नाव घाट से सटा नारायण कैफे शाॅर्ट सर्किट का हुआ शिकार, 13 लाख का नुकसान

कंगाली में आटा गिला, एक तो कोरोना संक्रमण के चलते कामकाज प्रभावित हुआ है, ऊपर से लोगों को गंगा नदी का शानदार नजारे दिखाता और युवाओं में काफी लोकप्रिय नारायण कैफे शाॅर्ट सर्किट का शिकार हो गया। कैफे संचालक के अनुसार 13 लाख रूपए का नुकसान हुआ है। फायर कर्मियों ने आग पर तो काबू पाया। मगर, तब तक बहुत देर हो गई थी। वूडन से बना पूरा कैफे भस्म हो गया।

दरअसल, नावघाट के पास तरूण विश्वास की नारायण कैफे चलाते थे। आज सुबह तड़के 5.25 बजे यहां एकाएक आग लग गई। आग की लपटों ने भयानक रूप धारण कर लिया। आग की लपटों से उठने वाले धुएं को देख स्थानीय लोगों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर कैफे मालिक मौके पर पहुंचे और फायर कर्मियों को सूचित किया। सूचना पाकर फायर कर्मी भी पहुंचे। करीब दो घंटे बाद भीषण आग पर काबू पाया गया। मगर, कैफे पूर तरह जलकर राख हो गया। वहीं, आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। उधर, कैफे संचालक के मुताबिक 13 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना होगी वसूलीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने में प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध करने वालों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत कङी कार्रवाई की जाएगी। क्वारेंटाईन किए गए लोग अगर छुपते हैं या कोई उन्हें छुपाते हैं तो छुपने वाले व छुपाने वाले दोनों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्हें सख्त हिदायत दी जाती है कि सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना वसूली की जाएगी।

कुछ छिटपुट जगहों पर लोग अफवाहो के बहकावे में भी आए हैं। प्रदेशवासियों से अनुरोध है अफवाहो में न आएं और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें। स्वास्थ्य विभाग समय समय पर गाइडलाइन जारी करता है जिसे मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग कोरोना वायरस से लङाई में जुटे हैं। कुछ लोगों को इनकी तपस्या को बेकार करने नहीं दिया जाएगा।

कोरोना वायरस से निपटने को 85 करोड़ का बजट जारी
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोङ रूपए जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोङ रूपए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोङ रूपए चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोरोना नोटिफाईड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था के लिए दिए गए हैं।
वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम को भी कर्मचारियों के वेतन व अन्य व्ययों की प्रतिपूर्ति आदि के लिए 20 करोङ रूपए दिये गए हैं।