किसान दिवस पर सीएम त्रिवेंद्र ने दी देश के सभी अन्नदाताओं को शुभकामनाएं


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किसान दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने इस अवसर पर किसान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह का भी भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ‘‘मैं देश के सभी सम्मानित अन्नदाताओं को हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं‘‘। उन्होंने कहा कि किसानों के वास्तविक हित के लिए केन्द्र हो या राज्य सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार ‘खुशहाल किसान-खुशहाल प्रदेश’ के सूत्रवाक्य को आत्मसात करके निरन्तर किसान हित में काम कर रही है। उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां नया पिराई सत्र शुरू होने से पहले सरकारी चीनी मिलों ने किसानों का बकाया गन्ना भुगतान 100 फीसद पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ‘दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना’ के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को 3 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दे रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देश के किसानों के हितों और उनकी स्थिति में सुधार को लेकर जितना काम प्रधानमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में बीते 6 वर्षों में हुआ उतना पहले कभी नहीं हुआ। कृषि कानूनों को लेकर उपजी भ्रांतियों को दूर करने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का हाल ही में जारी पत्र दर्शाता है कि मोदी सरकार किसानों के प्रति कितनी समर्पित व संवेदनशील है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रदेश भी मुख्य रूप से गांवों की भूमि है तथा गांवों में रहने वाली अधिकांश आबादी किसानों की है। तथा कृषि उनकी आय का मुख्य साधन है। प्रदेश में कृषि की तस्वीर बदलकर किसानों की खुशहाली का हमारा संकल्प है।

महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन की जो प्लानिंग हो, उसे कई बार परखा जाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुम्भ की तैयारियों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ की व्यवस्थाएं, इसकी दिव्यता और भव्यता के अनुरूप हों। महाकुम्भ में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर आवश्यक सुविधा जुटाई जाए। सुरक्षा में किसी तरह की चूक की गुंजाईश नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए भीड़ प्रबंधन की जो भी प्लानिंग की जाए, उसे बार-बार परख भी लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं महाकुम्भ की तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। समय-समय पर तैयारियों के स्थलीय निरीक्षण के साथ इसकी समीक्षा भी करते रहेंगे।

हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही क्षम्य नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने, कुम्भ मेलाधिकारी को दैनिक तौर पर तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण करने को कहा है। शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्थाई प्रकृति के काम अक्टूबर 2020 तक पूरे कर लिए जाएं। समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस वैश्विक मेले में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु, राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों में भी जा सकते हैं, इसलिए कुम्भ मेले के दौरान लोगों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के लिए पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं। तमाम तरह की सुविधाएं विकसित करने मे आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन मे तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों का व्यवहार कुशल होना जरूरी है। सुरक्षा के लिए हर आवश्यक व्यवस्था समय से कर ली जाए। रेलवे व निकटवर्ती दूसरे राज्यों के अधिकारियों से समन्वय रखा जाए। स्नान घाटों सहित पूरे कुम्भ क्षेत्र में सफाई की पूरी व्यवस्था रहे। श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य, पेयजल, पार्किंग, आवास व शौचालय की सम्पूर्ण सुविधा रहनी चाहिए।