शारदा करिडोर, इको-टूरिज्म व आधारभूत ढांचों की समीक्षा हेतु मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज टनकपुर/शारदा बैराज, शारदा घाट, किरोड़ा नाला, बूम, बाटनागाड़ एवं श्यामलाताल क्षेत्र का विस्तृत स्थलीय निरीक्षण कर विकास एवं बाड़ सुरक्षा कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की।

टनकपुर/शारदा बैराज के निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने यहां पर्यटन एवं एरो स्पोर्ट्स की संभावनाओं की समीक्षा की।

शारदा घाट, टनकपुर स्थित शारदा कॉरिडोर परियोजना की जमीनी स्थिति का अवलोकन करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने ब्रिडकुल के अधिकारियों से 480 मीटर लम्बे स्पान पुल की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव बर्द्धन ने बूम व बाटनागाड़ क्षेत्रों में हो रहे भू-कटाव का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित विभागों को पूर्ण चौनलाइजेशन के बाद प्रभावी बाड़ सुरक्षा कार्य करने के निर्देश दिए। शारदा नदी के तट पर पहुंचकर उन्होंने सिंचाई विभाग को कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा।

माँ पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने बाटनागाड़ क्षेत्र का निरीक्षण किया और मार्ग सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पना अनुसार चम्पावत जनपद में विकसित किए जा रहे Spiritual Economic Zone एवं Eco Tourism को मजबूत करने हेतु मुख्य सचिव ने श्यामलाताल का निरीक्षण किया।

यहां उन्होंने कृषि, उद्यान एवं एनआरएलएम द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया तथा लाल चावल, लाल धान, मधुमक्खी पालन, स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन और बाजार उपलब्धता बढ़ाने पर जोर दिया।

जिलाधिकारी मनीष कुमार ने मुख्य सचिव को श्यामलाताल सहित सभी स्थलों पर चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।

निरीक्षण के दौरान कुमाऊं मंडलायुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, अपर जिलाधिकारी कृष्णनाथ गोस्वामी, सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।

15 साल पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग, सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनफोर्समेंट से सम्बन्धित सुधारों को लागू करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) एवं सुधार लागू करने में विभागों की प्रगति की समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर विभागों द्वारा जो रिफॉर्म्स लागू किया जाना संभव है, उन्हें अनिवार्य रूप से निर्धारित समय सीमा में लागू कर लिया जाए। जो विभाग ऐसा नहीं कर पाएंगे, उनके विभागाध्यक्षों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि सम्बन्धित विभाग अपने मंत्रालयों से लगातार संपर्क कर भारत सरकार से मिलने वाली ग्रांट्स और वित्तीय सहायताओं का 100 प्रतिशत लाभ लेने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग, वित्त एवं नियोजन से लगातार मिलकर विशेष सहायता योजना का अधिकतम लाभ लेने की दिशा में कार्य करें।

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को 15 साल पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग, सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनफोर्समेंट से सम्बन्धित सुधारों को लागू करने में तेजी लाएं। उन्होंने राजस्व विभाग को भूमि सुधार सम्बन्धी रिफॉर्म्स को समयबद्ध तरीके से लागू करें। उन्होंने कहा कि विभागों को जो स्टेट शेयर रिलीज किया जाना था उसे अगले 2 दिन में जारी कर दिया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग अपने स्तर से इसकी लगातार समीक्षा कर भारत सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता योजना का अधिकतम लाभ लेने के लिए अधिक से अधिक प्रोजेक्ट्स तैयार करें।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव दीपक कुमार, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं डॉ. वी. षणमुगम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त व्यय समिति की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त व्यय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में प्रदेश के विकास से जुड़ी हुई विभिन्न परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया तथा सात परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई।

मुख्य सचिव ने कार्यदाई संस्थाओं को निर्देशित किया कि स्वीकृत परियोजनाओं को निर्धारित समय अवधि में पूरा किया जाए तथा उनकी बेहतर गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाए।

बैठक में यूआईडीबी के हरिद्वार के रोड़ी बेलवाला क्षेत्र का पुनरुद्धार व सती कुंड और आसपास के क्षेत्र के विकास से संबंधित प्रोजेक्ट को अनुमोदित किया गया। ऋषिकेश में आस्था पथ सौंदर्यकरण से संबंधित प्रोजेक्ट को अनुमोदित किया गया।

लोक निर्माण विभाग से संबंधित राज्य योजना के अंतर्गत देहरादून के विधानसभा क्षेत्र मसूरी के अंतर्गत देहरादून-किमाडी लंबीधार-कार्ट मैकेंजी-कंपनी गार्डन मोटर मार्ग के किलोमीटर 1 से 24 (सप्लाई कैंट से लंबीधार बासागाड़ मसूरी) तक सिंगल लेन से इंटरमीडिएट लेन में परिवर्तन हेतु अतिरिक्त पहाड़ कटान क्रॉस ड्रेन एवं दीवारों के निर्माण कार्य से संबंधित प्रोजेक्ट का अनुमोदन किया गया तथा देहरादून में महाराणा प्रताप चौक से 6 नंबर पुलिया रोड तक के चौड़ीकरण का अनुमोदन किया गया।

कुंभ और पेयजल विभाग से संबंधित हरिद्वार में पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर बिल्डिंग निर्माण तथा गृह विभाग और पेयजल विभाग से संबंधित प्रोजेक्ट हरिद्वार में अभियोजन विभाग के कार्मिकों हेतु टाइप द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ आवास के निर्माण परियोजना की स्वीकृति दी गई।

बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश झा, पंकज पांडेय व श्रीधर बाबू अदांकी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

विभिन्न जनपदों के डीएम ने सर्वोत्तम पहलों पर दिया प्रस्तुतीकरण

एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस- 2025 का आयोजन आज दूसरे दिन भी मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

कॉन्फ्रेंस में जिलाधिकारी अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल, देहरादून, टिहरी गढवाल, चमोली, नैनीताल और उत्तरकाशी द्वारा अपने जनपदों की Best Practices (सर्वोत्तम पहलों) पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। उपस्थित अधिकारियों द्वारा उन पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने Sports, Health and Wellness विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया।
कहा कि प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाएं प्रदान किये जाने तथा नयी प्रतिभाओं को अवसर प्रदान किये जाने हेतु स्पोर्ट्स और कम्युनिटी फिटनेस जोन तैयार किया गया है।
कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) 100 बच्चों को फ्री कोचिंग और ट्रेनिंग के साथ- साथ अन्य सहायता दी जा रही है।

जिलाधिकारी पौड़ी ने पिरूल और इनवेसिव बायोमास लाइवलीहुड पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सहायता से पिरूल से बायोमास तैयार किया जा रहा है। जिससे महिलाओं को नियमित रूप से आय प्राप्त हो रही है। वनाग्नि तथा जंगली जानवरों से होने वाली हानियों को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

महिला SHG के सदस्यों के माध्यम से 1800 टन लैंटाना, पिरूल और अन्य हानिकारक प्रजाति की वनस्पतियों को हटाया जा रहा है।
इसमें 280 महिलाएं भी शामिल हैं।

जिलाधिकारी, नैनीताल द्वारा Urban Infrastructure & Mobility विषय पर पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। जिसके अन्तर्गत नैनीताल शहर हेतु लक्ष्य आधारित, सतत विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया गया। जिस पर मुख्य सचिव द्वारा सभी नगर निकायों को एक रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी, देहरादून द्वारा बाल भिक्षानिवृति निवारण प्रयास पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया गया।

कहा कि देहरादून में भिक्षावृति में लिप्त बच्चों के पढ़ने, खेलने तथा स्किल डेवलपमेंट हेतु एक केन्द्र स्थापित किया गया है, जिसमें ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें भिक्षावृति से बाहर निकाल कर सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

नगर आयुक्त, नगर निगम देहरादून द्वारा भी देहरादून नगर की समस्याओं के सुधार हेतु बनाए गये मॉडल का प्रस्तुतीकरण दिया गया।

जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल द्वारा जनपद में Youth के एप्रोच विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।

उन्होंने कहा कि जनपद में युवाओं को स्वरोजगार और सकारात्मक एक्टिविटीज में प्रेरित करने के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

उन्होंने यूथ के लिए कैप्सूल कोर्स, मोबिलिटी सपोर्ट, कैरियर हब और बेस्ड फ्लेक्सिबल स्किलिंग पाथ-वे तैयार किये जाने का प्रस्ताव दिया।

जिलाधिकारी उत्तरकाशी द्वारा धराली में आयी भीषण आपदा में हुई क्षति तथा भविष्य में इसके रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया तथा Ecology and Livelihood विषय पर प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण दिया, जिसकी सराहना की गयी।

मुख्य सचिव द्वारा स्पोर्ट्स, ग्रीन लाइवलीहुड और यूथ एम्पावरमेंट में इनोवेटिव मॉडल की सराहना की गयी।

उन्होंने सभी अधिकारियों को डिस्ट्रिक्ट की बेस्ट प्रैक्टिसेज को बढ़ाने और भविष्य के प्लान को विकसित उत्तराखंड 2047 के साथ संयुक्त करने के निर्देश दिये।

कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल एल फैनई व आर मीनाक्षी सुंदरम सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

स्थापना दिवस पर पीएम दौरे को लेकर सीएस ने ली तैयारियों की जानकारी

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने एफआरआई देहरादून जाकर उत्तराखण्ड रजत जयंती समारोह के दौरान 09 नवम्बर को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। मुख्य सचिव ने इस अवसर पर सभी संबंधित अधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे को देखते हुए सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जायें।

मुख्य सचिव ने कहा कि 9 नवम्बर को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में लगभग 60 से 70 हज़ार लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कि जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि आमजन को प्रवेश और निकासी में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए यातायात और पार्किंग प्लान को वृहद स्तर पर बनाया जाए ताकि आमजन के कार्यक्रम में पहुंचने के साथ ही, शहर के यातायात में किसी प्रकार की समस्या ना हो।

इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, ज़िलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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उत्तराखंड पुस्तक मेला का सीएस बर्द्धन ने किया शुभारंभ

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने देहरादून के दून पुस्तकालय एवं शोध संस्थान में उत्तराखण्ड पुस्तक मेला का शुभारंभ किया। मुख्य सचिव ने इस अवसर पर विभिन्न प्रकाशन संस्थानों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमें किताबों पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। आज के युवा वर्ग को और हम सभी को किताबों से दोस्ती करनी चाहिए।

इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एन. एस. नपलच्याल, एन. रविशंकर, राधा रतूड़ी एवं पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी भी उपस्थित थे।

पीएमश्री और लखपति दीदी योजना की मुख्य सचिव ने की समीक्षा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में पीएमश्री और लखपति दीदी योजना की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में भी पीएमश्री योजना की तर्ज पर स्कूलों के आधुनिकीकरण के लिए योजना संचालित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पीएमश्री योजना के तहत् स्कूलों को 5 वर्षों तक 40 – 40 लाख की धनराशि (कुल 2 करोड़ रुपए) उपलब्ध कराई जाती है, जिससे स्कूलों में स्मार्ट क्लास, विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय एवं खेल सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएमश्री योजना की तर्ज पर प्रदेश में भी योजना संचालित की जाए जिससे स्कूलों में बच्चों के पठन पाठन के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकें। इससे प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, विज्ञान प्रयोगशालाएं एवं पुस्तकालय आदि से संतृप्त किए जाने में तेजी आएगी। उन्होंने क्लस्टर विद्यालयों से इसकी शुरूआत किए जाने की बात कही।

स्वयं सहायता समूहों के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम किए जाएं संचालित

मुख्य सचिव ने लखपति दीदी योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना के और अधिक कारगर बनाए जाने एवं स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों में तकनीक के अधिकतम उपयोग से गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार क्षमता विकास कार्यक्रम संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। लखपति दीदी योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय संचालन समिति और राज्य स्तरीय निगरानी समिति का गठन शीघ्र कर इनकी निरन्तर बैठकें आयोजित की जाएं। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म, रिटेल चेन आदि पर अधिक से अधिक फोकस किया जाए। उन्होंने उत्पादों को हाऊस ऑॅफ हिमालयाज में भी शामिल किए जाने की बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मेहरबान सिंह बिष्ट एवं झरना कामठान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की मिलेगी निःशुल्क कोचिंग

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में कमजोर वर्गों के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि निःशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता बेहतर हो, प्रतियोगियों का चयन स्क्रीनिंग के माध्यम से हो तथा प्रतियोगियों की सुविधा के अनुरूप तैयारी का टाइम का प्रबंध किया जाए।

उन्होंने निर्देशित किया कि निःशुल्क कोचिंग में किसी भी तरह की खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए तथा इसका आउटकम जरूर निकलना चाहिए। उन्होंने इसके लिए शीघ्रता से सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के निर्देश दिए।

इस दौरान निदेशक शिक्षा डॉ मुकुल कुमार सती ने अवगत कराया कि इस वर्ष 10 हजार छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की निःशुल्क कोचिंग दी जानी है। कक्षा 11 में अध्ययनरत प्रतियोगियों को 2 वर्ष की कोचिंग दी जाएगी जबकि 12वीं पास करने वाले प्रतियोगियों को एक वर्ष की कोचिंग दी जाएगी।

कहा कि कोचिंग आर्ट्स, साइंस तथा कॉमर्स तीनों तरह के स्ट्रीम के अनुरूप दी जाएगी और इसमें लगभग सभी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त मेधावी प्रतियोगियों को 6 वर्ष की एडवांस कोचिंग भी दी जाएगी।

इस अवसर पर बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव मनुज गोयल सहित संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए गठित जिला स्तरीय समितियों की बैठकों को आयोजित कर लिए जाएः धामी

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में झुग्गी बस्तियों के पुनर्विकास से सम्बंधित बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को झुग्गियों का पुनः सर्वे कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वर्ष 2011-12 में किए गए सर्वे में चिन्हित श्रेणी 1 एवं श्रेणी 2 के पात्र लोगों का स्थानीय निकायों और जिलाधिकारियों की सहायता से अभियान चला कर विनियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए गठित जिला स्तरीय समितियों की बैठकों को आयोजित कर लिए जाए। इसके उपरांत राज्य स्तरीय बैठक का भी शीघ्र आयोजन किया जाए।

मुख्य सचिव ने काठबंगला प्रोजेक्ट में निर्मित आवासों का आबंटन नवम्बर 2025 तक कर लिया जाए। उन्होंने सचिव शहरी विकास को इसकी निरन्तर मॉनिटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि भूमि चिन्हीकरण, आबंटन के लिए नियम, आंकलन, पात्रता एवं डीपीआर तैयार किए जाने हेतु सचिव शहरी विकास, सचिव लोक निर्माण विभाग, एमडीडीए और नगर निगम संयुक्त बैठक लेकर निर्णय लें।

इस अवसर पर सचिव नितेश कुमार झा, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव गौरव कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने राजकीय महिला गृहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा सचिवालय परिसर में राजकीय बाल देखरेख संस्थाओं के बच्चों एवं राजकीय महिला गृहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने राजकीय बाल देखरेख संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के लिए कौशल विकास से जुड़े प्रशिक्षण की नियमित व स्थायी व्यवस्था किए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए इन बच्चों को सशक्त व स्वावलंबी बनाने के कारगर प्रयास किए जांय।

दीपावली के उपलक्ष्य में ने महिला कल्याण विभाग द्वारा स्थापित आलम्बन आउटलेट सेन्टर के माध्यम से आयोजित इस प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ करते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बच्चों एवं महिलाओं द्वारा निर्मित आकर्षक पेंटिग्स एवं विभिन्न उत्पादों की सराहना की। मुख्य सचिव ने महिला गृहों की संवासिनियों की प्रतिभा को निखारने के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने तथा उत्पादों की गुणवत्ता संवर्द्धन की व्यवस्था किए जाने हेतु निर्देश दिये गये। मुख्य सचिव ने बाल देखरेख संस्थाओं में रहने वाले बच्चों की शिक्षा व प्रशिक्षण के लिये विशेष प्रयास करने हेतु भी निर्देशित किया गया।

महिला कल्याण विभाग द्वारा स्थापित आलम्बन आउटलेट सेन्टर के माध्यम से आयोजित यह प्रदर्शनी आगामी 17 अक्टूबर तक चलेगी। जिसमें राजकीय बाल देखरेख संस्थाओं के बच्चों एवं राजकीय महिला गृहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों यथा- मोमबत्ती, करवा, दिये, चित्रकला, तोड़न, भीमल पेटिंग एवं ऐंपण पेटिंग से बने अनेक उत्पादों को प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए रखा गया है।

इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के सचिव चन्द्रेश यादव, निदेशक बी.एल.राणा, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता, राज्य नोडल अधिकारी आरती बलोदी, जिला परिवीक्षा अधिकारी, देहरादून मीना बिष्ट एवं कार्यक्रम प्रबंधक प्रीति उपाध्याय उपस्थित रहे।

प्रदेश के लोगों को भूकम्प जैसी परिस्थितियों के लिए जागरूक किए जाने की आवश्यकताः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तराखण्ड भूकम्प जोखिम मूल्यांकन एवं शमन के सम्बन्ध में बैठक ली। बैठक में आईआईटी रूड़की और वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने कहा कि भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता की दृष्टि से प्रदेश का एक बड़ा भू-भाग के जोन 5 में है, जिसके कारण यूईआरएएम के उद्देश्य, एक औपचारिक सुरक्षा-संचालित वातावरण तैयार करते हुए भूकंप से होने वाले मानवीय और आर्थिक नुकसान को कम करना पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लोगों को भूकम्प जैसी परिस्थितियों के लिए जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए भूकम्प की मॉक ड्रिल के लिए एक दिन निर्धारित करते हुए नियमित रूप से भूकम्प जागरूकता दिवस मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे भूकम्प जैसी परिस्थिति में न्यूनतम मानवीय और आर्थिक नुकसान होगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि यूएसडीएमए द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के साथ एक विस्तृत एमओयू किया जाए जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए संस्थानों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि वाडिया संस्थान ग्लेशियर लेक पर काम कर रहा है तो आईआईटी रूड़की भूकम्प जोखिम मूल्यांकन और शमन पर कार्य कर सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता की दृष्टि से भवन निर्माण के लिए कुछ मापदंड भी निर्धारित किए जाने चाहिए। उन्होंने भूकम्परोधी भवनों के सम्बन्ध सीबीआरआई के साथ एमओयू किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर सचिव विनोद कुमार सुमन एवं अपर सचिव आनन्द स्वरूप सहित आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान और सीबीआरआई के वैज्ञानिक उपस्थित थे।