नदियों में बैराज बनाकर प्रदेशभर को संतृप्त किया जाएः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सिंचाई, लघु सिंचाई सहित जल स्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण के साथ प्रदेश में बैराज, चेकडैम एवं जलाशयों आदि के निर्माण एवं संतृप्तिकरण की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में चौकडैम और बैराज के लिए अगले 5 वर्षों का प्लान तैयार किया जाए। साथ ही, टाईमलाईन के साथ कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।

मुख्य सचिव ने सिंचाई, लघु सिंचाई एवं जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि चौकडैम और बैराज से प्रदेशभर को संतृप्त किया जाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि नदियों में बैराज बनाकर प्रदेशभर को संतृप्त किया जाए। कहा कि पेयजल की कम उपलब्धता वाले स्थानों को प्राथमिकता पर लेते हुए बैराज बनाए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चौकडैम बनाए जाने के लिए विभागों द्वारा जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण की गाइडलाइन्स का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने चौकडैम बनाए जाने के लिए जल ग्रहण क्षेत्र और जलश्रोतों के उपचार पर भी फोकस किया जाना चाहिए। कहा कि चौकडैम भूजल स्तर को सुधारने के साथ ही मानसून सीजन में धराली जैसी घटनाओं को रोकने में भी कारगर हो सकते हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि बैराज और चौकडैम की सूची तैयार कर प्राथमिकता तय की जाए। पेयजल एवं सिंचाई वाली योजनाओं को प्राथमिकता पर लिया जाए। साथ ही, उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के लिए भी प्राधिकरण को लगातार कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जैव-अनुकूल तकनीक को भी अपनाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में जलाशयों के निर्माण कार्य में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय निर्माण में तेजी लाए जाने हेतु सचिव सिंचाई को साप्ताहिक समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी के सतपुली बैराज को शीघ्र पूर्ण किए जाने और जनपद नैनीताल में प्रस्तावित खैराना बैराज का निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान सिंचाई, लघु सिंचाई एवं जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण द्वारा किए जाने रहे कार्यों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, युगल किशोर पंत एवं अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिए वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नवाचार एवं तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी वन विभाग के राजस्व का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को बड़ा श्रोत बनाने की दिशा में काम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं का परीक्षण कराते हुए अपने सभी डिविजन को लक्ष्य दिया जाए। कहा कि ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दे कर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने टिम्बर बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही वन निगम के वर्किंग प्लान में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्र को सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को अपने खनन लक्ष्य पुनः निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही खनन विभाग को लंबित लॉट्स को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लंबित पड़े 14 लोट्स को अक्टूबर से पहले शुरू कर लिया जाए। उन्होंने विभाग को नए लॉट्स लगातार चिह्नित किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम शीघ्र शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वन निगम, कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये गये कि उनको आवंटित समस्त लॉटस् का शत प्रतिशत संचालन सुनिश्चित किया जाय।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट जीएसटी का सेक्टर वार विश्लेषण कराया जाए, ताकि जीएसटी प्राप्त करने की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये। परिवहन विभाग और वन विभाग को एएनपीआर और सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने स्टेट जीएसटी को इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनाई, सचिव दिलीप जावलकर, युगल किशोर पंत, वन विभाग से कपिल लाल, अपर सचिव डॉ अहमद इकबाल, हिमांशु खुराना एवं सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं में मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहाँ महत्त्वपूर्ण दिवसों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर उन में अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। कहा कि धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों में श्रद्धाओं को रोके जाने हेतु स्थल तैयार किए जाएँ।

मुख्य सचिव ने कहा की प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो। भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्य सचिव ने अधिक महत्त्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सचिव शैलेश बगौली, धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूँ दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिए खराब हो चुके ट्रांसफॉर्मर को बदलने के रिस्पाँस टाईम को लगातार कम किए जाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तरखण्ड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यूपीसीएल की अगली बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को अगले 3 से 5 वर्षों की कार्ययोजना भी प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्पाेरेशन के विभिन्न प्रकार के कार्यों में आधुनिकतम तकनीक एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जाए। इससे दक्षता बढ़ेगी एवं विभिन्न प्रकार की होने वाली क्षतियों को कम किया जा सकेगा।

मुख्य सचिव ने खराब हो चुके ट्रांसफॉर्मर को बदलने के रिस्पाँस टाईम को लगातार कम किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाईन एवं 1905 पर बिजली के खम्बे टूटे होने अथवा टेढ़े होने के साथ ही लटकी तारों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में झुके हुए विद्युत खम्बों एवं लटकी तारों का के लिए मिशन मोड पर तत्काल सर्वे कराते हुए दुरूस्त किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि संचालन एवं रखरखाव व्यय को कम किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए थर्ड पार्टी विश्लेषकों द्वारा विश्लेषण कराया जाए। उन्होंने कार्पाेरेशन द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को घटाए जाने के लिए लगातार सुधार कार्य किए जाने की बात भी कही। उन्होंने एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) को भी लगातार कम किए जाने पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने विद्युत के लिए बैटरी स्टोरेज सहित अन्य विकल्पों पर भी ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि थ्री फेज एचटीसीटी एवं थ्री फेज एलटीसीटी कनेक्शनों के साथ ही फीडर और डीटी मीटर को स्मार्ट मीटर में परिवर्तित किए जाने में तेजी लाते हुए निर्धारित समय में कार्य पूर्ण किया जाए।

एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि पिछले तीन सालों की कमर्शियल परफोर्मेंस में उत्तराखण्ड की इनपुट एनर्जी में बढ़ोत्तरी हुयी है। साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन लॉस में लगातार कमी आ रही है। बिलिंग दक्षता बढ़ने के साथ ही बिल संग्रहण में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय एवं कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखण्ड का एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और उत्तराखण्ड से बेहतर सिर्फ पंजाब हरियाणा एवं हिमाचल का बेहतर है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित यूपीसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड को इस वित्तीय वर्ष अनटाइड फंड से 615 करोड़ रुपए की धनराशि मिलनी तय

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में पूंजीगत निवेश हेतु राज्य को विशेष सहायता के लिए योजना (SASCI – स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट) 2025- 26 की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में SASCI स्कीम की टाइड और अनटाइड दोनों तरह के मद से संचालित विकास कार्यों पर व्यापक चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा निर्देशित सुधार कार्यक्रमों को तेजी से लागू करें ताकि इसके अंतर्गत विकास कार्यों के लिए प्राप्त होने वाली धनराशि का राज्य के हित में समुचित उपयोग किया जा सके।

उन्होंने खनन, परिवहन, शहरी विकास, आवास, वित्त, परिवहन, राजस्व, कृषि विभाग इत्यादि विभागों को एक सप्ताह में SASCI स्कीम के कार्यों का रोड मैप और कार्य योजना विद टाइमलाइन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अधिक महत्व के हैं तथा जो कार्य शीघ्रता से पूरे किए जा सकते हैं ऐसे कार्यों को प्राथमिकता से लेना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जिन विभागों ने स्कीम के तहत विकास कार्यों को पूरा कर लिया है वे तत्काल उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने खनन सेक्टर के रिफॉर्म के लिए खनन विभाग को निर्देशित किया कि माइनर मिनरल्स पॉलिसी निर्माण, दुर्लभ और परमाणु संयंत्र के लिए उपयोगी खनिज के सर्वे, स्टार रेटिंग सिस्टम तथा माइनर मिनरल्स ब्लॉक के ऑक्शन इत्यादि में तेजी से अग्रिम कार्रवाई करें।

उन्होंने परिवहन विभाग को EV द्वारा ओल्ड व्हीकल के प्रतिस्थापन, प्रदूषण रहित वाहन को बढ़ावा देने तथा सड़क सुरक्षा और नियंत्रण हेतु इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट डिवाइसेज के उपयोग(ई-चालान जनरेशन, ऑनलाइन ई-चालान डिस्पोजल तथा ऑनलाइन ट्रैफिक मैनेजमेंट इत्यादि) से संबंधित सुधारात्मक कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने राजस्व विभाग और संबंधित विभागों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लैंड रिफॉर्म (लैंड रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण) के कार्यों को तेजी से पूरा करने को निर्देशित किया। कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे, वन कृषक आईडी तथा रेवेन्यू कोर्ट का डिजिटलीकरण इत्यादि का कार्य तेजी से पूरा करें।
उन्होंने वित्त और नियोजन विभाग को वित्तीय मैनेजमेंट का आधुनिकीकरण, डिजिटलीकरण और उसको पारदर्शी प्रक्रिया में लाने से संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने को निर्देशित किया। उन्होंने आधार बेस्ट डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।

नियोजन विभाग ने अवगत कराया कि इस वित्त वर्ष राज्य को अनटाइड फंड से 615 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त होगी जबकि अन्य धनराशि की प्राप्ति विभिन्न विभागों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित सुधारात्मक कार्यों की प्रगति पर निर्भर रहेगी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ रंजीत कुमार सिंहा, शैलेश बगौली, रविनाथ रमन, पंकज कुमार पांडेय, डॉ आर राजेश कुमार, डॉ एस एन पांडेय व दीपक कुमार, अपर सचिव स्वाति भदोरिया, एमडी उत्तराखंड जल विद्युत निगम संदीप सिंघल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।