विभागों को सेतु आयोग के साथ अपनी पॉलिसियों और कार्यक्रमों पर मंथन किए जाने की आवश्यकता: वर्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सेतु आयोग के कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सेतु आयोग में कार्यरत विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के साथ विस्तार से महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सेतु आयोग उत्तराखण्ड के विकास में राज्य सरकार के थिंक टैंक के रूप में कार्य करेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को आयोग के साथ अपनी पॉलिसियों और कार्यक्रमों पर मंथन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आयोग अध्ययन करके बताए कि किस विभाग में किस पॉलिसी में क्या परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है, जिससे पॉलिसीज का अधिकतम लाभ मिल सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि कोल्ड वाटर फिशरीज हमारी यूएसपी है, इसे हम किस प्रकार से पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी से जोड़ सकते हैं, इस पर अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्होंने वन आर्थिकी को बेहतर बनाए जाने की दिशा में कार्य किए जाने की बात भी कही। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों की वर्षा आधारित कृषि को सुनिश्चित कृषि की दिशा में शोध एवं सुधार की दिशा में भी कार्य किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि सेतु आयोग के अंतर्गत एक मजबूत एक्सपर्ट टीम हमें मिली है। इससे राज्य की बेहतरी के लिए शोध क्षमता को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी एवं उपाध्यक्ष सेतु आयोग राजशेखर जोशी सहित सेतु आयोग से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ उपस्थित थे।

आढ़त बाजार पुनर्निर्माण कार्य का 20 जनवरी तक जीओ जारी करने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में देहरादून मोबिलिटी प्लान के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर का यातायात संकुलन कम करने के लिए लगातार नए कदम उठाने होंगे। उन्होंने आढ़त बाजार, इंदिरा मार्केट आदि विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी भी ली।

मुख्य सचिव ने निरंजनपुर मंडी को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने हेतु एमडीडीए को नयी जगह तलाशने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने आढ़त बाजार के पुनर्निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किए जाने की भी बात कही। कहा कि 20 जनवरी तक इसका शासनादेश जारी कर दिया जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को शहर के 6 जंक्शनों के सुधार के लिए 15 जनवरी तक जीओ जारी किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने शहर के भीड़-भाड़ वाले महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में बनी पार्किंग के 100 प्रतिशत उपयोग न होने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब तक तैयार पार्किंग का 100 प्रतिशत उपयोग होना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नगर निगम द्वारा लागू की जा रही ऑन रोड पार्किंग को अन्य मार्गों में भी लागू किए जाने की बात कही, ताकि लोग अपने वाहनों को सड़कों के बजाय पार्किंग में लगाने को प्रेरित हों।

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को दिसम्बर माह में एसपीवी रजिस्टर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनवरी में पहली बोर्ड बैठक आयोजित कर ली जाए। उन्होंने आशारोड़ी में सीज वाहनों को रखने के लिए बनायी जा रही पार्किंग को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने उम्टा (UMTA) द्वारा तैयार मोबिलिटी प्लान के तहत चिन्हित नए पार्किंग स्थलों की ग्राउण्ड ट्रुथिंग भी कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि ये स्थल पार्किंग के लिए उपयुक्त पाए जाते हैं तो इनको तैयार किया जाए। उन्होंने परेड ग्राउण्ड में अंडरग्राउण्ड पार्किंग का फीजिबिलिटी परीक्षण शीघ्र कराए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने शहर के खम्बों में लटकी बिना परमिशन और अवैध तारों के जालों शीघ्र हटाए जाने की भी बात कही। कहा कि शहर में जहां-जहां अंडरग्राउण्ड इलेक्ट्रिसिटी केबल का कार्य पूर्ण हो गया है, सड़कों को तत्काल दुरूस्त किया जाए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव अहमद इकबाल, विनीत कुमार, वीसी एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं एसपी देहरादून अजय सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।