सीएस ने दिए गंगोत्री एनएच के अस्थायी झील में डूबे हिस्से के लिये तत्काल वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में आपदा प्रभावितों क्षेत्रों, विशेषकर धराली आपदा प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सचिव आपदा एवं आयुक्त गढ़वाल से धराली में राहत एवं रेस्टोरेशन कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव सिंचाई को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के अस्थायी झील में डूबे हिस्से के लिए तत्काल वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के लिए अन्य पैदल और वैकल्पिक मार्गों को भी दुरूस्त किया जाए। उन्होंने सर्च ऑपरेशन्स को निरन्तर जारी रखते हुए नवीनतम तकनीक का उपयोग कर सर्च कार्यों में तेजी लाए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्य सड़क मार्ग बाधित होने से प्रभावित क्षे़त्र के साथ ही उससे आगे के पूरे क्षेत्र में फल एवं सब्जी उत्पादकों को अपने उत्पादों के लिए बाजार की समस्या खड़ी हो गयी है। उन्होंने सचिव कृषि को निर्देश दिए कि उत्तराखण्ड हॉर्टीकल्चर बोर्ड और मंडी परिषद द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करायी जाए। साथ ही, जीएमवीएन एवं केएमवीएन के बाजार प्रकोष्ठ को भी सक्रिय कर बाजार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने इन क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रभावितों की आजीविका की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐप्पल मिशन, कीवी मिशन और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, होम स्टे जैसी विभिन्न योजनाओं को लेकर प्रभावितों की आजीविका में सहायता के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने आपदा में हुयी पशुधन हानि से सम्बन्धित मुआवजा तत्काल वितरित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने प्रभावित क्षेत्र में स्कूल, अस्पताल और आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए तत्काल प्रीफैब भवन तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा से लोगों के प्रमाणपत्र एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज भी नष्ट हो गए होंगे। इसके लिए शीघ्र मल्टीपरपज कैम्प लगाकर तत्काल प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्य सचिव ने लापता लोगों के लिए सिविल डेथ के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को भी शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी लापता लोगों (नेपाली मूल के श्रमिक एवं विदेशी पर्यटक) के लिए भी सिविल डेथ के प्रमाणीकरण की निर्धारित प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर ली जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सम्पत्ति क्षति मुआवजा का आंकलन करने के लिए आधुनिकतम तकनीक और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जाए। इसके लिए यूकॉस्ट की सहायता से शीघ्र आंकलन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि यूएसडीएमए द्वारा पिछले वर्षों में किए गए सभी अध्ययनों एवं संकलित डाटा का विश्लेषण करा कर भी उपयोग में लाया जाए। उन्होंने डीजी यूकॉस्ट को प्रदेश की सभी ग्लेशियरों और ग्लेशियर झीलों और उनके रास्ते में पड़ने वाले मोरेन और बोल्डर्स आदि का तत्काल विश्लेषण करते हुए, उनसे सम्भावित खतरे का आंकलन के लिए मॉड्यूल तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए इससे सम्बन्धित सभी वैज्ञानिक संगठनों को शामिल कर टीम तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, आनन्द स्वरूप, आशीष चौहान एवं हिमांशु खुराना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अगस्त माह के अंत तक पेश करें कुम्भ 2027 की सम्पूर्ण कार्ययोजनाः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में कुंभ मेला से संबंधित कार्यों हेतु उच्च अधिकार प्राप्त समिति एवं व्यय वित्त समिति की बैठकें संपन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि घाटों के निर्माण में गुणवत्ता के साथ ही हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाए। जहाँ जहाँ संभव हो हरियाली का प्रावधान रखा जाए।

मुख्य सचिव ने मेलाधिकारी को अगस्त माह के अंत तक कुम्भ 2027 की सम्पूर्ण कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य जो प्रत्येक स्थिति में किए ही किए जाने हैं, उन कार्यों को सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखते हुए स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के सभी प्रकार के कार्यों की एक व्यापक सूची सहित कार्ययोजना शीघ्र प्रस्तुत की जाए।

मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र के पुलों की सुरक्षा जांच तत्काल अनिवार्य रूप से कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे कुम्भ क्षेत्र का सर्क्यूलेशन प्लान भी अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि विशेष पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की अधिकतम भीड़ के अनुरूप योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने प्रत्येक बिन्दु पर प्रवेश एवं निकासी के लिए योजना तैयार किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव कहा कि कुंभ क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों के रेलवे स्टेशनों की क्षमता विकास और सौंदर्यीकरण हेतु रेल मंत्रालय से संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ के दौरान रेलवे स्टेशनों में होल्डिंग एरिया तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र में नए पार्किंग एरिया चिन्हित कर अभी से तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कुम्भ के दौरान प्राइवेट भूमि पर पार्किंग स्थल किराए पर लिए जाने हेतु भी अभी से तैयारियां करते हुए भूमि के मालिकों से भी अभी से बातचीत कर ली जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि घाटों के पास सीढ़ियों को मानक के अनुरूप रखा जाए ताकि श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने घाटों के पास चेंजिंग रूम और बैठने के लिए बेंच आदि का प्रावधान भी रखा जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने घाटों के निर्माण को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि नहरों के बंदीकरण के दौरान सभी कार्य समय से पूर्ण किए जा सकें।

व्यय वित्त समिति में निम्न प्रस्तावों को संस्तुति प्रदान की गई
व्यय वित्त समिति में लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई विभाग के कार्यों को संस्तुति प्रदान की गयी, जिसमें जनपद हरिद्वार में बहादराबाद सिडकुल चार लेन मार्ग (भाईचारा ढाबा) से बीएचईएल बैरियर नं0-6 होते हुए शिवालिक नगर चौक (बीएचईएल मध्य मार्ग) तक मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़िकरण का कार्य, दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग सं0 334 पर पतंजलि योगपीठ से सहदेवपुर, दिनारपुर, सुभाषगढ होते हुए पुरकाजी-लक्सर-ज्वालापुर राष्ट्रीय राजमार्ग सं0 334ए पर फेरूपुर तक मार्ग का 1.50 लेन में चौडीकरण एवं सुदृढीकरण का कार्य सहित सिंचाई विभाग के कुल 02 कार्य जिसमें ऊपरी गंगा नहर के बाएँ किनारे पर अमरापुर घाट से ऋषिकुल पुल तक 600 मीटर घाट का निर्माण एवं ऋषिकुल पुल से साक्षी सतनाम घाट तक अपर गंग नहर के बांयें पार्श्व पर घाट निर्माण कार्य शामिल है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, आईजी डॉ. नीलेश आनन्द भरणे, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी षणमुगम, आयुक्त गढ़वाल विनय कुमार पाण्डेय एवं मेलाधिकारी सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के 24 वर्ष पूरे होने पर होगी देवभूमि रजतोत्सव की शुरूआत

उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के 24 वर्ष पूरे होने तथा 25वीं रजत जयन्ती के शुभारम्भ के रूप में इस वर्ष मनाया जाना वाले राज्य स्थापना दिवस को भव्यता से आयोजित किए जाने के मुख्यमंत्री ण्के निर्देशो के क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सभी अधिकारियों के साथ राज्य स्थापना दिवस की तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस का विशेषरूप से भव्य आयोजन किया जाना हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि इस वर्ष उत्तराखण्ड राज्य के स्थापना के 24 वर्ष पूरे हो जाएंगे तथा 25वीं रजत जयन्ती की शुरूआत हो जाएगी, इसलिए प्रदेशवासियों के लिए इसका विशेष महत्व है। इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस 9 नवम्बर 2024 से अगले वर्ष 9 नवम्बर 2025 तक पूरे वर्ष मनाये जाने वाले ‘‘देवभूमि रजतोत्सव’’ की शुरूआत भी हो जाएगी। इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस का आयोजन लगभग 6 नवम्बर से आरम्भ होकर सप्ताह भर तक किये जाने का प्रस्ताव है, जिसकी शुरूआत नई दिल्ली में उत्तराखण्ड सदन के शुभारम्भ, दिल्ली में रहने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत उत्तराखण्ड मूल के अधिकारियों, कार्मिकों व प्रवासियों की भागीदारी से आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अगले क्रम में प्रवासी उत्तराखण्ड सम्मेलन के आयोजन, भव्य खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, महिला सशक्तीकरण की थीम पर विशेष उत्सव का आयोजन, जरूरतमंदों के लिए बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन, मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का अयोजन, दिव्यांगों के लिए विशेष कार्यक्रम, विभिन्न सम्मान व पुरस्कार वितरण कार्यक्रमों का आयोजन, राज्य आन्दोलनकारियों व शहीदों की गौरवगाथा जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 24 वर्षों में राज्य की उपलब्धियों एवं विकास की सम्भावनाओं पर स्कूल व कॉलेज स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर इसमें युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साल भर आयोजित होने वाले देवभूमि रजतोत्सव प्रदेश के सभी वर्गों, विशेषरूप से महिलाओं, स्कूली बच्चों व युवाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने मण्डल स्तर तथा जिला स्तर पर भी राज्य स्थापना दिवस को भव्यता से आयोजित किए जाने हेतु विशेष तैयारियों के निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।