नदियों में बैराज बनाकर प्रदेशभर को संतृप्त किया जाएः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सिंचाई, लघु सिंचाई सहित जल स्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण के साथ प्रदेश में बैराज, चेकडैम एवं जलाशयों आदि के निर्माण एवं संतृप्तिकरण की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में चौकडैम और बैराज के लिए अगले 5 वर्षों का प्लान तैयार किया जाए। साथ ही, टाईमलाईन के साथ कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।

मुख्य सचिव ने सिंचाई, लघु सिंचाई एवं जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि चौकडैम और बैराज से प्रदेशभर को संतृप्त किया जाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि नदियों में बैराज बनाकर प्रदेशभर को संतृप्त किया जाए। कहा कि पेयजल की कम उपलब्धता वाले स्थानों को प्राथमिकता पर लेते हुए बैराज बनाए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चौकडैम बनाए जाने के लिए विभागों द्वारा जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण की गाइडलाइन्स का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने चौकडैम बनाए जाने के लिए जल ग्रहण क्षेत्र और जलश्रोतों के उपचार पर भी फोकस किया जाना चाहिए। कहा कि चौकडैम भूजल स्तर को सुधारने के साथ ही मानसून सीजन में धराली जैसी घटनाओं को रोकने में भी कारगर हो सकते हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि बैराज और चौकडैम की सूची तैयार कर प्राथमिकता तय की जाए। पेयजल एवं सिंचाई वाली योजनाओं को प्राथमिकता पर लिया जाए। साथ ही, उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के लिए भी प्राधिकरण को लगातार कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जैव-अनुकूल तकनीक को भी अपनाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में जलाशयों के निर्माण कार्य में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय निर्माण में तेजी लाए जाने हेतु सचिव सिंचाई को साप्ताहिक समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी के सतपुली बैराज को शीघ्र पूर्ण किए जाने और जनपद नैनीताल में प्रस्तावित खैराना बैराज का निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान सिंचाई, लघु सिंचाई एवं जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण द्वारा किए जाने रहे कार्यों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, युगल किशोर पंत एवं अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पेयजल और विद्युत की लाइनें क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यथाशीघ्र व्यवस्थाएं सुचारु करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के दृष्टिगत वे अपनी पूरी टीम के साथ लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर रहें।

अतिवृष्टि के कारण सड़कों के बाधित होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र सुचारु किया जाए। पेयजल और विद्युत की लाइनें क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यथाशीघ्र व्यवस्थाएं सुचारु की जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण संपर्क मार्ग बाधित होने की स्थिति में लोगों के आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाए। जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्व से की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के कारण फसलों को हुई क्षति का शीघ्र आकलन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन लोगों ने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य दस्तावेज प्राप्त किए हैं, तथा ऐसे कार्ड बनाने में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, जनपदों में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही भी नियमित रूप से की जाए। ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के अंतर्गत भी आस्था की आड़ में जनता को गुमराह करने वालों पर नियमित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जनपदों के शासकीय अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें। इसमें दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति, उपकरणों की स्थिति और स्वच्छता व्यवस्था जैसे विषय सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी समय-समय पर अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायज़ा लेंगे।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि बारिश के बाद अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। सड़कों, पुलों, नालियों एवं अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही राज्य और केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही आमजन को भी स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियानों का संचालन किया जाए। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ की दिशा में नियमित प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और निर्वाचन प्रक्रिया में लगे समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सुरक्षा कर्मियों को भी इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि सभी की कर्तव्यनिष्ठा एवं सहयोग से पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक वातावरण में संपन्न हुए हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः अब दिव्यांग पेंशन योजना हुई सरलीकृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई घोषणा के अनुपालन में समाज कल्याण विभागान्तर्गत संचालित वृद्धावस्था पेंशन योजना की भांति दिव्यांग पेंशन योजना को भी सरलीकृत किया गया है, प्रदेश में दिव्यांग पेंशन धारकों के हित में मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि वृद्धावस्था पेंशन योजना की तरह ही दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करते हुए ऐसे समस्त दिव्यांग भी पेंशन हेतु पात्र होंगे जिनके पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के होंगे, का क्रियानयन सुनिश्चित किया जाय।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में सचिव समाज कल्याण डॉ0 श्रीधर बाबू अद्दांकी द्वारा निदेशक समाज कल्याण को संबोधित पत्र में निर्देश दिये गये है कि राज्य में दिव्यांग पेंशन योजनान्तर्गत ऐसे लाभार्थी, जो निर्धारित मासिक आय सीमा रू0 4000/- की पात्रता पूर्ण करते हो, के पुत्र / पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के होने पर भी पेंशन हेतु पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त बी०पी०एल० श्रेणी के लाभार्थी, जिनके पुत्र/पौत्र 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, भी पेंशन हेतु पात्र होंगे। उन्होंने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किये जाने की भी अपेक्षा की है।

सीएम ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत किया पौधरोपण, दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी स्थित एफटीआई परिसर में आयोजित ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान को पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बनने का प्रेरणादायक संदेश दिया।

प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प, हरेला पर्व पर रोपे गये 8 लाख से अधिक पौधे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत गत वर्ष की गई थी, और इस वर्ष भी यह अभियान पूरे देश में उत्साहपूर्वक चलाया जा रहा है। उत्तराखंड में इस अभियान का विधिवत शुभारंभ हरेला पर्व के अवसर पर किया गया, जिसमें पहले ही दिन रिकॉर्ड 8,13,000 लोगों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता दर्ज की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प है” और देवभूमि उत्तराखंड में यह अभियान पूरे एक माह तक जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस पवित्र सावन मास में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अवश्य लगाएं और प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान दें।

मनसा देवी हादसे पर की संवेदना व्यक्त।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तत्परता से आवश्यक निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलोंकृजहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन हेतु आते हैंकृवहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इनमें श्रद्धालुओं की केयरिंग कैपेसिटी के अनुसार प्रवेश, स्थान का संभावित विस्तार, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन, और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी।

शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण को लेकर प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि वे अवैध कब्जों की पहचान कर उन्हें तत्काल हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल सार्वजनिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि विकास परियोजनाओं की गति बनाए रखने और नागरिकों को सुचारु सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, दायित्व धारी दिनेश आर्य, दीपक मेहरा, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, डॉ. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, मजहर नईम नवाब, हुकुम सिंह कुंवर, आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना सिंह, निदेशक एफटीआई तेजस्विनी अरविंद पाटिल के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

उत्तराखंड के सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट होगा, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट किया जाए। जर्जर एवं असुरक्षित स्कूल भवनों में बच्चों को किसी भी स्थिति में न बैठाया जाए। बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जहां भी स्कूल भवन मरम्मत योग्य हो, वहां शीघ्र मरम्मत कराया जाए और जहां पुनर्निर्माण की आवश्यकता हो, वहां उसकी कार्य योजना बनाकर तत्परता से क्रियान्वयन किया जाए।

प्रदेश के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनका आवश्यकतानुसार मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलों की स्थिति पर नियमित निगरानी रखी जाए और कहीं भी जर्जर पुलों के कारण कोई जनहानि न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रियुगीनारायण और राज्य के अन्य स्थल जो वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जा रहे हैं, उनकी कार्यवाही में तेजी लाई जाय। यह राज्य के पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन स्थलों के विकास में गुणवत्ता, सुविधा और सांस्कृतिक गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का अध्ययन भी किया जाए ताकि उत्तराखंड में एक प्रभावी और आकर्षक वेडिंग डेस्टिनेशन नीति विकसित की जा सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित किये जाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को सुदृढ़ करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी सशक्त करेगी। संबंधित विभागों को इस दिशा में आपसी समन्वय के साथ ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य करने के उन्होंने निर्देश दिए हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, आईजी के.एस.नगन्याल, अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद थे।

भाजपा नेता के उपचार को सरकार देगी मदद, उपचार के लिए सीएम ने फौरी तौर पर दी 50 हज़ार रुपये की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा की चमोली जिला ईकाई के नेता आशीष थपलियाल के उपचार के लिए 50 हज़ार की तत्कालिक धनराशि स्वीकृत की है। थपलियाल गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने थपलियाल की धर्मपत्नी से फोन पर बात की और उनसे कहा कि उपचार की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज भराड़ीसैंण में मौजूद हैं। कल उन्हें विश्व योग दिवस के अवसर पर भराड़ीसैंण में आयोजित योग अभ्यास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करना है। चमोली जिला ईकाई के नेता आशीष थपलियाल के बीमारी की जानकारी मिलते ही धामी ने उनकी धर्मपत्नी से फोन पर बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से पूछा। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वसत किया कि उनके पति के उपचार में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी और इसकी पूरी व्यवस्था सरकार करेगी। फौरी तौर पर मुख्यमंत्री ने उनके उपचार के लिए 50 हज़ार की धनराशि भी स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नई पहल, अब हर दौरे पर चलाएंगे स्वच्छता अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को और मजबूत आधार देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक अभिनव पहल की घोषणा की है। अब मुख्यमंत्री जिस भी स्थान पर दौरे पर जाएंगे या जहां रात्रि विश्राम करेंगे, वहां अनिवार्य रूप से स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों सहित सभी नगर निकायों, ग्राम पंचायतों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इस पहल को मिशन मोड में लें और स्थानीय स्तर पर साफ-सफाई को प्राथमिकता दें। साथ ही उन्होंने आम नागरिकों, युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों से भी अपील की है कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लें।

मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाना हमारा संकल्प है। जहां-जहां मैं जाऊंगा या रात्रि विश्राम करूंगा, वहां स्वच्छता का संकल्प लिया जाएगा। यह सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का आंदोलन है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया कि वे राज्य के किसी भी तहसील दिवस में अचानक पहुंच सकते हैं, ताकि प्रशासन की जमीनी कार्यप्रणाली का आकलन किया जा सके और जनसमस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो।

यह पहल न केवल उत्तराखंड में सफाई व्यवस्था को नई दिशा देगी, बल्कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को जन-जन का अभियान बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

मंगलौर में यूसीसी लागू करने को लेकर हुई धन्यवाद रैली, शामिल जनमानस पर हुई हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा

महाराजा महेंद्र प्रताप स्नातक महाविद्यालय खेल मैदान नारसन पहुंचने पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मुख्यमंत्री का किया स्वागत। प्रदेश में समान नागरिकता संहिता कानून लागू करने पर धन्यवाद रैली का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। रैली का आयोजन चौधरी ओमपाल ढाबा लिब्बरहेड़ी से स्वीटी फार्म लिब्बरहेड़ी तक किया गया। रैली में मुख्यमंत्री खुद ट्रैक्टर चलाकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे।

कार्यकम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिकता संहिता कानून लागू करने पर संविधान निर्माता बाबा साहिब डॉ भीमराव अंबेडकर का सपना साकार किया है जिसमें सभी वर्गों एवं धर्माे के लिए एक समान कानून लागू किया गया है। देश में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि मंगलौर विधानसभा में जो मेरे सम्मान में धन्यवाद रैली का आयोजन किया गया है वह मेरा स्वागत एवं सम्मान नहीं है बल्कि सवा करोड़ उत्तराखंड वासियों का सम्मान है, उन्होंने रैली में भीषण गर्मी में शामिल हुए सभी महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं एवं जनप्रतिनिधियों का शामिल होने पर सभी का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर हो रहा है तथा किसानों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए गए है, जिसमें किसान सम्मान निधि, किसानों को उचित मूल्य एवं किसानों की फसलों का बीमा, किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड की धनराशि 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई है।

उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए 14 हजार करोड़ की 7 नई परियोजना पर कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, साथ हीं किसानों को बागवानी के क्षेत्र में 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद में 20 रुपए प्रति कुंतल का बोनस दिया जा रहा है एवं गन्ने के रेट में भी 20 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की गई है साथ ही 1200 करोड़ की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट नीति जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं लागू कर रहे है।

भ्रष्टाचार करने वाले पर किया जाएगा कड़ा प्रहार

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार करने वाले को कतई बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरुद्ध कड़ी करवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जमीन घोटाले मामले पर बड़ी कारवाई करते हुए आईएएस एवं पीसीएस अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई की गई है।

मुख्यमंत्री द्वारा मंगलौर विधानसभा के लिए की गई घोषणा।

आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र मंगलौर ग्राम सभा लिब्बरहेडी में महाराजा सूरजमल के नाम से खेल स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा साथ ही विधानसभा मंगलौर में सर्की रजवाहे की पटरी जो मंगलौर से गुरुकुल, लंढौरा बाईपास (हरचंदपुर) के पुल तक सड़क पक्की की जाएगी।

इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, जिला अध्यक्ष भाजपा डॉ मधु सिंह और कार्यक्रम के संयोजक/पूर्व कैबिनेट मंत्री करतार सिंह भड़ाना के द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किए गए।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, श्यामवीर सैनी, शोभाराम प्रजापति, रुड़की मेयर अनीता अग्रवाल साथ ही सभी ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख एवं सभी मंडलों के मंडल अध्यक्ष, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी रुड़की प्रेमलाल, लक्ष्मी राज चौहान सहित जनप्रतिनिधि तथा भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।

आपदा मित्र योजना की तर्ज पर प्रारंभ होगी आपदा सखी योजनाः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित मानसून 2025 तैयारियां कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान आपदा मित्र योजना की तर्ज पर “आपदा सखी योजना“ प्रारंभ किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इस योजना के शुरू होने से महिला स्वयंसेवकों को आपदा से पूर्व चेतावनी, प्राथमिक चिकित्सा, राहत एवं बचाव कार्यों, मनोवैज्ञानिक सहायता आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में सहायक सिद्ध होने के साथ आपदा प्रबंधन में समाज की सक्रिय सहभागिता को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली चुनौतियों के बेहतर प्रबंधन के लिए सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। हमें बीते वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेते हुए काम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा प्राकृतिक आपदाओं को टाला नहीं जा सकता, लेकिन त्वरित प्रतिक्रिया, सतर्कता और समन्वित राहत एवं बचाव कार्यों से जन-धन की हानि को कम किया जा सकता है। जिसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय के साथ सजगता एवं संवेदनशीलता भी बेहद जरूरी है।

आपदा प्रबंधन सभी विभागों का सामूहिक दायित्व है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन सभी विभागों का सामूहिक दायित्व है। जिसमें सभी विभागों के साथ आम जनता की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है। उन्होंने कहा आपदा प्रबंधन में जनभागीदारी का होना बेहद आवश्यक है। जब तक समाज जागरूक, प्रशिक्षित और सतर्क नहीं होगा, तब तक किसी भी सरकारी प्रयास का प्रभाव सीमित ही रहेगा। आपदा के दौरान सबसे पहले स्थानीय नागरिक ही मौके पर होते हैं। इसलिए ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों, महिला एवं युवा समूहों, स्वयंसेवी संगठनों तथा रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं को प्रशिक्षित करना भी आवश्यक है।

आपदाओं के निपटारे के लिए प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीति अपनाना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं के प्रभावी निपटारे के लिए हमें प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीतियों को अपनाना होगा। जैसे 2024 में गौरीकुंड में बादल फटने की घटना के दौरान प्रोएक्टिव अप्रोच अपनाकर हजारों लोगों की जान बचाने में सफलता प्राप्त की थी। वर्ष 2024 में ही टिहरी जनपद के तोली गांव में हुए भू-स्खलन से पूर्व ही प्रशासन की त्वरित कार्यवाही के कारण 200 से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी थी। आपदा के समय प्रभावितों के साथ खड़े रहना हमारी प्राथमिकता है।

पूर्वानुमान पर गंभीरता से काम करने पर आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वानुमान पर गंभीरता से काम करने पर आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। राज्य सरकार आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक उपायों को अपनाने पर जोर दे रही है। राज्य में रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित करने के साथ ड्रोन सर्विलांस, जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से आपदा के संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान कर रही है। आपदा के नुकसान को कम करने के लिए राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान के दौरान भी उन्होंने स्वयं टनल में फंसे मजदूरों से संवाद किया था, जिससे उनका हौसला बढ़ाया जा सका था।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य सैन्य बलों से अधिकारियों को निरंतर समन्वय और संवाद स्थापित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा भूस्खलन, बाढ़ और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर, जेसीबी, क्रेन एवं आवश्यक उपकरणों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही संवेदनशील और पुराने पुलों की तकनीकी जांच कर आवश्यकतानुसार बैली ब्रिज एवं वैकल्पिक व्यवस्था हेतु भंडारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों में जलस्तर की निरंतर मॉनिटरिंग के लिए तकनीकी यंत्रों और मानव संसाधन की तैनाती करने, खाद्यान्न, ईंधन, पेयजल एवं जीवन रक्षक औषधियों की पर्याप्त आपूर्ति सभी जिलों में अभी से सुनिश्चित करने के साथ सभी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि यह कार्यशाला आगामी मानसून से पहले व्यवस्थाओं को सशक्त और प्रभावी बनाएगी। उत्तराखंड को कई प्रकार की आपदा का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष मौसम विभाग ने मानसून के जल्द आने और सामान्य से अधिक होने का अनुमान लगाया है। हमें मानसून से पूर्व पुख्ता इंतजाम करके आपदा के प्रभाव को कम करना है। आपदा के दौरान संसाधनों का बेहतर उपयोग और तकनीकी संसाधनों का प्रयोग आपदा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है, जिसका हमने और बेहतर इस्तेमाल करना है।

सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने आगामी मानसून में उत्तराखंड के लिए सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वनुमान लगाया है। ऐसे में उत्तराखंड के लिए 15 जून से सितंबर तक आपदा की नजर से महत्वपूर्ण समय है। उत्तराखंड राज्य बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन, भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इनसे बचने के लिए बेहतर पूर्वानुमान, बुनियादी ढांचों, जन जागरूकता, बेहद जरूरी है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्ष चार धाम यात्रा बेहद सुचारू रूप से चल रही है। चार धाम यात्रा का प्रबंधन बेहद अच्छा है। उन्होंने भूस्खलन के बचाव के लिए उत्तराखंड को एन.डी.एम.ए ने 140 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। एन.डी.एम.ए द्वारा 190 संवेदनशील झीलों के लिए उत्तराखंड को 40 करोड़ का आवंटन हो चुका है। उन्होंने कहा फॉरेस्ट फायर को लेकर उत्तराखंड की तैयारियां इस वर्ष बेहद अच्छी हैं। उत्तराखंड को फॉरेस्ट फायर के लिए करीब 16 करोड़ की स्कीम को स्वीकृति प्रदान की है। भूकंप के लिए भी उत्तराखंड को आवश्कता अनुसार धनराशि दी जाएगी। एन.डी.एम.ए ने पूरे देश में आने वाली आपदाओं के लिए गाइडलाइन बनाई हैं, जिसे जिले स्तर तक पहुंचाना है।

उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन सलाहकार समिति विनय रोहेला ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को कम से कम किया गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान में हमने सफलता हासिल की है। रूद्रपुर में आई बाढ़ के दौरान भी मुख्यमंत्री जी ग्राउंड जीरो पर थे। उन्होंने बताया घनसाली में आई आपदा के दौरान भी मुख्यमंत्री धामी सीधे आपदा प्रभावितों के बीच में पहुंचे थे, जिससे प्रभावितों का मनोबल बढ़ा था। मुख्यमंत्री ने कुशल आपदा प्रबंधन ने राज्य को विकसित प्रदेश बनाने की ओर आगे बढ़ाया है।

सचिव, आपदा विनोद कुमार सुमन ने बताया कि यह कार्यशाला मानसून से पूर्व की तैयारियों को और मजबूत बनाने के लिए की जा रही है। उन्होंने बताया कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान, बाढ़ पूर्वानुमान, ईडब्ल्यूएस की निगरानी और प्रसार , भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली, भूस्कालन जोखिम न्यूनीकरण के लिए भू-जांच की आवश्यकता, संसाधन और परिचालन संबंधी तैयारी, ग्लेशियर निगरानी, मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव, मार्गों पर भूस्खलन एवं बेस्ट प्रैक्टिसेज जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। जिसका लाभ आने वाले समय में हमारे राज्य को मिलेगा।

इस दौरान प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और विशेषज्ञ मौजूद थे।

सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थी राज्य के उज्ज्वल भविष्य की नींवः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मेधावी छात्र सम्मान समारोह में उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 75 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। अमर उजाला समाचार पत्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मान समारोह के माध्यम से अमर उजाला प्रतिवर्ष हमारे राज्य के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित हो रहे सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थी राज्य के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। अपने माता-पिता, शिक्षकों और विद्यालय के साथ ही इन विद्यार्थियों ने उत्तराखंड का मान भी बढ़ाया है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार निरतंर प्रयासरत है। सरकार द्वारा क्वालिटी एजुकेशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी सरकारी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्य पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं। राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं तथा 840 नए विद्यालयों में हाइब्रिड मोड में स्मार्ट क्लासरूम भी स्थापित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के 6 से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से प्रत्येक माह छात्रवृत्ति दी जा रही है। बच्चों के व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखण्ड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की शुरुआत की गई है। माध्यमिक विद्यालयों में 8 ट्रेड्स में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गई है, जिससे 42 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं कौशल आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सरकार द्वारा स्थानीय भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी भाषाओं में पुस्तकें तैयार की गई हैं। ’हमारी विरासत’ पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भारत की संस्कृति, लोक परंपरा और महान विभूतियों से परिचित कराने का कार्य भी किया जा रहा है। बच्चों में कौशल, उद्यमिता और भारतीय ज्ञान परंपरा को विकसित करने के लिए ’कौशलम कार्यक्रम’ भी प्रारंभ किया गया है।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सलाहकार संपादक अमर उजाला उदय कुमार, अमर उजाला के देहरादून संपादक अनूप वाजपेयी, यूनिट हेड पंकज शर्मा उपस्थित थे।