीएचसी स्तर तक ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा की कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी तैयारियां पहले से ही पूर्ण कर ली जाय।

कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड में अन्य राज्यों की तुलना में औसतन अधिक टेस्टिंग हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जो निगरानी समितियां बनाई गई हैं, उनके द्वारा व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाय। कोरोना टेस्टिंग और टीकाकरण के लिए लगातर जागरूकता अभियान चलाए जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अधिकांश लोगों का टीकाकरण हो चुका है। भारत सरकार से भी समय-समय पर राज्य को वैक्सीन उपलब्ध हो रही है। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण तेजी से हो इसके लिए अन्य देशों से भी वैक्सीन मंगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राशनकार्ड धारकों को अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा की जल्द ही अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

सांसद अजय टम्टा ने कहा कि अल्मोड़ा में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना से अल्मोड़ा के अलावा बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़ जनपदों के लोगों को भी फायदा होगा। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार व्यक्त किया।

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री एवं अल्मोड़ा जनपद की कोविड प्रभारी मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए हम एक कदम और आगे बढ़े हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतरी के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोमेश्वर में भी ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य शुरु हो चुका है, जो जल्द पूर्ण हो जायेगा।

विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कुमाँऊ के पर्वतीय जिलों में यह पहला प्लांट है जो हमारे लिए गर्व की बात है। इन ऑक्सीजन प्लांट के बन जाने से कोरोना मरीजों के इलाज में राहत मिलेगी। जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया ने कहा कि अल्मोड़ा में 20 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया जा रहा है, जो एक सप्ताह में तैयार हो जाएगा। जनपद के ग्रामीण इलाकों में जाकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण किया जा रहा है।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, सीडीओ नवनीत पाण्डे, सीएमओ डॉ सविता ह्यांकी, प्राचार्य अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज डॉ आरजी नौटियाल आदि उपस्थित थे।

ग्रामीण सड़कों के नए निर्माण में मानकों का रखे विशेष ध्यानः सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिला सभागार में कोविड-19 की समीक्षा व आपदा की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक ली।

लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई व एनएच को मानसूनकाल में आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर सड़कें हम पीएमजीएसवाई के अंर्तगत बना रहे है। इसलिए ग्रामीण सड़कों के नए निर्माण कार्य में नाली, स्कबर आदि तय मानकों के अनुरूप बनाए व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंर्तगत पहले चरण में पाइप लाइन बिछा दी गई है व स्टैंड पोस्ट बना दिए गए है। अब दूसरे चरण में स्रोत से ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने हेतु जल संस्थान व जल निगम तेजी से कार्य करना सुनिश्चित करें। इस हेतु धन की कमी नही है।

विद्युत विभाग के पास आपदा के दौरान लाइनमैन की कमी को देखते हुए विद्युत आपूर्ति तत्काल बहाल के लिए पीआरडी के माध्यम से लाइनमैन की तैनाती करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। पूर्ति विभाग को सामान्य राशन वितरण के साथ ही मानसूनकाल का खाद्यान्न वितरण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। तीन चार महीने का डीजल व पेट्रोल एडवांस में रखने को कहा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की समीक्षा की तथा नवनिर्मित मनेरी थाना का बर्चुअल लोकार्पण किया।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनपद में कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम को लेकर किए गए समस्त कार्योंध्उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से दी।

इस अवसर पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वामी यतीश्वरानंद, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजलवाण, विधायक पुरोला राजकुमार, जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश चैहान, पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, ब्लाक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, डुंडा शैलेन्द्र कोहली आदि मौजूद थे।

सीएम तीरथ और केंद्रीय मंत्री निशंक को विस अध्यक्ष ने टोल प्लाजा से होने वाले नुकसान से कराया अवगत

टोल प्लाजा के विरोध का मामला सीएम तीरथ सिंह रावत तक पहुंच गया है। स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने सीएम को बताया कि टोल प्लाजा के यहां बनने से स्थानीय लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। साथ ही आवागमन में भी दिक्कतें आएंगी, जबकि एक टोल प्लाजा कुछ की दूरी पर पूर्व में ही बना हुआ है। इस पर सीएम ने सकारात्मक कार्रवाई का संकेत दिया। वहीं, स्पीकर ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी इस मामले की जानकारी दी।

सीएम से मुलाकात के दौरान स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि नेपाली फार्म का टोल प्लाजा लगाए जाने से स्थानीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों में रोष उत्पन्न हो गया है। इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्व से ही एक टोल प्लाजा लछीवाला में स्थापित है जिसकी दूरी नेपाली फार्म से लगभग 15 किलोमीटर से अधिक नहीं है, नेपाली फार्म पर स्थापित किए जा रहे दूसरे टोल प्लाजा के कारण स्थानीय लोगों को जहां एक और आर्थिक कर का बोझ पड़ेगा वही समय भी व्यर्थ होगा। ने कहा कि दोहरे टोल प्लाजा के लगने से निश्चित रूप से आम जनता तथा अन्य आवागमन करने वाले वाहनों पर अनावश्यक वित्तीय भार पड़ने के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होगी। कहा कि इतनी कम दूरी पर जनता से दो बार टोल टैक्स लेना कदापि न्यायोचित भी नहीं है।
स्पीकर ने लोक निर्माण विभाग के सचिव आरके सुधांशु से दूसरी बार फोन पर वार्ता कर इस समस्या का तत्काल समाधान करने की बात कही।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में की वात्सल्य योजना की घोषणा


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा की है। यह योजना उन अनाथ बच्चों के लिए है, जिन्होंने कोविड -19 के संक्रमण से अपने माता-पिता को खोया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ऐसे अनाथ बच्चों की आयु 21 वर्ष होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा एवं रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 3000 रुपए भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा। इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए नियम बनाए जायेंगे कि, उनके वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा। यह जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण के कारण हुई है उन बच्चों को राज्य सरकार की सरकारी नौकरियों में 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा।

साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में ऐसे बच्चों को भी प्रतिमाह 3000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता दिया जायेगा। जिनके परिवार में कमाने वाला एकमात्र मुखिया था और जिनकी मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से हुई हो।

कोविड रोकथाम को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत की समीक्षा, तीसरी लहर के लिए तैयारियां करें तेज

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोविड की रोकथाम और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिये जिनके माता-पिता या परिवार के मुखिया की मृत्यु कोविड के कारण हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों की सहायता की जा सके, इसके लिये जल्द से जल्द इनका चिन्हीकरण सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिये तैयारियों को शीघ्रता से धरातल पर लागू किया जाए। वर्तमान में कोविड के मामलों में कमी देखने को मिल रही है, फिर भी हमें पूरी तरह से सावधान रहना है। किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। तीसरी लहर में बच्चों पर फोकस करना है। जिला व ब्लॉक स्तर तक इसकी मैपिंग हो। फील्ड में काम करने वालों को मालूम होना चाहिए कि किसी तरह की परिस्थिति में उन्हें क्या करना है। कोविड की तीसरी लहर से पहले सारी तैयारियां पुख्ता कर ली जाएं। इसमें किसी तरह की कोई कमी न हो। जिलाधिकारी ग्रामवार इसकी पूरी प्लानिंग रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कार्रवाई की जाएं। ई-संजीवनी का अच्छा रेस्पोंस मिल रहा है। इसे और अधिक सुदृढ़ और प्रचारित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल पर भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है। नगर निकायों में शहरी विकास विभाग और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग इसे सुनिश्चित कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड को लेकर अधिक ध्यान देना है। इसके लिए विकेंद्रीकृत योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। आशा, एएनएम की सही तरीके से ट्रेनिंग हो। पीएचसी व सीएचसी स्तर तक तैयारियां हों। हर ब्लॉक में कन्ट्रोल रूम हों। ग्राम सभाओं का सहयोग लिया जाए। जहाँ तक सम्भव हो दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मोबाईल टेस्टिंग वैन, मोबाईल लैब, सेम्पलिंग वैन की व्यवस्था हो। गांव-गांव, घर- घर तक जरूरी मेडिकल किट व दवाओं की उपलब्धता हो। गांवों में क्वारेंटाईन सेंटर चिन्हित कर उन्हें जरूरी सुविधाओं से युक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन में धन की कमी नहीं है। इसके लिये हर सम्भव प्रयास कर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लानी है। प्रस्तावित और निर्माणाधीन आक्सीजन जेनरेशन प्लांट को जल्द पूरा किया जाए। आक्सीजन आपूर्ति में बहुत सुधार हुआ है। इसे आगे भी बनाये रखना है। हमारे सभी आईसीयू संचालित होने चाहिए। कोविड से सम्बंधित सूचनाओं की रियल टाईम डाटा एन्ट्री सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर भी तैयारियां की जाएं। इसके बचाव के संबंध में जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं। यह देख लिया जाए कि हमारे कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर के आस-पास पानी एकत्र न हो।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि टेस्टिंग विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को बढाने की जरूरत है। कोविड की तीसरी लहर की अभी से सारी तैयारी की जानी है। बाहर से आने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जनजागरूकता में ग्राम समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। आक्सीजन आपूर्ति की तैयारी मानसून को ध्यान में रखते हुए कर ली जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, डीजीपी अशोक कुमार, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार कलस्टर बनाये जायः तीरथ सिंह रावत


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान तथा उत्तराखण्ड संगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सेलाकुई की योजनाओं की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए एग्रीकल्चर एवं हार्टिकल्चर के साथ हर्बल उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के साथ ही इसकी प्रशिक्षण की व्यवस्था भी जाय। किसानों की मदद कैसे की जा सकती है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किसानों को अच्छी गुणवत्ता के प्लांटिंग मैटीरियल उपलब्ध हों।

प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से अलग-अलग प्रजातियों के उत्पादों के कलस्टर बनाये जाय। मुख्यमंत्री ने कैप की शोध एवं विकास टीम द्वारा बनाये गये ‘गनिया’ हर्बल हैण्ड सेनिटाइजर को लाँच किया। जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को निर्देश दिये कि कुछ बड़े उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। तीन-चार ऐसे उत्पाद चयनित किये जाय, जिससे उत्तराखण्ड की देश में अलग पहचान बने। इसके लिए मार्केटिंग प्लान भी हो। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए उत्पादों को अलग पहचान देना जरूरी है। इसके लिए उत्पादों का चयन जल्द करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि 06 माह के अन्दर परिणाम दिखने शुरू हो जाय। एच.आर.डी.आई द्वारा आयुष विभाग की सहायता से जल्द एक हर्बल हीलिंग एवं वैलनेस सेंटर की स्थापना की जाय। उत्तराखण्ड की हर्बल आधारित स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाय।

उत्तराखण्ड संगंध पौधा केन्द्र की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कैप के जो 109 कलस्टर बने हैं, उनमें से कई कलस्टर एच.आर.डी.आई के लिए भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं। एच.आर.डी.आई एवं कैप दोनों में वैल्यू चैन मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाय। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा उठाने के लिए सटीक प्रोजक्ट बनाये जाय। आगामी 06 माह में हाईटैक नर्सरी के निर्माण, एरोमा पार्क नीति एवं इण्डस्ट्रियल एवं मेडिसनल हैम्प की नीति की दिशा में तेजी से कार्य किया जाय।

बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड संगंध पौध केन्द्र से प्रदेश के 21 हजार किसान जुड़े हैं। प्रदेश में 109 कलस्टर बनाये गये हैं। इसके अन्तर्गत परित्यक्त भूमि के पुनर्वास, बाउन्ड्री फसल के रूप में डैमस्क गुलाब का कृषिकरण, मिश्रित खेती के रूप में जापानी मिन्ट का कृषिकरण, वानिकी फसल के रूप में तेजपात के कृषिकरण एवं अल्प अवधि के रूप में कैमोमिल व अन्य फसलों के कृषिकरण की ओर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। कैप का सीएजीआर 37 प्रतिशत है। जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान से प्रदेश के 26 हजार किसान जुड़े हैं। सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ में जड़ी-बूटी अनुसंधान एवं विकास का अनुश्रवण व पर्यवेक्षण हेतु 03 केन्द्रों की स्थापना की गई है । संस्थान की मण्डल पौधशाला में 12 विभिन्न औषधीय उद्यानों के मॉडल की स्थापना की गई हैं। संस्थान मुख्यालय मण्डल में म्यूजियम तथा हर्वेरियम की स्थापना की गई है। संस्थान द्वारा 6 हर्बल चाय यथा मार्निंग हर्बल टी, इवनिंग हर्बल टी, नाईट हर्बल टी, क्वीन हर्बल टी, किंग हर्बल टी एवं हिपोफी हर्बल टी की तकनीकी हस्तानान्तरण हेतु निर्माण किया गया। प्रदेश के काश्तकारों हेतु 38 प्रजातियों की संक्षिप्त कृषि तकनीक की बुकलेट का प्रकाशन किया गया। 100 औषधीय उत्पादों को विकसित किये जाने हेतु शोध एवं विकास की कार्यवाही चल रही है।

बैठक में कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सलाहकार आर.बी.एस.रावत, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव हरबंस सिंह चुघ, निदेशक उद्यान डॉ. एच.एस.बवेजा, सगन्ध पौधा केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. नृपेन्द्र चैहान, जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ सी.एस. सनवाल आदि उपस्थित थे।

रानीखेत में संयुक्त सिविल मिलिट्री कोविड केयर अस्पताल का वर्चुअल उद्धाटन सीएम ने किया

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देहरादून कैंप कार्यालय से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत स्थित संयुक्त सिविल मिलिट्री कोविड केयर अस्पताल का वर्चुअल उद्घाटन किया। महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, रानीखेत विधायक करण माहरा, सचिव अमित नेगी व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

रानीखेत में 50 बेड क्षमता वाले संयुक्त अस्पताल में 10 बेड ऑक्सीजन युक्त बनाए गए हैं। यह अस्पताल कुमाऊँ रेजीमेंट सेंटर एवं जिला प्रशासन अल्मोड़ा के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया है। अस्पताल के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सेना एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से शुरू किए गए इस अस्पताल का लाभ रानीखेत व आसपास के इलाकों के लोगों को मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन अल्मोड़ा को निर्देश दिए कि इस अस्पताल में ऑक्सीजन बैड की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएं। ’मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रेरणा से लगातार कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से अगले कुछ दिन में हल्द्वानी और ऋषिकेश में बनाए जा रहे अस्थाई कोविड अस्पताल भी तैयार हो जाएंगे जिससे प्रदेशवासियों को उपचार में लाभ मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय के लिए हमें अभी से तैयार होना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत से पहले ही हमें सीएचसी, पीएचसी स्तर के अस्पतालों को मजबूत करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को जागरूक करना बेहद जरूरी है। दवाई के साथ- साथ कड़ाई भी करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को और बढ़ाया जाए और अधिक से अधिक लोगों को टेस्टिंग के लिए प्रेरित किया जाए। आशा, आंगनवाड़ी और ग्राम समिति के माध्यम से डोर टू डोर कोविड किट, होम आइसोलेशन में उपचार करवा रहे संक्रमितों तक समय से पहुंचा दी जाए।

महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर विधायक निधि का इस्तेमाल जनप्रतिनिधि अपने विवेक अनुसार कोविड के लिए कर रहे हैं जिसका फायदा प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्र को मिल रहा है। इस दौरान सांसद अजय टम्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री का प्रयास सराहनीय है मुख्यमंत्री द्वारा बेस अस्पताल अल्मोड़ा और मेडिकल कॉलेज को जोड़कर कोविड अस्पताल बनाने से बड़ा लाभ आम जनता को हो रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान ने कहा कि सरकार का सार्थक प्रयास धरातल पर नजर आ रहा है। कार्यक्रम में रानीखेत विधायक श्री करण माहरा ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग के बिना यह अस्पताल संभव नहीं था। इस दौरान जिला अधिकारी अल्मोडा नितिन भदौरिया, कुमायूँ रेजिमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर आइएस सौमयाल एव जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम तीरथ बोले, आक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन को सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में बढती आक्सीजन की माँग को देखते हुए मै. लिण्डे इण्डिया के लिक्विड आक्सीजन प्लांट के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिकार्ड समय में अंडरग्राउंड कैबलिंग पूर्ण करने पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी जज्बे के साथ काम करते हुए हम कोविड के खिलाफ लङाई में अवश्य जीत हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के कारण देश में ऑक्सीजन की कमी की समस्या के दृष्टिगत ऑक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन सम्भव हो सके, इसके लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि देहरादून स्थित सेलाकुई क्षेत्र में मै. लिण्डे इण्डिया द्वारा वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 160 टन लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है जो कि वर्तमान में कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की माँग के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दिनांक 23.04.2021 के पश्चात् दिनांक 08.05.2021 के मध्य मै. लिण्डे को पोषित करने वाली 33 के०वी० लाइन में 5 ट्रिपिंग व 1 मौके पर अन्डर वोल्टेज के कारण प्लान्ट में उत्पादन बाधित होने की सूचना प्राप्त हुई। ट्रिपिंग के कारणों की समीक्षा में पाया गया कि 33 के०वी० लाईन का लगभग 3.00 कि०मी० भाग ऐसे क्षेत्र से गुजरता है जहाँ garbage/animal waste फेंके जाने के कारण बड़ी संख्या में पक्षी क्षेत्र में आकर्षित होते हैं एवं मुख्यतः बर्डफाल्ट के कारण 33 के०वी० लाईन पर ट्रिपिंग दर्ज की जा रही थीं।

वर्तमान समय में एक-एक लीटर ऑक्सीजन की महत्ता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उक्त समस्या का समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सचिव (ऊर्जा), उत्तराखण्ड शासन, राधिका झा द्वारा दिनांक 08.05.2021 को सेलाकुई में ऑक्सीजन प्लांट एवं 33 के०वी० लाईन का स्थलीय निरीक्षण / समीक्षा की गयी। तथा आच्छादित क्षेत्र में garbage/animal waste तत्काल हटाने के निर्देश दिये गये। जिला प्रशासन को यह भी निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नया कूडा इत्यादि न डाले। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि मै. लिण्डे को पोषित करने वाली इस समस्या से आच्छादित 3 कि०मी० की लाईन को भूमिगत किया जाये जिसके लिये लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली जानी आवश्यक थी। भूमिगत केबल डाले जाने के कार्य का व्यय लगभग रु. 3.2 करोड़ की स्वीकृति ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत करायी गई एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु 7 दिनों का समय निर्धारित किया गया जब तक भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण हो लाईन पर ट्रिपिंग रोकने के लिये स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लाईन के प्रत्येक विद्युत पोल पर मानवशक्ति कार्योजित करते हुये पक्षियों को लाईन के निकट न आने से रोका गया।

दिनांक 09.05.2021 को भूमिगत केबल डाले जाने का कार्य प्रारम्भ करते हुए लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली गई और दिनांक 15.05.2021 को रिकार्ड 7 दिन के समय में यह कार्य पूर्ण कर लाईन ऊर्जीकृत की गई। कोविड के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में भी भूमिगत केबिल डाले जाने हेतु केबल अलवर तथा दिल्ली, एच०डी०पी० पाईप गाजियाबाद, ज्वाईटिंग किट लखनऊ तथा मानव शक्ति सहारनपुर से मंगायी गयी। रात-दिन युद्धस्तर पर कार्य सम्पादित कर यह कार्य एक सप्ताह के अल्प समय में पूर्ण कराया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य को अल्प समय में पूर्ण किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा सभी कार्यों को कराये जाने हेतु विशेष स्वीकृति प्रदान की जिससे कोविड माहमारी के दृष्टिगत एक भी लीटर ऑक्सीजन की हानि न हो।

ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आक्सीजन प्लान्ट को होने वाली एक भी ट्रिपिंग की समीक्षा की जा रही है तथा उनके द्वारा टास्क फोर्स का गठन करते हुये केन्द्र से पी०जी०सी०आई०एल० एवं टाटा पावर के अधिकारियों को इस हेतु समीक्षा व सहयोग हेतु देहरादून भेजा गया। इस टास्क फोर्स द्वारा भी उत्तराखण्ड में किये गये निर्णयों व कार्यों सही पाया। उक्त कार्य बिना किसी शटडाउन के पूर्ण कराया गया। मात्र 3.5 घण्टे का शटडाउन केबल को जोड़ने के लिये लिया गया तथा इस 3.5 घण्टे में भी 10 कि०मी० की ओवरहेड लाईन में यथाआवश्यक कार्य पूर्ण किये गये जिससे विद्युत आपूर्ति में निरन्तरता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही साथ मै. लिण्डे के प्लान्ट में वोल्टेज डिप के कारण ट्रिपिंग न हो इस हेतु रिले की सैटिंग पिटकुल, पी.जी.सी.आई.एल. व टाटा पावर के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की गयी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिए गए निर्देशों के क्रम में अत्यंत अल्प समय में यह कार्य पूर्ण किये जाने पर सचिव (ऊर्जा), राधिका झा, प्रबन्ध निदेशक यू०पी०सी०एल० डा० नीरज खैरवाल, निदेशक (परियोजना), जगमोहन सिंह स्थाण, निदेशक (परिचालन) अतुल कुमार अग्रवाल तथा अन्य समस्त अधिकारियों की सराहना की। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय द्वारा रिकार्ड समय में भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण किये जाने पर ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड की सराहना की गई।

मुख्यमंत्री ने राज्य में विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु प्रदान की वित्तीय स्वीकृतियां

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन विकास परिषद हेतु 25 करोड़ 50 लाख रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के साथ ही धनराशि अवमुक्त करने हेतु स्वीकृति प्रदान की।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देहरादून जनपद के विधानसभा क्षेत्र मसूरी के तीन विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 01 करोड़ 93 लाख रूपये की स्वीकृति दी है। विधानसभा क्षेत्र सहसपुर में नगर निगम क्षेत्र में चन्द्रबनी के अंतर्गत वाइल्ड लाईफ मुख्य मार्ग से चोयला मार्ग के चैड़ीकरण व नाला निर्माण कार्य हेतु मुख्यमंत्री तीरथ ने 02 करोड़ 98 लाख रूपये की स्वीकृति दी है। विधानसभा चकराता में दो निर्माण कार्यों के लिये 1 करोड़ 15 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऊधमसिंह नगर जनपद के विधानसभा क्षेत्र नानकमत्ता के अंतर्गत टेडाघाट-चन्देली मोटर मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए 01 करोड़ 32 लाख रूपये की स्वीकृति दी हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र खटीमा के अन्तर्गत तीन विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये 02 करोड़ 94 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। जसपुर क्षेत्र के अतंर्गत काशीपुर मेन मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 03 करोड़ 51 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। गदरपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तीन विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए भी मुख्यमंत्री ने 05 करोड़ 20 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनपद अल्मोड़ा के विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा में विकासखण्ड भौंसियाछाना के अंतर्गत सल्ला भाट कोट से सूकना सल्यूणी तक मोटर मार्ग निर्माण हेतु 01 करोड़ 36 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही कसार देवी से ग्राम माठ तक मोटर मार्ग निर्माण के लिये 46 लाख रूपये एवं बाड़ेछीना-सेराघाट से बिनूक बतलचैरा तक मोटर मार्ग निर्माण हेतु 32 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। विकासखण्ड हवालबाग में दामूदारा से सरसों तक लिंक मोटर मार्ग निर्माण हेतु 50 लाख रूपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनपद उत्तरकाशी के गंगोत्री विधानसभा के अंतर्गत दो निर्माण कार्यों के लिये 60.63 लाख रूपये एवं विधानसभा क्षेत्र यमानोत्री के अंतर्गत चिल्यालीसौड़-जोगथ मोटर मार्ग में क्षतिग्रस्त दीवारों के निर्माण हेतु 47.42 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पौड़ी जनपद के पौड़ी विधानसभा में दो निर्माण कार्यों हेतु 85 लाख रूपये एवं हरिद्वार जनपद के लक्सर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम रणजीतपुर से सिद्ध बाबा की ओर सड़क मार्ग निर्माण हेतु 01 करोड़ 17 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने जनपद पिथौरागढ़ के थाना नाचनी के प्रशासनिक भवन एवं आवासों के निर्माण हेतु 02 करोड़ 56 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने जनपद बागेश्वर के विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर के विकासखण्ड गरूड़ के अंतर्गत डंगोली-सातसिलिंग के डामरीकरण हेतु 01 करोड़ 22 लाख एवं पाण्डेखड़क-खडेरिया मोटर मार्ग के डामरीकरण हेतु 01 करोड़ 21 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।